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章節 4: wine

आरव का बेस्ट बिजनेस अवार्ड जयपुर में होने वाला था जिसके बाद जिसे भी ये अवार्ड मिलेगा उसे इंडिया का सबसे बड़ा फाइव स्टार होटल बनाने का मौका मिलने वाला था इसके लिए उसने जयपुर के फाइव स्टार होटल पिंक सिटी होटल में बुकिंग करवाई थी अक्षत को कुछ काम था इसलिए वह कल आने वाला था लेकिन आरव को यहां आकर एक प्रेजेंटेशन भी तैयार करना था इसलिए वह एक दिन पहले आया था।

दुसरी तरफ

नताशा स्मिता के पास पहुंचती है और जो नक्ष के घर के पास एक पार्क के अंदर स्टार्स पर बैठी थी उसे ऐसे देखकर पहले परेशान तो नताशा परेशान होती है लेकिन फिर उसके पास पहुंचती है ।

" क्या हुआ स्मिता?" नताशा ने स्मिता से पूछा ।

स्मिता ने जैसे ही नताशा को देखा उसने उसे ज़ोर से हग कर लिया कर लिया और बहुत जोर से रोने लगी काफी देर बाद अच्छा महसूस होने पर वह शांत हुई खुद को संभाला और जो कुछ उसने नक्ष के घर में देखा सब नताशा को बता दिया।

"ऐसे इंसान के लिए आंसू मत बहाओ ! अच्छा हुआ उसका सच तुम्हारे सामने अभी आ गया अगर इससे ज्यादा देर हो जाती तो तुम्हारी जिंदगी पूरी तरीके से बर्बाद हो जाती और फिर इससे तुम उससे चाह कर भी बच नहीं पाती ! " नताशा ने दिलासा देते हुए कहा।

स्मिता थोड़ी देर के लिए शांत रहे और फिर बोली " हां शायद लेकिन क्यों हर बार भगवान मुझे ही तकलीफ देने के लिए चुनते हैं आखिरकार मैंने किसी का क्या बिगाड़ा है ? यार मुझे समझ नहीं आता क्यों भगवान को मुझ पर तरस नहीं आता!"

उसके बाद नताशा भी उसके पास काफी देर तक बैठेगी जब स्मिता आखिरकार पूरी तरीके से ठीक हो गई तो उसने कहा " क्या हम घर चले मैं तुम्हें घर छोड़ देती हूं ! "

लेकिन स्मिता ने कहा " मुझे घर नहीं जाना!"

"ठीक है हम घर नहीं चलते हैं लेकिन हम यहां तो बैठे नहीं रह सकते !" नताशा ने कहा ।

" तो अब हम कहां जाएंगे !" स्मिता ने कहा ।

उसके बाद नताशा ने स्मिता का हाथ पकड़ दिया और उसे कर की तरफ ले गई " ओके हम पहले डिनर करेंगे और उसके बाद देखते हैं क्या करना है ?"

स्मिता ने नताशा जकी बात पर सहमति से सिर हिलाया

इसके बाद नताशा स्मिता को पिंक सिटी होटल में ले गई पिंक सिटी होटल जयपुर का सबसे बड़ा होटल था जिसके अंदर सुविधा थी उसके अंदर रेस्ट्रोएंट से लेकर वाइन बार भी था नताशा ने एक प्राइवेट रूम बुक किया और के होटल रूम भी बुक कर दिया , डिनर करने के बाद स्मिता के दुख को कम करने के लिए वाइन मंगवा ली देर बाद कुछ देर बाद दोनों लड़कियां पूरी तरीके से नशे में थी ।

दोनों हद से ज्यादा वाइन पी चुकी थी नताशा ने वाइन हाथ में लेकर झूमते हुए कहा "तुझे पता है ही इज नॉट डिजर्व यू , वह कामीना तुझे बिल्कुल भी डिस्टर्ब नहीं करता है !"

स्मिता भी अब नशे में थी और कहा " यू आर राइट, वो कुत्ता है! कामीना है!"

उसके बाद नताशा ने कहा " मैंने सोचा था की जब मैं मुंबई जाऊंगी, तो तुम वहां पहले से होगी क्योंकि नक्ष के साथ शादी के बाद तुम वहां जाने वाली थी लेकिन अब क्या? "

दुसरी तरफ

एक वीआईपी प्राइवेट रूम के अंदर आरव अपना डिनर कर रहा था तभी पिंक सिटी होटल के रेस्टोरेंट का मैनेजर आता है और कहता है " सर! आप ड्रिंक लेंगे क्या ?"

" मैं ड्रिंक नहीं करता!" आरव ने कहा।

मैनेजर ने फिर से कहा " तो सर आपके लिए सॉफ्ट ड्रिंक ले आऊं!"

मैनेजर की बात सुनकर हैरान था आरव हैरान था " मिस्टर खुराना मुझे कुछ भी नहीं चाहिए अगर कुछ चाहिए होगा तो बाकी स्टाफ है मैं खुद मंगवा लूंगा आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है!"

आरव ने साफ-साफ कह दिया था कि उसे किसी चीज की जरूरत नहीं है लेकिन फिर भी काफी देर तक मैनेजर वहीं खड़ा रहा आरव अब और भी हैरान था उसने फिर से ऊपर देखा और कहा " मिस्टर खुराना क्या आपको कोई और काम नहीं है या आपके रेस्टोरेंट ने आज की सैलरी इसलिए दी है कि आप मुझे देखते रहे! और मैं कोई लड़की नहीं जो आप मुझे इस देखे जा रहे हैं !"

आरव की बात सुनकर मैनेजर शर्मिंदा हुआ और चला गया।

कुछ देर बाद आरव लिए वह एक ड्रिंक आया ना चाहते हुए भी आरव ने आखिरकार उस ड्रिंक को ले लिया क्योंकि उस वेटर ने कहा कि यह स्पेशल ड्रिंक है जो हर मेंबर के लिए है!

डिनर करने के बाद और अपने रूम पर लौट आया।

दूसरी तरफ नताशा और स्मिता ने भी हद से ज्यादा ड्रिंक कर ली थी इसलिए नताशा और स्मिता जैसे तैसे करके अपने रूम में चले गए कुछ देर बाद स्मिता ने कहा " मुझे लगता है मैं कुछ भूल गई हूं!"

" I know ! तुम क्या भूल गई हो !" नताशा ने कहा।

" मैं क्या भूल गई हूं !" स्मिता ने पूछा ।

" अरे तुम अपना दुख भूल गई हो ! " नताशा ने कहा।

फिर स्मिता ने अपने आसपास देखा अपनी पॉकेट को चैक किया और फिर कहा " अरे नही नताशा मैं अपना फोन

भूल गई हूं मैं लेकर आती हूं!"

" अरे रुको ! मैं भी चलती हूं ! " नताशा भी जाने के लिए खड़ी होती है वह भी साथ जाने को कहती है लेकिन स्मिता मना कर देती है।

स्मिता ने कहा " नहीं तुम वेट करो मैं बस 5 सेकंड में आ जाऊंगी !" नताशा ने ओके कहा ।

इसके बाद स्मिता अपना फोन लेकर वापस आ रही होती है तभी कॉरिडोर के अंदर वह एक लड़की से टकरा जाती है

" क्या तुम अंधी हो तुम कुछ दिखाई नहीं देता ? " लड़की ने कहा।

स्मिता अभी भी नशे में थी इसीलिए उसने ज्यादा कुछ नहीं कहा और बस माफी मांगी।

उसके बाद दोनों ने नीचे पड़ी हुई अपने रूम की चाबी उठा ली, अपने रूम का नंबर देखा रूम को चाबी से ओपन करके अंदर चली गई।

वह लड़की भी अपने की नंबर को देखकर अपने रूम पर चली गई।

अपने रूम के अंदर दोबारा अंदर गई तो उसे यह रूम थोड़ा अलग अलग लग रहा था लेकिन उसने इस पर ज्यादा ध्यान दिया लेकिन अचानक उसे खींच लिया गया ।


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