下載應用程式
22% यंग मास्टर गु, प्लीज बी जेंटल / Chapter 66: मैं बस दो दिनों के लिए एक व्यापार यात्रा के लिए गया, और तुमने मेरे लिए परेशानी पैदा कर दी है

章節 66: मैं बस दो दिनों के लिए एक व्यापार यात्रा के लिए गया, और तुमने मेरे लिए परेशानी पैदा कर दी है

編輯: Providentia Translations

गू मोहन ने मोर को गले लगाया और वहीं खड़ा रहा। सू ज़ेह को लंबे बॉडीगार्ड ने आधे रास्ते में रोक लिया।

"मुझे जाने दो! मुझे जाने दो! गू मोहन, मेरी मोर मुझे लौटा दो!" सू ज़ेह गुस्से में चिल्लाते हुए, उन पर झपटा।

गू मोहन की ठंडी आँखों ने सू ज़ेह को देखा, जो इतनी जद्दोजहद कर रहा था कि वह पागल होने वाला था। वो चिढ़कर बोला, "ऐसा क्यों है कि अध्यक्ष सू के पछतावे दिखाने की चाल बिलकुल विश्वसनीय नहीं लग रही? बल्कि, मुझे यह हास्यास्पद लग रहा है। पहली बार, तुम इस बात से अनजान थे कि तुम्हारी मंगेतर को अन्य पुरुषों ने हथिया लिया है, तुम इसे अपनी अज्ञानता कह सकते हो। दूसरी बार, तुम अपनी आँखों से देख रहे थे और तुम्हारी मंगेतर लगभग दो अजनबियों द्वारा बलात्कार करने के लिए फिर से घसीट कर ले जायी जा रही थी। तुम्हारा बीच में पड़ने का कोई इरादा नहीं था। कितना क्रूर व्यवहार है। ऐसा लगता है कि तुमने उसे कभी भी सच बोलने का मौका नहीं दिया या शायद तुम कभी उसकी बात सुनते ही नहीं।

तुम इतने अज्ञानी और मूर्ख हो, तुम्हें तीसरा मौका मांगने का क्या अधिकार है? "

उसकी तीखी टिप्पणी लगातार जारी रही। "यदि तुम सच में उससे बहुत ज़्यादा प्यार करते होते, तो तुमने उसे वापस जाने क्यों दिया? एक बार जब तुम किसी को छोड़ देते हो, तो बेहतर होगा कि तुम कुछ संवेदना दिखाओ और अपनी सीमाओं को याद रखो। यह दुनिया इतनी बड़ी है, बस जितना हो सके मुझ से उतना ज़्यादा दूर हो जाओ।"

गू मोहन ने एक भड़कीले वक्तव्य से उस आदमी की अक्षमता के बारे में महसूस हो रहे अपने गुस्से को व्यक्त किया।

सू ज़ेह गुस्से से तमतमा गया, उसकी आँखें गुस्से से लाल हो रही थीं। गू मोहन ने उसके अभिमान और अहंकार को चोट पहुँचते हुए उसे बहुत ज़्यादा अपमानित किया था। उसने अपनी मुट्ठी बंद कर ली और चिल्लाया, "मोर, मोर!"

अगर गू मोहन का इराडा उसे पागल करने का होता, तो वह अब तक सफल हो जाता। सू ज़ेह को ऐसा लगा मानो एक हज़ार बाणों ने उसके दिल में छेद कर दिया था और उसे एक कड़वाहट में फँसा दिया जो उसके अंदर से बार-बार गूँज रही थी। उसका सुंदर चेहरा दर्द में विकृत हो गया था।

"आह!" वह दर्द में चिल्लाया।

गू मोहन को सू ज़ेह में कोई दिलचस्पी नहीं थी। उसने टैंग मोर को उठाया, उसके शरीर को अपनी बाहों में पकड़ कर और बैंक्वेट हॉल से बाहर निकल गया।

गु मोहन मोर को काले बेंटले के पास तक ले कर गया। यान डोंग बिलकुल उसके साथ-साथ उसके पीछे चलता रहा। "राष्ट्रपति, आपके हाथ में चोट लगी हुई है। मैं ड्राइव करूँगा। हम अस्पताल चलते हैं और इसकी पट्टी करवाते हैं।"

उस आदमी का लंबा शरीर रात के अंधेरे में घुलमिल गया। उसने यान डोंग को ठंडेपन से मना कर दिया, "मैं खुद गाड़ी चलाऊँगा। यह ज़्यादा गंभीर नहीं है, बस मामूली चोट है।"

यान डोंग ने राष्ट्रपति के आदेशों को अस्वीकार करने की हिम्मत नहीं दिखाई और उसे यह दिखाने के लिए सिर हिलाया कि वो समझ गया था। "राष्ट्रपति, जिन्होनें काले कपड़े पहने हुए थे हम उन दो आदमियों का क्या करें?"

गू मोहन ने अपने होंठ को थोड़ा-सा काटा और कहा, "उन्हें कुछ समय के लिए जेल में बंद कर दो और फिर उनके लिए वहाँ से बच निकलने का एक मौका खोजो।"

"क्या? चुपके से बच निकलने के लिए क्यों?" यान डोंग से पूछा क्योंकि वह समझ नहीं पाया।

गू मोहन के मुँह को घुमाया और कहा, "उन्हें बाहर जाने दो। हम चुपचाप एक तरफ से देखेंगे और नाटक का पर्दाफाश होते हुए देखेंगे।"

यान डोंग जानता था कि राष्ट्रपति की अपनी योजनाएँ हैं और समझौते में अपना सिर हिलाया है। उसने पीछे की सीट का दरवाजा खोला। गू मोहन ने धीरे से टैंग मोर को पीछे की सीट पर बिठाने के बाद, वह चालक की सीट की तरफ बढ़ गया।

कार शांत थी। वह आगे झुका और उसके सीट बेल्ट लगाने में उसकी मदद करने लगा।

"तुम्हारा रोना बही भी बंद नहीं हुआ है?"

टैंग मोर इतनी ज़्यादा भावनाओं के एक समुद्र में डूबी हुई थी कि वह शुरू में उसकी अधीरता को सुनने में असमर्थ थी।

उसने उसकी रक्षा की थी और उस घटिया आदमी को सबक सिखाने में मदद की थी। शुरू में वह बहुत भावुक हो गई थी, हालांकि वह सब कुछ जो हुआ था कि तीव्रता से बह गई थी और उसकी शुरू वाली भावनाएँ गायब हो गई थीं।

उसने अपनी पलकें झपकाई और वो फड़कने लगीं। उसने धीरे से अपनी आँखें खोली और फुसफुसाने से पहले अपना मुँह हिलाया।

"मिस्टर गू, तुम मुझ से गुस्सा क्यों हो? क्या यह सिर्फ इसलिए है क्योंकि मैंने तीन साल पहले तुम्हारे साथ लुका-छिपी का खेल खेला था और मैं कभी लौट कर नहीं आई?"

बहुत बढ़िया। उसने आखिरकार उसे पहचान ही लिया था!

गू मोहन ने उसकी तरफ देखा। उसका चेहरा आँसुओं से ढँका हुआ था, जबकि उसकी आँखें लाल छंटनी की हुई थीं। उसकी नाक भी लाल थी, जैसे कि उसे बहुत बार रगड़ा गया हो। वह इतनी दयनीय लग रही थी।

वह बस दो दिनों के लिए एक व्यापार यात्रा के लिए गया था, केवल उसके लिए उसके लिए इतनी परेशानी पैदा कर दी थी। कितना ज़्यादा परेशान करने वाली इंसान है।

गू मोहन ने अपना गला साफ किया और अपना हाथ उसके चेहरे को चुभाने के लिए बढ़ाया। "चूंकि तुमने मुझे पहले ही पहचान लिया है, तुम्हें पता होना चाहिए कि मैंने तुम्हें ढूंढा है। क्या तुम उस वादे को पूरा करने वाली हो जो तुमने उस समय किया था?"

वह वादा जो उसने उस समय किया था।

आह। आखिर जब उसने उस ढूँढ ही लिया है तो वो उसके साथ जो भी करना चाहता है वो उसे करने देगी।


next chapter
Load failed, please RETRY

禮物

禮品 -- 收到的禮物

    每周推薦票狀態

    Rank -- 推薦票 榜單
    Stone -- 推薦票

    批量訂閱

    目錄

    顯示選項

    背景

    EoMt的

    大小

    章評

    寫檢討 閱讀狀態: C66
    無法發佈。請再試一次
    • 翻譯品質
    • 更新的穩定性
    • 故事發展
    • 人物形象設計
    • 世界背景

    總分 0.0

    評論發佈成功! 閱讀更多評論
    用推薦票投票
    Rank NO.-- 推薦票榜
    Stone -- 推薦票
    舉報不當內容
    錯誤提示

    舉報暴力內容

    段落註釋

    登錄