अब तक
उसके सौतेले पिता ने बहुत ही ज्यादा कोशिश की कि वह फिर से मां की लाइफ में आ सके लेकिन मां ने उनसे दूरी बना ली और उसकी मां के एक्सीडेंट के बाद वह सारी प्रॉपर्टी धोखे से हड़प लिए हैं और अपनी गर्लफ्रेंड के साथ उसे पर राज कर रहे हैं, श्रद्धा के मुंह से उसकी जिंदगी के बारे में इतना बड़ा सच सुनकर का दादाजी को बहुत बुरा लगा, दादाजी ने प्यार से श्रद्धा के सर पर हाथ रखा होगा कभी ऐसा मत सोचना कि तुम अकेली हो तुम्हारी मां के पास तुम्हारे दादा भी तुम्हारे साथ है। उनकी ऐसी प्यार भरी बातें सुनकर श्रद्धा का मन पिघल गया और हो दादा जी के गले लगाकर फूट फुट कर रोने लगी।
थोड़ी दूर पर खडा सिद्धार्थ भी उन दोनों लोगो की सारी बातें सुन चुका था, श्रद्धा को दुखी देखकर सिद्धार्थ का दिल भी दर्द करने लगा, उसने सोचा कि वह उसकी जिंदगी में आएगा उसकी जिंदगी खुशियों से भर देगा। ऐसे ही कुछ दिन बीत कहता था जी ज्यादातर टाइम श्रद्धा के साथ ही बिताते थे वो दोनों ढेर सारी बाते करते, अजीब अजीब गेम खेलते और श्रद्धा उन्हें अपने हाथों से टेस्टी और हेल्दी खाना बनाकर खिलाता थी, सिद्धार्थ भी अक्सर कोई ना कोई बहाना बनाकर दादाजी के मेंशन चलाया था श्रद्धा के हाथों का बना खाना खाने।
एक दिन तीन ऐसे ही बैठकर डिनर कर रहे थे कि अचानक से दादा जी ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर श्रद्धा के खाता हुआ हाथ रुक गया और सिद्धार्थ के जैसे खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
अब आगे
श्रद्धा हैरानी और अविश्वास से दादाजी की ओर देख रही थी क्योंकि दादाजी ने उसे कहा था कि वह उन्हें बहुत पसंद है वह उसे अपने ग्रैंड डॉटर इन लॉ बनाना चाहते हैं वह चाहते हैं कि वह सिद्धार्थ से शादी कर ले। श्रद्धा बार-बार दादाजी को और सिद्धार्थ को देखे जा रही थी उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि वह दादाजी को क्या जवाब दे।
कोई कुछ कहता उसके पहले ही सिद्धार्थ का फोन बज वह अपने फोन पर अपने असिस्टेंट का नंबर देखकर समझ गया कि जरूर कोई जरूरी बात ही होगी क्योंकि बिना किसी वजह के उसे वो उस समय कभी फोन नहीं करता था जब वह श्रद्धा या दादा जी के साथ हो। सिद्धार्थ ने एक्सक्यूज मी कहां और वहां से अपना फोन लेकर चला गया।
सिद्धार्थ के जाने के बाद श्रद्धा ने दादाजी की और देखा और कहा दादा जी मैं जानती हूं आप मुझे बहुत पसंद करते हैं लेकिन क्या यह सही डिसीजन है क्या आपको लगता है कि आपका पोते को मेरे साथ शादी करनी चाहिए मैं तो उसे जानती भी नहीं है ना ही वह मुझे जानता है, मैं ऐसा डिसीजन कैसे ले लूं क्योंकि मेरी मां तो अभी......
यह कहकर वह अपना सर झुका लेती है तभी दादाजी अपना एक हाथ बढ़ाकर उसके सर पर फिरते हुए कहते हैं मैं जानता हूं मेरी बच्ची तो क्या समझ रही है लेकिन मैं जानता हूं इस समय तेरे लिए बहुत ही ज्यादा कठिन है एक तरफ तेरी मां है जिसे तुझे संभालना है और दूसरी तरफ तेरा वह पिता जो तुझे तेरी साहब प्रॉपर्टी लेना चाहता है तुझे किसी भी तरह से कमजोर करना चाहता है, मैं नहीं चाहता कि वह तुझे अकेला और कमजोरी समझे, मेरी जिंदगी के कितने दिन बचे हैं यह तो मुझे भी नहीं पता मैं बस तुझे और अपने पोते को खुश देखना चाहता हूं और मैं जानता हूं उसे किसी से ज्यादा अच्छी लड़की नहीं मिल सकती।
श्रद्धा उनकी और देखने लगती है तो दादाजी कहते हैं मेरा पोता देखने में जगह खड़ूस है लेकिन दिल का बहुत अच्छा है, मेरी मानो तो एक बार इस बारे में जरूर सोचना श्रद्धा ने उनकी बात पर हां में से हिलाया और कहा मुझे कुछ सोचने के लिए समय दीजिए, दादाजी ने हां में से हिलाया और दोनों अपना खाना खाने लेकर सिद्धार्थ भी वहां आ गया हालांकि उसने उन दोनों लोग की सारी बातें सुन लेती उसे न जाने क्यों बुरा लग रहा था कि श्रद्धा कुछ टाइम मांग रही है कहीं वह से ना ना कह दे लेकिन फिर भी उसने अपने मन को समझाया और खाना खाने लगा उसके बाद वह श्रद्धा को घर छोड़ने के लिए जाने लगा।
सिद्धार्थ किसी और बात से बहुत ज्यादा टेंशन में था लेकिन श्रद्धा को लग रहा था कि वह उसे शादी की बात को लेकर इतना टेंशन है इसलिए उसने उसकी और देखा होगा आप टेंशन मत लीजिए अगर आपके मन में कोई डाउट है तो आप बता सकते हैं, सिद्धार्थ ने उसकी और देखा कहानी मेरे मन में कोई डाउट नहीं है मैं दादा जी के सारे फैसलों की इज्जत करता हूं और इसलिए मैं तुमसे शादी करने के लिए भी तैयार हूं तुम बस अपना डिसीजन मुझे बता देना।
श्रद्धा को एक बार लगा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि बस यह अपने दादाजी के कहने पर शादी कर रहा है लेकिन फिर भी उसने उसे कुछ नहीं कहा और अपने घर चली गई, जब वह अंदर गई तो सोनम उसका इंतजार कर रही थी, सोनम में श्रद्धा को देखा तो उसे कुछ गड़बड़ लगी तो उसने उससे पूछा तो श्रद्धा ने उसे सब कुछ बता दिया। श्रद्धा की बात सुनकर वह खुश हो गई है उसके गले लग गई उसने उसे बताया कि सिद्धार्थ की जिंदगी में कोई भी लड़की नहीं है क्योंकि इतने बड़े बिजनेसमैन होने के बाद भी आज तक उसे किसी भी लड़की के साथ नहीं देखा गया।
मेरी मांन तू भी हां कर दे आई मस्ट से उससे शादी होने के बाद तेरा वह आप ना तेरा पीछा छोड़ देगा। श्रद्धा को भी उसकी बात कहीं ना कहीं ठीक लगने लगी शाम को वह अपनी मां के पास उनके अस्पताल के बेड पर बैठी हुई थी वह उनका हाथ पकड़े उन्हें सारी बातें बताई जा रही थी उसकी आंखों में आंसू थे तभी उसे अपने हाथों पर कुछ महसूस होता है वह देखी है कि उसकी मां अपनी उंगलियां हिला रही है।
श्रद्धा जल्दी से डॉक्टर के पास गई और उसने डॉक्टर को सब बताया डॉक्टर ने जब उनकी कंडीशन चेक की तो कहा आप अपनी मां से अभी कुछ बातें कर रही थी, श्रद्धा नेहा में सीरियल आए तो डॉक्टर ने कहा उन्होंने आपकी बातों पर रिएक्ट किया है शायद आपकी बातों से उनमें जीने की कोई उम्मीद आ गई है, वह इस समय ऐसी कंडीशन में है कि वह सब कुछ सुन सकती हैं समझ सकती हैं लेकिन रिएक्ट नहीं कर सकती अगर आज उन्होंने कोई रिएक्ट किया है तो इसका मतलब कंडीशन में सुधार होने के फूल चांसेस है।
डॉक्टर के बात सुनकर श्रद्धा खुश हो जाती है और वह डॉक्टर को थैंक यू कहती है, उसे एक लिंक मिल गया था कि उसकी मां भी यही चाहती है कि वह सिद्धार्थ से शादी कर ले।
शाम के समय श्रद्धा और सिद्धार्थ एक होटल है बैठे हुए थे दोनों साथ डिनर करने वाले थे अचानक से डिनर करते हुए श्रद्धा ने सिद्धार्थ की ओर देखा और कहां मैं आपसे शादी करने के लिए तैयार हूं। उसकी बात सुनकर सिद्धार्थ का दिल किया कि वह खुद खुद कर नाचे और उसे गले लगा ले लेकिन वह अपने नेचर का मारा था उसका नेचर ऐसा नहीं था कि वह खुलकर हंसी बोल या अपनी खुशी को खुलकर जाहिर करें इसलिए उसने बस हां में से हिला दिया और कहा ठीक है हम नेक्स्ट वीक शादी कर लेंगे।
श्रद्धा ने भी कुछ नहीं कहा उसने भी हां में से हिला दिया।
क्या होगा आगे जानने के लिए
To be continued ♥️♥️♥️
राधे राधे