तो कहानी शुरू तेरा मैं दिखाया जाता है दूर एक स्पेस में एक पत्थर बहुत तेजी से एक तरफ बढ़ रहा होता है उसकी रफ्तार कहीं गुना ज्यादा तेज होती है फिर वह कुछ देर बाद किसी स्थान पर गिरने वाला होता है।
असल में वह पृथ्वी पर गिरने वाला होता है पृथ्वी की ग्रेविटी उसे अपनी और बहुत तेजी से खींच रही होती है जिसके कारण उसे पर आग लग जाती है क्योंकि वह जिस रफ्तार से आ रहा था और जो पृथ्वी की ग्रेविटी से खींच रही थी।
वह दोनों मिलकर बहुत तेज रफ्तार को बनती है जिसके कारण उसे पत्थर में आग लग जाती है और पृथ्वी के माहौल में ऐसे कुछ पार्टिकल होने के कारण जिससे उसमें आग लग सके इसके वजह से उसमें आग लग पा रही होती है क्योंकि वह पृथ्वी के अंदर 100 किलोमीटर तक घुस चुका होता है वह सिर्फ अभी आकाश में ही है।
पृथ्वी के सात को उसने अभी तक छुआ नहीं है पर कुछ देर बाद वह पृथ्वी की एक रेगिस्तान बंजर जमीन को छोटा है उसके कुछ दिन बाद वे पांच प्रोफेसर जो लगता से मिले और लक्ष्य की बुद्धिमानी की प्रशंसा करते रहते हैं।
उन पांचो को बुलाया जाता है क्योंकि उनमें से दो बायोलॉजिकल प्रोफेसर थे और दो मैकेनिकल प्रोफेसर थे और साथ ही साथ उनमें से एक केमिकल प्रोफेसर भी थे मतलब कि वह 5 मिलकर अब उसे पत्थर पर अपनी रिसर्च करेंगे।
वे लोग 5 दिन लगातार उसे पर रिसर्च करते हैं वह अपने मुमकिन से मुमकिन कोशिश कर लेते हैं परंतु वह उसका कुछ भी पता नहीं लगा पाए टेक्नोलॉजी कल और बायोलॉजिकल हो या केमिकल हर तरीके से उसे चेक कर लेते हैं उसमें से एक सुराग भी नहीं मिलने की यह किस तरह की चीज है।
असल में वह पत्थर एक बहुत बड़ी स्पेसशिप था जिसके ऊपर कहीं गुना ज्यादा मिट्टी लग गई थी और वह 5 तन भरी था और यूपी और राजस्थान दोनों को मिलाकर जितनी जगह को गिरता था।
और इसके गिरने की वजह से जो साउंड वेव पैदा हुई थी वह कई किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकती थी आसपास के गांव वाले यही सारी चीज पहले उन लोगों को बताई थी और जब उन लोगों ने देखी कि ऐसी है फिर जाकर उन्हें रिसर्च करें।
और अब वह यहां आकर खड़े हो गए कि उसे रिसर्च करने के बाद भी उन्हें कुछ हाथ नहीं लग रहा है वे लोग हार मानने को राजी नहीं थे।
पर तभी उन पांचो की नाक में दम करने एक छोटा सा प्रोफेसर जो हाल ही में अपनी केमिकल रिसर्च की पढ़ाई करके उनके साथ खड़ा था वह आता है वह उनके अभी छोटे-मोटे कम कर रहा था क्योंकि उससे ज्यादा कुछ अनुभव नहीं था इसी के कारण उन पांचो ने उसे छोटे-मोटे काम करने के लगा रखा था।
वे पांचों को ऐसे परेशान देखकर वह नया नौजवान जो उनके साथ जुड़ा था वह कहता है।
आप लोग इतने परेशान क्यों हो?
जिसके जवाब में वे पांच प्रोफेसर में से एक प्रोफेसर बोलता है तुम्हें पता है हम क्यों परेशान है इस पत्थर में से लिख ले जो भी चीज हैं उनमें से हम एक का भी पता नहीं लगा सकते पहले तो हमें 5 दिन लगे इसके इस हिस्से को काटने को जो अब हमारे पास है अब वह हिस्सा कट गया है उसके बावजूद भी हम उसमें से कुछ भी पता नहीं लगा सकते हैं जो एकदम हमें हैरान कर देता है।
फिर वह नौजवान उन लोगों को बोलता है ऐसी बात है मैंने सुना था कि आप किसी एक मशहूर जीनियस को जानते हैं जो इतना मशहूर और बढ़िया जीनियस है कि वह आपकी इसमें मदद कर सकता हूं तो आप उसी से क्यों नहीं पूछ लेते?
फिर पांच प्रोफेसर उसकी बात को सुनकर हैरान हो जाते हैं और सोचते हैं हां ऐसा हो सकता है लक्ष्य इस चीज में हमारी कुछ मत कर सकता है लक्ष्य ने कई किताबें पड़ी है उसे कई गुना नॉलेज है क्या पता उसे भी इसके बारे में नॉलेज हो क्योंकि उसने कई गुना नॉलेज ली है चाहे उसने किताब पढ़कर ली है पर उसको अच्छे से समझना और उसके बाद उससे ज्यादा जानकारी उसे मिलना यह कोई इत्तेफाक नहीं उसने उनकी किताबों में से जो जानकारी थी उसे अलग-अलग जानकारी से मिलाया और समझा है।
तो वह कहीं ना कहीं उनकी मदद कर ही सकता होगा परंतु वे लोग वापस सच में पड़ जाते हैं क्योंकि लक्ष्य ने उन्हें कुछ दिनों पहले जब तक की पत्थर नहीं गिरा था तब की बात है यह उसने बताया था कि वह अपने गांव बसेरा मैं जा रहा है।
उधर उसके कैसे रिलेटिव की शादी है और उसे वह अटेंड करना थोड़ा जरूरी है और अभी वह वहां होगा उधर वह वीडियो कॉल नहीं कर सकते जिसकी वजह से वह इस पत्थर को दिखाकर उसकी जानकारी ले सके परंतु वह उधर जाकर भी तो उसे दिखा सकते हैं पर इतना बड़ा पत्थर उनके साथ जाना शायद मुमकिन नहीं वह किसी तरीके से लक्ष्य से बात करने की सोचते हैं।
वह भारत सरकार को यह मिशन देते हैं कि उन्हें लक्ष्य की उसे इंपॉर्टेंट शादी के खत्म होते ही उन्हें लक्ष्य को इधर लाना होगा जितनी जल्दी से जल्दी बुला सके क्योंकि लक्ष्य इकलौता ऐसा इंसान है जो अब पूरी ह्यूमैनिटी के ऊपर इतने बड़े सवाल को हल कर सकता है यह आंखें यह चीज है क्या?
इसके बाद हमें लक्ष्य की तरफ दिखाया जाता है वह अपने माता-पिता को बताता है।
कि यह दो ऐसे लोग हैं जो ट्रेन में सफर करते हुए आम लोगों को लूटते हैं और उनके छोटे बच्चों को भी चुरा लेते हैं या उनके साथ बच्चियों हो तो उन्हें चुरा लेते हैं बच्चों के तो यह अंग निकाल कर भेज देते हैं।
और उनसे भीख मंगवाते हैं और बच्चियों को यह दूसरे देशों में भेजने के बाद देखते हैं यह उनकी बहुत बड़ी गैंग है और उनकी जरूरत भी कैसे हुई मेरी बहन की तरफ आंख उठाने की पे दोनों सारी बात सुनकर हैरान होते हैं और कहते हैं यह बातें तुम्हें कैसे पता तुम तो एक बच्चे हो और अभी हम तुमसे मिले हैं।
लक्ष्य कहता है जो चीज दिखती जैसी है वैसी होती है ऐसा जरूरी नहीं है तुम जैसों के लिए मैं यहां बैठा हूं चाहे मुझे तुम जैसे की जान लेनी पड़े पर अपनी बहन की तरफ तुम जैसों की उठती हुई आंखें मेरा दिल करता है उन्हें फोड़ दूं।
इसके बाद उसके दस्तानों में ऐसी तकनीक भी होती है जिसके कारण वह किसी भी जीव को कहीं से भी टेलिपोर्ट कर सकता है।
और वह उन दोनों को और उन दोनों की सारी जानकारी टेलिपोर्ट करके नजदीक के पुलिस स्टेशन में पहुंचा देता है उनकी जानकारी उनके कंप्यूटर के अंदर एक पेन ड्राइव को इंस्टॉल करके और उसमें वॉइस रिकॉर्ड भी डाल के सब कुछ समझा देता है।
इसके बाद लक्ष्य से अपने माता-पिता के साथ हंसी-खुशी अपने गांव की ओर चलती हुई ट्रेन में बैठा था।
इसके बाद लक्ष्य अपनी बहन से अपना स्मार्टफोन ले लेता है और उसमें वापस खेलने लगता है और उसकी बहन को जब उसे भी थोड़ी बोरियत होती है तो वह कहती है।
क्या तुम मुझे भी थोड़ी देर के लिए अपना स्मार्टफोन दे।
सकते हो उसके जवाब में कहता है मेरे पास एक और पड़ा है तुम उसका इस्तेमाल क्यों नहीं करती जो सुनकर वह नाराज हो जाती है और कहती इतनी देर से मैं यहां बैठी हुई हूं तुम मुझे पहले से नहीं बता सकते थे मैं भी टाइम पास कर लेती पर चलो कोई।
इसके बाद लक्ष्य और उसकी बहन अपना समय स्मार्टफोन में व्यतीत करने लगते हैं और चार-पांच घंटे बाद उनके ट्रेन उनके स्टेशन यानी की लक्ष्य की गांव पहुंच जाती है।
लक्ष्य अपने माता-पिता और अपनी बहन के साथ ट्रेन में से उतरता है वह बिल्कुल एक छोटे बच्चों की तरह अभी बर्ताव करता है।
ट्रेन में जब वह थे तो उसके माता-पिता ने उतरने से पहले ही बोल दिया था तुम ज्यादातर समय छोटे बच्चों की तरह ही रहना या तुम वापस बड़ों वाली हरकतें करने लगे तो हमें मुश्किल हो जाएगी उन सबको सारी बातें समझने में बच्चों के साथ तुम अपने बड़े होने वाले बिहेवियर के साथ खेल तो सकते हो पर उन्हें शक मत होने देना कि तुम सच्ची में बड़ों की तरह सोच सकते हो और समझ सकते हो।
लक्ष्य का पूरा परिवार कुछ देर वही रेलवे स्टेशन पर इंतजार करता है फिर उन्हें लेने एक गाड़ी आती है जो उसके चाचा जी की होती है वे लोग उसमें बैठते हैं और उनके गांव वाले घर की तरफ चल देते हैं जहां रास्ते में जाते हुए लक्ष्य के पिता अपने छोटे भाई से बहुत बात करते हैं।
ऐसे ही कुछ देर में उनका रास्ता पूरा खत्म हो जाता है परंतु जैसे ही घर पहुंचता है उन्हें कुछ लोग मिलते हैं जो असल में लक्ष्य के मां की सहेली का परिवार होता है।
लक्ष्य को एक लड़की दिखाई देती है जिसने लक्ष्य की मां की सहेली का हाथ पकड़ रखा होता है जो लगभग लक्ष्य की उम्र होगी।
लक्ष्य को पता चलता है कि इस लड़की का नाम प्रिया होता है।
प्रिया अपनी मां का हाथ छोड़ते हुए लक्ष्य की ओर बढ़ती है और लक्ष्य को देखकर कहती है तुम लगता है मेरी मां की सहेली के बेटे हो।
मेरी मां ने तुम्हारे बारे में बताया था कि तुम तुम्हारा नाम लक्ष्य है और तुम उनके बेटे हो तो क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?
जो सुनकर लक्ष्य थोड़ा घबरा रहा होता है और खिलाते हुए बोलता है क्या-क्या… दोस्त! मैं तुम्हारा कैसे… बन सकता हूं।
तभी लक्ष्य की बहन उसके कमर पर पीछे से हाथ रखती और कहती है यह लड़कियों से बात करने में थोड़ा सामाता है खास तौर पर तुमसे।
क्योंकि कोई भी लड़की इतनी जल्दी आकर उसे ऐसे ही बात तो करती नहीं।
जिसकी जवाब में लक्ष्य कहता है लक्ष्य अपनी बहन के कान में कहता है उसे झुककर की बहन ऐसी कोई बात नहीं है लड़कियां मेरी क्लास में मेरे आस-पास ही मर्डर आती रहती है मुझे इससे कोई दिक्कत तो नहीं है पर इससे बात करने में थोड़ा डर सा लग रहा है घबराहट हो रही है ऐसा लग रहा है जैसे की हां मैं बस ऐसे देखता रहूं।
जिसके जवाब में लक्ष्य की बहन उसे कान में रहती है लगता तुझे प्यार हो गया फिल्म नहीं देखी प्यार है तुमसे प्यार है तुमसे मुझको सनम हाय गाना मूवी का याद कर लीजिए वापस।
लक्ष्य हैरान वह अपनी बहन के ऐसी बातें सुनकर कहता है यार मैं अभी छोटा हूं बच्चा हूं कैसे हो गया प्यार बच्चों को कब से होने लगा प्यार बच्चों को कब से पसंद है प्यार में यार भी कोई चीज है।
मैंने प्यार वाली किताबें पड़ी है पर मैं पहली बार यार फुल कर रहा हूं प्यार क्या होता है मुझे बहुत घबराहट हो रही है खास तौर से इस लड़की को देखकर क्योंकि मैं अपने आप को संभाल नहीं पा रहा हूं।
इसे देखते हुए भी पता नहीं मेरा क्या होगा?
तभी कुछ गाड़ियां लक्ष्य के गांव में कुश्ती हैं और लक्ष्य के गांव वाले घर में जहां वह रुक होते हैं उसके सामने आकर वह गाड़ीया रूकती है और उनमें से दो गाड़ी में से आगे पीछे वाली कुछ बंदे निकलते हैं और वह एक लाइन से खड़ी कर लेते हैं।
और बीच की तीन गाड़ी में से तीन खास लोग निकालते हैं पहले तो होते हैं उसे स्टेट के प्राइम मिनिस्टर दूसरे होते हैं इंडिया के होम मिनिस्टर और तीसरे होते हैं नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर।
यह तीनों लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं और लक्ष्य को कहते हैं तो आप है लक्ष्य से द ग्रेट जीनियस लक्ष्य।
लक्ष्य सबके जवाब में बोलता है अब मैं भी अपने फैमिली फंक्शन में आया हुआ हूं तो प्लीज आप कृपया करके यहां से जाएं मुझे वह अटेंड करने दे।
लक्ष्य के गांव वाला परिवार जो होता है वह लक्ष्य के आसपास इतने बड़े-बड़े लोगों को देखकर बाहर निकल आते हैं और वह लक्ष्य के माता-पिता से पूछते हैं।आखिरकार यह सब क्या हो रहा है और यह लोग लक्ष्य से क्यों मिलने आए हैं लक्ष्य ने ऐसा क्या किया है कि इतने बड़े पद पर रहने वाले लोग लक्ष्य जैसे बच्चों से मिलने हमारे गांव तक आगए है।
जिसके जवाब में लक्ष्य के पिता सब कुछ समझा देते हैं कि लक्ष्य आखिर किस हद तक समझदार है और क्या-क्या उसने अब तक अचीव कर लिया है।
लक्ष्य को जब है मिलने आए थे तब उसके आसपास उसकी बहन और प्रिया खड़े थे वह अब भी उसके पास खड़े हैं और भी तीनों लक्ष्य को कहते हैं कि हमें आपसे कुछ अकेले में बात करनी है जो बहुत जरूरी है जिसके कारण हमें आपके यहां डिस्टर्ब करना पड़ गया है।
लक्ष्य उनसे बात करने के लिए एक अकेले कमरे में ले जाने लगता है और सबको बोलता है कि मैं उनसे कुछ जरूरी और इंपॉर्टेंट बात करके आता हूं जिसके लिए यह लोग यहां आए हैं।
वे तीनों लक्ष्य से अकेले में बात करने लगते हैं की तभी जो होम मिनिस्टर और चीफ मिनिस्टर उसे कमरे में होते हैं उन्हें नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर उन्हें विनती करते हैं कि वे लोग कृपया करके उन दोनों को अकेला छोड़ दे और उन दोनों को ही यह बात करनी होगी।
जो सुनकर वे दोनों हैरान हो जाते हैं कि इतनी इंपोर्टेंट बात है की जिसको देनी है वह जान सकता है और जिसे जानी चाहिए वही जान सकता है आखिर यह कितनी इंपॉर्टेंट बात हो सकती होगी जो सोचकर वह दोनों बाहर चले आते हैं।
जो देखकर बाकी सब हैरान और उनसे पूछते हैं आखिर आपको बाहर क्यों भेज दिया और वह सारे बातें वह सब बता देते हैं।
क्यों क्यों भेज दिया।
यह सब कुछ समझते हैं कि लक्ष्य ने उन्हें बाहर नहीं भेजा उन्हें नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर ने बाहर भेज दिया है।
इसके बाद सारी बातें लक्ष्य को नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर बता देते हैं जो सुनकर लक्ष्य बहुत जोर से चिल्लाता है।
और कहता है ऐसा नहीं हो सकता जिस आवाज को बाहर तक लोग सुन लेते हैं और कहते हैं आखिर क्या बात हो रही है अंदर सोचने लगते हैं कि भाई क्या है बांदा केन बंदों से बात कर रहा है फिर भी इतनी तेज चल रहा है।
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर उसे प्यार से कहता है कि आपको धीरे से बात करनी चाहिए बाहर यह बातें किसी को पता चल गई तो अफरा तफरी मत सकती है एक छोटी सी बात भी पूरी दुनिया को हिला सकती है उन प्रोफेसर का मानना है कि वह कोई एलियन टेक्नोलॉजी है परंतु वह उसका पता नहीं लगा सकते लक्ष्य कहता है मैं उसका पता या उसकी जानकारी निकाल तो सकता हूं।
परंतु उसके लिए उसे मेरी लैब में होना चाहिए।
उधर जाकर मैं इसके बारे में अच्छे से जानकारी निकाल पाऊंगा यह जान पाऊंगा कि आखिर यह है क्या उन प्रोफेसर को कह दो कि जब तक मैं ना आऊं उसे तकनीक को छुए बिना क्योंकि मुझे शायद देखकर ही पता चलेगा कि आखिर वह है क्या क्योंकि मैं बिगर देखें तो कुछ जान नहीं सकता और उसे तकनीक का इस्तेमाल जहां तक है।
सिर्फ मैं ही और मैं ही कर पाऊंगा इस दुनिया में तो क्योंकि उसे तकनीक को स्टार्ट करने के लिए जो एनर्जी सोर्स चाहिए उससे कहीं गुना ज्यादा पावरफुल एनर्जी सोर्स मैं इधर आने से पहले बना लिया है।
उसे एनर्जी सोर्स का नाम है वह इतना एनर्जी को प्रोवाइड कर सकता है कि वह 15 गैलक्सी कोटक उसे स्पेसशिप की मदद से घूम सकते होंगे बस एक कान ही उसका इतना ताकतवर है तुम उसे एनर्जी को सॉलिड और एनर्जी फॉर्म दोनों में कन्वर्ट कर सकते हो वह हर तरह के फॉर्म में जा सकता है सिर्फ गैस को छोड़कर।
पर तभी लक्ष्य पूछता है आखिरकार तुमने उन दोनों को फिर बाहर क्यों भेजा यह तो छोटी सी बात थी ना जिसके जवाब में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर बोलते हैं।
कि मैं उन्हें बाहर इसलिए भेजा क्योंकि यह बात किसी को पता ना चले इसका ऑर्डर डायरेक्ट प्राइम मिनिस्टर और प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया की तरफ से आया था क्योंकि उन दो को ही इन पांच प्रोफेसर के द्वारा बोला गया था।
आपको इस संदेश का पहुंचने के लिए उसके लिए यह छोटा सा गांव के एक-एक बंदे को तबाह भी करना पड़ता या मर भी देना पड़ता तो दुनिया इस पर उंगली भी नहीं उठाती सिर्फ आपकी वजह से आप इतने जीनियस हो कि आपके लिए यह छोटी सी कुर्बानी कुछ भी नहीं होगी।
लक्ष्य उससे थोड़ा ऊंची आवाज में बोलता है भाई यह गांव मेरा है मेरे गांव में कुछ देख शांति से रहने आए हो तबाही मचाने नहीं आया रहने दे यार।
उसकी ऐसी बातें बाहर तक पहुंच जाती हो ऐसी बातें सुनकर सारे लोग हैरान की लक्ष्य इतने बड़े अधिकारियों को अपना ऐसे मामले तौर से जैसे बुलाते हैं वैसे बुलाता है और बात कर रहा है जो उनको देखकर यकीन नहीं हो रहा होता।