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74.66% यंग मास्टर गु, प्लीज बी जेंटल / Chapter 224: गू मोहन, दर्द हो रहा है

Chapter 224: गू मोहन, दर्द हो रहा है

Editor: Providentia Translations

टैंग मोर ने दर्द में करहाते हुए अपनी पनीली आँखें खोल दीं। अपने ऊपर झुके व्यक्ति पर एक स्पष्ट नज़र डालते हुए, उसने देखा कि वह उसके बगल में घुटनों के बल बैठा हुआ था और उसकी खूनी आँखों को बालों की लट ने ढका हुआ था। हालाँकि वह थका हुआ लग रहा था, फिर भी वह बेहद खूबसूरत था।

वह बिस्तर पर इधर-उधर सरकने वाली एनहाइड्रस की तरह थी, टेढ़े मेढ़े हो कर अपने अंदर के दर्द को दूर करने की कोशिश कर रही थी। यह उसकी त्वचा में चबाने जाने वाले एक लाख कीड़े की तरह था और वह कराहते हुए बोली, "गू मोहन, दर्द होता है। बहुत दर्द होता है।"

उसकी व्यथित आवाज़ मदद के लिए गुहार लगा रही थी और उसे इस तरह की स्थिति में देखकर, गू मोहन को लगा जैसे उससे दिल में चाकू से घोंप कर मारा गया था और यह दर्द से टेढ़ा मेढ़ा हो कर, उसे बहुत पीड़ा दे रहा था।

यह छोटी मूर्ख लड़की, उसे किसने उसके लिए शॉट ले लेने के लिए कहा था?

खतरनाक स्थितियों के दौरान महिलाओं को पुरुषों के पीछे छिपना और उनकी सुरक्षा के लिए तलाश करना चाहिए। हालाँकि वह अलग थी, उसने इसकी बजाय उसकी रक्षा की थी।

"मोर, कोशिश करके और अपने आप को संभालो। मैं थोड़ी देर में तुम्हारा दर्द कम कर दूँगा।"

टैंग मोर उसे स्पष्ट रूप से नहीं सुन नहीं पा रही थी| उसने महसूस किया कि उसका खून बहुत तेज़ी से पंप हो रहा था और उसकी ऊर्जा कम हो रही है। उसका पूरा शरीर कमजोर लग रहा था और वह खुद को खरोंचना चाहती थी, लेकिन उसके हाथों को उसने नीचे पकड़ा हुआ था। वह और भी ज्यादा संघर्ष करने लगी और उसे हताशा में लात मार दी। "दफा हो जाओ! मुझे मत पकड़ो, मुझे जाने दो ..."

गू मोहन सीधा खड़ा हो गया और एक ही हाथ से उसकी कलाई को नीचे दबा दिया। उसने अपने टाई को खोलने के लिए एक हाथ का इस्तेमाल किया और उसका इस्तेमाल बिस्तर के फ्रेम के साथ उसके हाथों को बांधने के लिए किया।

टैंग मोर का शरीर दर्द को झेलने के कारण गोल घूम गया और उसकी पुतलियाँ अनियंत्रित हो रही थीं। यहाँ तक कि अपने ऊपर के झूमर को देखना भी मुश्किल था, वह बस धुंधली धुंध देख सकती थी।

दर्द असहनीय हो रहा था और विषाक्त पदार्थों इकट्ठे होने के कारण उसकी नसों पर कहर ढा रहा थे। वह असहाय थी क्योंकि वह नहीं जानती थी कि दर्द को कैसे कम किया जाए।

"बेबी, अच्छा बनो। मुझे तुम्हारी मदद करने दो। किसी भी चीज़ के बारे में मत सोचो, बस मेरे निर्देश का पालन करो!" उसने अपने कान के पास उसकी गहरी फुसफुसाहट को सुना।

यह एक मनहूस लोरी की तरह था जिसने उसका ध्यान दर्द से हटा दिया था।

वह चाहता क्या है?

"यहाँ दर्द हो रहा है, यहाँ सच में बहुत दर्द हो रहा है, श्री गू ... यहाँ सच में दर्द हो रहा है ..."

"मुझे पता है, बेबी। तुम्हें इस तरह से दर्द में देखकर मुझे बहुत दुख हो रहा है। मोर, सब ठीक हो जाएगा। मुझ पर भरोसा करो, सब ठीक हो जाएगा। मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगा।" गू मोहन अपनी सुर्ख लाल आँखें उस से हटा नहीं सकता था, वह नीचे झुका और उसके लाल होंठों को चूमा कि उसकी सांस रुक गई। उनकी सांसों से एक खूनी स्वाद था लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि यह कहाँ से आया था।

टैंग मोर ने एक गहरी सांस ली और उसका शरीर जलते हुए लावा की तरह गर्म था,उसके अंदर सब कुछ टूट रहा था।

वह उसकी आवेशपूर्ण चुंबन में खो गई थी, वह विषाक्त पदार्थों से हो रहे दर्द महसूस कर सकती थी और इस समय वह केवल उसकी बात मान सकती थी। इस तरह, वह अंत तक उसकी बात मानती रहेगी।

अगर वह मान जाती और उसका अनुसरण करती तो उसे उतना दर्द नहीं होता।

...

दो घंटे बाद।

कमरे में अंतरंगता का एक गहन सत्र ख़त्म हो गया। उनके कपड़े पूरे कालीन पर बिखरे हुए थे और उनके गर्म, चिकने शरीर के बाद सेक्स की गहरी खुशबू ने कमरे को तर कर दिया। गू मोहन बिस्तर के ऊपर झुक गया, बेहद थक कर। उसका ऊपरी शरीर नंगा था, जो खूनी घावों से भरा हुआ था जो उसकी उँगलियों द्वारा खरोंचने के कारण आ गए थे। उसने अपने निचले शरीर को कंबल से ढक लिया और जलाने से पहले उसने बेडसाइड टेबल से एक सिगरेट ली, धुएं का एक कश लेकर फिर से बाहर फैंक दिया।

पुरुष सेक्स करने के बाद सिगरेट पीना पसंद करते हैं। ऐसा लगता था कि गू मोहन कोई अपवाद नहीं था।

जैसे ही उसने अपने पास मौजूद महिला को देखा, उसकी नज़र रुक गईं। वह उसकी टांगों के बगल में लेट गई थी, एक छोटे से बिल्ली के बच्चे की तरह गोल घूम कर, उसकी नज़र आने वाली त्वचा खरोंच से भर गई थी। वह भारी-भरकम था, उसके नाजुक शरीर को दबा कर कुचल रहा था।

वो हँस दिया। "टैंग मोर, मैं एक दिन तुम्हारे हाथों से ही मरने वाला हूँ।"

टैंग मोर ने पलकें झपकाईं, वे दोनों इतना आलस महसूस कर रहे थे कि कुछ कदम चल के एक शॉवर ले लेने की भी हिम्मत न थी | 

ईमानदारी से वह बहुत थक गई थी। किसी तरह से उसके खून में जलता दर्द दूर हो गया। करीब दो घंटे के बाद, उसने उसे दर्द से बाहर निकाला था और जहर की क्रूरता को दूर कर दिया था।

टैंग मोर के छोटे चेहरे पर एक गहरा गुलाबी रंग आ गया था और उसने धीरे से उसकी आँखों में देखने के लिए अपनी कोरी आँखें खोलीं। "गू मोहन, जब तुम पहले कमरे के बाहर बोल रहे थे, तो मैंने कुछ सुना था। लू यान ने कहा कि मुझे जहर दिया गया है।"


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