ये कहानी शुरू होती है एक छोटे से प्लेग्राउंड मे जहा शाम के वक़्त दो मिडल स्कूल के बच्चे फुटबॉल खेल रहे थे. जिसमे से एक लड़के का नाम था मोंटी और एक लड़के का नाम था सोनू. दोनों को फुटबॉल खेलते खेलते काफ़ी देर हो चुकी थी उतने मे थोड़ी देर बाद मोंटी कहता है की काफ़ी देर हो चुकी है वो अब घर जा रहा है सोनू मोंटी को और थोड़ी देर खेलने के लिए कहता है लेकिन मोंटी नहीं रुकता है और यह कहकर चला जाता है की उसका घर सब लोग इंतज़ार कर रहे होंगे और जाते जाते मोंटी सोनू को भी घर जाने के लिए कहता है लेकिन सोनू कहता है की वो और थोड़ी देर खेलेगा.और ऐसेही मोंटी के जाने के बाद भी सोनू फुटबॉल से खेल ही रहा था
ऐसेही खेलते खेलते और भी ज्यादा देरी हो जाती है. प्लेग्राउंड काफ़ी सुनसान हो चूका था क्योंकि सोनू के अलावा प्लेग्राउंड मे और कोई था ही नहीं.यहाँ तक की प्लेग्राउंड के आसपास का इलाका भी काफ़ी सुनसाम हो चूका था. सोनू को यह एहसास होता है की काफी ज्यादा देरी हो चुकी है उसे शायद अब घर जाना चाहिए. वो घर पे जाने के लिए प्लेग्राउंड से बाहर जा ही रहा होता है तभी उसे पीछेसे कोई आवाज़ लगता है. तभी सोनू देखता है की उसके अलावा भी एक बूढा व्यक्ति उस प्लेग्राउंड मे था और सोनू कोई नहीं बल्कि वो बूढा व्यक्ति ही आवाज़ लगा रहा था.
वो बूढा व्यक्ति सोनू को उसका नाम लेकर अपने पास बुला रहा था. सोनू सोच मे पड़ जाता है की आखिर कार वो बूढा व्यक्ति उसका नाम कैसे जनता है और प्लेग्राउंड थोड़ी देर पहले तक तो सुमसान था तो फिर कब आये.सोनू उस बूढ़े व्यक्ति के पास जाता है और उनसे पूछता है की वो कौन है यहाँ कब आये और उसका नाम कैसे जानते है.बूढा व्यक्ति कहता है की वो इस प्लेग्राउंड के पास वाले घर मे ही रहते है. और उन्होंने यह भी कहा की वे यहाँ पे कब से आये है और साथ ही साथ ये भी कहा की वे उसे अच्छे से जानते है.यह कहने के बाद बूढा व्यक्ति सोनू को उसके साथ हाइड एंड सीक खेलने को कहता है. लेकिन सोनू हाइड एंड सीक खेलने से मना कर देता है.क्योंकि सोनू घर जाना चाहता था क्योंकि काफ़ी देर हो चुकी थी.यह सुनकर बूढा व्यक्ति काफी उदास हो जाता है और कहता है की उसके साथ कोई नहीं खेलना चाहता. यह सुनने के बाद सोनू को काफी बुरा लग रहा होता है. क्योंकि उसने उस बूढ़े व्यक्ति के साथ खेलने से मना कर दिया था.यह देखकर सोनू बूढ़े व्यक्ति के साथ हाइड एंड सीक खेलने के लिए राज़ी हो जाता है. लेकिन सोनू यह भी कहता है की वे उसके साथ थोड़ी देर ही खेलेगा.
सोनू के यह कहने बाद बूढा व्यक्ति बोहोत खुश हो जाता है. और वो सोनू से कहता है की वो पहले उसे पकड़ेगा और सोनू छुपेगा. यह कहते ही दोनों खेलना शुरू करते है और अपनी आंखें बंद करके एक से लेकर दस तक गिनती शुरू कर देता है.उतने मे ही सोनू प्लाग्राउंड के किसी पेड़ के पीछे जा कर चुप जाता है. बूढा व्यक्ति एक से तस तक गिनती गिन लेता है और तुरंत ही एक सेकंड के अंदर सोनू को ढूंढ़ लेता है. सोनू हैरानी मे था की इतनी जल्दी उसने उसे ढूंढ़ कैसे लिया. बूढ़े व्यक्ति के सोनू को ढूंढने के बाद ज़ोर ज़ोर से हस रहा होता है. सोनू उससे पूछता है की आप इतने ज़ोर से हस क्यों रहे हो.बूढा व्यक्ति कहता है की तुमने मेरी बात मानकर बोहोत बड़ी गलती की है. यह कहने के बाद सोनू को अजीब सा लगने लगता है. उतने मे सोनू की नज़र पडती तो वो देखता है की उसके सर के सारे बाल जा चुके थे.यह देखके सोनू काफ़ी डर जाता है और भागने की कोशिश करता है लेकिन मानो सोनू के पर जम चुके हो.वे काफ़ी घबरा जाता है. तभी बूढा व्यक्ति कहता है की अब फिर से मे तुम्हे पकड़ता हु और जब जब तुम हारोगे तब तब तुम अपने शरीर का कोई न कोई हिस्सा खो दोगे और अगर इस प्लाग्राउंड से भागने की कोशिश की तो मे तुम्हे उसी वक़्त मार दूंगा. यह कहने के बाद बूढा व्यक्ति फिर से एक से दस तक की गिनती गिनना शुरू करने लगता है.और यहाँ सोनू के पास छुपने के अलावा और कोई चारा नहीं था. वो उसे जाने देने की विनंती करता है लेकिन बूढा व्यक्ति उसकी एक नहीं सुनता और मज़बूरी मे आकर सोनू फिर से किसी दूसरी जगह चुप जाता है. लेकिन फिरसे वाह बूढा व्यक्ति सोनू को एक सेकंड मे ही पलक ज़ैपकाये बिगर सोनू को ढूंढ़ लेता है.और उसके बाद इसबार सोनू के दोनों हाथों के नाखूनो को उखाड़ लेता है. सोनू मानो उसकी आँखों के सामने अंधेरा छा गया हो.
सोनू फिर से उस बूढ़े व्यक्ति के सामने गिड़गिड़ा कर उसे छोड़ देने की विन्नति करता है लेकिन बूढा व्यक्ति उसकी एक भी नहीं सुनता और फिर से एक से दस तक की गिनती शुरू करता है. सोनू डरके मारे इधर उधर छुपने लगता है. ऐसेही करके ब्यधा व्यक्ति सोनू को बार बार ढूंढ़ कर हरा देता है. और उसके शरीर के एक एक हिस्से को छीन रहा होता है.ऐसेही करके बूढा व्यक्ति सोनू के दाँत उसके पेरो के नाख़ून उसकी एक आंख, एक पैर, एक कान उससे छीन लेता है.सोनू की हालत मानो ज़िंदा लाश के सामान हो चुकी थी. उसे समज नहीं आप रहा था कि वो अब क्या करें. उसकी ऐसी हालत करने के बावजूद भी बूढ़े व्यक्ति का मन नहीं भरा था. वे फिर से उसे पकड़ने के लिए गिनती गिन रहा था.लेकिन इसबार सोनू छुपने की कोशिश नहीं करता क्योंकि वो समाज चूका था की छुपने से कोई फायदा नहीं होने वाला वे कितना भी छुपेगा वो उसे पकदही लेगा. वो समाज चूका था की वो अब बच नहीं सकता. उतने मे ही उस बूढ़े व्यक्ति अपनी गिनती ख़त्म करता और देखता है की सोनू छुपने की कोशिश नहीं कर रहा है इसका मतलब वो अपनी हार मन चूका है. यह देखने के बाद बूढा व्यक्ति ज़ोर ज़ोर से हसने लगता है.और अपने असली रूप मे आने लगता है.असल मे वो बूढा व्यक्ति एक 8 फ़ीट का 3 हाथ और 6 आँखों वाला एक राक्षस है जो सुनसान जगहों मे आता है और बच्चो को मार कर कहा जाता है और यह राक्षस भैंस बदल कर बच्चोंको मारता है. इसीलिए उसने बूढ़े व्यक्ति का रूप लिया और अब वो अपने असली रूप मे आचुका है. और जो इसबार सोनू को अपना शिकार बनाएगा. सोनू यह देखकर ज़ोरसे चिल्लाता है यकीन अफ़सोस उसकी आवाज़ सुनने वाला वहा कोई मौजूद नहीं था.
दूसरे दिन से सोनू का कही भी पता नहीं चल पाया उस रात के बाद से सोनू का कही पता नहीं चल पाया कोई नहि जनता की सोनू कहा गया और उसके साथ क्या हुआ. सिवाय आपके और मेरे. तो आप भी यह ध्यान रखिये सुनसान जगहों मे ज़्यादा देर तक रुकिए मत.
धन्यवाद