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60% The passion of love / Chapter 30: Shradha's mother is no more

章節 30: Shradha's mother is no more

अब तक 

 दूसरी ओर इंडिया में श्रद्धा की मां का भी ऑपरेशन हो चुका था, जब डॉक्टर बाहर आते हैं तो श्रद्धा डॉक्टर के पास जाकर अपनी मां की कंडीशन के बारे में पूछता है और डॉक्टर उसे ऐसी बात बताते हैं कि वह वहां पर बेहोश होकर गिर जाती है। उसे बेहोश होकर गिरते देखकर सोनाम और करणवीर उसके पास भागते हैं और उसे होश में लाने की कोशिश करते हैं लेकिन श्रद्धा को कोई भी होश नहीं आता थोड़ी देर बाद उसे भी एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है।

अब आगे 

 लगभग 2 घंटे बाद श्रद्धा को होश आता है होश आने के बाद वह देखी है कि उसके सामने सोनम बैठी हुई है, उसके वार्ड में एक सोफे पर करणवीर भी बैठा हुआ था। सोनम को देखकर श्रद्धा उसका हाथ पकड़ती है और कहती है सोना मम्मी कैसी है बताना मां कैसी है मुझे मां के पास जाना है उनसे बातें करनी वह ठीक हो गई उन्हें होश आ गया होगा ना यही वह बार-बार पूछे जा रही थी लेकिन उसकी इस उत्सुकता को देखकर श्रद्धा की आंखों से आंसू बहने लगे वह उसे अपना हाथ छुड़ाकर बाहर चली गई और वहां बाहर बनी हुई एक कुर्सी पर बैठकर रोने लगी।

उसके जाते ही श्रद्धा ने करणवीर की और देखा उसे भी वही सवाल किया करणवीर ने एक गहरी सांस ली और उसे कहा श्रद्धा तुम्हारी मां ऐसी स्टेज में है कि वह जिंदा भी है और मर भी चुकी है वह सिर्फ वेंटीलेटर के सहारे ही जिंदा है एक तरफ से वह मर चुकी है उनके शरीर में जो सांसे चल रही है उनकी जो धड़कन चल रही है वह सिर्फ और सिर्फ वेंटीलेटर और मशीनों की वजह से चल रही है, वह ब्रेन डेड कंडीशन में है ऐसी कंडीशन में इंसान कभी भी नहीं उठाता। डॉक्टर का सजेशन यही है कि तुम उन्हें इन सबसे आजाद कर दो वेंटीलेटर स्विच ऑफ करके उन्हें इस जिंदगी से आजाद कर दो ताकि जो यह........... इसके आगे के शब्द करणवीर से नहीं कहे जा रहे थे।

थोड़ी देर बाद डॉक्टर आती है जो श्रद्धा को चेक कर रही थी उन्होंने श्रद्धा को देखा और कहा देखिए मैसेज ओबेरॉय हम समझ सकते हैं कि यह करना आपके लिए कितना कठिन हो सकता है लेकिन हम आपके सजेशन देंगे कि आप अपने हस्बैंड को या फैमिली मेंबर्स में से किसी को बुलाने और यह काम करने को कह दे क्योंकि आपके लिए काम करना कितना दर्दनाक और कितना कठिन होगा यह हम सब समझ सकते हैं बेहतर होगा कि आप अपने हस्बैंड को या किसी फैमिली मेंबर को बुला ले या बोलकर वह वहां से चली जाती है।

 

डॉक्टर ने सच्ची कहा था अपनी मां के साथ ऐसा करना श्रद्धा के लिए बहुत ही ज्यादा मुश्किल होने वाला था या फिर नामुमकिन भी हो सकता था लेकिन श्रद्धा कर भी क्या सकती थी हार मानकर उसने सिद्धार्थ को फोन लगाना शुरू किया सिद्धार्थ का फोन बार-बार आउट ऑफ कवरेज एरिया बता रहा था उसने लगभग 100 बार उसे कॉल किया था, लेकिन सिद्धार्थ की तरफ से कोई भी रिस्पांस नहीं आया था हर बार आउट ऑफ कवरेज एरिया ही बता रहा था।

श्रद्धा ने गुस्से से अपना फोन पटक दिया और उसके फोन पटकते ही उसके फोन में वह सारी फोटोस ओपन हो गई जो माया ने उसे भेजी थी उन फोटोस को देखकर श्रद्धा के मन में ख्याल आया कि वह उसका फोन क्यों उठाएगी या उससे फोन अगर लग भी जाता है तो वह क्यों ही उससे बात करेगा या क्यों नहीं उसकी मदद करने आएगा वह तो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ विदेश में मजे कर रहा है। श्रद्धा काफी देर तक बैठकर रोती ही रह गई थोड़ी देर बाद सोनम मैं उसके कंधे पर हाथ रख श्रद्धा उसे देखकर उसे लिपटकर रोने लगी लगभग 2 घंटे बाद श्रद्धा अपनी मां के वार्ड में उनके बैठ के बगल में खड़ी थी उसकी आंखों में अभी भी आंसू भरे हुए थे उसने प्यार से अपनी मां के माथे पर चुम्मा और कहां आई एम सॉरी मां मैं आपको नहीं बचा पाई।

उसने खुद को बहुत ही ज्यादा हिम्मत दी और धीरे से वेंटिलेटर के स्विच को ऑफ कर दिया उसे स्विच के ऑफ होते ही थोड़ी देर बाद उसकी मां जो पहले से ही ब्रेन डेड कंडीशन में थी वह फूल डेड हो गई। मॉनिटर्स पर जो रेखाएं अब तक तेरी मेरी जा रही थी वह एकदम सीधी हो गई और उसे एक टूटू की आवाज आने लगी श्रद्धा की हिम्मत वही टूट गई और वह वही एकदम से जमीन पर गिर गई और रोने लगी थोड़ी देर बाद उसने हिम्मत की और अपनी मां से लिपटकर रोने लगी।

वार्ड के बाहर सोनम और करणवीर भी खड़े थे वह दोनों भी श्रद्धा को ऐसी हालत में देखकर उन्हें भी बुरा लग रहा था सोनम बहुत ही ज्यादा रो रही थी लेकिन फिर भी उसने खुद को हिम्मत दी और श्रद्धा के पास जाकर उसे संभालने की कोशिश करने लगी करणवीर भी वही गया और वह भी श्रद्धा को संभाल रहा था। 

इस घटना को लगभग दो दिन बीत चुके थे श्रद्धा ने अपनी मां के अंतिम संस्कार खुद ही किया उसके बाद वह अपने उसे घर में चली गई जहां पर वह अपनी मां के साथ रहा करती थी। यह घर मुंबई में ही था श्रद्धा वहां पर नहीं जाया करती थी उसे या तो वह पुराना घर याद आता था जहां पर वह बड़ी हुई है या फिर वह सोनम के पास रहती थी, इस घर में ही उसकी मां के साथ उसने आखिर के कुछ साल बिताए थे जिन्हें वह कभी भी याद नहीं करना चाहती थी जब उसके पापा ने उसकी मां को धोखा दिया था तब से वह अपनी मां के साथ यही रहती थी यहां पर उनकी बहुत सी कड़वि यादें थी लेकिन आज सोनम इस घर में थी।

उसके हाथों में उसकी मां की फोटो थी और उसे वह अपने सीने से लगाए रो रही थी उसने सोनम से भी उसके पास आने के लिए मना कर दिया था सोनम ने बहुत कोशिश की लेकिन श्रद्धा ने उसके लिए दरवाजा नहीं खोला।

वहीं दूसरी ओर एयरपोर्ट पर आज सिद्धार्थ अपने प्राइवेट प्लेन से उतारकर एयरपोर्ट से बाहर आता है उसके पास कुछ लोग एक छोटे से स्टेटस पर एक बच्ची को लिए हुए हैं यह बच्ची कृति ही थी और उसके पीछे-पीछे माया भी आ रही थी। एक बड़ी सी गाड़ी आती है एक बॉडीगार्ड प्रीति को उठाकर उसे गाड़ी में सेट करता है और उसके पास ही सिद्धार्थ भी बैठ जाता है माया जैसे ही गाड़ी में बैठने जाती है सिद्धार्थ उसे मना कर देता है उसे कहता है कि वह दूसरी गाड़ी में जाए और वहां रह जाओ घर उसने उसे दिया है।

माया तो सिद्धार्थ के साथ जाना चाहती थी वह सोच रही थी कि इस समय सिद्धार्थ शायद उसके किए हुए एहसान के तले दबा हुआ है जिसका फायदा उठाकर वह उसके करीब आ सकती थी लेकिन सिद्धार्थ ने उसे यह मौका नहीं दिया मां मसोस कर वह दूसरी कर से चली गई। सिद्धार्थ अपनी गाड़ी में बैठा हुआ था उसी के सामने की सीट पर कृति भी सोई हुई थी वह प्यार से उसके चेहरे पर निहार रहा था और उसके बालों में हाथ फेर रहा था। तभी उसकी नजर अपने असिस्टेंट पर गई उसने अपने असिस्टेंट को देखा तो उसे देखकर समझ में आ गया कि उसका असिस्टेंट उसे कुछ कहना चाहता है उसने अपने असिस्टेंट से कहने को कहा। लेकिन अपने असिस्टेंट की बातें सुनने के बाद सिद्धार्थ की आंखें हैरानी से बड़ी हो गई।

 

आखिर ऐसा क्या बताया सिद्धार्थ के असिस्टेंट ने सिद्धार्थ से जाने के लिए 

To be continued ♥️♥️♥️

राधे राधे


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