टैंग मोर के हल्के रोने की आवाज़ हवा में होती हुई गू मोहन कानों में पहुंची और उसकी पुतलियाँ सिकुड़ गयी। उसे रोता देखकर उसने अपने होठों को दबाया और उसकी बाँह को पकड़ते हुए उसकी तरफ झुकते हुए पूछा "क्या बात है कहाँ दर्द हो रहा है? क्या ज़हर का असर था?"
उसके कोमल शब्द सुनकर टैंग मोर ने अपनी आँखें उठा लीं और उसकी ओर देखा उसने आँसुओं के दागों से भरी आँखों से मुस्कुराते हुए उसे देखा "मिस्टर गू क्या मैंने आपको डरा दिया? मैं तो बस मज़ाक कर रही हूँ।"
गू मोहन की तंत्रिकाएँ जो शिथिल थी उसके चेहरे पर अलग सा भाव छोड़ते हुए तुरंत ही ढीली पड़ गयी "मिस टैंग इस तरह की एक शरारत आप के लिए मजाकिया हो सकती है लेकिन मुझे यह सब मस्ती भरा नहीं लगता है। मेरे सगाई समारोह में आपका स्वागत नहीं है| कृपया अब यहाँ से चली जाए।"
वह फिर घूम गया और बोलने के बाद उठ कर आगे बढ़ गया।
लेकिन उसने महसूस किया कि उसकी आस्तीनों को कोई खींच रहा था| उस युवती की आवाज़ में खौफ और तड़प दोनो सुनाई पड़ रही थी "श्रीमान गू यह दर्द कर रहा है, यह वास्तव में दर्द कर रहा है| मेरे दिल में बहुत दर्द हो रहा है। अधिक बहुत अधिक। मैं बहुत दर्द में हूँ ऐसा लगता है कि मैं मरने वाली हूँ। कृपया मेरे पास वापस आ जाओ । मैं यहाँ नहीं रहना चाहती। यहाँ बहुत दमघोंटू माहौल है| अगर मैं यहाँ रही तो मुझे लगता है कि मैं मर जाऊंगी।"
उसकी आवाज़ एक आकर्षक साइरन की तरह थी जो उसे लगातार पुकार रही थी। अगर वह उसकी मांगों पर सहमत नहीं होगा तो वह अगले ही पल रोना शुरू कर देगी।
वह चाहती थी कि वह उसे इस जगह से दूर ले जाए।
वह नहीं चाहती थी कि उसकी सगाई हो।
उसका दिल बहुत दर्द में था। उसे इतना दर्द हो रहा थी कि वह साँस भी नहीं ले पा रही थी ना ही वह कुछ सोच पा रही थी। वह बस यह जानती थी कि वह चाहती थी वह उसे वहाँ से दूर ले जाए। अंदर धड़कते दर्द के कारण उसका पूरे शरीर कांप रहा था और इस से ऐसी ठंडक पैदा हो रही थी जिससे उसके शरीर की धकड़न में जलन हो रही थी।
"भाई मोहन " लू क्यूईयर उसी समय वहाँ शालीन ढंग से चल कर आई । उसने उस जोड़ी के आसपास के हंगामे को स्पष्ट रूप से अनदेखा किया। "सगाई की रस्म जल्द ही शुरू होने वाली है। हमें अभी वहाँ जाने की जरूरत है।"
इसके बाद लू क्यूईयर ने अपने छोटे हाथ से गू मोहन को पकड़ लिया।
गू मोहन ने लू क्यूईयर को एक भावरहीत चेहरे के साथ देखने के बाद नीचे देखा और आस्तीन को पकड़े हुए उंगलियों से अपना हाथ खींचा।
"नहीं...श्रीमान गू मैं आपसे विनती करती हूँ ... कृपया मत जाइए ..." टैंग मोर ने उसकी पीठ के पीछे जोरदार तरीके विनती की और अपने आंसुओं को न गिरने देने की भरसक कोशिश की। पीछे से भी उनका रुख निर्णायक और रूखा था।
नहीं…
लू क्यूईयर से सगाई मत करो। मैं तुमसे भीख माँगती हूँ…
अपनी उंगलियों को दूर खींचते हुए गू मोहन लू क्यूईयर की ओर चला गया हालांकि उसने उसका हाथ नहीं पकड़ा।
लू क्यूईयर ने संतुष्टि में मुस्कुराते हुए गू मोहन की बाँह के चारो ओर अपने हाथ रख दिया। दुनिया को दिखाने के लिए कि वह इस आदमी के साथ प्यार भरे रिश्ते में थी। गू मोहन उसका था और वह किसी को भी उसे उससे छिनने नहीं देगी।।
"गू मोहन!" टैंग मोर खुद पर नियंत्रण खोते हुए जोर से चीखी। एक चाकू पकड़ते हुए उसने उसके धारदार सिरे को अपनी गर्दन पर दबाया और वह चिल्लायी, "मैं तुम्हें लू क्यूईयर से सगाई करने नहीं दूंगी। गू मोहन तुम्हें अभी एक निर्णय लेना है। तुम लू क्यूईयर और मुझमें से एक को ही चुन सकते हो।"
केवल एक को चुन सकते हो|
पूरी भीड़ सदमे में थी पूरे हॉल में चीख-पुकार मच गई और भीड़ ने उसके दुस्साहस और बेशर्मी के लिए उसे डांटा।
वह इतनी बेशर्म कैसे हो सकती है! गू मोहन और लू क्यूईयर के सगाई समारोह में आकर कैसे उसे बाधित कर सकती है? क्या वह अपनी जगह नहीं जानती?
एक पल में गू मोहन ने पलटा वही टैंग मोर ने चाकू और अधिक कसकर पकड़ लिया । उसकी नाजुक त्वचा पर तेज ब्लेड के बल से गर्दन के चारों ओर खूनी खरोंच आ गयी।
उसने अपनी आँसुओं के दाग से भरी आँखों से उसकी ओर देखा। उसकी नाज़ुक पीठ पीछे की ओर सीधी थी और उसकी आँखों में एक हठीली चमक थी।
वह रुकने वाली नहीं थी।
इसके अलावा वह नहीं जानती थी कि वह उसे अपने पास रोकने के लिए कैसे मनाए।
वह केवल एक बातचीत के साधन के रूप में अपने जीवन का उपयोग कर सकती थी।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि लू क्यूईयर के साथ उसकी सगाई के पीछे क्या कारण था। वह इसे स्वीकार नहीं कर सकती थी। गू मोहन उसका था और केवल उसी का था!
सोचने के लिए रुके बिना गू मोहन के खूबसूरत चेहरा रूखा और खतरनाक हो गया। बिजली से ज़्यादा तेजी से वह एक भयावह गति के साथ उसकी ओर बढ़ा और उसने उसके हाथों पर वार किया।
बैम! चाकू बेकार वस्तु की तरह जमीन पर गिर गया।
"मिस टैंग यदि आपने तमाशा बनाना जारी रखा तो मुझे आपको बाहर ले जाने के लिए किसी की मदद लेनी पड़ेगी!"
उसे बाहर निकालना?
"हा।" अपने आँसूओं को पोंछने से पहले टैंग मोर ने कड़वी हँसी हँसी। उसकी सामान्य रूप से भावनाओं से भरी आँखें लाल और फूली हुई थीं। उसका पूरा स्वरुप बिखरा होने के साथ साथ दयनीय था। अपना सिर उठाकर उसने उसे एक ठंडी मुस्कान दी। "गू मोहन, मैंने इस सगाई समारोह को रोकने के लिए जो कुछ दांव लगाने के लिए मेरे पास था अपना गर्व और यहाँ तक की जीवन भी दांव पर लगा दिया। लेकिन ... मुझे लगता है कि मैं यह बाज़ी हार गयी हूँ। यह ठीक है| तुम्हारे सामने मैं केवल अपनी हार स्वीकार कर सकती हूँ। चूंकि मेरे पास कुछ भी तैयार करने के लिए अधिक समय नहीं था इसलिए मैं तुम्हारे लिए एक सगाई तोहफा नहीं ला पाई ... क्योंकि मामला ऐसा है ...तो क्यों नहीं ... "