रघु के जीवन में अब एक नया अध्याय खुलने वाला था। अजनबी के हमले और अमित की बातों के बाद, रघु ने ठान लिया था कि वह अपनी शक्तियों का रहस्य खोजेगा। लेकिन यह सफर आसान नहीं होने वाला था।
रघु ने अमित से कहा, "मुझे लगता है कि यह शक्ति मेरे साथ ही जुड़ी है, लेकिन मुझे इसका असली स्रोत समझना होगा। क्या तुम मेरी मदद करोगे?"
अमित ने सहमति में सिर हिलाया। "तुम अकेले नहीं हो, रघु। हमें मिलकर इस रहस्य को सुलझाना होगा। लेकिन पहले हमें कुछ और जानकारी जुटानी होगी। मुझे एक जगह पता है जहां शायद हमारे सवालों के जवाब मिल सकते हैं।"
### **पुराने मंदिर का रहस्य**
अमित ने रघु को एक पुराने मंदिर के बारे में बताया। "यह मंदिर वर्षों से बंद पड़ा है, लेकिन मुझे यकीन है कि वहाँ कुछ ऐसा है जो तुम्हारी शक्ति से जुड़ा हो सकता है। लोग कहते हैं कि वहाँ एक रहस्यमयी पुस्तक छिपी है, जो ऊर्जा और प्राचीन शक्तियों का विवरण देती है।"
रघु ने पूछा, "क्या हमें वहाँ जाना चाहिए? क्या यह सुरक्षित होगा?"
अमित ने कहा, "यह जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन अगर हम अपने सवालों का जवाब चाहते हैं, तो हमें यह कदम उठाना होगा।"
### **मंदिर की ओर सफर**
रघु और अमित ने रात के समय मंदिर की ओर जाने का फैसला किया। उन्होंने अपने साथ टॉर्च, कुछ उपकरण, और एक हथियार भी रखा, क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि वहाँ क्या इंतजार कर रहा है।
रात का समय था, और जंगल के बीच स्थित मंदिर का रास्ता डरावना था। चारों ओर घना अंधेरा और अजीब-अजीब आवाजें माहौल को और भी रहस्यमयी बना रही थीं।
"क्या तुमने कभी सोचा था कि तुम्हारी ज़िंदगी इस तरह बदल जाएगी?" अमित ने पूछा।
रघु ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, "नहीं। लेकिन अब मुझे लगता है कि यह सब मेरी किस्मत का हिस्सा है। मुझे इन शक्तियों को समझना ही होगा।"
### **मंदिर के अंदर का रहस्य**
जब वे मंदिर पहुंचे, तो वह जगह बिल्कुल खंडहर में बदल चुकी थी। दीवारों पर टूट-फूट के निशान थे, और हर कोने में जाले लगे हुए थे। लेकिन उस जगह में एक अजीब सी ऊर्जा महसूस हो रही थी।
"यह जगह बहुत पुरानी है," अमित ने कहा। "शायद यहाँ कुछ ऐसा छिपा है जिसे लोग सदियों से भूल चुके हैं।"
वे दोनों धीरे-धीरे अंदर गए। अचानक, रघु को एक खास जगह पर अजीब सी गर्मी महसूस हुई।
"अमित, यहाँ कुछ है!" उसने इशारा किया।
अमित ने एक पुराना पत्थर खिसकाया, और वहाँ एक गुप्त दरवाजा नजर आया।
"यहाँ क्या हो सकता है?" रघु ने पूछा।
"पता लगाने का एक ही तरीका है," अमित ने कहा।
### **गुप्त कक्ष की खोज**
गुप्त दरवाजे के पीछे एक संकरी सीढ़ी नीचे की ओर जा रही थी। दोनों ने हिम्मत करके सीढ़ियां उतारनी शुरू कीं। जैसे ही वे नीचे पहुंचे, उन्हें एक बड़ा हॉल दिखा, जिसमें दीवारों पर अजीब-अजीब निशान और चित्र बने हुए थे।
हॉल के बीच में एक बड़ी सी मेज थी, जिस पर एक चमकती हुई किताब रखी हुई थी।
"यह वही किताब है," अमित ने कहा। "यहाँ लिखा है कि शक्ति धारकों का इतिहास और उनकी शक्तियों का स्रोत क्या है।"
रघु ने किताब उठाई और उसके पन्ने पलटने लगा। उसमें लिखा था:
*"शक्ति धारक इस ब्रह्मांड के संतुलन को बनाए रखने के लिए चुने गए लोग होते हैं। लेकिन उनकी शक्ति को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होता है। अगर यह शक्ति गलत हाथों में चली जाए, तो यह पूरी दुनिया को खतरे में डाल सकती है।"*
रघु ने अमित की ओर देखा। "यह तो वही है जो अजनबी कह रहा था। लेकिन यह शक्ति मेरे पास क्यों आई?"
अमित ने किताब के अगले पन्ने पर ध्यान दिया। उसमें लिखा था कि हर शक्ति धारक का एक मार्गदर्शक होता है, जो उसे अपनी शक्ति को समझने और नियंत्रित करने में मदद करता है।
"शायद हमें तुम्हारे मार्गदर्शक को ढूंढना होगा," अमित ने कहा।
### **अचानक खतरा**
जैसे ही वे दोनों किताब पढ़ने में व्यस्त थे, मंदिर के बाहर हलचल होने लगी।
"यह क्या है?" रघु ने चिंतित होकर पूछा।
"शायद वह अजनबी फिर से तुम्हारे पीछे आ गया है," अमित ने कहा।
मंदिर के दरवाजे पर भारी कदमों की आवाज सुनाई दी। रघु ने अपनी ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया।
"अगर यह वही लोग हैं, तो मैं तैयार हूँ," उसने कहा।
दरवाजा जोर से खुला, और अजनबी अपने कुछ साथियों के साथ अंदर आया।
"तुम्हें लगा कि हम तुम्हें यहाँ तक नहीं ढूंढ पाएंगे?" उसने कहा। "अब वह किताब और तुम्हारी शक्ति हमारी होगी।"
रघु ने गुस्से में कहा, "यह मेरी शक्ति है। मैं इसे किसी को नहीं दूंगा!"
### **शक्ति का पहला बड़ा इस्तेमाल**
अजनबी ने अपने साथियों को हमला करने का आदेश दिया। रघु ने अपनी ऊर्जा को नियंत्रित करने की कोशिश की।
अचानक, उसकी आंखों में वही अजीब सी चमक आ गई। उसने अपनी शक्ति को अपने चारों ओर फैलाया। एक तेज़ झंकार के साथ, पूरी जगह रोशनी से भर गई।
अजनबी के साथी तुरंत बेहोश हो गए। लेकिन अजनबी ने रघु पर हमला करने की कोशिश जारी रखी।
"तुम्हें लगता है कि तुम मुझे हरा सकते हो?" उसने कहा।
रघु ने अपनी मुठ्ठी भींची और एक जोरदार झटका दिया। अजनबी दूर जाकर गिरा।
"यह तो सिर्फ शुरुआत है," उसने कराहते हुए कहा। "हम फिर मिलेंगे।"
### **नया संकल्प**
अजनबी के जाने के बाद, रघु और अमित ने किताब को सुरक्षित रखा।
"यह सफर और भी खतरनाक होने वाला है," अमित ने कहा।
"मैं तैयार हूँ," रघु ने दृढ़ता से कहा। "अब मैं अपनी शक्ति को समझने और उसका सही इस्तेमाल करने से नहीं रुकूंगा।"
यह रात रघु के लिए एक नया मोड़ थी। अब वह जानता था कि उसकी शक्ति केवल एक वरदान नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। आगे का सफर उसे अपने असली उद्देश्य की ओर ले जाने वाला था।
### **आगे क्या होगा?**
- रघु का मार्गदर्शक कौन है?
- अजनबी और उसकी टीम रघु से क्या चाहती है?
- रघु अपनी शक्ति को कैसे नियंत्रित करेगा?
ये सवाल रघु के सफर को और भी रोमांचक और चुनौतीपूर्ण बनाने वाले थे। उसकी लड़ाई अब एक नई दुनिया की ओर बढ़ रही थी।
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