अगले ही पल सु कियानक्सुन सु जीए के वार्ड में भागी। आंटी झांग और मु बाई उसके साथ थे। मु बाई सु जीए के घाव पर मरहम लगा रहा था।
सु कियानक्सुन फुर्ती से अपने छोटे भाई की ओर भागी और उसके घायल हाथ को देखा। घाव से अभी भी खून बह रहा था। उसने जल्दी से उसके हाथ को पकड़ा, दर्द और गुस्से से उसका सीना भरा हुआ था।
'किआओ बोनियन एक राक्षस है। जीए उसका अपना बेटा था। वो उसको कैसे मार सकता था !'
किआओ बोनियन के लिए सु कियानक्सुन और जीए शायद किआओ येरन के बाल के कतरे के बराबर भी नहीं थे।
सु कियानक्सुन समझ नहीं सकती थी कि एक पिता इतना बेरहम कैसे हो सकता है।
"मास्टर किआओ वास्तव में बहुत ज़्यादा बेरहम हो गया था ! इस दुनिया में इतना हृदयहीन और दुष्ट व्यक्ति कैसे हो सकता है !" आंटी झांग उन दोनों भाई बहन के बगल में खड़ी थी जब सु कियानक्सुन अपने आँसू पोंछ रही थी। उसका मन घायल युवा को देख कर बैठा जा रहा था।
सु कियानक्सुन ने सु जीए के घाव के दर्द को आराम देने के लिए फूंक मारी। उसने अपने आँसू पोंछें और प्यार से कहा ," जीए , अच्छे बच्चे बनो। एक बार जब मैं ठंडी हवा की फूंक तुम्हारे घाव पर फेंकूँगी , तो इतना दर्द नहीं होगा। "
सु कियानक्सुन ने मु बाई से सु जीए के हस्पताल से रिहाई के बारे में बात की। जब मु बाई ने उसके फैसले पर मंजूरी दे दी , सु कियानक्सुन तुरंत कागज़ी करवाई करने के लिए चली गई
सु कियानक्सुन तो केवल तब इस बात का अहसास हुआ कि उसके छोटे भाई के इलाज पर कितना खर्च हुआ था जब उसने मरीज के रिहाई के फार्म को भर कर जमा करवाया। वो जानती थी कि लॉन्ग सिजु ने सारा चिकित्सा संबंधी बिल का भुगतान कर दिया था। उसको लॉन्ग सिजु को पैसे वापिस देने का रास्ता ढूंढना था।
हस्पताल की सारी व्यवस्था करने के बाद , सु कियानक्सुन मुड़ी और अपने छोटे भाई के वार्ड की ओर वापिस बढ़ने लगी। जब उसने अपना सर को उठाया , उसने तुरंत ही दूर से ज़िया चक्सी को देखा। उसके हाथ में सिगरेट थी और वो उसको संदेह भरी नज़रो से घूर रहा था।
सु कियानक्सुन ने उस पर ध्यान नहीं दिया और तुरंत ही वहाँ से चली गई। जिंया चक्सी उसकी ओर बढ़ा। सु कियानक्सुन उसको देखना भी नहीं चाहती थी। इसके बावजूद , उसने उसे बांह से पकड़ लिया और उसे एकांत जगह में खींच लिया।
"जिंया चक्सी , मुझे तुमसे और कुछ नहीं कहना है। मुझे जाने दो !" सु कियानक्सुनने उसे गुस्से भरी नज़रो से देखा। उसने मुड़ कर सी मंचेंग को देखा ,लेकिन वो कही भी नहीं दिख रहा था।
" मुझे पता है कि तुम्हे फंसाया जा रहा है , लेकिन येरन ने यह जान - बूझकर नहीं किया था। यह उन छात्रों में से एक था जिसने तुम पर चोरी का इल्जाम लगाया था। येरन का इस बात से कोई लेना देना नहीं है। और , गर्भपात का क्या। .... "
जिंया चक्सी , मुझे यह सुनने में कोई दिलचस्पी नहीं है कि तुम किआओ येरन से कितना प्यार करते हो !तुम अच्छे से जानते हो कि वो बेगुनाह है के नहीं !"
अपने गुस्से पर काबू करे बिना, सु कियानक्सुन ने उसको उसके सब झूठ बता दिए।
जिंया चक्सी यकीनन सब सच जनता था , फिर भी वो खुद से और सब से झूट कह कर किआओ येरन को बचा रहा था.
"येरन का इससे कोई मतलब नहीं था।"
" उसने यह सब नहीं किया था ? इसलिए मैं फंसाये जाने के लायक हूँ और लगभग पुलिस स्टेशन में मरने वाली थी ? हीहीहि। "
जिंया चक्सी के चेहरा हल्का सा रूखा हो गया। उसने धीमे से कहा ,"आप जिस आदमी के साथ थे, वह चाहते थे कि येरन यूनिवर्सिटी में सबके सामने माफी मांगे।अगर वो यह करती है तो उसकी प्रतिष्ठा नष्ट हो जाएगी। वह अभी भी उद्योग में नई हैं, और उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला है।वो अभी भी प्रसिद्धि की सीढ़ी चढ़ रही है। यह घटना उसके तरक्की के विकास को बुरी तरह प्रभावित करेगी ...जब तक आप उसे माफी माँगने के लिए नहीं कहते हैं, मैं तुम्हारी पहली फिल्म में दूसरी मुख्य अभिनय की व्यवस्था कर सकता हूँ और जिससे तुम्हे लोकप्रियता बढ़ेगी। जल्द ही..."
जैसा की सामने आया , यह असली इरादा था। भले ही वो किआओ येरन के गर्भपात के पीछे के सच को जनता था , फिर भी वो उसे किसी भी कीमत पर बचाना चाहता था !
"चुप रहो !तुम्हे कोई गलती हुई होगी। वो मैं नहीं थी जो किआओ येरन से माफ़ी मंगवाना चाहती थी ,मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना। तुम गलत इंसान से बात कर रहे हो ! "
सु कियानक्सुन के बात खत्म करने के बाद , वो मुड़ी और वहाँ से तुरंत चली गई। वो अंदर ही अंदर मुस्कराई। ' जिंया चक्सी सच में किआओ येरन से बेहद मोहब्बत करता था । यह पहली बार है जब मैंने उसे इतने विनम्र तरीके से भीख मांगते देखा है। '
जिंया चक्सी ने युवती को देखा जो जल्दी में वहाँ से जा रही थी और कुछ कुछ नाराज़ हो गया। वह मुड़ गया और कूड़ेदान को बगल में हवा में उड़ा दिया। जोरदार धमाके ने उसके आसपास के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
जब सु कियानक्सुन एलीवेटर से बाहर निकली , वो सु जीए के वार्ड की ओर बढ़ी। हालांकि , वह लैन किंगचेंग से टकरा गई जो एक आदमी के बगल में चल रही थी। लैन किंगचेंग तुरंत रुकी जब उसने सु कियानक्सुन को देखा।
सु कियानक्सुन अपने सर को नीचे रखना चाहती थी और उसके पास से गुजरना चाहती थी , लेकिन लैन किंगचेंग का यकीनन उसे जाने देने का इरादा नहीं था। उसने युवती को बधाई देने की पहल की, "मिस सु, क्या संयोग है।"