Download App
60% सनातन गंगा / Chapter 12: संख्या का सनातन महत्व

Chapter 12: संख्या का सनातन महत्व

हिन्दू धर्म में कुछ संख्याओं का विशेष महत्व है -

1) एक ओम्कार् (ॐ)

2) दो लिंग - नर और नारी ।

दो पक्ष - शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

दो पूजा - वैदिकी और तांत्रिकी।

दो अयन- उत्तरायन और दक्षिणायन।

3) तीन देव - ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।

तीन देवियाँ - सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती।

तीन लोक - पृथ्वी, आकाश, पाताल।

तीन गुण - सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।

तीन स्थिति - ठोस, द्रव, गैस।

तीन स्तर - प्रारंभ, मध्य, अंत।

तीन पड़ाव - बचपन, जवानी, बुढ़ापा।

तीन रचनाएँ - देव, दानव, मानव।

तीन अवस्था - जागृत, मृत, बेहोशी।

तीन काल - भूत, भविष्य, वर्तमान।

तीन नाड़ी - इडा, पिंगला, सुषुम्ना।

तीन संध्या - प्रात:, मध्याह्न, सायं।

तीन शक्ति - इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।

4) चार धाम - बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।

चार मुनि - सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।

चार वर्ण - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।

चार नीति - साम, दाम, दंड, भेद।

चार वेद - सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।

चार स्त्री - माता, पत्नी, बहन, पुत्री।

चार युग - सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।

चार समय - सुबह, शाम, दिन, रात।

चार अप्सरा - उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।

चार गुरु - माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।

चार प्राणी - जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।

चार जीव - अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।

चार वाणी - ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।

चार आश्रम - ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।

चार भोज्य प्रकार - खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।

चार पुरुषार्थ - धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।

चार वाद्य - तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।

5) पाँच तत्व - पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।

पाँच देवता - गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।

पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ - आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।

पाँच कर्म - रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।

पाँच - उंगलियां - अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।

पाँच पूजा उपचार -गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।

पाँच अमृत - दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।

पाँच प्रेत - भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।

पाँच स्वाद - मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।

पाँच वायु - प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।

पाँच इन्द्रियाँ - आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।

पाँच वटवृक्ष - सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (इलाहाबाद), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।

पाँच पत्ते - आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।

पाँच कन्या - अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।

6) छ: ॠतु - शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।

छ: ज्ञान के अंग - शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।

छ: कर्म - देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।

छ: दोष - काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच), मोह, आलस्य।

7) सात छंद - गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।

सात स्वर - सा, रे, ग, म, प, ध, नि।

सात सुर - षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।

सात चक्र - सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।

सात वार - रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।

सात मिट्टी - गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।

सात महाद्वीप - जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।

सात ॠषि - वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।

सात ॠषि 2 - वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।

सात धातु (शारीरिक) - रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।

सात रंग - बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।

सात पाताल - अतल, वितल, सुतल, तलातल,महातल, रसातल, पाताल।

सात पुरी - मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।

सात धान्य - उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।

8) आठ मातृका - ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।

आठ लक्ष्मी - आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।

आठ वसु - अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।

आठ सिद्धि - अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।

आठ धातु - सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।

9) नवदुर्गा - शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।

नवग्रह - सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।

नवरत्न - हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।

नवनिधि - पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।

10) दस महाविद्या - काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।

दस दिशाएँ - पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।

दस दिक्पाल - इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।

दस अवतार (विष्णुजी) - मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।

दस सती - सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।


Load failed, please RETRY

Weekly Power Status

Rank -- Power Ranking
Stone -- Power stone

Batch unlock chapters

Table of Contents

Display Options

Background

Font

Size

Chapter comments

Write a review Reading Status: C12
Fail to post. Please try again
  • Writing Quality
  • Stability of Updates
  • Story Development
  • Character Design
  • World Background

The total score 0.0

Review posted successfully! Read more reviews
Vote with Power Stone
Rank NO.-- Power Ranking
Stone -- Power Stone
Report inappropriate content
error Tip

Report abuse

Paragraph comments

Login