下載應用程式
66.66% 100 Tales of Horror / Chapter 2: 2nd Tale (Accelerator)

章節 2: 2nd Tale (Accelerator)

ये बात हे उस समय का जब सुरेश और उसकी पत्नी मीना दोनो सुरेश के दोस्त के घर उसकी बेटी के बर्थडे पार्टी मे गए थे सुरेश और मीना को काफी टाइम हो गया था, तब मीना अपने पति से कहती है की काफी देर हो चुकी के हम घर जाना चाहिए. उसके बाद सुरेश अपने दोस्त से कह कर घर के लिए रवाना हो चुके थे. रात के १२.३० हो गए थे. और वे दोनों रेलवे स्टेशन की तरफ जा रहे थे. वे दोनों ट्रेन से अपने घर जाने वाले थे. रात के १ बजके १५ मिनट हो गए उन्हें स्टेशन जाते जाते. स्टेशन में जाते वे देखते ही की स्टेशन में कोई भी इंसान नही था. पूरा स्टेशन सुनसान और खाली था, चारो तरफ सन्नाटा था. ऐसा लग रहा था मानो वे कोई रेलवे स्टेशन नही बल्कि किसी भूतिया जगह आए हो. मीना वो दृश्य थोड़ी देर के लिए हैरान हो गई. लेकिन सुरेश को इसमें कोई बड़ी बात नहीं लग रही थी. 

             स्टेशन में जाकर उन्हें मालूम पड़ता ही की वे प्लेटफार्म न. १ में थे लेकिन उन्हें प्लेटफार्म न. ४ की ट्रेन से जाना था. तभी वे दोनों प्लेटफार्म नंबर ४ में जाने के लिए Accelerator की और जाते ही और वे दूसरे प्लेटफार्म में जाने के लिए  Accelerator मे चढ़ते हैं. Accelerator में चढ़ते ही उन्हे अजीब सा लग रहा था. और उन दोनो को किसी के होने का एहसास सा हो रहा था. लेकिन सुरेश और मीना इसे अनदेखा कर देते है. एक्सीलेटर ऊपर की तरफ जा रही थी. और तभी उन दोनो के साथ ऐसा जिसकी कल्पना उन्होंने सपने में भी नही सोचा था.

             दोनो ऊपर की तरफ जा रहे थे तभी उन्हें किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनाई देती हे, वे दोनों सोचते ही की पूरा स्टेशन तो खाली है तो फिर ये रोने की आवाज किसकी आरही हे मीना थोड़ी देर के लिए घबरा जाती हे. वे दोनों इधर उधर नजर घुमाते हे तो उन्हे कोई नही दिखता लेकिन अचानक से वे पीछे मुड़कर देखते हे तो उनके पीछे ही Accelerator की सीढ़ी पर एक छोटा बच्चा बैठा हुआ रो रहा था. सुरेश और मीना हैरान हो कर सोच रहे थे की ये बच्चा अचानक से कहा से आ गया अभी तक तो यहा पर कोई नही था. तो फिर अचानक से ये बच्चा कहा से आ गया और इसके मा बाप कहा पर है. मीना सुरेश से कहती है की ये बच्चा शायद से खो गया है हमे इस बच्चे की मदद करनी चाहिए. 

              वे दोनों उस बच्चे के पास जाते हे और उससे पूछते है की तुम यहां कहा से आए, और तुम्हारे मां बाप कहा पर हे.

वो बच्चा उन्हे कोई जवाब नही देता और रोता रेहता है. वे पति पत्नी उस बच्चे से बात करने की कोशिश करते लेकिन वो बच्चा उनसे बात नहीं करता और अचानक से रोते रोते चुप हो जाता है और कहता की उसके माता पिता ऊपर वाले ब्रिज पर उसका इंतजार कर रहे हे लेकिन उन दोनो को बच्चे का बरताव काफी अजीब लगता है. उसके वे गौर करते हैं तो देख्के काफी दर जाते क्योंकि Accelerator तो ऊपर की और जा रहा है. लेकिन वे पिछले ५ मिनट से ऊपर पोहन नहीं पा रहे हे. ये देख कर दोनो काफी ज्यादा दर जाते हे. तभी सुरेश मीना को हौसला देते हुए कहता है की डरने की जरूरत नहीं अगर Accelerator नही जा रहा है तो हम अपने आपसे ही ऊपर की तरफ जाते हे और सुरेश मीना को उस बच्चे का हाथ के चढ़ने को कहता है, और मीना जैसे ही उस बच्चे की तरफ मुड़ती है तो देखती हे तो बच्चा अब जोर जोर से हंसने लगता हे. यह देख कर उन दोनो को और दर लगने लगता हे. उसके बाद वे दोनों बिना कुछ सोचे समझे ऊपर की और भागने लगते ही जब वे ऊपर नही जा पाते तब वे नीचे की और भागने लगते हे. मानो वे लोग एक ही जगह रुक गए हो. उतने में वो बच्चा हंसना बंद कर देता है उसके बाद वे दोनों देखते हे तो और भी ज्यादा दर जाते हे क्युकी अब उस Accelerator पर अचानक से कई सारे लोग आ गए थे. और वे सभी लोग पुतले की तरह खड़े थे न कोई कुछ बोल रहा था न कोई हिल रहा था. सुरेश समाज चुका की ये सब कोई इंसान नही है. वो मीना से कहता है की हमे यहाँ से किसीभी हालत में निकलनाही होगा. वे दोनो अपनी पूरी जान लगा कर कभी नीचे की और या फिर कभी ऊपर की और जाने का कोशिश करते हे. कितनी देर तक कोशिश करने के बाद जैसे तैसे करके सुरेश ऊपर आ जाता है उसके बाद पता चलता हे की वे अकेला ही आ पाया हे तब वो Accelerator की तरफ मुड़ कर देखता तो उसकी बीवी अभिभी Accelerator मे ही थी तब सुरेश मीना का हाथ मांगता हे ताकि वो उसे बाहर खींच सके लेकिन मीना सुरेश को देख कर उसकी आंखे फटी की फटी रह जाती हे. मीना जैसे मानो उसके पर से जमीन ही खिसक गई हो. वो सुरेश को देख कर जोर से चीख उठी. सुरेश की समज में कुछ नही आ रहा था. सुरेश गौर से देखता हे की उसकी पत्नी के बगल में सुरेश यानी वो खुद खड़ा था और अन्दर वाले सुरेश का हाथ उस बच्चे ने पकड़ रक्खा था. लेकिन वो तो Accelerator बाहर  खड़ा था. लेकिन  ऐसा कैसे हो सकता था. असल में तो सच्चाई यह थी की सुरेश जैसे ही बाहर निकल रहा तभी उस बच्चे की आत्मा ने सुरेश की गर्दन को पूरी तरह से मोड़ कर पीछे की तरफ घुमा दिया था. इस वजह से सुरेश का शरीर बाहर जा पाता है लेकिन उसकी आत्मा अन्दर ही रह जाती हे. जब बाहर वाला सुरेश अपने अपने शरीर को देखता हे तो उसका शरीर पूरी तरह से घुमा हुआ था और उसका सर सीधा था जिस तरह उस बच्चे ने उसकी गर्दन मरोड़ी थी. ये देखकर सुरेश का शरीर जमीन में ही गिर गया. ये देख कर मीना के आंखों में अंधेरा छा गया था. तभी वो बच्चा Accelerator मे जितने भी लोगोकी आत्मा थी जो की पुतले की तरह खड़े थे उन्हे इशारा करता है मानो वो मीना को में के लिए कहता हो और देखने से ये भी लग रहा था की वो बच्चा ही उनका बॉस हो. और वे सभी लोग घेर कर मीना को Accelerator के नीचे खींच लेते हे, और उसे मार देते है. ३ साल पहले जब एक परिवार उस Accelerator मेंसे जा रहे तब उनका बच्चा उस Accelerator मे खेल रहा तभी उसका पाव फिसल जाने की वजह से वो बच्चा Accelerator से गिर के मार जाता हे. उसके बाद से उस बच्चे की आत्मा ने कितने लोगो को जो रात में Accelerator से जाते थे उनको मारकर उनकी आत्मा को को वही कैद कर लेता था. जो सारे लोग Accelerator अचानक से आ गए और मीना को मारा वे सब लोग वही थे जो मीना और सुरेश की तरह उस बच्चे का शिकार बने थे. इसेही आगे और कितने लोग इस तरह मरेंगे कोई नही जानता.


next chapter
Load failed, please RETRY

每周推薦票狀態

Rank -- 推薦票 榜單
Stone -- 推薦票

批量訂閱

目錄

顯示選項

背景

EoMt的

大小

章評

寫檢討 閱讀狀態: C2
無法發佈。請再試一次
  • 寫作品質
  • 更新的穩定性
  • 故事發展
  • 人物形象設計
  • 世界背景

總分 0.0

評論發佈成功! 閱讀更多評論
用推薦票投票
Rank NO.-- 推薦票榜
Stone -- 推薦票
舉報不當內容
錯誤提示

舉報暴力內容

段落註釋

登錄