Download App
100% सच्चे प्यार कभी दूर नहीं होते / Chapter 3: सच्चा प्रेम कभी नहीं दूर होता

Chapter 3: सच्चा प्रेम कभी नहीं दूर होता

नित्या की शादी को लगभग एक साल भी नहीं हुए थे और उसका तलाक हो गया।

नित्या के घर वालों ने ज़बरदस्ती नित्या की शादी करवा दी थी। शादी के कुछ 3 महीने बाद ही उसके पति राकेश का वव्ह्यार बदल गया वो नित्या से हमेशा झगड़ा ही करता रहता था।

राकेश एक कंपनी में काम करता था, और रोज शाम को देरी से घर आता था, क्योंकि ऑफिस के बाद वो दारू पीने के लिए रुक जाता था, घर आकर वो नित्या से हर छोटी छोटी बात पर बहेस करता था उस खरी खोटी सुनता था, वो नित्या को ये भी बोल देता था कि "चली जा तू यहां से मुझे तेरी कोई ज़रूरत नहीं है बहुत मिल जाएंगी तेरी जैसी।"

नित्या उसका ये वव्ह्यार चुप चाप सेहन कर रही थी, उसने अपने घर पर भी इसके बारे में कुछ नहीं बताया था, वो अपने घर वालो से नाराज़ थी।

उन्होंने जबरदस्ती उसकी शादी जो करवाई थी, नित्या अविनाश से प्यार करती थी, और जब ये बात नित्या के घर वालो को पता चली तो उन्होंने जबरदस्ती उसकी शादी करवा दी।

अविनाश उस वक्त कुछ नहीं कर पाया क्योंकि नित्या के पापा ने अविनाश के खिलाफ पुलिस कंप्लेन क कर दिया था की वो नित्या को परेशान करता है, और इसी कारण वो कुछ दिनों के लिए जेल में था ये सब के बारे में नित्या को नहीं पता था।

नित्या अपनी शादी शुदा जिंदगी में बहुत परेशान थी। कुछ महीने ऐसा ही चलता रहा, राकेश थोड़ा भी नहीं बदला था। फिर नित्या ने सोचा कि अब वो और उस रिश्ते में नहीं रह सकती और उसने राकेश से तलाक लेना का फैसला कर लिया।

और फिर उनका तलाक हो गया।

तलाक के बाद नित्या ने अपने मम्मी पापा को सब कुछ बता दिया, और उन्होंने नित्या को बहुत डाटा की क्या हो गया था ऐसा की तलाक ले लिया अब क्या करेगी कहा जाएगी कौन करेगा इस से शादी, ये सब सुन कर नित्या ने उनके साथ रहने से इंकार कर दिया, वो एक छोटी सी कंपनी में काम करने लगी और कंपनी द्वारा दिए गए घर में रहती थी।

उसे कभी कभी अविनाश की बहुत याद आती थी, लेकिन उसने अविनाश से कभी संपर्क करने की कोशिश नहीं किया, वो सोचती थी कि अब उसे किसी पर बोझ नहीं बनना, वो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी, वो अपना पूरा समय अपने काम को देती थी, उसका काम इतना अच्छा था कि 4 महीनों में ही उसका प्रोमोशन हो गया और वो अपने डिपार्टमेंट की हेड बन गई।

प्रमोशन के एक महीने बाद उसे उसकी कंपनी के तरफ से एक मीटिंग अटेंड करने के लिए विदेश जाने का अवसर मिला।

नित्या अपने काम में बहुत तरक्की कर रही थी, अब उसके मम्मी पापा को भी नित्या पर बहुत फक्र महसूस हो रहा था, अब वो पछताते थे कि उन्होंने उसकी शादी गलत घर में कर दिया था।

नित्या विदेश जाने की बात से बहुत खुश थी।

4 दिन बाद की उसकी टिकट थी।

उसे कुछ खरीदारी भी करनी थी, फिर वो अपने ऑफिस के पास एक मॉल में गई, उसे कपड़े और कुछ मेकअप का सामान लेना था, वो मॉल में घूम रही थी, कपड़े देख रही थी, तभी किसी ने पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा, वो पीछे मुड़ी देखने के लिए और वो बिल्कुल अपने आंखो पर विश्वास नहीं कर पा रही थी, वो इंसान और कोई नहीं अविनाश था।

नित्या उसे देखती रह गई उस समझ नहीं आया कि वो अविनाश से क्या बात करे, अविनाश नित्या को देख कर बहुत खुश हुआ। दोनों के आंखो में असू के साथ खुशी भी थी। अविनाश ने पूछा तुम यहां! अपने पति के साथ हो क्या? नित्या उस से नज़रे चुराते हुए बोली नहीं, अविनाश ने पूछा "कैसी हो?" नित्या उस से बात नहीं करना चाहती थी वो नहीं चाहती थी कि अविनाश को पता चले कि उसका तलाक हो गया है और अब वो अकेले रहती है।

अविनाश उस से पूछे जा रहा था, उसने बोला कुछ बोलो।

नित्या वहां से जाने लगी, उसने अविनाश को बोला कि मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी तुम चले जाओ।

अविनाश उसके पीछे पीछे जाने लगा, उसने कहा मेरी बात तो सुन लो एक बार, फिर भी नित्या नहीं रुकी।

फिर अविनाश ने कहा तुम्हें मेरी कसम है बस एक बार रुक के मेरी बात सुन लो, फिर नित्या क्या करती, आखिर उसके दिल में अभी भी अविनाश के लिए प्यार था, तो वो रुक गई फिर अविनाश ने कहा कि कहीं बैठ कर बात करते है फिर वो दोनों मॉल के एक रेस्टोरेंट में गए।

अविनाश ने उस से पूछा कैसी हो?, वो बोली ठीक हूं, अविनाश ने उसके पति के बारे में पूछा कि वो कैसा है तुम्हारा ध्यान रखता है ना।

नित्या चुप थी, अविनाश ने बोला क्या हुआ तुम चुप क्यों हो कुछ बोलो, तुम्हे कोई परेशानी तो नहीं है ना।

नित्या बोली मेरा तलाक हो गया है।

अविनाश को ये सुनते ही एक उम्मीद की किरण दिखने लगी, उसने पूछा कब और क्यों, नित्या ने उसे सब बताया। अविनाश ने बोला फिर अब तुम अकेले क्यों रहती हो, तुम अपने मम्मी पापा के पास क्यों नहीं गई या मुझे क्यों संपर्क करने की कोशिश क्यों नहीं की।

नित्या बोली "तुम अगर मुझसे प्यार ही करते थे तो जब मेरी शादी हुई तब क्यों नहीं आए मुझे लेने, कहा थे तुम? उस वक़्त मै बिल्कुल अकेली हो गई थी और मजबूरी में शादी हो गई मेरी।" अविनाश ने पूछा क्या तुम्हारे पापा ने नहीं बताया कि उन्होंने मुझपे पुलिस केस कर दिया था, मै जल में था कुछ महीने। ये सुनते ही नित्या चौक गई, उसने कहा कि मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता, अविनाश ने उसे पूरी बात बताई।

नित्या बोली मै माफी मांगती हूं तुमसे अपने पापा के तरफ से।

अविनाश ने कहा अब वो बात को जानेदो मै भूल चुका हूं वो सब, अभी की बात करो अविनाश ने बिना देर किए उसने पूछ लिया "क्या अब तुम मुझसे शादी करोगी।" नित्या बोली "क्या तुमने अभी तक शादी नहीं की।" अविनाश ने कहा नहीं, मै अभी अपने कैरियर पे ध्यान दे रहा हूं, और यह कुछ काम से ही आया था, अब बोलो शादी करोगी मुझसे।

नित्या बोली अभी 2 दिन में मै अपने कंपनी के तरफ से विदेश जा रही हूं एक मीटिंग के लिए। उधर से लौट कर इसके बारे में बात करते है। अविनाश ने कहा पहले ही बहुत इंतजार किया है अब और इंतजार नहीं होता है लेकिन फिर भी जैसा तुम कहोगी वैसा ही होगा। दोनों ने अपना फोन नंबर दिया एक दूसरे को और घर गए। अविनाश उसे रोज फोन कर के उसका हाल चाल पूछता रहता था।

एक सप्ताह बाद नित्या अपनी मीटिंग ख़तम कर के लौट आई थी।

अविनाश उसे मिलने के लिए बोल रहा था लेकिन नित्या अपने ऑफिस में बहुत व्यस्त रहती थी, उसने कहा कि हम रविवार को मिलेंगे। फिर वो दोनो रविवार को उसी मॉल में मिले। अविनाश ने पहले उसके मीटिंग और काम के बारे में पूछा कि सब ठीक चल रहा है ना। नित्या ने कहा हा सब ठीक है। फिर अविनाश ने उस से शादी का पूछा, तुमने कहा था कि आके बताओगी शादी करोगी की नहीं तो अब बोलो क्या सोचा है।

नित्या तो अविनाश से प्यार करती ही थी और अब उसे मौका मिला था अपने प्यार के साथ पूरी ज़िन्दगी बिताने का, उसने हा कह दिया।

दोनों बहुत खुश थे। नित्या ने अपने घर पर अविनाश के बारे में सब कुछ बता दिया और इस बार उसके घर वाले उसके इस फैसले से मान गए क्योंकि पहले उनसे एक गलती हो चुकी थी अब वो फिर से अपनी बेटी को तकलीफ में नहीं देखना चाहते थे।

एक महीने बाद उनके परिवार ने उनकी शादी करवा दी।

अविनाश ने अपना खुद का एक बिजनेस स्टार्ट किया था तो अब नित्या उसके साथ उसके बिजनेस में हाथ बटाती थी, और वो दोनों खुशी खुशी हमेशा के लिए एक साथ हो गए।


next chapter
Load failed, please RETRY

New chapter is coming soon Write a review

Weekly Power Status

Rank -- Power Ranking
Stone -- Power stone

Batch unlock chapters

Table of Contents

Display Options

Background

Font

Size

Chapter comments

Write a review Reading Status: C3
Fail to post. Please try again
  • Writing Quality
  • Stability of Updates
  • Story Development
  • Character Design
  • World Background

The total score 0.0

Review posted successfully! Read more reviews
Vote with Power Stone
Rank NO.-- Power Ranking
Stone -- Power Stone
Report inappropriate content
error Tip

Report abuse

Paragraph comments

Login