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80% हमारी अधूरी कहानी (एक नई दास्ताँ) / Chapter 4: कौनसा रिश्ता....

章節 4: कौनसा रिश्ता....

साहिल ने उसे थप्पड़ मार तो दिया था लेकिन ये बात उसे चुभ सी रही थी। कि "मेने ऐसा क्यों किया"

वो फ़रीन को जाकर सारि बात बताता है। वो बोलती है "मेरे साथ कि चलो" और उसे परवीना के घर ले जाती है।

परवीना के अब्बू अभी भी वही थे। वो साहिल को देख वापस अपने कमरे में चले जाते है।

आमिना(फ़रीन) बोलती है

"बाजी से सॉरी बोलो"

साहिल बोलता है "पर उसने तुम्हे" वो आपनई बात पूरी कर ही रहा था कि आमिना ने उसकी बात को काटते हुए कहा।

"मेने सॉरी बोलने को कहा मेरे लिए एक बार सॉरी बोल दो"

साहिल सॉरी बोल देता है। तभी परवीना आमिना से बोलती है।

"वो सॉरी बोले या न बोले तुम्हे उस से क्या"

तभी साहिल समझ जाता हैं कि अब क्या होने वाला है और वो आमिना को लेकर वापस आ जाता है।

साहिल ने परवीना के घर जाना थोड़ा कम कर दिया था।

साहिल उस गली में जाता सबसे बात करता लेकिन परवीना से नही बोलता और बस यही बात थी जिसने उसे हँसना भूला दिया।

वो जो भी काम करती उसमे उसका दिल नही लगता। कुछ बोलती तो बोलते-बोलते चुप हो जाती, चुप बैठती तो कहीं खो सी जाती।

~जी आप सही सोच रहे हो उसे प्यार हो गया था साहिल से~

लेकिन अब कर भी क्या सकती थी साहिल तो बात करता नही था उस से।

एक दिन साहिल मुझसे बोला'

"भाई ये सब चल क्या रहा है, ये परवीना को हो क्या रहा है"

मेने उसे कहा "ये मोहब्बत है ही ऐसी, अपने महबूब से जितना दूर रहो ये उतना बढ़ती जाती हैं"

एक दिन परवीना के पापा ने साहिल को बुलाया और बोले

"बेटा वेसे तो मुझे ये सब बाते तेरे से नही करनी चाहिए लेकिन करनी पड़ रही है और प्लीज बुरा मत मानना, मुझे अपना एक दोस्त समझना"

साहिल बोलता है "जी अंकल"

वो बोलते है "बेटा अब तू उस उम्र में हैं जिसमें हर इंसान को एक बहुत बुरी बीमारी होती है। जिसे प्यार कहते हैं"

साहिल शर्मा रहा था अंकल ने उसकी मनःस्थिति भांप ली और बोले "में चाहता हूं तु मेरी बेटी से बात करो उस से तू क्या रिश्ता रखना चाहते हो उसे ये बताओ।"

साहिल कहता है "जी अंकल में सोचता हूँ कुछ"

वो परवीना के कमरे में जाता है उस वक़्त वो सोई हुई थी। वो धीरे से बेड पर बैठ जाता है और सोचने लगता है कि क्या बोले वो बहुत धीमी आवाज़ में बोलता है "परी" ये बोलना था कि परवीना आंखे खोलके देखती है, और साहिल को अपने सिराने बैठा देखती है

और बोलती है "क्या हुआ"

वो बोलता है "तू मुझ से क्या चाहती है"

वो बोली "तुम्हारे साथ एक ऐसा रिश्ता जो कभी न टूटे"

साहिल ने कहा "देख ऐसे तो तीन ही रिश्ते है

पहला! पति-पत्नी लेकिन में आमिना से प्यार करता हूँ तो ये नही कर सकता

दूसरा! दोस्ती लेकिन अगर हम दोस्त बन तो हमारे बीच कोई लिमिट्स नही होगी और इस से आमिना ओर मेरे बीच गलतफहमी पैदा हो सकती है इसलिए में ये भी नही रखना चाहता।

ओर तीसरा रिश्ता है भाई-बहन का इसमे न तो कोई अलग होने का रिस्क है और न ही दिल टूटने की दिक्कत ये रिश्ता में निभा सकता हूँ if you don't mind, अब ये तेरे ऊपर है कि तु कोनसा रिश्ता रखना चाहती है"

परवीना जैसे ही भाई-बहन का सुनती है वो गुस्से में आ जाती है लेकिन वो साहिल को खोना भी नही चाहती थी इसलिए उसने हाँ बोल दिया ( परवीना साहिल से दो साल बड़ी थी, इसलिए साहिल उसे बाजी बुलाने लगा और उसके अम्मी अब्बू को खालाजान और अंकल जी) साहिल बाहर आता है और अपने घर चला जाता है। उसके बाद परवीना निकलती है और अपने पापा को पूरी बात बताती है।


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