कार में पहले की गई उसकी क्रूर हरकतों के कारण टैंग मोर उसे अपनी दादी से मिलाने को लेकर खुश नहीं थी। इसलिए उसने अनिच्छा दिखाते हुए और मुँह फुलाते हुए कहा, "मम्म, यह प्रेमी बेहतर है।"
दादी ने गू मोहन की ओर अपनी नज़र घुमाई और विनम्रता से कहा, "श्रीमान गू हैलो।"
गू मोहन ने सिर हिलाया और जवाब दिया, "नमस्ते दादी।"
"मोर तुम्हें पहले ऊपर जाकर श्रीमान गू के लिए अतिथि कक्ष तैयार करना चाहिए। मैं अकेले में उनसे कुछ बात करना चाहूँगी।"
टैंग मोर का दिल तेजी से धड़क रहा था। वह मुड़ी और उसने गू मोहन को देखा। गू मोहन का मन उस छोटी सी महिला के चेहरे से भर गया था और वह उसे शांति से देखकर मुस्कुराया। "अच्छे से व्यवहार करो और ऊपर जाओ, हम्म?"
पहले की ही तरह रोबदार जैसा वह हमेशा से था जब वह उसको फुसलाता था। उसकी इस बात ने उसे गुस्से से लाल कर दिया था। वह उसकी दादी के सामने ऐसे कैसे बोल सकता था? कमरे से बचकर वह सीढ़ीयों से ऊपर की तरफ बिजली की तरह दौड़ गयी।
सीढियाँ चढ़कर टैंग मोर ने पहले कमरे में प्रवेश किया और नहाने के लिए बाथरूम का दरवाजे को झटके से खोला ।
नहाने वाले फुवारे से गिरने वाले गर्म पानी ने उसे आराम महसूस कराया। उसने अपने दर्द करते शरीर को साफ करने के लिए नहाने वाले जैल का उपयोग किया। सुखद गंध ने उसकी गंध को मोहक बना दिया। नल बंद करके शावर से बाहर निकलने से पहले उसने एक साफ तौलिए का उपयोग करके अपने लम्बे गीले बालों को साफ किया। वह काउंटर के सामने खड़े होकर खुद शीशे में निहार रही थी।
गीले बालों को पोंछने के लिए एक साफ तौलिया का इस्तेमाल किया गया था, वह काउंटर के सामने खड़ी थी और खुद को आईने में देख रही थी। उसकी गोरी त्वचा पूरी तरह प्यार के निशानों से ढकी हुई थी और वही उसकी छाती पर ये निशान और भी अधिक थे। मम्म, लगता है गू के काटने कारण से उसे घाव हो गया था।
अरे नहीं, वह अपने साथ अपना पजामा लेकर नहीं लाई थी। वे अभी भी उसकी अलमारी में थे।
अपना हाथ बढ़ाकर उसने बाथरूम का दरवाज़ा खोला और अगले ही पल वह तुरंत अपने स्थान पर जम गयी।
गू मोहन ने उसके कमरे में प्रवेश किया था और उनकी आँखें एक दूसरे पर टिकी हुई थीं।
इस तरह के दृश्य की उम्मीद न करते हुए गू मोहन की आँखें नीचे की ओर घूम गई थी। उसके गीले काले बाल उसके कंधों के ऊपर जेड के टुकड़े की तरह पारदर्शी गोरी त्वचा के ऊपर लिपटे हुए थें । हालांकि उसकी त्वचा उसके प्यार के निशानों से लाल हो गयी थी।
उसने उसके छोटे चेहरे को फिर से देखा जो उसके गर्म स्नान के बाद गुलाबी, नाजुक और ताजा हो गया था। चेरी जैसे लाल होंठों और सफ़ेद दांतों के साथ उसके चेहरे की विशेषताएं उत्तम लग रही थीं। वह कारघालिक की सबसे महानतम सुंदरी होने के खिताब के योग्य थी। इसमें कोई आश्चर्य नहीं था कि क्यों पुरुष उसे अपने बिस्तर में ले जाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे।
गू मोहन ने अपने गले के हिस्से में अवचेतन रूप से हिचकोला महसूस किया और उसने अपनी पतलून की जेब में एक हाथ रखा। वह किसी और चीज की परवाह नहीं कर रहा था। वह केवल गाड़ी वाले दृश्य को दोहराना चाहता था।
वह जानबूझ कर उसकी ओर लपका।
जैसा ही वह उसके करीब पहुंचने वाला था टैंग मोर हरकत में आ गयी। यह उसका पहला कमरा था। किसी ने भी कभी उसके कमरे में प्रवेश नहीं किया था। वह ऐसा करने वाला अकेला बाहरी व्यक्ति था और इसलिए उसने स्वाभाविक रूप से बिना विचार किए बाथरूम का दरवाजा खोल दिया था।
"तुम ... तुम अंदर क्यों आए? तुम्हें किसी के कमरे में प्रवेश करने से पहले दस्तक देनी चाहिए थी। क्या तुम में बुनियादी शिष्टाचार नहीं है?" टैंग मोर ने बहुत ज़्यादा घबराते हुए अपने सीने को ढँक लिया।
गू मोहन ने उसे पकड़ने के लिए अपनी बड़ी हथेली फैला दी। "तुम शिष्टाचार की बात कर रही हो जबकि तुम मेरे सामने नग्न खड़ी हो। क्या यह मुझे सही शिष्टाचार दिखाने का तरीका है, हम्म?"
टैंग मोर की पुतलियाँ सिकुड़ गयी । उसने महसूस किया कि वह एक अनिश्चित स्थिति में थी और एक उफान के साथ उसने बाथरूम का दरवाजा पटका दिया और अपने पीछे उसे बंद कर लिया।
गू मोहन को अंदर प्रवेश देने से मना कर दिया गया और ऐसा होता देखकर गू मोहन ने अपनी बड़ी हथेली को दरवाजे की हत्थे पर रख दिया और उसे खोलने की कोशिश की, पर दरवाजा अंदर से बंद था । यह देखकर कि वह दरवाजा नहीं खोल पा रहा था । वह धीमी आवाज में बोला, "टैंग मोर, दरवाजा खोलो, मुझे अंदर आने दो!"
"तुम ... तुम क्या करने की कोशिश कर रहे हो?"
गू मोहन ने अपने होठों के सूखे हिस्से को चाट लिया और कहा, "तुम।"
"... गू मोहन बिना सोचे समझे काम मत करो। यह मेरी दादी का घर है। अगर तुमनें मुझ पर फिर से जोर जबरदस्ती करने की कोशिश की तो मैं मदद के लिए चिल्लाऊँगी।"
"अच्छा से व्यवहार करो मोर। हालाँकि मैं तुम्हारे साथ कुछ रोमांचक खेल खेलना पसंद करूँगा, लेकिन मुझे लगता है कि लाइव स्ट्रीम की तरह कुछ भी करना अच्छा नहीं लगेगा ।"
"... गू मोहन, तुम्हें एक गुण्डे की तरह व्यवहार करने की अनुमति नहीं है!"
"ओह! क्या तुम यह दावा कर रही हो कि तुम्हें मेरा तुम्हारे प्रति एक गुण्डे की तरह व्यवहार करना पसंद नहीं आया था? जब हम अभी कार में थे। हालांकि शुरुआत में इससो थोड़ा दर्द हुआ था लेकिन बाद में तुम बहुत खुश थी है ना? क्या तुम्हें अच्छा महसूस नहीं हुआ था? क्योंकि वह सुखद था तो क्यों ना हम उसे फिर से करें? "