वो आज सुबह होते ही जल्दी उठ गई , क्यूंकि आज वो बहुत खुश थी, होती भी क्यों ना आज उसके स्कूल का पहला दिन था । आज से वो एक नई क्लास 9 वी मे जो प्रमोट हुई है , ' परी ..... परी ..." अंदर से मम्मी ने आवाज लगाई " क्या हुआ भाईई आज इतनी जल्दी कैसे उठ गई ???" ऐसे तो 9 बजे बिना बिस्तर से उठना तुम्हारे लिए पाप है । " मम्मी जल्दी से पानी गरम होने के लिए रख दो ना प्लीज़ मुझे आज जल्दी तैयार होना है " परी ने खुश होते हुए कहा । "जल्दी तैयार होना है जाना कहा है.... अच्छा ...आज से तुम्हारे स्कूल ओर हमारी परेड शुरू हो रहे हैं ..रखती हूं पानी " मम्मी ने कहा । आज परी बिना देरी किए जलदी जल्दी अपना बैग पैक करके अपने भाई मयंक का बैग पैक करने लगीं । फिर पानी गरम होते ही पहले नहाने के लिए चली गई । जल्दी जल्दी तैयार होकर वो मयंक को भी तैयार होने के लिए बोल रहीं थीं क्यूंकि छोटा भाई है तो साथ में स्कूल ले जाने पड़ेगा " चीकू यार तू जल्दी कपड़े पहन ना.... जभी से टीवी मे घुसा पड़ा है " परी चिड कर बोली । लेकिन मयंक भाईसाहब तो टीवी मे कार्टून देखने मे मग्न है , तभी ' सरिता ' यही नाम था परी की मम्मी का , चीकू को तैयार करने लगी वो बार बार कंघी करने के लिए उसका मुंह अपनी ओर करती लेकिन चीकू का मुंह बार बार टीवी की तरफ मुड़ जाता, ये देखकर परी ने उसे पीछे से सर पर टप से मारा , " जल्दी तैयार हो वरना मैं तेको छोड़ के स्कूल चली जाऊंगी , फिर घूमते रहना अकेले ओर वो गली के कुत्ते तुझ पर भोंकेंगे तो मुझे मत बुलाना " परी ने धमकी भरी आवाज में कहा । ये सुनके चीकू जल्दी से तैयार हो गया । चीकू का हाथ पकड़कर को स्कूल के लिए निकल गई । वहीं गेट , वहीं स्कूल , देखने की खुशी उसके चेहरे पर दिख रही थी । टीचर्स को देखते ही परी ओर चीकू ने "गुड मॉर्निंग मैम " विश किया । " गुड मॉर्निंग" सामने से जवाब आया । परी सबसे पहले अपनी क्लास मे गई ... क्लास से कोई शोर नहीं आ रहा था मतलब अभी कोई आया नहीं हैं ये सोचकर परी जैसे ही क्लास के अंदर गई तो...."तुम कौन हो?????" एक लड़का बेंच मे बैठा पेंसिल से डेस्क पर कुछ लिख रहा था ,परी ने उसे देखते ही अचानक पूछ लिया । " तुम कौन हो ?.....ये मेरी क्लास है " लड़के ने सवाल का सवाल मे देते हुए कहा । " तुम्हारी क्लास ... ये मेरी क्लास हैं" परी ने उसकी बात को काटते हुए कहा । " होगी अब मेरी भी है " लड़के ने फिर ऐब मै कहा । " ओह!!!! न्यू एड्मिशन .... ठीक है , पर तुम उस डेस्क में बैठ जाओ ये हमारी डेस्क है " परी ने हुक्म जमाते हुए कहा ।" ऐसा है तो तुम ही उस डेस्क में बैठ जाओ ...मे याहा से नहीं उठने वाला " लड़के ने भी हुक्म जमाते हुए कहा । अब तो परी को गुस्सा आने लगा "देखो तुम न्यू एड्मिशन हो तुम उस साइड बैठो ये गर्ल्स की बेंच हैं " परी ने गुस्से में कहा । " फिर तो तुम्हें भी वही बैठना चाहिए क्यूंकि तुम किसी लडके से कम हो क्या " लड़के ने अब तो मजाक उड़ाते हुए कहा । ये सुनकर परी का दिमाग जिस गुस्से में था मानो वो उस लड़के के सारे बाल नोच लेती ।" देखो....." परी बोल हि रहीं थीं कि , " क्या शोर हो रहा है ? " प्रिंसिपल की आवाज़ पीछे से आयी। प्रिंसिपल का केबिन परी कि क्लास के पास में ही था । "गुड़ मॉर्निंग मैम.." दोनों ने सुर से सुर मिलाते हुए कहा । " गुड़ मॉर्निंग ... अच्छा परिधि (हा परी का पूरा नाम परिधी था) ये न्यू स्टूडेंट हैं तुम्हारी क्लास में , ' आकाश ' और आकाश ये परिधी हैं इस क्लास की टॉपर ओर परिधी आकाश भी अपने पुराने स्कूल का टॉपर था । जब मैडम ने परी की तारीफ की तो परी ने गर्दन ऊंची करके आकाश की तरफ देखा , पर जब मैडम ने आकाश को टॉपर बताया तो परी चिढ़ गई पर अब आकाश गर्दन ऊंचे किए उसकी ओर देख रहा था ।" अच्छा शोर क्यों आ रहा था ?" मैडम ने पूछा ।" कुछ नहीं मैम वो हम इसे उस डेस्क मे बैठने को केह रहे थे" परी ने जवाब दिया ।" मैडम मुझे इसी डेस्क मे बैठना हैं प्लीज़ " आकाश ने बीच में कहा । परी ये सुनकर आकाश की ओर गुस्से से देख रही थी वो कुछ बोलती इससे पहले ही मैडम ने बोल दिया कि " तो क्या हुआ आकाश न्यू स्टूडेंट है आज के लिए उसे इस डेस्क मे बैठने दो " मैम पर ..... " परी के मुंह से निकला ," परी...." मैडम ने बोलते हुए परी की ओर देखा तो " ओके मैम " परी ने खराब मन से कह दिया । " चलो थोड़ी देर मे प्रेयर होने वाली है तुम दोनो ग्राउंड में आ जाओ " मैडम ने आर्डर देते हुए कहा और वहां से चली गई । मैडम के जाते ही आकाश मुंह बना कर परी को चिढ़ाने के लिए डेस्क मे पैर रख कर बैठ गया । ओर परी ये देखकर गुस्से से लाल हो रही थी उसका चेहरा लाल पड़ गया था इतने मे प्रेयर की बेल बज गई ओर दोनो प्रेयर के लिए चले गए प्रेयर मे परी को उसके जान से प्यारे दोस्त दिखे ओर वो लोग बिना किसी फिक्र के एक दूसरे से गले मिल रहे थे आफ्टर ऑल ३ महीने बाद मिल रहे थे । प्रेयर ख़तम होते ही सब बच्चे अपनी अपनी क्लास मे जाने लगे , क्लास में जाते जाते ही परी ने सभी लड़कियों को अभी अभी जो परी का दिमाग खराब हुआ था उसका कारण बताया । क्लास मे आते ही लडको ने तो आकाश से जान पहचान कर ली और साहिल ने आकाश को सभी लड़कियों से मिलवाया । प्राची, शिक्षा , रिया , अदिती , आर्या , आशिमा सभी ने आकाश को "हाय" कहा । इतने में टीचर क्लास मे आ गई ओर सभी स्टूडेंट्स ने उन्हें " गुड़ मॉर्निंग टीचर " बिल्कुल सुर मे गाते हुए कहा । ओर सब हंस पड़े ।
टीचर बोर्ड पर टाइम टेबल लिखवा रहीं थीं सभी टाइम टेबल नोट कर रहे थे पर साहिल , वो तो नोटबुक लेना ही भूल गया था उसने बैग चेक किया तो बैग मे चिप्स के पैकेट के अलावा कुछ नहीं था तभी उसने पेंसिल उठाने के बहाने डेस्क के नीचे झुक कर परी की पीठ पर पेंसिल पिंच करते हुए कहा " ... ए परिधी .. सुन ना .. ए मोटी .. " परी ने छुपकेसे पीछे देखते हुए कहा "क्या है ???"। " एक बीच का पेज दे ना मै कॉपी लाना भूल गया " साहिल ने धीरे से कहा ।" खुद को क्यों नहीं भुला ... रुक ... ये ले । " परी ने कॉपी के बीच का पेज फाड़ते हुए कहा । पर परी का ध्यान तो आकश की तरफ था उसका सर जो तोड़ने की इच्छा हो रही थी उसकी । आकाश भी परी की ओर ही देख रहा था । परी गुस्से से देख रही थी ओर आकाश उसका गुस्से वाला फेस देख कर अजीब से शकले बना रहा था जिसको देखकर परी को ओर गुस्सा आ रहा था । टीचर टाइम टेबल लिखवा कर क्लास से चली गई । टीचर के जाते ही परी ने सभी गर्ल्स को आकाश को सबक सिखाने के बारे मे बताया सभी गर्ल्स ने बोला " ठीक है " " पर सबक क्यों सीखाना हैं ???" प्राची ने पूछा । " ऑफहो .. पुरी रामायण ख़तम हो गई ओर ये अब पूछ रहीं है राम की सीता कोन " शिक्षा ने सर पर हाथ मारते हुए कहा । " रामायण का क्या करना है हमे तो आकाश को सबक सीखाना है ना " प्राची ने कंफ्यूज होते हुए कहा ।" आरे यार .. तू छुप रह तू बस सुन की क्या करना है "अबतो रिया ने उसे चुप कराते हुए कहा । उधर आकाश लडको को अपने पुराने स्कूल के बारे में बता रहा था ओर थोड़ी फेंक भी रहा था तो आर्यन कुछ कम थोड़े हि था वो अपने स्कूल और टीचर्स के बारे में बड़ी बड़ी बातें बोलने लगा , " अच्छा मुझे तो ऐसा नहीं लगा " आकाश ने मजाक बनाते हुए कहा ये सुनकर परिधी का दिमाग खराब हो गया ओर गुस्से में बोल पड़ी " हमारे स्कूल के बारे में कुछ बोलना मत ओर ज्यादा दिक्कत है तो वापस आपने स्कूल भाग जाओ " " नहीं जाऊंगा क्या कर लोगी " आकाश ने हस्ते हुए कहा । इससे पहले कुछ ज्यादा बात बिगड़ती आर्या और साहिल बीच मे बोल पड़े " ओम शांति ओम शांति अब जो भी बोलेगा वो सुवर का बच्चा " ये सुनकर सब चुप हो गए कोई अपने आप को सुवर का बच्चा नहीं बुलवाना चाहता था । सब एक दूसरे की ओर देखकर सोच रहे थे कि पहले कोन बोलेगा इतने मे साहिल बोल पड़ा " तुम झगड क्यों रहे हो सब अपने स्कूल की तारीफ ही करते हैं कोई बुराई नहीं करेगा " इतने मे आर्या ने कहा " तू इतना समझदार कबसे हो गया " " मुझे भी अभी पता चला " साहिल ने मासूमियत से कहा तो सबके सब हंसने लगे । आज स्कूल का पहला दिन था तो कोई पढ़ाई नहीं हुईं ओर सारे ब्वॉयज पेन फाइटर खेलने लग गए । इतने में अदिती ने बेंच से उठते हुए कहा " कुछ ऐसा खेलते हैं जो सब खेल सके " आशिमा , ने भी हामी भरते हुए कहा ।" क्या आंतक्षरी तुम लड़कियों का फेवरेट गेम " आकाश ने सारी लड़कियों को चिढ़ाते हुए कहा । " ओ हेलो आंताक्षरी लड़कियों का फेवरेट गेम नहीं है " परिधी ने अपनी डेस्क से उठते हुए आकाश की तरफ उंगली दिखाते हुए कहा । परी की उंगली को अपनी उंगली से हटाते हुए आकाश ने भी आगे बढ़कर कहा " ओह तुम्हार तो हो भी नहीं सकता क्योंकि तुम तो लडकी ही नहीं हो " । " क्यों तुम्हे डर लग गया " परी ने वापस उसकी ओर उंगली करते हुए कहा । " तेरे से ..... प्लीज़ " आकाश ने उसकी उंगली को फिर से अपनी उंगली से हटाते हुए बोला। शिक्षा बीच मे बोल पड़ी" ठीक है ठीक हैं हम कोई ओर गेम खेल लेते हैं , तुम लोग अपनी तलवार चलाना बन्द करो" । आर्यन ओर आशिमा ने बोला " मूर्ति बनो स्टॉप खेलते हैं " सभी ने जोश मे हा कहा । ओजस ने सबको गेम के रुल्स समझाने के लिए अपना चश्मा पहन लिया ओर टीचर् की चैर मे बैठ कर सबको बताने लगा " तो नन्हे मुन्ने बच्चो..... मूर्ति बनो स्टॉप बोलते ही सब लोग जैसे हैं वैसे ही मूर्ती बन जाएंगे ओर जिसपर दाम होगी वो सबको हसाएगा.... ओर जो भी हिलेगा वो आउट हो जाएगा ... तो बच्चो सबको समझ आ गया क्योंकि मैं अपना लेक्चर रिपीट नहीं करता.. ओके "। " ओह अपनी बकवास बन्द करो ओर गेम शुरू होने दो " रिया ने कहा । " पर दाम कोन देगा " आर्यन ने चुलबुली आवाज़ मे पूछा तो सबने एक आवाज़ में " आकाश देगा ... वो नया हैं" । आकाश ने भी हामी भरते हुए कहा " ओके इफ यू ऑल वांट " । आकाश ने गाना शुरू किया " दौड़ो बच्चो दौड़ो जंगल में आग लगी मूर्ति बनो स्टॉप " , ओर इतना सुनते हि सब हस्ते हस्ते मूर्ति की तरह बन गए शिक्षा किताब को देख रही थी तो हस्ते हस्ते साहिल आधा झुका ओर आधा खड़ा ही रह गया , आर्यन तो सीधा खड़ा हो गया सब अजीब अजीब पोजिशन में बैठ गए लेकिन परिधी तो गुस्से में बैठ गई आकाश सबको हसाने के लिए कभी अजीब अजीब शक्ले बनाता तो कभी कभी किसिके पीछे डेस्क के निचे कुछ ढूंढने जैसी हरकते करता यह देख कर साहिल पहले ही हस पड़ा ओर आकाश ने तपाक से कहा " साहिल पहला " फ़िर तो आकाश साहिल के साथ मिलकर सबको पेंगुइन की तरह चलकर दिखाने लगा जिससे सब हसने लगे पर परीधि नहीं हसी आकाश ने बोला " ये हस्ती नहीं है या इसकी शकल ही ऐसी हैं " " तुमसे तो अच्छी है " परिधी बोल पड़ी ओर आकाश झट से बोला " आउट " ऐसे ही एक एक करके सभी दाम देने लगें जैसी ही परिधी की बारी आती बेल बज गई । बेल बजते ही सभी बच्चे " छुट्टी छुट्टी मामाजी की मुच्छी " चिल्लाने लगे ओर अपना अपना बैग पकड़कर सब क्लास के बाहर आने लगे " कल सब 10 बजे आ जाना स्कूल " परिधी ने कहा । आकाश पहले ही निकाल गया पर सभी क्लासमेट्स की आदत थी कि साथ मे बाहर जाते थे । दूसरे दिन 10 -10:30 बजे तक सब आ गए प्रेयर के बाद पहले इंगलिश का पीरियड चल रहा था मैम ने नरेशन का एक सवाल पूछा तो कीसिके कुछ भी बोलने से पहले आकाश ने उसका अंस्वर पूरा इंगलिश मे दे दिया , जवाब सुनकर टीचर खुश हो गई " देखो न्यू स्टूडेंट बता रहा है और तुम लोग ..." सभी गर्ल्स को ये अच्छा नहीं लगा । दूसरा पीरियड मैथ्स का था सर मैथ्स मे एलजेब्रा पढ़ा रहे थे तो कुछ पीछले साल का पूछा " सर आकाश से पूछिए उसको सब पता हैं वो बहुत बहुत इंटेलिजेंट हैं सर , टॉपर था अपनी क्लास का " परी ने आकाश को फसाते हुए कहा क्योंकि उस समय आकाश का ध्यान बोर्ड पर नहीं था । आकाश से पूछने पर " वो ...वो... सर" आकाश कुछ नहीं बोल पाया । " कोई बात नहीं तुम न्यू स्टूडेंट हो " सर ने समझाते हुए कहा । पीरियड ख़तम होते ही परिधी ने आकाश की ओर देखकर खांसने लगी तो आकाश " बहुत बकवास" बोलकर वह से बाहर चला गया । ऐसे ही अगस्त में यूनिट टेस्ट हुए किसी सब्जेक्ट मे परिधी के ज्यादा मार्क्स थे तो परिधी आकाश को देखकर इतराते हुए " अभी तो बस यूनिट टेस्ट हुए हैं पूरा साल बाकी हैं तुम्हारा अभी " बोल पड़ी । किसी टेस्ट मे आकाश के ज्यादा मार्क्स थे तो आकाश उसकी ओर देखकर खांसता ईन दोनो की ये मार्क्स वाली लड़ाई क्वाटरली , टर्म एग्जाम्स मे भी चलती रही और दोनो एक दूसरे को नीचा दिखाने का एक भी मौका छोड़ते नहीं थे ।ओर जबसे मैथ्स मे सर ने circumference को हिंदी में परीधि बताया था तबसे तो आकाश परीधि को "सर्कम्फरेंस " ही बोलता था जिसे सुनकर परीधि ओर चिढ़ जाती थी । एक दिन 10:30 बजे गए परिधी नहीं आई तो आकाश की नजरे कभी घड़ी को कभी दरवाज़े की तरफ देखती पहला पीरियड , दूसरा पीरियड, तीसरा भी निकाल गया आकाश का ध्यान ही नहीं बोर्ड पर और मैडम ने उससे साइंस का सवाल पूछा aaksh कुछ नहीं बोला तो मैडम ने पूछा " क्या हुआ आकाश तबीयत ठीक है ?" " यस मैम " आकाश ने कहा । लंच ब्रेक में आकाश से रहा नहीं गया और उसने प्राची से पूछ ही लिया " ए प्राची क्या हुआ तुम्हारी क्लास कैप्टन कहा है मुझसे डर गई क्या " " अरे नहीं वो उसको फीवर हैं इसलिए नहीं आईं वो आज " प्राची ने कहा । आकाश के इतना पूछता ही उधर से सहिल ओर ओजस तपाक से बोल पड़े " वैसे तो तुम दोनों की कभी पटती नहीं हैं ,ओर वो आज स्कूल नहीं आईं तो तु पूछ रहा है की क्यू नहीं आईं ... वाह "। " इतना कहना था साहिल ओर ओजस का कि " अरे अरे आज सूरज कहा से निकला हैं भई " रिया ने हैरानी ओर शैतानी भरी आवाज़ में कहा ।" वेस्ट से .. शायद " आर्यन बोल पड़ा । ओर आकाश थोड़ा असहज हो गया । दूसरे दिन भी परिधी नहीं आई पर आकाश आज पूछ नहीं पाया ओर मन ही मन में सोचा " अगर पूछा तो फिर वहीं नाटक होगा इनका" रहने देता हूं और वैसे भी मै क्यों पूंछू उसके बारे में । वो मन ही मन बडबडा रहा था तो ओजस उससे बोला " ओह डे ड्रीमर .. कहा हो यही हो ना कि कोनसी दुनियां में हो" । आकाश ने भी कह दिया " कुछ नहीं यार चल पेन फाइटर खेलते हैं " । पुरे 5 दिन बाद आज परीधि स्कूल आईं थी सब उसके आते ही जोर जोर से चिल्लाने लगे " बहारो फुल बरसाओ मेरा मेहबूब आया हैं , मेरा मेहबूब आया हैं " परिधी भी हसने लगीं पर उसे कुछ समझ नहीं आया कि सब गा क्यों रहे थें । पर उस देख के आकाश की जो हालत थी .. वो एकदम चुप चाप अपनी डेस्क मे बैठा रहा कुछ भी नहीं बोला । परीधि सबसे पूछने लगी की क्या हुआ सब बड़ा एक्साइटेड होके गा रहे हैं " हाए तुम आए बहार आईं " शिक्षा शरारत मे बोली । " ओके .... पर तुम लोग मेरे आने से इतना खुश तो नहीं हो रहे हों पक्का "। " हा पर कोई और हो रहा हैं " आशिमा ओर ओजस ने भी शरारत से कहा । "क्या बोल रहे हो...मतलब" परिधी ने हैरानी वाली मुस्कान के साथ बोला ।" कुछ नहीं तुम्हारी याद मे यहां कसीदे पढ़े जा रहे थे " शिक्षा तपाक से बोल पड़ी । "ऐसा कुछ नहीं है " आकाश ने चिढते हुए कहा । " पर हमने तो तेरा नाम लिया ही नहीं , क्यों तू याद कर रहा था उसे " ओजस ने झट्ट से कहा। ये सुनकर आकाश एक दम चिढ गया ओर वहां से प्रेयर ग्रांउड मे चला गया। परीधि के चेहरे पर जैसे क्वेश्चन मार्क्स बन गया था उस तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था ना आकाश को कुछ समझ आ रहा था बस क्लास वाले अपने ही किस्से बना रहे थे । परीधि ने पूछा भी प्राची से " क्या हुआ तुम लोग क्या बोल रहे हो मुझे कोई कुछ बताएगा " । प्राची को तो वैसे भी कुछ समझ नहीं आता फिर भी उसने बोला " अरे कुछ नहीं वो तु नहीं आईं थी तो आकाश तेरे बारे में पूछ रहा था " । " क्या............आकाश ..... ओर वो भी मेरे बारे में ... पक्का उसको मेरा मज़ाक उड़ाना होगा या मेको नीचा दिखाना होगा वरना उसका खाना कैसे हजम होगा " परिधी ने हैरानी ओर गुस्से मै बोला । परीधि की बात सुनके बाकी सब ने अपने माथे पर हाथ पीटकर कहा " इसका कुछ नहीं हो सकता " ओर हंस पड़े । हिंदी का पीरियड चल रहा था उधर लिखते लिखते परिधी की पेन निचे गिर गई ओर फीवर की वजह से उसे निचे झुकने मे तकलीफ हो रही थी तो आकाश ने पेन उठा के उसकी डेस्क पर रख दी इतना देखते ही सब खांसने लगे । और सर ने सबको शांत कराया ।ऐसे ही क्लास में लड़ते लड़ते फाइनल एग्जाम्स के दिन पास आ गए । एक दिन लंच ब्रेक में मूर्ति बनोंस्टोप खेलते खेलते परिधी पर दाम आया तो वो सबको हसाने लगी ओर हसाते हुए उसके मुंह से कुत्ते के बच्चे जैसी क्यूट सी आवाज़ निकल पड़ी " आऊं.. उम्ममम" उसकी ऐसी आवाज़ सुनकर आकाश इतने ज़ोर से हंस पड़ा ओर ज़ोर ज़ोर से हसने लगा परिधी उसको देखकर शॉक हो गई " तुम हस्ते भी हो ... " परीधि हैरानी मे बोली । ओर ये सुनकर आकाश की हसी एकाएक रुक गई । आकाश दूसरे दिन थोड़ा लेट आया ओर मैम ने परीधि ओर आशिमा को स्कूल इंगलिश क्विज कम्पिशन के लिए अपने क्लास से पार्टिसिपेंट्स की लिस्ट बनाने को कहा था तो परिधी ओर शिक्षा सबसे पूछने लगे " ए मै भी लूंगा इसी बहाने मेरे पास एक तो सर्टिफिकेट आएगा " साहिल हस्ते हुए बोला ।" तू रहने से इंगलिश की ऐसी तैसी कर देगा तू " रिया बोली । " नहीं यार चलना सबलोग पार्टिसिपेट करते हैं सब लोग साथ में स्कूल बस से दूसरे स्कूल जाने का मौका मिलेगा " आर्यन ओर साहिल बोले । " हा सही हैं " शिक्षा भी बोली । परिधी आकाश से पूछने के लिए उसके पास गई " ओय तुम भी पार्टिसिपेट करोगे इंगलिश क्विज में ????" पर आकाश कुछ बोला नहीं उसका चेहरा लाल हो रहा था उसने बोला " तू जा मै बाद में बताता हूं " आकाश ने अपने शब्दों को संभालते हुए बोला । " नहीं अभी बता मुझे मैम को लिस्ट देनी है , तू कोई प्रेसीडेंट नहीं जिसका वेट करना पड़ेगा हमको ... जल्दी बता । " आकाश अब गुस्से मै बोला " तू जाना यहां से " । " क्या हुआ है तुझे क्यों ऐसे बिहेव कर रहा है " परिधि ने भी अब चिढते हुए कहा ।" तू जा बोला ना मै " आकाश ने बोलते हुए जोर से अपना हाथ पीछे किया जिससे परीधि को धक्का लग गया ओर वो पीछे रखी बेंच मे जा गिरी । सब एका एक हैरान रह गए कि हुए क्या परीधि को बेंच मे गिरता देख साहिल, ओजस, आर्यन और आशिमा उसे उठाने आए , साहिल ओर आर्यन ने आकाश को ज़ोर से बोला " आकाश क्या है ये .... थोड़ा ठंड रख .. दुबारा किसी भी गर्ल्स के साथ ऐसा बिहेव मत करना " आकाश बिना कुछ बोले वहां से बाहर चला गया ।दिन भर आकाश चुप चाप ही रहा । परीधि सोच रही थी की " इसको क्या हुआ " । उसने रहिल ओर साहिल से पुछा भी " अड़ियल को क्या हुआ आज ??" , " अरे नहीं उसका मूड खराब है आज घर में कुछ बोले है लगता हैं उसे" साहिल ने कहा। दूसरे दिन आकाश स्कूल नहीं आया । ओर अगले 3 दिनों तक वो स्कूल नहीं आया । परीधि दरवाज़े की तरफ ही देख रही थी कि आकाश आज आएगा , कल आएगा । उसे उस पर गुस्सा आ रहा था कि आकाश उसे धक्का कैसे दे सकता हैं । पर 4 दिन जब आकाश स्कूल आया तो उसको देखते ही परीधि का गुस्सा गायब ही हो गया । परीधि ने साहिल से पुछा कि आकाश क्यों नहीं आया था उससे पूछे ," उसकी तबियत खराब हो गई थी " साहिल ने बताया । इतना सुनकर सब पढ़ने लग गए । आज परिधी का ध्यान बोर्ड पर नहीं था वो कुछ सोचे हि जा रहीं थीं " ना इसने मुझे कोई ताना मारा, ना मेरा मजाक उड़ाया , ना मुझे चिढ़ाया ,ये ठीक तो है "। लंच ब्रेक में सब क्लास के बाहर धूप सेक रहे थे जनवरी के दिन थे ओर खेल भी रहे थे । परिधी का मन नहीं था वो क्लास में ही बैठी होमवर्क कंप्लीट कर रही थी । क्लास में परीधि ओर आकाश ही थे , परी क्लास में अगर पिंन भी गिर जाता तो आवाज़ आती इतनी शांति थी । परिधी लिखने मे मग्न थी , इतने में उसे उसकी बेंच के पास जूते दिखे ,ऊपर नजर उठाकर देखा तो आकाश था । " उस दिन के लिए सॉरी " आकाश ने धीरे से कहा वो वहीं खड़ा रहा ओर थोड़ी डर बाद वाहा से बाहर चले गया । परीधि इतनी शॉक में थी कि उसके मुंह से कुछ निकला ही नहीं । " ये क्या था ... " परिधी मन में सोच रही थी। दूसरा ही दिन था कि आकाश वापस अपने अवतार मे आ गया वहीं पेन फाइटर वहीं टाशन ओर आते ही ' ए सर्कम्फेरेंस ' बोलकर परिधी को चिढाना शुरू कर दिया । आज तो परीधि भी खुश थी कि आकाश पहले जैसा ही हैं । फरवरी के आखरी दिन आ गए थे सब लोग पढ़ाई करते थे स्कूल में लेकिन ये बैच मजाल हैं अपनी मस्ती करना छोड़ दे , एग्जाम्स के एक दिन पहले तक भी ये लोग एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर स्कूल आते रहे । सब मैडम के पास टेस्ट पेपर लेकर गए थे और परिधी क्लास में इंपोर्टेंट क्वेश्चन टिक लगा रही थी तभी उसे पीछे से आवाज़ आई " ओय....." आकाश शरारत मे बोला , " क्या ...." परीधि ने भी आज शरारत मे ही जवाब दिया । " हाय , आई एम आकाश राजपूत " आकाश ने हाथ बढ़ाते हुए परीधि से शरारत भारी आवाज़ में कहा । " हाय आई एम परिधी चौधरी " परीधि ने भी हाथ मिलाते हुए कहा ।" तुझे पता है तू बहुत पागल है " आकाश बोला । " तुझसे ज्यादा नहीं " परी ने भी जवाब दिया । इतने में वाहा सब आ गए " क्या बात है टॉम एंड जेरी आज पैचअप कर रहे हैं " ओजस ओर आर्या ने कहा । " नहीं बिल्कुल नहीं एंड गेम अभी बाकी हैं " परिधी ने आकाश को देखकर मुस्कुराए हुए कहा । " यस ऑफकोर्स " आकाश ने भी जवाब दे दिया । " तुम दोनो .... कुछ नहीं हो सकता तुम्हारा " आशिमा ने कहा । चलो यार बहुत लेट हों रहा हैं परसो एग्जाम हैं " शिक्षा बोली ओर बैग उठा कर सब एक दूसरे को ऑल थे बेस्ट बोलकर क्लास से निकल पड़े ।" ए सर्कमफरेंस ... सुन " आकाश ने जाती हुईं परिधी से कहा तो परिधी ने चलते चलते ही पीछे मुड़कर कहा " क्या ????" " ..... (थोड़ा रुक कर ) ...कुछ नहीं ... बाद में बताऊंगा " आकाश ने मुस्कुराते हुए कहा । " बादमें कब आएगा , मुझे अभी बता " परिधी ने अधीर होते हुए कहा , " एग्जाम के बाद " आकाश ने उससे आगे जाकर कहा , ओर मुस्कुराकर वाहा से चले गया । एग्जाम शुरु हो गए " ए सुनना मै सिर्फ फिल इन दी ब्लैंक्स , मैच दी कॉलम , ओर ऑब्जेक्टिव ओर शॉर्ट एंस्वर पढ़के आया हूं " साहिल ने कूलनेस के साथ गर्ल्स को बताया । " ओर लोंग अंसर क्या मास्टर के लिए छोड़ दिया " परिधी ने पूछते हुये कहा । " नहीं रे तेरे लिए ... तू है ना ..." साहिल ने शरारत मे परी से कहा । सब हसने लगे । सब एक दूसरे को ऑल दी बेस्ट बोलकर क्लास में अपने रोल नंबर के हिसाब से बैठ गए ।आधा घंटा भी नहीं हुआ और परीधि को पीछे से पेंसिल पिंच की जा रही थी। ये इशारा था कि टीचर का ध्यान नहीं हैं परी अब अपनी अंसर शीट बाकी दोस्तों को दिखा सकती है । परिधी ,शिक्षा ऐसे लिख रहे थे कि पीछे वालो को सब दिखाई दे । बच्चे जानते थे कि चीटिंग पाप हैं पर दोस्ती के आगे उन्हें कुछ समझ नहीं आता था । ओर वैसे भी ये जितने शैतान थे उतने ही समझदार भी । एक एक करके सारे एग्जाम्स ख़तम हो गए । आखिरी पेपर था ,जैसे ही पेपर ख़तम हुआ सब एक दूसरे से मिलकर गर्मियों की छुट्टियों के प्लान्स बनाने लगे । एक दूसरे को 3 महीनों की छुट्टी के लिए मिलने के बहाने बताने लगे । अपनी क्लास में फिर से जाकर सब थोड़ी देर बैठ कर बाते करने लगे । आर्यन, ओजस , ओर आकाश ओर रहिल का रोल नंबर दूसरी क्लास में था वो अभी आए नहीं थे । थोड़ी देर मे आर्यन ओजस ओर रहिल भी क्लास में आ गए पर आकाश नहीं था । सब बाते करने में मग्न थे किसी का ध्यान आकाश पर नहीं गया पर परीधि ने पूछ ही लिया " वो अड़ियल नहीं आया " " नहीं एग्जाम ख़तम होते ही चला गया " रहिल ने कहा । थोड़ी देर में सब अपने अपने घर चले गए ।
अगले साल दसवीं क्लास थी इसीलिए सभी के स्कूल जून में ही चालू हो गए । सब अपनी नई बुक्स नयी नोटबुक लेकर स्कूल मे आ पहुंचे सब गर्मी की छुट्टियों के बारे में बताने लगे , लडके तो इतने ऊंचे हो गए थे पहचान ही नहीं आ रहे थे , शिक्षा ,आर्या भी बहुत मोटे ओर बदले से लग रहे थे । सब थे पर .......आकाश नहीं था । पहला दिन बीत गया । दूसरा भी बीत गया ओर तीसरा भी बीत गया , चौथे दिन परी ने ओर आशिमा ने लडको से पूछ ही लिया कि " साहिल अड़ियल कहा है , उसको पढ़ना लिखना नहीं हैं क्या ???" " अरे ओ मां किस दुनियां में हो " रहिल ने कहा । "मतलब ...." परी ने हैरानी से पूछा । " वो स्कूल छोड़कर चले गया ....." साहिल ने बताया । ये सुनकर परिधि एकदम चुप हो गई , वो कुछ बोली ही नहीं । आशिमा ने पूछा कि " क्यों क्या हुआ ?" तो रहिल ने बताया कि " उसके पापा का ट्रांसफर कहीं और हो गया हैं इसीलिए वो लोग चले गए और शायद अब वहीं रहेंगे " । " ओह " आशिमा के मुंह से निकला । उधर परिधी चुप चाप अपनी डेस्क मे जाके बैठ गई और खिड़की के बाहर देखने लगी वो मन में ही सोच रही थी " चले गया ..... मुझे उससे मिलना था ... उसे ......उसे सिर्फ ....'. बाय' बोलना था "।
लड़ते झगड़ते दोनो मिले ओर अलग हो गए यहां तक कि दोनो सिर्फ एक शब्द ' बाय ' भी नहीं बोल पाए । ..... क्या लगता हैं आपको ये स्टोरी यही ख़तम हो जाएगी , क्या डेस्टिनी सच मे हैं , क्या आकाश और परीधि सचमे " सोलमेट " हैं क्या फिर ये मिलेंगे .... क्या परिधी को कभी पता नहीं चलेगा कि आकाश को उससे क्या कहना था ।
to be continued.......
ये कहानी का सिर्फ पहला भाग हैं ये कहानी ऐसे लोगो कि हैं जो सोलमेट होने के सच्चे मायने बताते हैं ,ये किरदार बताते है की जब किस्मत नहीं चाहती तो कुछ नहीं होता ओर जब किस्मत चाहती है तो होने से कोई रोक नहीं सकता ... Destined soulmate
— 新章節待更 — 寫檢討