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88.33% यंग मास्टर गु, प्लीज बी जेंटल / Chapter 265: गू मोहन, चलो ब्रेक अप कर लें

Chapter 265: गू मोहन, चलो ब्रेक अप कर लें

Editor: Providentia Translations

टैंग मोर कहाँ गयी?

गू मोहन ने अपने होंठों को उदासीन तरीके मोड़ते हुए दबाया और बिस्तर से उतर गया। उसने अपनी बड़ी-बड़ी हथेलियों से अपने बाएँ सीने पर मौजूद जख्म के निशान को दबाया । उसके माथे पर पसीना आ गया था। धड़कते दर्द ने उसकी त्वचा को पीला कर दिया था।

यह बहुत दर्दनाक था।

उसके शरीर का तापमान बढ़ने लगा था। चूंकि बीती रात घाव का इलाज नहीं किया गया था जिससे वह संक्रमित हो गया था और उसी के कारण उसे बुखार हो गया था। 

हालाँकि उसे जो दर्द महसूस हो रहा था उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता था। लेकिन मोर के गायब होने से उसे अपने अंदर खालीपन महसूस हो रहा था।

वह कहाँ थी?

गू मोहन ने अपने लंबे पैर फैलाए और दरवाज़ा खोला। वह नीचे गया तो पाया कि वहाँ केवल हुओ बाईचेन ऊनी कालीन पर बैठा था। वह अपने हाथों में गेम कंसोल पकड़े हुए था और एक खेल खेल रहा था।

"अपना खेल खेलना बंद करो!" गू मोहन चिल्लाया साथ ही उसने हुओ बाईचेन के हाथों में मौजूद गेम कंसोल को लात मारते हुए उसे हवा में उड़ा दिया।

'लानत है! " हुओ बाईचेन ने गाली दी। वह उस शख्स को पीटने ही वाला था पर जब उसने ऊपर की ओर देखा तो उसे एहसास हुआ कि वह व्यक्ति गू मोहन था। उसने गुस्से में कहा, "दूसरे भाई आपको किसने गुस्सा दिलाया? आप अपना गुस्सा इतनी सुबह सुबह निकाल रहे हैं!"

"मैं तुमसे पूछता हूँ टैंग मोर कहाँ है?"

" टैंग मोर? मुझे नहीं पता।" हुओ बाईचेन ने जबाव देते हुए नौकरानियों को देखा और उनसे पूछा "क्या तुम लोगो ने टैंग मोर को देखा था?"

"नहीं युवा मास्टर।" नौकरानियों ने आदरपूर्वक उत्तर दिया।

हुओ बाईचेन ने अपने पैरों को फैलाया और खानसामा को लात मारी और उसे आदेश दिया, "तुम अब यहाँ किसी चीज़ के लिए खड़े हुए हो? टैंग मोर गायब है। जाओ और उसे ढूंढो!"

"हाँ, युवा मास्टर।"

खानसामा डरते हुए पसीना बहाते हुए वहाँ से बचकर भाग गया। वह हुओ के पुराने घर में वापस स्थानांतरण के लिए आवेदन करना चाहता था क्योंकि उसके लिए इस तानाशाह की सेवा करना बहुत मुश्किल था।

"दूसरे भाई घबराओ मत। मैंने पहले ही उन्हें मोर को ढूँढने का आदेश दे दिया । टैंग मोर बच कर भाग नहीं सकती। क्या आपने कल रात कुछ ज़्यादा कर दिया था।"

हुओ बाईचेन की आवाज़ में अचानक से बदलाव आया क्योंकि गू मोहन ने उसे एक रूखी और तेज नज़र से घूरा।

गू मोहन भड़क गया| उसकी संकीर्ण आँखें स्याही की तरह थीं जो तेज़ से गति हर दिशा में घूम रही थी। अगर वह घर बाहर नहीं गयी होगी तो वह निश्चित रूप से अभी भी कमरे में ही होगी।

वह एक बार फिर वह ऊपर अपने कमरे में चला गया।

बड़े कमरे में टैंग मोर का कोई निशान नहीं था। गू मोहन ने कमरे के चारों ओर चक्कर लगाया तभी बालकनी पर उसकी नज़र रुक गयी।

उसके पैर भारी थे जब उसने पर्दों को खींचते हुए हटाया।

टैंग मोर बालकनी के कोने पर बैठी हुई थी वह अपनी दोनों बाँहों से बच्चों की तरह अपने घुटनों को गले लगाए हुए थी। उसकी आँखें बंद थीं और वह गहरी नींद सो रही थी।

खिड़की के पास एक छोटा सी जगह थी। बाहर ठंडी हवा उसके रेशमी बालों से होकर गुजर रही थी और उसकी स्कर्ट के छोर भी हवा के साथ बह रहे थे। वह इतनी खाली और परलौकिक लग रही थी जैसे वह एक आकाशीय व्यक्ति हो जिसे कोई भी पकड़ पाने में सक्षम नहीं होगा।

इस दृश्य को देखकर गू को ऐसा लगा जैसे कि अंधेरे हाथों ने उसके दिल को दबाया था और वह मुड़ गया था और इसी कारण से उसने दिल में दर्द महसूस किया। हर सांस जो वह ले रहा था वह उसके मुँह में कड़वा स्वाद छोड़ रही थी ।

अपने हाथों को बाहर निकालते हुए उसने उसे धीरे से उसे ऊपर उठाया।

टैंग मोर जो उसकी बाँहों में थी उसने धीरे से अपनी आँखें खोलीं। उसकी आँखें बिना किसी आंसू के बिल्कुल क्रिस्टल की तरह साफ लग रही थीं। हालांकि वे हमेशा की तरह उज्ज्वल नहीं थी। वह एक फटे हुए चिथड़े की गुड़िया की तरह दिख रही थी जिसे इस हालात में देखकर उसका दिल दर्द कर रह रहा था।

"तुम्हारे पास एक बिस्तर है लेकिन तुमने बालकनी में सोना चुना, हमम्?" गू मोहन फुसफुसाया।

"मैं सो नहीं सकी क्योंकि तुमने मुझे पकड़ा हुआ था।"

कुछ शब्द बड़बड़ाने के बाद उसका चेहरा शून्य हो गया था। गू मोहन ऐसा सुनकर अपने रास्ते में ही रुक गया और उसने अपने अत्यंत सूखे होंठों को मोड़ लिया। क्या वह उसका इसी तरह से तिरस्कार करने वाली थी?

तो वह सो नहीं सकी क्योंकि वह उसे ले जा रहा था या जब उसने उसे पकड़ा हुआ था ।

उसके कारण ही वह सोने के लिए बालकनी में छिपी ...

"गू मोहन चलो अभी संबंध विच्छेद कर लेते हैं।"

संबंध विच्छेद?

गू मोहन ने अपनी बाँहों में छिपा पीला और बीमार चेहरा देखा और तुरंत जवाब दिया, "नहीं।"

टैंग मोर ने हँसते हुए कहा "मैं केवल तुम्हें हमारे संबंध विच्छेद के बारे में सूचित कर रही हूँ। मेरे पिताजी मुझे लेने आ रहे हैं।"


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