उनकी बातें सुनकर निंग क्षी का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा|
"अरे भाई संभाल के बात करो, लू टिंग मुझे किस निगाह से देखता है यह तुम क्या जानो|"
और वह भी बीवी की तरह देखना .....?
"इन भाई साहब की आंखे शायद खराब है...." निंग क्षी ने लू टिंग से कहा|
तभी एक औरत बोली, "तुम सही कह रहे हो, बच्चे काफी कुछ पिता की तरह दिखता है पर जब हँसता है तो उसकी आँखें माँ की तरह दिखती है|"
यह सुन निंग क्षी तो बेहोश ही होने वाली थी| उसने कहा " इन मोहतरमा की भी आंखे खराब है शायद|"
लिटिल ट्रेजर उसके जैसे कैसे दिख सकता है, वह उसकी माँ नहीं है|
लू टिंग ने निंग क्षी की आँखो को गौर से देखा, उसे भी लगा कि उसकी आँखें लिटिल की आँखो से मिलती है|
उसने यह बात पहले भी नोटिस की थी कि लिटिल ट्रेजर जब हँसता है तो उसका चेहरा और आभा निंग क्षी की तरह हो जाती थी|
अगर ऐसा था तो यह बहुत ही अच्छी बात थी|
कुछ देर बाद...…..|
गद्देदार कुर्सी में आराम से बैठे हुए निंग क्षी को काफी अच्छा लग रहा था, "लिटिल ट्रेशर इस गर्मी के मौसम में ए सी॰ वाले ठंडे कमरे के अंदर बैठकर गरमा-गरम हॉटपॉट खाना बहुत ही सुख दायक है|" उम्मीद करती हूँ तुम्हें भी यह पसंद आएगा|
करीब 2 साल के बाद लिटिल बाहर खाने आया था, वह चारों तरफ नज़र घुमाकर हर चीज़ बड़े ही विस्मय से देख रहा था पर उसने एक पल के लिए भी निंग क्षी का हाथ नहीं छोड़ा था|
निंग क्षी ने मीनू कार्ड देखा और पूछा, "आप मसालेदार खाना नहीं खा पाते तो क्यों न हम बदक का पॉट बुलवाए?"
लू टिंग ने कहा, "जैसा तुम ठीक समझो|" ऐसा बोलकर लू टिंग ने अपना कोट उतारा और कुर्सी के हत्थे पर टांग दिया| यह वैसे तो सामान्य सी बात थी, पर ऐसा करते वक़्त लू टिंग की मर्दानगी उसके हर कोने से टपक रही थी| ऐसा लग रहा था जैसे कोई हिरण इस मर्दानगी को देखकर पागलो की तरह यहाँ-वहाँ दौड़ने लगा था|
लू टिंग ने ऐसा जानबूझकर कर किया था या अनजाने में यह तो वह ही जाने|
अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह हिरण यहाँ वहाँ दौड़ के थक जाएगा|
खाना मेज़ पर लगा दिया गया था, खाने को देख कर निंग क्षी ने अपनी सारी चिंता भुलाकर चाव से खाना शुरू किया|
लू टिंग ने खाना बढ़े ही सलीके से खाया| उसकी नजर हर चीज़ पर थी| कौन सा पकवान कब आया, किस चीज़ के बाद आया, कितना खाना चाहिए,कितना छोड़ना चाहिए सब कुछ| उसने अपने हाथो से लिटिल और निंग क्षी को खाना परोसा, वह भी किसी पारंगत व्यक्ति की तरह| निंग क्षी के घर पर निंग क्षी ने जब खाना खिलाया था उससे बेहतर तरीके से लू टिंग ने मेजबानी की|
निंग क्षी ने खाना बहुत ही आराम से खाया| खाना था भी बहुत ही मज़ेदार, उसके बनाए खाने से बहुत ही बेहतर|उसका बनाया खाना या तो जल जाता था या कच्चा रह जाता था|
खाना खाते खाते लू टिंग ने बहुत ही सहजता से पूछा "क्या तुम और जियांग मुए एक ही फिल्म में साथ में काम कर रहे हो?"
यह सुन निंग क्षी को थोड़ा झटका लगा पर वह जानती थी कि जियांग मुए एक तो ग्लोरी वर्ल्ड का नंबर एक का सितारा था, दूसरे लू टिंग का भतीजा भी था तो लू टिंग का यह सवाल स्वाभाविक था| उसने संभलकर जवाब दिया "हाँ, उसने आज से ही काम शुरू किया| मुझे भी यह पहले नहीं मालूम था कि वह मेरा साथी कलाकार होगा, मुझे तो उसे देखकर ही आश्चर्य हुआ|"
लू टिंग ने उसे मछ्ली का कटोरा देते हुए पूछा "क्या तुम दोनों की अच्छी पटती है?"
निंग क्षी थोड़ी असमंजस में पड़ गयी इस प्रश्न से पर बाद में उसने सोचा छुपा कर भी क्या फायदा, तो उसने बोलना शुरू किया, "जियांग मुए के साथ मेरा रिश्ता किसी की भी समझ से परे है| मैंने कुछ समय के लिए उसे डेट किया था, पर जमी नहीं और हम अलग हो गए|अब हम केवल अच्छे दोस्त है, पर लगता है यह दोस्ती भी ज्यादा दिन टिकने नहीं वाली है। क्योंकि जियांग मुए जब से आया है, अपनी हरकतों से मुझे जिस तरीके से परेशान कर रहा है उससे लगता है जैसे मुझे मार डालेगा|"
टिंग ने कहा " अगर ज्यादा परेशान करे तो मुझे बताना|"
यह सुन निंग क्षी हंस पड़ी "अब नहीं करेगा| शूटिंग के समय मैं उसे परेशान करती हूँ, और शूटिंग के बाहर अगर वह मुझे परेशान करने की कोशिश भी करता है तो मैं उसे धमका देती हूँ कि मैं तुम्हारी आंटी होने वाली हूँ, बेचारा डर जाता है|"
यह सुन लू टिंग ने निंग क्षी के चेहरे की तरफ देखा, और दोनों के बीच एक सन्नाटा छा गया| निंग क्षी सोचने लगी, "हे भगवान यह मैं क्या बोल गयी बातों ही बातों में, क्या करूँ इस फटे हुए मुँह का जो बिना सोचे समझे कुछ भी बक देता हैं।"