गु यूशेंग ने उसको और जोर से पकड़ लिया जैसे उसने किन का निवेदन नहीं सुन हो।
उसके शरीर पर तम्बाकू की गंध एक हल्की सी खुशबू के साथ मिलकर बहुत ही ताजी महसूस हो रही थी। यह वो खुशबू थी जो किन के मन में बस जाती थी लेकिन इस समय यह खुशबू उसके नाक में उसे लगातार चुभ रही थी, सिर्फ न खत्म होने वाला डर एकमात्र ऐसा अहसास था, जिसे किन पहचान सकती थी।
किन जहीए ने पहले अपनी पूरी ताकत खत्म कर दी क्योंकि उसने बहुत संघर्ष कर किया था। गु यूशेंग ने और जोर लगाया किन मुश्किल से सांस ले पा रही थी।
किन महसूस कर सकती थी कि उसके होंठ उसके गर्दन तक पहुंचकर उसकी कॉलरबोने को कांट रहे हो। पिछले दुःस्वप्न जैसे दृश्य अचानक उसके दिमाग में आने लगा और उसके शरीर की कंपन उसके काबू में नहीं थी। उसने थरथराती आवाज के साथ अपनी बात कही। "मैं आपसे भीख मांग रही हूं ... कृपया मत करो ... मेरे बीमार होने का नाटक आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए नहीं था ..."
जैसा उसने पहले किन की प्रार्थना को नजरअंदाज किया था फिर से किया और एक तेज आवाज के साथ उसकी पोशाक के दो टुकड़े कर दिए, जैसे कि वो सोच कर आया था कि उसको मौत आने तक परेशान करेगा।
उसके शरीर में अचानक से झटके आने के बाद वह अपनी सूझबूझ से संघर्ष करके बच निकलना चाहती थी लेकिन वो एक जाल में फंसी मछली की तरह थी जो समुद्र के किनारे मरने का इंतजार रही होती है। किन के पास कोई चारा नहीं था बल्कि गु यूशेंग को उसके शरीर पर बेहरमी से अत्याचार करता देखने के अलावा, जिससे वो रोक नहीं पा रही थी।
एक निराशा और शर्म की लहर जिसे बयान नहीं किया जा सकता ने तुरंत ही किन को घेर लिया।
शायद यह उसकी पीड़ा या शर्म की भावना के कारण था, लेकिन जब उसकी आंखों से अचानक आंसू गिरने लगे, तो वह हकलाने लगी, "कृपया मत करो, कृपया ... मैं कसम खाती हूं, मैं आपसे दूर रहूंगी ..."
जैसे ही उसके मुंह से शब्द निकले, आंसू बारिश की बूंदों की तरह एक-एक करके गिरने लगे।
गु यूशेंग इतने गुस्से में था कि उसने किन की प्रतिक्रियाओं पर ध्यान नहीं दिया था। उसने अपने पैरों के बीच उसकी कमर को जकड़ लिया, और उसके होंठो को जोर से काटने के लिए अपने सिर को नीचे किया, उसके शरीर को दबाने की कोशिश की।
आखिरी पल में, वह अभी भी गुस्से में था और उसके शरीर को बर्बाद कर रहा था लेकिन जैसे ही वो अपने होंठो को उसके होंठो के पास ले गया अचानक से रूक गया।
ऐसा लग रहा था किन कुछ कह रही है, लेकिन गु यूशेंग को साफ सुनाई नहीं दिया क्योंकि उसने अपने होंठो से किन के होंठो को बंद कर रखा था। हालांकि, वह स्पष्ट रूप से महसूस कर सकता था कि एक नमकीन तरल था, जो उसके मुंह में बह रहा।
लगभग आधे मिनट के बाद, उसने अचानक महसूस किया कि वो क्या था। उसने अपना सिर उठाया और उसके नीचे लेटी महिला को देखा।
उसका चेहरा बुरी तरह से पीला था, आंसू टपक रहे थे, और उसकी गीली पलकें जोर से फड़फड़ा रही थी।
वह भयभीत लग रही थी और अपनी ही दुनिया में खोई हुई थी, इसलिए उसने ध्यान नहीं दिया कि गु यूशेंग पहले से रूक गया था और उसके कांपते होंठो के साथ छटपटा और गुनगुना रहा था।