फ्लैशबैक कंटिन्यू,,,
रिहांश अभी भी अपने बाहों में रूह को जकड़ कर पकड़ा था।वही विश्वास आर्यन,अंकिता और अभिनव रिहांश को ही हैरानी से देख रहे थे।
उनके सामने जो इंसान था वह पागल तो था ही लेकिन हर दिन उसके हरकते ऐसे होते थे जिस पर यकीन करना उनके लिए मुश्किल ही हो जाता।
विश्वास दो कदम आगे बढ़ कर रिहांश पर तंज कसते हुए कहता है,
" तुम्हे दवाई का लत तो था ही अब लड़कियों का भी लग गया wahhh रिहांश!!! "
रिहांश का हाथ रुक गया।जो इस वक्त रुहानी की बालो में चल रही थी।वह अपना सर ऊपर कर विश्वास को देखता है जो इस वक्त उसे ही गुस्से से घूर रहा था।
रिहांश, फिर रुहानी को देखता है।रूहानी विश्वास को देख रही थी विश्वास की बाते उसे डरा रहा था। क्यों की दवाई का लत होता तो शायद उसे ठीक करते लेकिन लड़कियों का लत,जब तक ठीक करते तब तक बहुत कुछ खोना पड़ता।और वैसे भी इस वक्त उसकी बाहों में वही तो थी।कही रिहांश को उसका लत तो नही लगने लगा।
रिहांश उसका चेहरा पकड़ कर अपने तरफ कर बेहद कोल्ड आवाज में कहता है,
" यह तुम्हारी थीकी नजरे सिर्फ मुझ पर रहे तो ही अच्छा है रूह। "
रूहानी उसके हाथ से अपना चेहरा छुड़ाने लगी। क्यों की रिहांश का पकड़ उसके चेहरे पर बिलकुल सॉफ्ट नही था।
रिहांश फिर रूहानी को बेड पर बैठा कर उठ कर विश्वास के पास जाता है।विश्वास की गुस्सैल आंखे तो कबसे उस पर ही टिके थे।रिहांश उनके बेहद करीब जा कर उनके आंखो में देखने लगता है।
वही अंकिता को उन दोनो को इस तरह देख कर कुछ अच्छा नही लगा तो वह विश्वास के पास जा कर कहती है,
" विश्वास,,आप यह से चलिए उसका हालत,,,,,!!! "
" दिमागी हालत अंकिता !!! " अंकिता की बातो को ठीक करते हुए विश्वास कहता है तो रिहांश की हाथो की मुट्ठी बन गई।वही अंकिता डरते हुए रिहांश को देखने लगती है।
रिहांश का ओरा धीरे धीरे पागल का रूप ले रहा था।अंकिता को पता था अगर रिहांश ने अपना आपा खो बैठा तो विश्वास के लिए यह बिल्कुल ठीक नही होगा।
वही विश्वास रिहांश की आंखो में देखते हुए फिर से अंकिता से कहता है,
" इसका दिमागी हालत ठीक नहीं है यही बोलना चाहती हो न ? "
वही रुहानी उनकी ड्रामा देखते हुए वहा से बाहर जाने का तरीका डूंड रही थी।वहा का माहोल ही अब अलग हो गया था।
वही रिहांश की नजर इस वक्त विश्वास की चेहरे पर टिकी थी।वह अपना गर्दन थोड़ा टेढ़ा कर बुरी तरह मसलने लगता है।उसकी आंखे धीरे धीरे लाल रंगत में बदल रही थी।
वही रूहानी जो वहा से जाने की फिराक में थी उसकी नजरे रिहांश पर जाती है।जो इस वक्त पागल से ज्यादा भयानक लग रहा था।वह अपने मन में बोली,
" यह इनका कैसा रूप है ? कुछ तो गड़बड़ है इनमे ? "
वही अंकिता का पसीना छूट रहा था।वह मुड कर अभिनव को देखती है।वह तो वहा अब था ही नही।
रिहांश विश्वास की आंखों में देखते हुए बेहद धमाकेदार आवाज में कहता है,
" सही कहा आपने मेरा दिमागी हालत ठीक नहीं है,अब आप ऐसे खराब दिमाग वाले इंसान के पास आ कर फंगा ले ही लिया है तो इसका अंजाम भी देख लीजिए,मिस्टर विश्वास आर्यन। "
विश्वास की आंखे सिकुड़ गए।वही रिहांश की बात सुन कर रूहानी की कदम उसके साथ ही नही दे रहे थे।वह चाह कर भी वहा से हिल नहीं पा रही थी।
विश्वास ,को रिहांश का कहने का मतलब समझ नही आया था।वह उसे ही सवालिया नज़रों से देखने लगा तो रिहांश की चेहरे पर एक दम खतिलाना मुस्कान तैर गई।उसका हाथ अभी भी उसके गर्दन में था जिसे वह बुरी तरह मसलते हुए विश्वास को देख रहा था।
रिहांश इस वक्त किसी पागल से कम नहीं लग रहा था।वह पागल ही था लेकिन उसकी हरकतें उफ्फ किसी का रूह तक कांपने पर मजबूर कर देता था।
रिहांश विश्वास को देखते हुए बेहद सख्त आवाज में रूहानी से कहता है,
" रूह,,अब तुम घर जा सकती हो !!! "
रूहानी की आंखे चौड़ी हो गई।उसे नही लगा था यह पागल इंसान उसे आज जाने भी देगा।वह तो पहले से ही जाने की तयारी में थी और अब उसका परमिशन भी मिल गया था।तो वह बिना देरी किए ही वह से भाग गई।
वही उसके जाते ही रिहांश का चेहरा एक दम से सक्त हो गया।उसकी चेहरे पर जो मुस्कान थी वह अब गुस्से में बदल गया था।वह बेहद सख्त मगर धीरे से बोला ,
" मुझे उस दवाई का लत लगा कैसे ? इस बात से आप अंजना तो हे नही ,और रही बात लड़कियों का लत की,,,,,!!! "
रिहांश अपनी बात बीच में ही छोड़ कर विश्वास के करीब बढ़ा तो अंकिता उसके बीच में आने लगी तो रिहांश बिना उन्हें देख कर कहता है,
" डरिए मत मिसेज आर्यन,मेरा लत इतना भी सर नही चढ़ा है की में अपने हाथो से ही अपनी मां की सिंदूर को मिटादु। "
गुस्से से विश्वास की दांत भींच गए वह गुस्से से रिहांश को कुछ कहने को हुए की तभी रिहांश फिर बोल पड़ा,
" आ,आ मिस्टर आर्यन,मेरी बात अभी पूरी नहीं हुई है,पहले मेरी बात तो सुनलो इतनी भी क्या जल्दी है। "
रिहांश की बाते सिर्फ पहले जैसे लग रही थी।विश्वास एक नजर अंकिता को देखता है फिर वह रिहांश को देखने लगता है। रिहांश बोला,
" लड़कियों का लत नही सिर्फ उस लड़की का लत मिस्टर आर्यन !! भले ही यह मेरा लत बुरी चीज है लेकिन आपकी इरादों की तरह इसमें फरेब नही है। "
तभी विश्वास का फोन रिंग हुआ।रिहांश की चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वही विश्वास उसे ही देख रहा था।रिहांश जा कर आराम से बेड पर बैठते हुए कहता है,
" कॉल उठालो मिस्टर आर्यन ,क्या पता किसी को आपको कुछ बताने का लत लगी हो ? "
तभी अभिनव भी वार्ड में आ गया।वही विश्वास रिहांश को घूरते हुए कॉल पिक करता है तो उधर से एक लड़के का आवाज आता है जो ज्यादा ही टेंशन में नजर आ रहा था।
" डैड, लोनावाला फैक्ट्री में शॉर्ट सर्कुट के वजह से पूरी फैक्ट्री में आग लगी हुई है। "
" What,,,!!! "
वह लड़का विश्वास और अंकिता का बड़ा बेटा राघव आर्यन था।राघव की बात सुनते ही विश्वास की नजर रिहांश पर जाती है।
रिहांश इस वक्त बेहद खतिलाना हंसी हंसते हुए एक टक सीलिंग को देख रहा था।विश्वास गुस्से से फिर अभिनव को देखता है उसका देखते ही अभिनव अपना सर नीचे कर लेता है।
यह सब उसी ने किया था।या यू कहे की उससे करवाया गया था।रिहांश का देखने भर से ही अभिनव समझ गया था की रिहांश का ऑर्डर क्या है।
वही विश्वास अंकिता पर चिल्लाते हुए कहता है,
" देखो तुम्हारे पागल बेटे को बस दस मिनट में ही इसने मेरा पूरे 50 करोड़ का फैक्ट्री जला दिया। "
" आप ही ने कहा था ना की इसका दिमागी हालत ठीक नहीं है तो यह सब उसे उकसाने का अंजाम है !! "अंकिता इतना बोल कर वार्ड से बाहर चली जाती है।वही विश्वास को गुस्सा आ रहा था वह रिहांश की तरफ बढ़ता तभी उसका फिर से फोन बजा।
विश्वास फोन को घूर कर देखने लगता है।वही रिहांश की नजर उन पर ही थी।वह बोला ,
" मिस्टर आर्यन डरिए मत आज के लिए बस स्मॉल डोज दिया है बिल्कुल मेरी दवाई के तरह ,अब आप जा सकते है ,जाइए जितना भी नुकसान हुआ है उसका भरपाई करिए जाइए जाइए। "
रिहांश,इतना बोल कर अपने आंखे बंद कर लेता है।वही विश्वास को ज्यादा ही गुस्सा आ रहा था।वह बिना कुछ कहे वहा से चला जाता है।
वही वार्ड के डोर के पास ही रूह खड़ी थी उसने रिहांश और विश्वास की सारी बाते सुन लिया था।वह बड़बड़ाते हुए कहती है,
" यह आदमी कितना डेंजरस है रूह, तुम्हे इससे दूर रहना पड़ेगा। "
" यह तो इंपॉसिबल है रूह। " तभी उसे पीछे रिहांश की आवाज सुनाई दी तो रूहानी की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई।
वही रिहांश एक टक रूहानी को देख रहा था।जो उसके तरफ पीठ कर के खड़ी थी।रूहानी धीरे से मुड़ कर रिहांश के तरफ देखती है।रिहांश का चेहरा अब नॉर्मल था।उसके चेहरे पर एक्सप्रेशन तो अभी भी नही थे लेकिन अभी वह डरावना नही लग रहा था।
" क्या कहा आपने ? " रूहानी उससे सवाल करती है तो रिहांश उसके तरफ अपने कदम बढ़ाते हुए कहता है,
" क्या सुना तुमने ? "
रूहानी जहा खड़ी थी वह जगह बहुत ही कम था।ना आगे बढ़ सकते थे और नाही पीछे।वही रिहांश उसके बेहद करीब आ गया था।रूहानी की बदन से आ रही खुशबू उसे अपने तरफ ज्यादा ही अट्रैक्ट करने लगी थी।जिस वजह से वह किसी मैग्नेटिक की तरह उसके बेहद करीब बढ़ जाता था।
वही रूहानी उसे इतना करीब आता देख हकलाते हुए कहती है,
" मुझे जाना है !! "
रिहांश अपने दोनो हाथ उसके इर्द गिर्द रख कर उसके चेहरे को स्निफ करते हुए कहता है,
" जाने तो तुम्हे दिया था रूह लेकिन तुम गई नहीं और अब मैं नहीं चाहता हु की तुम जाओ so तुम अब नही जा सकती । "
रिहांश के लिए रूहानी के मन में अब तक डर बैठ गया था।वह रिहांश को देखते हुए बड़बड़ाते हुए कहती है,
" यह तो ज्यादा ही पागल है मैने दवाई क्या छोड़ने बोला इन्होंने तो मुझे ही पकड़ लिया।"
रिहांश उसके बेहद करीब खड़ा था।उसकी बात सुन कर उसके चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वह रूह को अपने आप से सटा कर उसके आंखों में देखते हुए कहता है,
" hmmmm,दवाई में उतना असर नहीं है रूह जितना तुम्हारी इस बदन से आ रही खुशबू में है,पागल तो में था ही लेकिन तुम मेरे करीब आ कर इस पागल के दिल पर वार कर दिया,लेकिन तुमसे मुझे प्यार नही है रूह बस लत है वह लत जो सिर्फ लुटती है पर छूटती नही है।
रिहांश की एक एक बात भी बेहद जुनुनियत से भरी हुई थी। उस पागल इंसान के आंखो में सिर्फ पागलपन ही तो नजर आ रहा था।
रूहानी रोनी सी शकल बना कर उसे दूर हटाते हुए कहती है,
" प्लीज छोड़ दो, मुझे किसी की लत नही बनना। "
रिहांश झट से रूहानी को अपने गोद में उठा कर हॉस्पिटल से बाहर जाते हुए कहता है,
" हम्मम्म i think तुम लत बन गई हो,बस अब यह लत कैसे परवान चढ़ता जाएगा देखती जाओ। "
रूही उससे छुटने लगी तो रिहांश उसे कार में बैठाते हुए कहता है,
" हिलो मत हम तुम्हारे घर ही जा रहे है !! "
रूह उसे ही सवालिया नज़रों से देखने लगी।वही रिहांश उसके बगल में बैठ कर अभिनव से कहता है,
" रघुवंशी निवास चलो !! "
रिहांश इतना बोल कर एक ही झटके में रूहानी को अपने गोद में बैठा लेता है।वही रूहानी को बेहद गुस्सा आ रहा था।वह लड़की कब से उससे छुटने की कोशिश कर रही थी लेकिन रिहांश अपने मजबूत बाहों में उसे ऐसे जकड़ लेता था की वह हिल भी नहीं पाती थी इसीलिए वह इस बार उससे छुटने की कोशिश ही नही कर रही थी।
वही रिहांश उसके सुंदर सा मुकुड़ा देखने लगता है। रुहानी की काली आंखे इस वक्त ज्यादा ही डरी हुई लग रही थी।वही रिहांश उसके गाल पर हाथ रख कर उसे अपने चेहरे के बेहद करीब लाने लगा तो रूहानी अपना चेहरा दूसरी तरफ फेरते हुए कहती है,
" आप लोग क्यों आ रहे है मेरे साथ ? प्लीज कार को यही रोकदो मैने स्कूटी लाया है !! "
" लेकिन ma'am स्कूटी तो विला के सामने है। " रूहानी की बात सुन कर अभिनव बिना मुड़े उससे कहता है।
वही रूहानी को अब याद आता है।जल्दी जल्दी में उसने स्कूटी वही छोड़ कर रिहांश के कार में बैठ कर हॉस्पिटल आई थी।वही रिहांश उसकी डर कर सहमी हुई चेहरा ही देख रहा था।रूहानी उसे देख कहती है,
" प्लीज विला चलो हम अपना स्कूटी ले कर घर चले जाएंगे। "
रिहांश की चेहरे पर हल्की सी स्माइल आ गई।वह झुक कर उसकी गाल पर भारी भारी से किस करते हुए कहता है,
" स्कूटी कल सुबह आ जाएगा अब घर चलते है रूह। "
रिहांश का इस तरह करने से रूहानी सिहर रही थी।उसकी चुवन ही ऐसा था जिसे मेहसूस कर उसे गुसबंप्स आ गए थे और ऊपर से उसकी आवाज जिसमे हद से ज्यादा सेडक्टिव नेस था।
रूहानी उसे खुद से अलग करने लगी तो रिहांश उसके चेहरे पर अपने होंठ चलाते हुए कहता है,
" कोशिश बेकार है रूह,रिहांश की पकड़ से बाहर आना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन है। "
रूहानी डरते हुए रिहांश को देखने लगती है।वह फिर सिसक सिसक कर रोने लगती है।तो रिहांश उससे थोड़ा अलग हो कर उसे घूर कर देखने लगता है।
वही रूहानी उससे कहती है,
"आप मेरे पेशेंट हो कर मेरे साथ कैसे बर्ताव कर रहे है ? आप मेरे इतना करीब क्यों आ रहे है ? दूर रहिए मुझसे !!! "
रोते रोते वह लड़की उसे बोले जा रही थी।रिहांश उसे ही देख रहा था उसकी बातो से उसे कोई असर नही हुआ लेकिन उसका यह क्यूट सा एक्सप्रेशन उसे उसके करीब जाने पर मजबूर कर रहा था।
रिहांश रूहानी की बेहद करीब जा कर उसकी गर्दन में अपना चेहरा छुपाते हुए कहता है,
" रूह कल ठीक 11 बजे,मेरे ऑफिस आ जाना क्यों की मुझे उस वक्त दवाई की जरूरत होती है। "
रूहानी बेहद अनकंपर्टेबल फील कर रही थी।वह उससे अलग होने छटपटाते हुए कहती है,
" में क्यों आवु,,आप डॉक्टर मानसा की पेशेंट है तो वह आ कर आपको दवाई देंगे ,अब मुझे छोड़ो!!! "
रूहानी की बात सुन कर रिहांश की आइब्रोज आपस में जुड़ गए।वह उससे अलग हो कर उसे घूर कर देखने लगा।
वही रूहानी खुद को ठीक करते हुए उसके गोद में से उठ कर साइड में बैठ जाती है।वही रिहांश की थीकी नजरे उस पर से हट ही नहीं रहे थे।वह उसके ऊपर झुकते हुए बेहद कोल्ड वाइस में कहता है,
" लगता है मेरी कोई भी बात तुम्हारे दिमाग में अच्छे से घुसा ही नही है। "
रिहांश का इस तरह झुकने से रूहानी सीट पर ही पीछे के तरह झुक रही थी।वही रिहांश अपना एक आईब्रो ऊपर कर उसे घूर कर देख रहा था।
रूहानी उसे देख अपने मन में कहती है,
" कैसे पागल इंसान से मेरा पाला पड़ा है आज ? कैसे हैंडल करू इसे ? "
रूहानी यही सोच रही थी की तभी कार रूक गया।रूहानी झट से उठ कर किडकी से बाहर देखने लगती है।उनका कार इस वक्त रघुवंशी निवास के सामने ही रुका था। रूहानी कार का डोर ओपन करने लगी लेकिन डोर तो लॉक था। वह अभिनव को देख कहती है,
" डोर अनलॉक करिए प्लीज। "
रूहानी की बात सुन कर अभिनव रिहांश को देखता है।जो इस वक्त रूह को देख रहा था।
अभिनव को रिहांश को देखता देख रूहानी रिहांश को देखने लगती है जो उसे ही पागलों की तरह देख रहा था।रूहानी उससे बोली, " अब डोर खोलोगी भी ? सुबह से परिशान कर रखा है आपने ? "
रिहांश उसे ही देख रहा था।रूहानी चीड़ चुकी थी।रिहांश उसे एक ही झटके में अपने ऊपर खींच कर उससे कहता है,
" तुम्हे डॉक्टर किसने बनाया है ? पेशेंट के साथ ऐसे बात करते है ? "
रिहांश का इस तरह बार बार अपने करीब खींचने से रूहानी थक गई थी।सच में उसका पाला आज किसी सनकी इंसान से ही पड़ा था।
रूहानी रिहांश का लत तो बनते जा रहीं थी? लेकिन क्या वह इस बात को समझ पा रही है ? रिहांश का यह कैसा लत है जानने के लिए पढ़ते रहिए , " लत है तू। "