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67.14% एक दायरा ऐसा भी ?(BL in Hindi) / Chapter 47: दर्द, विडंबना और साजिश (पार्ट 47)

Chapter 47: दर्द, विडंबना और साजिश (पार्ट 47)

प्रेम की विडंबना तो देखो कि एक दुसरे के लिए भावनाएं तो अपार होती हैं लेकिन परिस्थिति कुछ ऐसी होती हैं कि वो भावनाएं ह्रदय के किसी कोने में ही दब कर रह जाती हैं ! जियान बहुत टूट चुका था उसे यकीन ही नही हो रहा था कि वो सोवी को खो चुका है अब उसे समझ आया कि सोवी उसकी इतनी परवाह क्यों करता था। वो हमेशा जियान को अलग नजरो से देखता था, जैसे वो बहुत खास है! शिन जुई ने कहा" तुम्हे मास्टर के लिए स्वान कबीले के कुल प्रमुख का पद स्वीकार ही करना होगा। लेकिन जियान तो मानो शिन जुई की बात सुन ही नही रहा था उसने अपनी दुनिया को खो दिया था ,आज उसे अहसास हुआ था कि वो भी सोवी से प्यार करता था बस उसे अहसास नही था , अब वो चाह कर भी सब कुछ ठीक नहीं कर सकता था वो उन पलों को वापस नही ला सकता था जो अतीत के पन्नो में दर्ज हो चुके हैं!

जियान सोवी की कब्र के पास बेतहाशा गिर पड़ा और फूट फूट कर रोते हुए कब्र की ओर देख कर शिकायत भरे लहजे में कहने लगा! "अच्छा लग रहा होगा तुम्हे ? मुझे इस हाल में देख कर , क्या तुम यहीं चाहते थे कि मैं उम्र भर इसी दर्द में जिंदा रहूं कि मैने तुम्हे खो दिया। जियान को हिम्मत देते हुए मां बोली धैर्य रखो बेटा ।

जियान गुस्से में चिल्ला कर बोल कैसे धैर्य रखु मै? मेरी गलती क्या थी आखिर जो उसने मुझे पहले नही बताया! क्या मैं इतना बुरा हूं! जियान वही बेहोश हो गया था जियान को कमरे तक लाया गया , मां ने जियान के ठीक होने के लिए कुछ दवाइयां तैयार कर दी उधर राजमहल की सभा में विवाद हो रहा था कि जियान को कुल प्रमुख बनाया जा सकता है या नहीं ।

जियान के पास अब शिन जुई और बूढ़ी मां के अलावा कोई नहीं बचा था और वहीं दोनो जियान का ख्याल रख रही थी! एक तरफ जियान था जिसकी हालत ऐसी नही थी कि वो कुछ समझ पाता और एक तरफ शिन जुई थी जो अपने मास्टर के वचन से बंधी हुई थी ।

शिन जुई ने जियान के सर से बुखार की पट्टी को बदलते हुए बूढ़ी मां से कहा , मां क्या मास्टर को पहले से पता था कि वो नही बचेंगे क्युकी पहले मास्टर बोलते थे कि वो पुस्तक वापस लेने के पश्चात वो जियान को बता देगे की वो मास्टर का सोलमेट है लेकिन फिर अचानक से मास्टर ने जियान को कुछ भी बताने का फ़ैसला बदल लिया, क्या उनको पता था कि वो नही बचेंगे?

मां ने शिन जुई को धीरे बोलने का इशारा किया ताकि जियान की आंख न खुल जाय फिर मां ने कहा! हां तुमने सही समझा सोवी राजकुमार को पहले से पता था कि उन दोनो में कोई एक की मृत्यु तय है!

शिन जुई ने कहा तो मास्टर को कैसे पता?

मां ने कहा राजकुमार को मैने कहा था क्युकी मै भविष्यवक्ता हूं पहली बार में ही जियान और सोवी राजकुमार को देख कर मैं समझ गई थी कि कोई एक की ज़िंदगी ज्यादा लंबी नही है !

शिन जुई ने कहा कितना दर्द था मास्टर के अंदर उन्होने अकेले कितना कुछ बर्दास्त किया है। काश मैं सब कुछ सही कर पाती!

ये सुन कर मां के हाथ जड़ी बूटियों को पीसते पीसते रुक गए और उनके चेहरे पर एक गंभीरता थी।

शिन जुई ने तुरंत कहा , क्या हुआ मां?

मां ने जवाब में कहा मुझे ये नही पता कि कि जियान और सोवी कब मिलेंगे लेकिन मै इतना जरूर देख पा रही हूं कि इन दोनो को मिलना तय है ।

शिन जुई ने उत्सुकता से पूछा अब ये संभव है?

मां ने कहा लेकिन किसी और जन्म में संभव हो सकता है।

शिन जुई ने ख़ुशी से पूछा क्या सच में मां ऐसा होगा कितना अच्छा लगेगा तब मास्टर को।

मां ने कहा संभवता ऐसा हो सकता है लेकिन मुझे नहीं पता ऐसा कब होगा। लेकिन ऐसा हो सकता है क्युकी सोलमेट का वरदान ईश्वर की देन हैं और ईश्वर सोलमेट को मिला कर ही रहता है ।

शिन जुई बहुत ही दुविधा में थी उसने पूछा लेकिन मास्टर कैसे पहचानेंगे, क्या उन्हे दुसरे जन्म में सब कुछ याद होगा? क्या मास्टर वैसे ही दिखेंगे? शिन जुई सवाल पर सवाल किए जा रही थी क्युकी उसके लिए ये पार दुनिया की बाते बहुत नई थी।

लेकिन मां ने शिन जुई की बातो का कोई जवाब नही दिया उन्होने कहा ईश्वर सब जानता है लेकिन जब शताब्दी के साथ लीप वर्ष भी होगा उस समय को हम ईश्वर का चुना हुआ समय मान सकते है। शिन जुई को कुछ समझ नहीं आया कि मां क्या कहना चाहती हैं लेकिन वो थोड़ा सुकून में थी की इस जन्म में न सही किसी और जन्म में मास्टर को उनका सोलमेट मिल जाएगा!

जियान के राज्याभिषेक की तैयारी हो रही थी अब वो सोवी के स्थान पर स्वान कबीले का कुल प्रमुख बनने वाला था स्वान कबीले के पुरखो ने तय किया कि वे राज्याभिषेक वाले दिन आम जनता को संदेश दे देगे कि जियान ही सोवी का सोलमेट है और उसी आधार से वह राजगद्दी का दावेदार हैं ! हालाकि राजपरिवार के बहुत से लोग इस फैसले में से खुश नहीं थे क्योंकि कोई नही चाहता था कि किसी को भी ये बात पता चले कि सोवी का हमसफर एक लड़का है और साथ में जियान के चाचा और चाची भी वहा आए हुए थे, वे बदनामी के डर से इस बात का विरोध कर रहे थे । उनका मानना था कि अगर जियान और सोवी के रिश्ते को अन्य कबीले वाले सुनेगे तो उनकी बहुत बेइज्जती होगी।

इधर जियान की भी तबियत बिगड़ गई थी किसी को उसके हालात नजर नहीं आ रहे थे,और न ही वो किसी से कुछ कह रहा था, विरह उसे खाए जा रही थी और वो भी इस दुनिया के सवालों को सुनना नही चाहता था!

शिन जुई और मां दोनो जियान के साथ ही थे तभी एक सेवक जियान के लिए काढ़ा लेकर आया क्युकी कल जियान का राज्याभिषेक होने वाला था , जियान ने काढ़ा पी लिया लेकिन उसे तेज बुखार था २, से ३घंटे के पश्चात उसकी हालत और बिगड़ गई पुरे राजमहल में खबर फैल गईं की जियान को खून की उल्टियां हो रही है , शिन जुई और मां जियान के पास पहुंच गई वहा कई चिकित्सक उसका इलाज कर रहे थे, मां ने जैसे ही जियान के चेहरे का रंग देखा वो समझ गई थी कि जियान को जहर दिया गया है, शिन जुई जियान के पास बैठ कर रोते हुए बोली मां आप खड़ी क्यो है? जियान को औषधि दो! शिन जुई बेसुध होकर बोले जा रही थी, जियान ने कहा बहुत देर हो चुकी है जियान के चेहरे के भाव ऐसे थे मानो उसे पहले से पता था कि काढ़े में जहर है!


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