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章節 37: chapter 37

वरदान ने बेपरवाह तरीके से जवाब दिया

" वह मेरी बॉस है "

इतना कहकर वो वहां से चला जाता है

लाइब्रेरी के बाहर वरदान लग्जरी कार में बैठकर नैंसी को देख रहा है जो लाइब्रेरी मैं कांच के दरवाजे के अंदर खड़ी हुई है

6 साल पहले शेखावत फैमिली बैंक्रप्ट होने की कगार पर आ गई थी.. अगर 6 साल पहले नैंसी ने उसकी कंपनी में इन्वेस्ट नहीं किया होता तो आज वो इतना सक्सेसफूल नहीं हो पाता... नैंसी ने जब उसकी कंपनी मैं इन्वेस्ट किया था तब वो मात्र 16 साल की थी...इंडिया मैं लीगल ऐज 18 साल है किसी भी काम को शुरू करने के लिए ... इसलिए वो अपना खुद का बिज़नेस नहीं खोल सकती थी... उसने सेवन स्टार लीग की स्थापना भी की है...लेकिन वो भी अपने मास्टर के नाम पर शुरू की है |

जब नैंसी ने उसकी कंपनी मैं इन्वेस्टमेंट का प्रस्ताव रखा था.. वरदान ने भी पहले दूसरों की तरह उसे नासमझ समझा.. यह सोच कर कि वह केवल उससे मजाक कर रही है लेकिन जैसे ही नैंसी ने उसकी कंपनी में इन्वेस्ट किया उसी वक्त उसके चेहरे पर भारी तमाचा पड़ा.. अफसोस की बात तो यह है कि 6 साल पहले उसके साथ कुछ ऐसा हुआ जिससे वह अपने सभी बिज़नेस से रिटायर हो गई

अगर उसे अपने मास्टर की मौत की वजह नहीं जाननी होती तो वह कभी उस छोटे से गांव को छोड़कर शहर नहीं आती

यूनिवर्सिटी मैं आधे घंटे घूम कर..नैंसी तुरंत यूनिवर्सिटी के कोने-कोने से परिचित हो गई थी.. अभी एक नई सेमेस्टर शुरू होने में 10 दिन बचे हैं इसलिए लाइब्रेरी बिल्कुल शांत है केवल दो से तीन एंप्लॉय अपना काम कर रहे हैं उसे कोई भी एंप्लोई संधिग्द(suspicious ) नहीं लगा |

.........

लवासा सिटी के पहाड़ी बिल्ला में अर्जुन लेक फ्रंट रिजॉर्ट से वापिस अपने शहर लौट आया है.. दो दिन के इंतजार के बाद वो sure था कि नैंसी वहां से भाग गई है या पूरी तरह से गायब हो गई है

[ फिर वहां रुकने का मतलब क्या है.. जब वो वहा है ही नहीं ]

" तुमने अच्छी तरह से देखे सीसीटीवी कैमरे "

रणबीर ने जवाब दिया

" मैंने फिर से जाँच की है मिस्टर मेहरा... मैंने सभी फुटेज ध्यान से और सावधानी से चेक किए है... मलाना गांव के हर एक मोहल्ले को.. हर एक सड़क को ध्यान से देखा पर मिस नैंसी के कोई निशान नहीं मिले "

" जमीन पर तुम्हें उसके कोई निशान नहीं मिले तो शायद उसे उड़ाना आता होगा "

रणवीर ने हवा में अपने हाथ फेंके और कहा

" मुझे कोई आईडिया नहीं है... मिस्टर मेहरा.. मिस नैंसी कहा जा सकती है "

अचानक से एक मेड कमरे में आती है ओर अर्जुन से कहती है

" सर मैडम आई है "

अर्जुन यह सुनकर और चिड़चिड़ा हो गया उसकी माँ का यहाँ आना.. कोई गुडन्यूज़ तो बिलकुल भी नहीं है

साक्षी अलीशा को लेकर कमरे में एंटर हुई.. अलीशा इस तरह चुपचाप बैठकर मेहरा फैमिली के फैसले का इंतजार नहीं कर सकती है .. उसे लग रहा है ज्यादा देरी करना किसी भी अर्चन को जन्म दे सकता है... वो सूजी हुई आंखों से रोती हुई साक्षी के पास गई.. साक्षी पहले से ही अर्जुन की शादी के लिए परेशान है इसलिए वो अलीशा को अपने साथ लेकर अर्जुन से बात करने के लिए आई है

" तुमसे नशे की हालत मैं कंट्रोल नहीं हुआ.. तो अब तुम्हे जल्दी करना चाइए और अलीशा से शादी कर लेनी चाहिए अगर बाहर लोगों को पता चलेगा कि तुमने नशे की हालत में अलीशा के साथ क्या किया ओर अपनी जिम्मेदारी निभाने से मना कर दिया तो इससे मेहरा फैमिली की रेपुटेशन पर बुरा असर पड़ेगा

अर्जुन ने अलीशा को कोल्ड नजरों से देखा और कहा

" तुम उस दिन बेड की साइड टेबल पर कौन सी चीज रख कर गई थी? "

अलीशा घबरा गई

[अर्जुन के कहने का क्या मतलबहै?.. वो बेड की साइड टेबल पर कुछ कैसे छोड़ सकती है जब उसने बेडरूम में एक कदम भी नहीं रखा? ]

उसे याद आता है कि वो मनहूस लड़की नैंसी सुबह-सुबह बिल्ला से बाहर निकली थी.. क्या नैंसी उस दिन कुछ चीज छोड़कर गई थी.. वह मन ही मन सोचने लगी कि नैंसी अर्जुन के साथ सोने के बाद कुछ चीज ज़रूर छोड़कर गई होगी .. पर वो क्या चीज हो सकती है जिससे वह अर्जुन को अपनी पहचान साबित कर सके कि उसने अलीशा के साथ ही रात बिताई है

उसे याद आता ही की उसने पार्टी मैं नैंसी की दाई हाथ की ऊँगली मैं एक अंगूठी देखी थी ... हाँ वो अंगूठी ही होनी चाहिए.. वह लड़की अर्जुन को अपना बनाने के लिए बहुत बड़ा प्लान बना रही है इसलिए अपनी पहचान साबित करने के लिए जरूर अपनी अंगूठी छोड़कर गई होगी

अलीशा ने हल्की मुस्कुराहट और सावधानी से अर्जुन की तरफ देख कर कहा

" मिस्टर मेहरा..मैं उस दिन बेड की साइड टेबल पर अपनी अंगूठी छोड़कर गई थी "

रणबीर ने उसकी तरफ अपनी आँखें घुमाई और सोचने लगा

[ तुम्हारे अच्छे दिनों का अब अंत हो गया है.. मिस अलीशा.. इतना बड़ा झूठ बोलकर तुमने खुद बर्बादी की राह पकड़ी है.. क्या तुम्हे सच में लगता है कि तुम मिस्टर मेरा को धोखा दे सकती हो और बिना उनकी मर्जी के उन्हें छू सकती हो ]

अर्जुन ने हल्की मुस्कुराहट से कहा

" अंगूठी? आर यू sure ? "

अलीशा ने पूरे यकीन से कहा

" हाँ मिस्टर मेहरा.. मैं अपनी अंगूठी ही छोड़ कर गई थी "

अर्जुन ने साक्षी की तरफ देखा और कहा

" यह लड़की उस रात मेरे बैडरूम में नहीं थी.. मिस अलीशा ने मुझ पर आरोप लगाया है.. अब मेरी बेगुनाही साबित हो गई है तो.. मेरे ख्याल से अब मुझे सक्सेना फैमिली को सबक सिखाने का पूरा अधिकार है...है ना? "

यह सुनकर अलीशा का चेहरा पीला पड़ गया.. साक्षी भी हैरान थी

" क्या? अलीशा उस रात तुम्हारे साथ नहीं थी "

अर्जुन ने कोल्ड आवाज में कहा

" यह सब मुझ पर छोड़ दीजिए रणबीर मिसेस मेहरा को यहां से ले जाओ "

साक्षी ने अलीशा को घूर कर देखा

" तुम्हें यकीन है.. यह उस रात नहीं थी "

अर्जुन ने फिर कोल्ड आवाज में कहा

" मुझे पूरा यकीन है.. बेड की साइड टेबल पर कोई अंगूठी नहीं थी "

यह सुनकर साक्षी गुस्से में अलीशा की तरफ देख कर बोली

" अलीशा जब तुम्हारे और अर्जुन के बीच कुछ हुआ ही नहीं था तो तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इतना बड़ा झूठ बोलने की? .. तुम्हें पता भी है.. लवासा सिटी में सब लोगों को पता चल गया है तुम लोगों के बीच कुछ हुआ है "

अलीशा पूरी तरह दहसत की स्थिति में आ चुकी है

वो कितनी सावधानी से अपने बनाए हुए प्लान को अंजाम दे रही थी लेकिन उसने कभी उम्मीद नहीं की थी.. अर्जुन के साथ रात बिताने वाली लड़की पीछे कोइ सबूत छोड़कर जाएगी

अर्जुन ने मैड की तरफ इशारा किया

" मिसेस मेहरा को यहां से ले जाओ "

साक्षी के जाने के बाद कमरे में केवल अर्जुन.. रणबीर और डर से काँप रही अलीशा है

रणबीर ने एक ग्लास में व्हिस्की डालकर अर्जुन को दी... ओर अलीशा की तरफ देख कर कोल्डली कहा

" मिस अलीशा आप मैं इतना साहस कहां से आया.. इस तरह से मिस्टर मेहरा को देख धोखा देने के लिए? आपने उन्हें क्या समझ रखा है? "

अलीशा कांपती हुई आवाज में बोली

" मैं.. मैने मिस्टर मेहरा को धोका नहीं... दी. दिया.....

बैंग

ग्लास जो व्हिस्की से भरा हुआ था... टेबल पर भारी तरीके से रखा गया

अचानक ग्लास की आवाज से अलीशा काँप गई

" रणबीर.. मिस अलीशा मुझे सीरियस नहीं ले रही है... तो मैं सक्सेना फैमिली को एक घण्टे के अंदर बैंक्रप्ट चाहता हूँ "

यह सुनकर अलीशा डर गयी ओर अर्जुन के पैरो मैं गिरकर माफी माँगने लगी

" मिस्टर मेहरा... मेरी फैमिली को जाने दीजिये... मैं बस....

अर्जुन ने उसके एक्सप्लनेशन को सुनने की ज़ेहमत नही उठायी... रणबीर ने दो बॉडीगार्ड को अंदर बुलाया ओर अलीशा को कमरे से बाहर खींच कर ले जाने का इशारा दिया

कमरा फिर से शांत हो गया.. अर्जुन ने ग्लास में व्हिस्की डाली और फ्रेंच विंडो के सामने खड़ा होकर बाहर का नजारा देखने लगा उसकी आंखें डार्क और कोल्ड थी

[ मैं देखना चाहता हूं.. तुम मुझसे कब तक भागोगी... नैंसी मलिक ]


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