गु यूशेंग ने अपने होंठों के बीच एक सिगरेट पकड़ी हुई थी, एक हाथ से कार की खिड़की से खुद को सहारा दे रहा था, और दूसरा हाथ स्टेयरिंग व्हील पर था। अपनी सफेद शर्ट पहने हुए गु अपनी कार में लेटा हुआ दिख रहा था।
किन जहीए ने अपना हाथ उठाकर धीरे से कार की खिड़की पर दो बार दस्तक दी, उसको ये बताने के लिए कि वो वहां थी।
जब गु ने खटखटाहट सुनी, तो उसने अपनी पलकों को थोड़ा ऊपर उठा किया और कुछ समय के लिए खिड़की से उसको देखा और फिर वापस उसके सामने वाली सड़क की ओर देखने लगा। उसने धीरे-धीरे एक सुंदर धुएं का छल्ला उड़ाया, और जैसा कि उसके चारों ओर धुंआ उड़ रहा था, किन साफ देख सकती थी कि उसका जबड़ा थोड़ा सा अकड़ा हुआ था, जो उसके बेहद सुदंर चेहरे पर नाराजगी दिखा रहा था।
उसे देखते ही गु यूशेंग ने लंबा चेहरा खींच लिया। उसकी कार के पास खड़े होकर, किन जहीए को कार का दरवाजा खोलने और अंदर घुसने से पहले थोड़ी सी घबराहट हुई। इससे पहले की किन खुद को स्थिर करती गु यूशेंग ने एक्सलेरटर को दबाया और कार आगे बढ़ने लगी।
किन जोरदार तरीके से कार की सीट पर झुकने से अपने आपको रोक नहीं सकी। जब उसने आपने आपको संभाला और जल्दी से हैंडल को पकड़ा लिया और कार के सीट बेल्ट को लगाया। जब उसने सीट बेल्ट लगाया, वो अपनी आंख के कोने से गु को एक तरफ से देख सकती थी। जैसा कि कार में प्रवेश करने से पहले के समय की तुलना में गु यूशेंग ने और भी अधिक परेशान चेहरा बना लिया था।
किन जहीए वहां एक बर्फ के टुकड़े की तरह अपने होंठों को स्थिर करते हुए बैठी थी। वह अभी भी सोच रही थी कि क्या वह उसे नमस्कार करे, लेकिन ये विचार जल्द ही गायब हो गया था।
गु यूशेंग किन जहीए से इस हद तक नाराज था कि वो किन का चेहरा अपने जीवन में फिर से नहीं देखना चाहता था। इससे ज्यादा और क्या, गु कभी भी उससे बातचीत करना शुरू नहीं करेगा।
गु यूशेंग गाड़ी चलाते हुए बिना रूके सिगरेट के कश लेता रहा। उसने सिगरेट नॉन-स्टॉप तरीके से पीना जारी रखा। कभी - कभी आ रही लाइटर की ध्वनि के अलावा गाड़ी में कोई और आवाज नहीं आ रही थी।
जब तक वे गु हवेली के आंगन में नहीं पहुंच गए, तब तक पूरे रास्ते खामोशी बनी रही।
गु यूशेंग ने अपनी कार का इंजन बंद करते हुए सिगरेट के बचे हुए टुकड़े को खत्म किया। किन जहीए को देखे बिना, वो सबसे पहले चुपचाप अपनी कार से बाहर निकल गया।
उसने किन जहीए का गाड़ी के पास धैर्यपूर्वक इंतजार किया क्योंकि वो पहले बाहर आ गया था और फिर एक साथ दोनों हवेली की ओर चलने लगे।
जैसे ही वे हवेली के पास पहुंचने लगे, गु यूशेंग ने अचानक से आगे आकर किन का हाथ पकड़ लिया। क्योंकि उसकी ये प्रतिक्रिया अचनाक हुई, किन जहीए ने जोर लगाकर अपने हाथ को छुड़ाने की कोशिश की। गु यूशेंग ने पहले ही किन की इस प्रतिक्रिया को भांप लिया था, तो उसने किन के हाथ को और मजबूती से पकड़ लिया, जबकि दूसरे हाथ से डोरबेल को बजाया।
अपनी मुट्ठी को हिलाने में असमर्थ, किन जहीए ने धीरे से अपनी नजरे उठाकर उस आदमी की ओर देखा जो डोरबेल बजा रहा था। उसकी हथेली गर्म थी, चेहरा ठंडे पत्थर जैसा था। उसकी आंखों से भी हल्का सा दुख झलक रहा था।
किन जहीए को एक पल के लिए संकोच हुआ। इससे पहले कि वह उसके अभिव्यक्ति का मतलब समझ पाती, दरवाजा खुल गया।
नैनी झांग ने दरवाजा खोला और गु यूशेंग और किन जहीए को देखकर खुश हो गईं। उसने दोनों का घर में बड़े उत्साह से स्वागत किया और ऊपर दौड़कर बूढ़े मास्टर गु को बताया कि छोटे मास्टर और छोटी मालकिन आ गए हैं, उससे पहले दोनों को घर की चप्पल लाकर दी।
चप्पल पहनने के बाद गु यूशेंग और किन जहीए ने लिविंग रूम में प्रवेश ही किया था, जब बूढ़े गु सीढ़ियों से नीचे आ रहे थे।
अचानक, गु यूशेंग किन के ऊपर झुक गया, अपने सिर को नीचे किया, और अपने होंठों को हिलाया।
दूसरों की नजर में, गु यूशेंग किन को कोई रहस्यमय बात धीरे से कह रहा था, लेकिन केवल किन जहीए जानती थी कि उसने कुछ भी नहीं कहा था।
हालांकि, वह उसके इतने करीब थी कि वह उसकी गर्दन पर गर्म सांसों की गर्मी महसूस कर सकती थी। उसका दिल जोर से धड़क रहा था, और वह डर भी रही थी, नहीं जानती थी कि क्या करना है।