ये कैसी भावना है?
वह बोल नहीं पा रही थी, वह चल नहीं पा रही थी। उसे एक तेज दर्द और गुस्से से अधिक सुन्न कर देने वाले नुकसान की भावना महसूस हुई। सू ज़ेह अब वैसा भाई नहीं रहा था जैसा वो हुआ करता था। वह व्यक्ति कहीं खो हो गया था।
जब वह चलने से थक जाती थी, तो भाई सू उसे उठा कर ले जाता था, वह उसके पसंदीदा स्नैक्स खरीदने के लिए कई सड़कों से चलने की परेशानी झेलता था। वह उसे उठाता और उसके अकेले और सबसे कठिन समय में उससे बात करके और उसे समझाकर आराम देता था, 'मोर उदास मत हो। तुम अभी ठीक महसूस नहीं कर रही हो, मैं तुम्हाेर पास हमेशा रहूँगा। '
उसने सोचा था कि उसके माता-पिता का उसके पास नहीं होना ठीक था। भाई सू बस जीवन भर उसके साथ रहेगा। हालाकि, ऐसा लगता था कि उसकी नज़र में, उन्होंने कई साल पहले जो वादे किए थे, वे अस्थायी सुख और संतुष्टि के आकर्षण का सामना करने में सक्षम नहीं हो पाए थे।
उसे अचानक अपने जबड़े पर दर्द महसूस हुआ। दो लंबी और पतली उँगलियाँ उसके जबड़े एक साथ दबा रही थीं और एक कड़वी मर्दाना आवाज ने उसका ध्यान भंग किया "टैंग मोर, जब तुम अभी भी अपने पूर्व मंगेतर के बारे में सोच रही हो तो तुम मुझे क्यों चूम रही हो?"
टैंग मोर ने अपने आप को संभाला और उसकी आंँखों ने गु मोहन की गहरी और संकीर्ण आंँखों की तरफ देखा। जब वो उसे देख रहा था तो उसकी निगाह उसे भेद रही थीं, पर उसकी अभिव्यक्ति ठंडी और कड़क थी।
टैंग मोर ने मुँह बना कर कहा, "वह मेरा मंगेतर था, अगर मैं इस लाइव स्ट्रीम को खुद नहीं देखूँ तो यह तो व्यर्थ हो जाएगा। चाहे कुछ भी है, तो यह उसकी क्षमताओं का जाँचने का मौका है।"
गू मोहन ने अपने होठों के कोने को उठाया और बड़ी दिलचस्पी से पूछा, "वह कैसा है?"
टैंग मोर ने अपनी भौं उठाई और मजाक में जवाब दिया, और यह उम्मीद करते हुए कि इस बात पर वो लड़ सकते हैं, "बहुत शर्म की बात है, वह वाकई में अच्छा है।"
"…"
यह औरत जानबूझ कर यह सब कह रही थी। गू मोहन ने उसकी छोटी कमर को पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा, "मैं तुम्हें अभी तो अनुभवहीन होने की अनुमति दूंँगा, लेकिन भविष्य में यह ज़रूर दिखाऊँगा कि क्या बेहतर है!"
"..."
बढ़िया, यह वही अभिमानी मिस्टर गू था जिसे वह जानती थी!
टैंग मोर को अभी-अभी एहसास हुआ था कि वे बेशक एक अस्पष्ट हालात में फंँसे हुए थे। उनके शरीर अशोभनीय रूप से जुड़े हुए थे और उसका सिर पीछे की तरफ झुका हुआ था, और जब वो फुसफुसा रहे थे तो उनके होंठ भी एक-दूसरे के बहुत करीब थे। उसने अभी भी उसकी छाती के सामने उसकी शर्ट को पकड़ा हुआ था जिसने उसके साथ एक गहरी सलवट जैसी बना ली थी।
उसका छोटा चेहरा अब गुलाबी-लाल रंग के एक नाजुक रंग का हो गया तथा और तेजी से गर्म हो रहा था। उसने जल्दी से उसे दूर धकेल दिया, "मुझे जाने दो।"
"तुम भगाने की कोशिश कर रही हो अब जबकि मैंने अपनी उपयोगिता को सही साबित कर दिया है, टैंग मोर कितनी निर्दयी हो, तुम मेरे साथ अपने बेवकूफ पूर्व-मंगेतर की तरह व्यवहार कर रही हो।"
उसके शब्द शक्तिशाली थे।
टैंग मोर की उंगलियों में जलन शुरू हो गई उसका ध्यान उसके सुंदर चेहरे की विशेषताओं पर गया। वो शर्म से लाल हो गई जब उसे याद आया कि उसने उसे कैसे चूमा था।
"फिर ... फिर तुम मुझसे क्या चाहते हो? क्या तुमने यह नहीं कहा कि तुम उन महिलाओं में दिलचस्पी नहीं रखते, जिनका अपने पूर्व मंगेतर से रिश्ता ठीक से ना टूटा हो?"
गू मोहन ने अपनी छोटी आँखों को घुमाया, उसकी टकटकी उसके चेरी गुलाबी होंठों पर जा कर रुक गई। वह उसके होठों के एहसास को नहीं भूल सकता था। जब वह उसे चूमा ... यह ठीक वैसा था जैसा कि तीन साल पहले था। उसके होंठ सबसे स्वादिष्ट जेली की तरह मुलायम और कोमल थे, यह बहुत आकर्षक था। उसे और चाहिए था।
कई साल हो गए थे। वह अब थोड़ी और परिपक्व दिखती थी, लेकिन उसके होंठ अभी भी इतने छोटे क्यों थे?
वह उसे कैसे चूम सकता था?
"मैं तुम्हें बचाने वाला हूँ क्योंकि तुम छोड़ दिए जाने के बाद एकदम बेचारी लग रही हो" गू मोहन ने फिर उसे अपनी तरफ खींच लिया, उसकी उंगलियों उसके बालों को सहलाने लगीं और उसने उसे फिर चूम लिया।
म्म!
टैंग मोर की आँखें चौड़ी हो गईं और उसका शरीर जम गया। वह पलक झपकना छोड़ नहीं सकी और उसकी पलकें तितली के पंखों की तरह नाजुक रूप से फड़फड़ा रही थीं। उसने उसे एक दम हैरान हो कर देखा, क्या उसने उसे सच में चूमा था।
इसके अलावा, उसने क्या कहा? वह छोड़ी हुई थी और वह उसे बचाने के लिए यहाँ था?
दफा हो जाओ!
यह वह थी जिसने सू ज़ेह को छोड़ दिया था, उस बेकार इन्सान को। वो मन ही मन उसको पहले ही दफा कर चुकी थी।
"मम्म, जाने दो!" टैंग मोर ने विरोध किया क्योंकि उसका दिमाग तेज़ी से चलने लगा था, लेकिन उसने अपनी जीभ को उसके मुंँह में डालने का मौका छीन लिया। उसमें इस से बचने की ताक़त नहीं थी और उसे ऐसा लगा जैसे उसने उसे निगल लिया हो। उसके होंठ उसके साथ चिपके हुए थे और वह ना हराए जा सकने वाली ताकत के साथ उन्हें चूसता रहा।
टैंग मोर ने कभी भी इस तरह की भावना का अनुभव नहीं किया था और उसने महसूस किया कि एक ताकतवर सिरहन उसे दफन कर रही है, "आह ...!"
"…"
"छोटी सी छोड़ी हुई पत्नी, तुमने उसकी नई पसंदीदा औरत से ज़्यादा अच्छी आवाज़ निकाली हैं।" वो उसके होंठ पर फुसफुसाया और एक पागल कर देने वाले जुनून के साथ उसे चूमना जारी रखा।
"..."
हेन ज़ियाओवान की कराहने की आवाज़ें अभी-अभी टैंग मोर के कान में पड़ीं और वो शर्म से लाल हो गई। गू मोहन, तुम क्या कह रहे हैं? तुम कितने ... सभ्य कमीने हो!