"पापा" एक ऐसा शब्द जिसके अन्दर पूरी दुनिया का सार छुपा है सुना तो शायद आपने भी होगा-
कि"माँ" के जाने के बाद पूरा घर खाली लगता है। पर "पापा" के जाने के बाद पूरा स़न्सार खाली लगता है
ऐसै ही एक महान हस्ती थे मेरे पापा। वो बहुत मजाकिया थे। बात करीब 15 साल पहले की है, आनन - फानन मे मुझे अस्पताल मे भर्ती कराया गया करीब 3-4 दिन बाद मुझे होश आया पता करने पर मम्मी ने बताया की 30 बाटल ग्लूकोज लगाया जा चुका है हमारी आर्थिक स्थिति कुछ खास नही थी फिर भी पापा ने मुझे एक निजी अस्पताल मे भर्ती रखा हुआ था पापा के पास पैसे नही थे ये बात मे जान चुका था बहर हाल मैने पापा से बोला पापा 8 दिन हो चुके है कही बाहर ले चलो न घुमाने।पापा, डाक्टर अन्कल से पूछ कर मुझे कुछ देर बाहर ले आये मेने फिर कहा पापा कितने दिन हो गये भैया दीदी से मिले मुझे घर जाना है पापा मुझे अपनी साईकिल पर बैठा कर घर ले आये फिर क्या था "काहे का अस्पताल " फिर क्या ऐसै कई हादसे आये और चले गये बात ये कि वो 15 साल पहले की बात दिन रात यादोँ मेँ आती जाती रहती है फिर एक दिन वो मनहूस रात आई जब मौत हम सब से छुपते- छुपाते हमारे पापा को ले गई उस काली रात हम सब बडी खमोशी के साथ जिन्दा लाशोँ की तरह रहे होगे बात निकल कर ये आयी की हम कठपुतलीयोँ की तरह अपना जीवन जीते है
पर एक सलाह जरूर दूगा कि अपने माँ- पापा की कदर करना न जाने वो फरिश्ते कब इस दुनिया से उस दुनिया चले जाए
दास्तान ए हकीकत अच्छी लगी हो तो अपने विचार जरूर दे।
आपका भाई /दोस्त अहसान। धन्यवाद,खुदा हाफिज।
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