ऐसा नहीं था कि निंग क्षी को लू टिंग की भावनाओं का अंदाजा नहीं था| वह जानती थी लू टिंग का व्यवहार उसके प्रति ऐसा क्यों था, पर वह अपनी तरफ से ऐसा कुछ नहीं करना चाहती थी जिससे लू टिंग को उसकी भावनाओं का गलत अंदाजा हो जाए।
निंग क्षी ने सीधे शब्दो में उत्तर दिया ," आदमी।"
लू टिंग के माथे पर चिंता की लकीरें उठ गयी| उसने फिर पूछा " रात को घर आने वाली हो या नहीं?"
यह प्रश्न ....
निंग क्षी एक उम्दा कलाकार थी| यहाँ उसने अपना अभिनय कौशल दिखते हुए ऐसा जताया जैसे उसे इस प्रश्न से कोई फ़र्क नहीं पड़ा| फिर उसने कहा "कुछ पक्का नहीं बता सकती, जैसा भी होगा कॉल करके आपको बता दूँगी। अभी मैं निकलती हूँ, मुझे देरी हो रही है।" बोलकर निंग क्षी अपने कमरे की तरफ दौड़ गयी।
आज रात क्या होगा उसे खुद को भी मालूम नहीं था| पता नहीं शायद जियांग मुए को पूरी रात मारती रहे और खुद भी जख्मी हो जाए।
निंग क्षी दौड़कर ऊपर अपने कमरे में गयी और एक काले रंग का बड़ा झोला लिया| निकलने से पहले लिटिल ट्रेजर को गले लगाया, उसको चूमा और बाय किया।
निंग क्षी को यूं जाता देख कर लू टिंग का चेहरा मुरझा सा गया...जैसे अगस्त में बर्फ गिर रही हो ऐसा माहौल बन गया।
वैसे तो लिटिल ट्रेजर को अपनी निंग क्षी आंटी के अलावा किसी और की फ़िक्र होती ही नहीं थी, अपने पिता लू टिंग की भी नहीं पर आज अपने पिता का चेहरा यूँ उदास सा देख कर उसे कुछ हुआ| वह दौड़ के अपनी टेबलेट लाया और उस पर कुछ लिख कर अपने पिता को दिखाया।
अपने ख़यालो में खोये लू टिंग को अपनी बाँहों पर आए दबाव से अहसास हुआ कि लिटिल कुछ पूछ रहा था, उसने टेबलेट देखा जिस पर प्रश्न का निशान बना था| उसे देख वह समझ गया कि लिटिल उससे , उसकी उदासी का कारण पूछ रहा था।
" लिटिल क्या तुम मुझसे मेरी उदासी का कारण पूछ रहे हो?" लू टिंग ने अपनी एक भौंह उचकाकर पूछा , फिर कुछ सोच कर जवाब दिया " सोचो अगर ऐसा हो कि तुम्हारी आंटी निंग क्षी किसी और की हो जाए , किसी और को प्यारे, प्रिये कह कर पुकारे, किसी और को सुबह-शाम-रात के चुंबन दे, किसी और के साथ हॉटपॉट खाये, तुम उसके लिए इतने मायने न रखो जितने आज रखते हो। तुम्हारा उस पर कोई हक़ नहीं रहे तो तुम खुश होंगे या दुखी?"
यह सब सुन कर लिटिल ट्रेजर एक दम काला पड़ गया| उसके चेहरे के भाव एक दम टूट गए| उसे लगने लगा कि उसकी दुनिया खत्म हो गयी।
पिता को जैसे अपने दुख का साथी मिल गया। लिटिल ट्रेजर रोने लगा| उसने अपने पिता का मोबाइल छीना और अपनी आंटी को शिकायत करने के लिए मैसेज करने लगा।
उसने एक रोता हुआ चेहरा उसने निंग क्षी को भेजा।
निंग क्षी रास्ते मे थी| उसने मैसेज देखा तो उसे लगा लिटिल को हॉटपॉट खिलाने नहीं ले गयी इसीलिए दुखी था और इसीलिए उसने मैसेज किया| उसने जल्दी बहुत सारे प्यारे शब्दों को इक्कठा किया ताकि लिटिल को बहला सके ,
उसने लिटिल को मैसेज भेजा, " दुखी मत हो| तुम दुखी होते हो तो आंटी भी दुखी हो जाती है| तुम निराश मत हो आज सही में मुझे कुछ ज़रूरी काम था| मेरा वादा है तुमसे कि कल मै जरूर तुम्हें हॉटपॉट खिलाने ले जाऊँगी। मै तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ, आने वाले 10 हजार वर्ष तक मै तुम्हें ही प्यार करूंगी। मेरे प्यारे बच्चे। सदा हँसते रहो।"
लिटिल ट्रेजर निंग क्षी का ये मैसेज देख के बहुत ही ज्यादा खुश हो गया , उसने फोन अपने पिता को वापस कर दिया।
लू टिंग ने निग क्षी का ये प्यारा सा मैसेज देखा तो उसका भी दिल उछल पड़ा।
2 घंटे बाद निंग क्षी एयर पोर्ट पहुँच गयी।
निंग क्षी वैसे तो पहले से ही तैयार थी पर एयर पोर्ट का नज़ारा देख कर उसके होश उड़ गए।
जियांग मुए ! जियांग मुए ! हर तरफ यह ही आवाज़ थी।
मेरा पति ! मेरा पति ! मुझसे शादी कर लो ! मुझसे शादी कर लो! मेरे बच्चे के बाप बन जाओ।
मुए तुम बहुत ही सुंदर है।
ज़्यादातर चाहने वाली कम उम्र की लड़कियाँ, कुछ आंटियाँ भी थी| भीड़ बेकाबू हो गयी थी, एयरपोर्ट के सिक्यूरिटी गार्ड भी भीड़ को काबू करने की कोशिश कर रहे थे।
"मेरी पत्नियों, अपने पर काबू रखो , दूसरों को परेशानी में मत डालो।
मुए की इस सेक्सी आवाज से भीड़ और बेकाबू हो गयी।
निंग क्षी दूर से यह सब देख रही थी| उसके सिर पर चिंता की लकीरें उभर गयी।
यह आदमी आज भी मुझसे बुरी तरीके से चिढा हुआ है, यह तो मुझे मार ही डालेगा आज।
अगर वह पास जाकर मुए से मिलेगी तो क्या आज रात वह जिंदा रह पाएगी ?
किस्मत से वह इस सब के लिए पहले से ही तैयार हो कर आयी थी।