下載應用程式
14.28% CEO madly in love with his contracted wife / Chapter 1: Smita
CEO madly in love with his contracted wife CEO madly in love with his contracted wife original

CEO madly in love with his contracted wife

作者: Pihu_only

© WebNovel

章節 1: Smita

राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर की भीड़ - भाड़ वाली सड़कें पर और चिलचिलाती धूप में एक लड़की बेतहाशा दौड़े जा रही थी यह स्मिता थी जसवंत सिंह राठौड़ की इकलौती बेटी जिसके नाम पर पूरा राठौड़ ग्रुप का बिजनेस था वह 5 साल की रही होगी तभी उसके मॉम डैड की मौत हो जाती है अपने मॉम डैड की मौत के बाद से ही स्मिता अपने अंकल रितेश राठौड़ के साथ रहती थी कहने को उसके परिवार में छः लोग थे उसके अंकल रितेश राठौड़ उसकी आंटी कामिनी राठौड़ उनकी दो बेटियां कायरा और मायरा और एक उनका बेटा प्रथम राठौड़ जो सबसे छोटा था इनके अलावा एक नैनी जो स्मिता के लिए रहती थी ।

स्मिता से सिर्फ दो ही लोग प्यार करते थे एक उसकी नैनी और दूसरा उसका छोटा भाई प्रथम हालांकि प्रथम अब ग्रेजुएशन के लिए बाहर भेज दिया गया था वह इस वक्त लंदन में था लेकिन फिर भी स्मिता से बात करना नहीं बोलता था वह जल्दी से वापस आना चाहता था और अपनी सिस्टर स्मिता के लिए वह सब कुछ करना चाहता था जिसे वह डिजर्व करती थी , प्रथम के लिए उसकी सगी बहनों कायर और मायरा के ज्यादा मायने नहीं थे क्योंकि वह दोनों ही बस अपने बारे में सोचती थी उन्हें अपने मेकअप और अपने कपड़ों से ज्यादा किसी और चीज की परवाह नहीं थी , प्रथम बाहर जाना भी नहीं चाहता था वह बस स्मिता के साथ ही रहना चाहता था ताकि सबसे उसकी रक्षा कर पाए लेकिन स्मिता के समझाने पर वह बाहर चला गया ।

"स्मिता मैम रुक जाइये वरना आपके अंकल से हमको डांट मिलेगी । " उन पिछे दौड़ते लोगो में से किसी एक ने हांफते हुए बोला ।

स्मिता : - " फिल्हाल मेरा रुकने का मूड नहीं है मुझे मजा आ रहा है और पकड़कर आप लोगों को क्या ही मिलेगा । " इसके बाद स्मिता जोर से भागती है लेकिन तभी आगे जाकार वो किसी से टकरा जाती है और वो स्मिता का हाथ पकड़ लेता है ।

स्मिता : - " तुम बेकार इंसान चम्मचे कहीं के मुझे अभी के अभी छोड़ो वरना अच्छा नहीं होगा, तुम मुझे जानते हैं कि मैं क्या कर सकती हूं । "

देवराज : - " तुम्हें ऐसे भगना नहीं चाहिए था और अच्छा क्या नहीं होगा मुझे भी बताओ और बताओ ना क्या कर सकती हो । "

स्मिता ने उसके हाथ को काट लिया और फिर से भागी लेकिन वह ज्यादा दूर जा पति उससे पहले ही देवराज ने उसे फिर से पकड़ लिया अब स्मिता की पैर घसीटते हुए देवराज के पीछे चल रही थी ।

स्मिता के घर के अंदर आते ही।

रितेश राठौड़ ( स्मिता के चाचाजी ) - " तुम बहुत ज़िद्दी हो । तुमको बाहर जाने से मना किया था न तुम नहीं सुनती हो ।"

स्मिता सबकुछ चुपचाप सुनती रही ।

रितेश राठौड़ :- " मायरा और कायरा भी रहती हैं यहीं पर ।"

स्मिता एक नज़र मायूशी के साथ देखती है और अंदर चली जाती है ।

नैनी - " बेटा क्यों जाती हो ऐसी बहार तुमको पता है ना तुम्हारे अंकल को नहीं पसंद है । " नैनी बचपन से स्मिता के साथ थी और उसकी देखभाल करती थी।

स्मिता : - " मॉम डैड मुझे छोडकर क्यों गए ये सब बहुत बुरे हैं इससे अच्छा वो मुझे अपने साथ ही ले जाते । "

नैनी : - " ऐसे नहीं बोलते हैं और प्रथम भी तो है ! "

" तो कैसे बोलूं आप ही बताएं! " स्मिता ने कहा।

उसके बाद नैनी स्मिता के सर पर हाथ फेरती है‌ । स्मिता बचपन से ही सब झेलती आ रही थी हर टाइम उसे बस टॉर्चर किया जाता था , उसके अंकल उससे बस नाम का रिश्ता था ।

रितेश राठौड़ के रूम में . . .

रितेश राठौड़ बहुत गुस्से अपनी पत्नी से बात करते हुए।

रितेश राठौड़ - "आज वो लड़की फिर से भाग गई अच्छे से अच्छा लॉक भी खोल लेती है ! "

रितेश राठौड़ - " पता नहीं भाई सा ने क्या देखा है इस लड़की में जो अपना सब कुछ इसके नाम करवा दिया कौन थी कहां से आई थी कुछ नहीं बताया।"

कामिनी राठौड़ - " अजी हो सकता है उनकी नाजायज बेटी हो आखिरकार आपकी भाभी सा और मेरी प्यारी बड़ी जीजी मां नहीं बन सकती थी! "

रितेश राठौड़ - "ऐसा भी हो सकता है आखिर हमारी रानी सा ये आपका ही कमाल है आपकी दी दवाओं की वजह से ही है जो आपने उन्हें दी थी लेकिन मुझे नहीं लगता भाभी सा भाई सा जितना प्यार करते थे उस हिसाब से ऐसा कर सकते हैं उन्होंने मां के कहने पर भी दूसरी शादी नहीं थी इसलिए मुझे लगता है उहोंने इसे किसी आर्फिनीज से लिया होगा खैर छोड़ो इसे कहीं से लिया है जो भी हो क्या कर सकते हैं?"

कामिनी राठौड़ - " एक बात बताइए ना!"

रितेश राठौड़ - "पूछो!"

कामिनी राठौड़ - " इसको पालने तक ठीक था लेकिन हम इसकी इसको स्टडी क्यों करवा रहे हैं और शादी भी करवा रहे हैं आखिर क्यों ? अब तक हमने सब कुछ हमारे नाम किया क्यों नहीं ? "

" शादी कौन करवा रहा है ! " रितेश राठौड़ ने कहा।

" मतलब ? मैं समझी नहीं ? " कामिनी ने कहा ।

" बहुत गहरी बात है थाने समझ में ना आवेगी इंतजार करो वो बोले है ना इंग्लिश में वेट एंड वॉच ! तुम बस रिलेक्स करो ! " रितेश राठौड़ ने कहा ।

कामिनी को कुछ भी समझ नही आ रहा था लेकिन वह और कुछ नहीं कहती है और थोड़ा सोचने के बाद से रूम से बाहर चली जाती है।

उसके जाने के बाद अपने बेड पर बैठकर रितेश राठौर थोड़ी देर शांत रहता है और फिर खड़ा होकर अपनी अलमारी के पास जाता है और शैतानी मुस्कान के साथ बोलता है " बस दो सिर्फ और सिर्फ दो महीने फिर सब ठीक हो जावेगा ! फिर ये स्मिता नाम का कांटा भी निकाल फेंकूंगा और सारा राठौड़ ग्रुप भी मेरा आखिकार भाईसा के बाद मेरा ही हक है राठौड़ ग्रुप्स पर ! "

कौन है स्मिता का मंगेतर और आखिरकार क्या वजह है कि उसके अंकल न चाहते हुए भी उसकी इतनी अच्छी परवरिश कर रहे थे ? क्या स्मिता अपने अंकल के इरादों को जान पाएगी ?

वैसे कोई हिंदी भाषा वाला पढ़े तो प्लीज कमेंट्स जरूर करना ।


next chapter
Load failed, please RETRY

每周推薦票狀態

Rank -- 推薦票 榜單
Stone -- 推薦票

批量訂閱

目錄

顯示選項

背景

EoMt的

大小

章評

寫檢討 閱讀狀態: C1
無法發佈。請再試一次
  • 寫作品質
  • 更新的穩定性
  • 故事發展
  • 人物形象設計
  • 世界背景

總分 0.0

評論發佈成功! 閱讀更多評論
用推薦票投票
Rank NO.-- 推薦票榜
Stone -- 推薦票
舉報不當內容
錯誤提示

舉報暴力內容

段落註釋

登錄