राजपूत साहब ने jazz म्यूजिक लगाया तो सारे फार्महाउस पे वो बजाने लगा | उन्होंने अपना ट्रेडिशनल पायजामा निकालके रख दिया मेरे साड़ी के ऊपर सोफे पर, और सिर्फ सफेद शॉर्ट्स पहने हुवे मुझे नजदीक बुला लिया | मैने बियर मुँह में ली और उनको पिलाने लगी, तो वो सोफे पर बैठ गए और मुझे उनके जांघों के बीच पकड़ लिया | फिर उन्होंने दो कांच के गिलास मेरे दूसरे हाथ में दिए और दोनो गिलास आधे भरने को बोला | मै जैसे ही गिलास भर रही थी तो बोले "अभी इसके बाद तुम्हारे हाथ से न गिलास गिरना चाहिए और न ही मेरी बियर की बोतल | अगर कुछ गिर गया यहां तो मेरे से बुरा कोई ना होगा..." मैं बहोत घबरा गई और हल्के हल्के गिलास भरने लगी | तब उन्होंने मेरी कमर को दोनो हाथों से पकड़ के चूमना शुरू किया, और मुझे गोल गोल घुमाके मेरे पीठ के कमर वाले भाग को भी चूमना शुरू किया, और मैं बिना बियर बहाये मदहोश हो रही थी | और कुछ समय बाद, मैने महसूस किया की गोल गोल घूमाते उन्होंने मेरा पेटीकोट का कमर पे कसा हुवा नाड़ा खोल दिया है और पेटीकोट मेरे पैरों में घूम रहा है | उन्होंने अपने हाथोंसे उसको उठाया और सोफे पर रख दिया | फिर मुझे बोतल और गिलास दोनो टेबल पे रखने को बोल दिया और मैने वैसा करते ही मुझे सामने से कंधे को पकड़ के बहोत जोर से अपने आग़ोश में ले लिया | उनका हाथ मेरे कमर और नितम्ब की गोलाई पे मंडरा रहा था, और उनके होंठ मेरे नथुनी को और होठों - गालों को चुम रहे थे, उनके पैर मेरे नंगे पैरों को हर तरफ से टटोल रहे थे | थोड़ी देर सामने से चूमने के बाद, उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया, और तभी मुझे उनके सफेद शॉर्ट्स के अंदर के लंड का अंदाज आ गया, वैसे भी उन्होंने मुझे कुछ फ़ोटो भेजे थे मिलने से पहले, मगर रूबरू मिलने के वक़्त जो लंड की मादकता दिख जाती है वो फ़ोटो में कहाँ होगी? मैं उसी मादकता में खुल के उनको मेरा बदन परोस रही थी| उनके लंड पीछे से मुझे चुभ रहा था और butt plug भी अंदर मेरे छेद को कुरेद रहा था| फिर अचानक उन्होंने मुझे अलग कर दिया और बाहर झूले पे जाके बैठ गए और मुझे भी बाहर बुलाया| मैं अधनंगी बाहर जानेसे शरमा रही थी, तो उन्होंने बोलै "अरे, कोई नही देखेगा, मेरा विश्वास करो| आओ बाहर, कोई देखेगा तो उसको भी खुश कर दो तुम, कोई तुम्हे ऐसेही टाइम-पास के लिए देखता रहेगा क्या?, आओ आओ"| मैं सिर्फ लाल ब्लाउज, लाल ब्रा और लाल जालीदार पैंटी के साथ बियर लेके पायल बजती और चूड़ियां खनकाती औरत की तरह बाहर आ गयी | बाहर शाम के 6 बजे का अंधेरा छा रहा था, उन्होंने कहा "चलो, अब ऐसेही चलते चलते उस ओपन tent-house में चलते है, अपने ही खेत में है"| मैन देखा वहां खेत के बीच में एक ओपन tent house था जिसमे सिर्फ 4 - 5 मजबूत लकड़ी के डंडे के ऊपर बडासा छप्पर डालके खुली हवा का इंतेज़ाम किया था, और वो tent house एक 5 फ़ीट ऊंचे प्लेटफार्म पे बनाया था | उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और खेत के बाजू से लेके गए वहां | जब नजदीक गयी तो पता चला की वहां पे 3 रस्सिवाली चौपाईयां बिस्तर और तकिये के साथ रखी हुवी थी, और एकदम बार वाली नीली-पीली-हरी-लाल बल्ब से tent house पूरा उजला हुवा था| मेरी बदन की तड़प ज्यादा हो गयी थी शायद butt plug अंदर डाले चलने से या पायल-चूड़ियों की खनक से या नथुनी की बजह से मेरी कामुकता बहोत बढ़ गयी थी| उन्होंने मुझे स्टेप्स से ऊपर फ्लोरिंग के ऊपर बिछाये गालीचा पर लेके गए और मुझे बोले "अब और पिलाओ यहां पर, अपनी होठोंसे..." और मैने भी दुल्हन की तरह अपने दूल्हे की बात मान ली और पिलाने लगी|