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निंग क्षी के शरीर में मानो ज्वालामुखी का लावा उबल रहा था| इस समय उसे कोई बचा सकता था तो वही आदमी था, जो इस समय उसकी आंखो के सामने खड़ा था। उस आदमी का शरीर बर्फ के जैसा ठंडा था, निंग क्षी के सामने अपने शरीर की इस आग को बुझाने के लिए स्वयं को इस आदमी को समर्पित कर देने के अलावा कोई चारा न था|
दर्द के बाद ही सुख का आनंद मिलता है| निंग क्षी को इस समय ऐसी ही अनुभूति हो रही थी, उसे लग रहा था मानो उसके दिमाग के भीतर पटाखे फूट रहे हो| उसे लग रहा था मानो वह आग के समंदर के बीचो बीच खड़ी हो|
"अरे यहाँ मत सो| एसी चालू है, कमरा बहुत ठंडा हो गया है| सो गई तो ठंड लग जाएगी।" एक आवाज़ उसके कान में पड़ीं|
अचानक उसे अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस हुआ, उसने जैसे ही आंखे खोली सामने उसे नर्स दिखी| नर्स को इस तरह अपने सामने खड़ा देख उसे शर्मिंदगी हुई, शर्म के मारे उसका चेहरा लाल पड़ गया।
हे भगवान! उस बात को अरसा गुज़र गया है पर निंग क्षी को उस रात के कुछ पल आज भी इसी तरह सपने मे आते है, जब निंग क्षी ने बहुत शराब पी ली थी और वह शराब के नशे में सुयान के साथ थी।
उस रात उसने इतनी ज्यादा पी ली थी कि उस रात क्या हुआ यह उसे ठीक से याद तक नहीं | उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह सु यान के सामने कैसे जाएगी। नर्स ने देखा की निंग क्षी उठ गयी है, तो उसने उसे कुछ कागज दिए और कहा " तुम अपनी प्रेगनेंसी की रिपोर्ट ले जाना भूल गई थी, इस बार याद से ले जाओ वरना फिर से आना पड़ेगा।!''
निंग क्षी ने मुस्कुराते हुए रिपोर्ट ले ली ओर अपनी पर्स में रख ली|
चूँकि सु यान पढ़ाई के लिए विदेश में गया था अतः वह उससे तब तक संपर्क साधने में असफल रही जब तक कि उसका गर्भ सात माह का नहीं हो गया|
सुयान इस गर्भ के बारे में नहीं जानता था और आज रात यह खबर सुनकर उसकी क्या प्रतिक्रिया होगी, यह सोच-सोचकर वह घबरा रही थी|
शायद इस गर्भ की वजह से बह अधिक तनावग्रस्त हो गयी थी परंतु वह यह जानती थी कि सु यान इस खबर को सुन उतना खुश नहीं होगा जितनी वह हुई थी। डॉक्टर ने भी उसे बताया था कि पहले बच्चे के समय अक्सर ऐसा होता ही है कि आदमी गर्भ में पल रहे बच्चे को ज्यादा उत्साहित नहीं रहते हैं पर बाद में सब ठीक हो जाता है।
"परंतु शादी!!!! इसके बारे मे वह एक दम से बात नही करेगी, बाद में बोलेगी इस बारे मे।
वह अस्पताल से निकली तो आसमान एकदम साफ था, सूरज की तेज रोशनी सभी ओर छिटकी हुई थी।
अपना एक हाथ कमर पर रखते हुए उसने एक कदम आगे बढ़ाया, वह टैक्सी को बुलाने ही वाली थी कि अचानक एक लाल रंग की चमचमाती कार तेज़ गति से उसके पास आकर रुकी।
निंग क्षी घबराकर तुरंत पीछे हो गई, उसके दिल की धड़कनें बढ़ गई। कार के ब्रेक की आवाज़ अब भी उसके कानों मे गूँज रही थी। घबराहट के मारे वह ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। तभी कार का दरवाज़ा खुला, उसमे से लाल रंग के कसे हुए कपड़े पहनी हुई एक बहुत ही सुंदर लड़की निकली, उसे देखते ही निंग क्षी चीख पड़ी, "निंग क्षुएलुओ तुम !!!! पागल हो गयी हो क्या???????
निंग क्षुएलुएओ निंग क्षी को घबराते देख गहरे भाव से हँस पड़ी| अपनी बांहों को बांधते हुए अपनी बाहें मोड़ कर , ऊँची हील वाले सैंडल के साथ निंग क्षी के सामने आकर खड़ी हो गई । उसने क्रूरता से गर्भवती निंग क्षी को देखा और बोली " क्या हुआ?? डर गयी??? तुम्हें क्या लगा मैं तुम्हें कार से कुचल दूँगी और यह पाप जो तुम अपने पेट में लेकर घूम रही हो इसको मार दूँगी????
निंग क्षी ने तुरंत अपने पेट को ढकते हुए कुछ कदम पीछे लिए और गुस्से से क्षुएलुओ को कहा " अपनी हद मे रहो निंग क्षुएलुओ!! कुछ तो शर्म करो!!"
वह जानती थी की निंग क्षेउलुएओ उसे ज्यादा पसंद नही करती है, पर वह उसके होने वाले बच्चे के लिए इन शब्दों का इस्तेमाल करेगी उसने सोचा नही था।
"मैंने हद पार की है? तुम मुझे हद मे रहना सिखाओगी अब?? हद से बाहर तो तुम गई हो| तब शर्म कहा गयी थी जब शराब के नशे मे तुम अंजान पराए आदमी के साथ रंगरलीयां मनाती फिर रही थी? ये पाप जो पेट मे लिए घूम रही हो ना, ये उसी का नतीजा है और अब तुम चाहती हो कि तुम्हारी इस नाजायज औलाद जिसका बाप कौन है खुद तुम्हें नही मालूम, को सु यान बाप का नाम दे ?? इतनी बेशर्म हो तुम ओर मुझे सभ्यता सिखाने चली हो?
निंग क्षी, क्षुएलेऊओ की इन बातो से हैरान रह गयी और चीख पड़ी " ये क्या बकवास किए जा रही हो तुम??"
" क्या तुम्हें सचमुच ऐसा लगता है कि उस रात शराब के नशे मे तुम सु यान के साथ थी ??" यह कह कर निंग क्षेउलुओ ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी। उसकी हँसी बहुत ही डरावनी थी।
"निंग क्षी तुम इतनी भोली कैसे हो सकती हो कि तुम सु यान को नहीं पहचान नहीं पायी? तुमने हमेशा कहा है कि सुयान तुम्हारा बचपन का मित्र है और तुम दोनों साथ-साथ बड़े हुए हो| तो फिर सु यान के शरीर का एहसास कैसा है, क्या तुम फर्क नहीं कर पायी? तुम तो उसे बचपन से जानती हो ।
निंग क्षी का चेहरा पीला पड़ गया था मानो जैसे खून ही ना हो!!! क्षेउलुओ के एक-एक शब्द को सुनकर कड़ी धूप मे भी उसका शरीर ठंडा होने लगा था।
इस असमंजस की स्थिति मे उसने दिमाग पर ज़ोर दिया तो उससे याद आया, "हाँ, वह आदमी तो सु यान की तरह नहीं था, उसका शरीर थोड़ा भारी था", उसने महसूस किया था पर उसे लगा कि शायद उसके युवावस्था में प्रवेश के कारण ऐसा होगा। पर यहाँ तो बात कुछ ओर ही निकली|
निंग क्षुएलुओ की इस बात ने उसे एहसास करवाया कि वह आदमी तो सु यान से बिल्कुल अलग था।