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84.61% इंदौर का अनुभव / Chapter 11: सुहागरात की शुरुआत

Chapter 11: सुहागरात की शुरुआत

तभी साहबने आवाज़ देकर बाजूवाले हॉल में बुलाया,  तो साथवाले हॉल में चली गयी, और अंदर जाते ही मेरी चूड़ियों की, पायल की आवाज़ बंद हो गयी और मेरी शायद सांसे ही रुक गयी, और मैं वही रुकके उस हॉल को तांकने लगी|

बहोत बड़े साइज का मास्टर बैडरूम था, अंदर की तरफ गोलाकार बेड था जिसके ऊपर सफेद वेलवेट की बेडशीट डाली थी और गुलाबी तकिये थे  और उस बेड के ऊपर गुलाब की पंखुड़ियां डालके उसको सजाया था | बेड के तीनो तरफ की दिवारोंपर फुल साइज़ आयने लगे हुवे थे एकदम जमीन से लेकर ऊपर वाली सीलिंग/छत तक और एक आयना बेड के ऊपर छत पर लगाया था जो पूरे बेड को कवर कर रहा था| मैं जहा अंदर जाने के लिए खड़ी थी, उसके बाजू में दो बड़े शानदार सोफे रखे हुवे थे और आगे एक छोटा टेबल था जिसके ऊपर सफेद चमेली के गजरे रखे हुवे थे और कुछ फल| सोफे और बेड के बीच बहोत सारी खाली जगह थी जहाँपर दो कश्मीरी कालीनें बिछाई थी, उस रास्ते से एक फ्रेंच डोर खुलता था बाल्कनी में जाने के लिए|

राजपूत साब ने बेड पर गुलाब की पंखुड़ियां बिछाई थी उससे पूरा रूम महक रहा था| उसकी धीमी खुशबू में मैं तो भूल गयी खुदको| फिर साहब ने आवाज़ दी और मुझे हाथों से पकड़कर अंदर लेके गए| वह रखे हुवे चमेली के गजरे उठाके मेरे सिर की ओढनी को निकालके मेरे बालों में पहना दिए| अब मेरे साथ गुलाब और चमेली की महक चारों ओर घूमने लगी| मैं चारों ओर देख रही थी, वहां बेड रूम में दो बड़े झूमर उन कालीनों के ऊपर लगा दिए थे और वो पूरे बेडरूम में जगमगा रहे थे| वहीं खड़ी रहके खुशबू में मगन हो रही थी तभी परिमल साहब ने मुझे उनकी ओर खींच लिया और पूरी हवस के साथ मेरे रसीले और लाल होठोंकी किसिंग करने लगे| इस नई वाली नथनी के साथ उनको अब ज्यादा आनंद मिल रहा था वो उनकी हलचल से पता चल रहा था| कुछ समय बाद, मेरी साड़ी उन्होंने हाथ में ली और मुझे बाल्कनी में जाने को बोला और वो सोफे पर बैठ गए, तो मैं घूमते घूमते बाल्कनी में गयी| मेरी साड़ी पूरी उत्तर गयी और कालीन पर बिछ गयी| साहब मेरे पीछे से बाल्कनी में आये और मुझे रेलिंग के साथ हाथ रखके बीच में पीछे से पकड़ लिया| मैं वहांसे बाहर का नजर देख रही थी| रात में टेंट हाउस भी चमकता दिख रहा था| और मेरी अमेरिकन डायमंड्स वाली नथनी अंधेरे में चमक रही थी क्योंकि वहाँ झूमर की रोशनी तेज नही आ रही थी| बाल्कनी में थोड़ा अंधेरा सा लग रहा था, मगर उन्होंने मेरी गर्दन और हाथों को किसिंग करके अपने आप को रोक दिया| फिर मुझे लेके वो बैडरूम में चले गए बेड की तरफ और बोले "देखो, अब एक मस्त जादू होने वाला है|"


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