"पूरी फ़ीस कोई 300,000 आरएमबी होगी।"
"300,000‽" वह ऑंकड़ा सुनकर शिया ची का सर घूमने लगा।
अगर वे अपना सब कुछ बेच देते, तब भी 5000 आरएमबी तक जुटा न पाते।
वे इतनों दिन तक प्रति माह 2000 आरएमबी पर जी रहे थे, और 300000 आरएमबी उनकी कल्पना से भी बाहर थे।
पर उसे मालूम था कि उसके पिता की परिस्थिति नाज़ुक मोड़ पर थी।
वह पिछले 2 वर्षों से अपने पिता की स्थिति बिगड़ते हुए देख रहा था।वही घड़ी आ गई थी, जिसका उसे डर था।
साथ ही, किडनी ट्रांसप्लांट नामुमकिन के करीब था। इतने कम समय में ओपनिंग मिलना भी एक दुर्लभ अवसर था। ऐसा मौका फ़िर नहीं मिलनेवाला था।
पर 300000 आरएमबी उसे कैसे मिलते?
शिया ची को अचानक कुछ सूझा और उसने डॉक्टर से कहा, "डॉक्टर, क्या आप हमारे लिए पर्याय खुला रखेंगे? हम चर्चा करके आपको बताते हैं।"
डॉक्टर ने हामी भरी, "यकीनन पर अगर आप ऑपरेशन करवाना चाहते हैं, तो अस्पताल और ऑपरेशन का बिल बिलिंग काउंटर पर भरना चाहते हैं। मैं आपको हड़बड़ी में नहीं डालना चाहता, पर ऐसा अवसर मिलना बहुत दुर्लभ होता है।"
"धन्यवाद, डॉक्टर। हम जल्द से जल्द फ़िर मिलेंगे," शिया ची ने यह कहते हुए कई बार हामी भरी। डॉक्टर के जाने के बाद, उसने जिंगे, "दीदी, हम इस ट्रांसप्लांट को आगे धकेल नहीं सकते। मेरे पास एक तरीका है, सीनियर ने मुझे वादा कर रखा है कि वह मुझे अपनी कंपनी में ले लेगा। मैं जीवनकालिक अनुबंध पर दस्तखत करके जल्दी से कर्ज़ उठा लेता हूं।"
जिंगे चुपचाप बैठकर बेहोश चेंगवू को देखे जा रही थी।
शिया ची के कहने पर, वह उसकी ओर मुड़कर बोली, "हमारे पास अभी कितना पैसा है?"
बुझे हुए शिया ची ने उत्तर दिया, "ज़्यादा नहीं, अस्पताल का बिल भरने के बाद, हमारे पास 50 आरएमबी होंगे…"
"मुझे दो," जिंगे ने हाथ बढ़ाते हुए कहा।
शिया ची ने हैरत होने पर भी बचे हुए सारे पैसे उसे दे दिए।
"अपने बैंक खाते का नंबर भी दो," जिंगे ने कहा।
शिया ची ने आखिरकार पूछा, "दीदी, तुम क्या करनेवाली हो?"
"मुझे बाहर जाना और कुछ करना होगा। अगर तुम्हें बैंक से आगामी मनी ट्रांसफर के संदेश मिलें, तो उस लेनदेन को सम्मति दे देना," जिंगे ने समझाया।
शिया ची अचानक चौकन्ना हो गया। उसने उसे रोका, "दीदी, तुम क्या करनेवाली हो? कुछ अटपटा मत करना, यकीन करो मुझे पैसा मिल सकता है, मेरा सीनियर अमीर है और वह मुझे ढूंढ रहा है, वह यकीनन मेरा अनुरोध अस्वीकार नहीं करेगा।"
"अधिक चिंता न करो, मैं कोई गैरकानूनी काम नहीं करूंगी। अपने बैंक खाते का नंबर दो, हमारे पास समय नहीं है," जिंगे ने उत्सुकता से कहा।
शिया ची को संदेह था, पर उसे विश्वास भी था कि उसकी बहन ऐसा कुछ नहीं करेगी, कि उसे पछताना पड़े, इसीलिए उसने अपने बैंक खाते का नंबर उसे दे दिया ।
जिंगे के जाने से पहले, शिया ची ने चिंता से पूछा, "दीदी, तुम क्या करनेवाली हो? कंप्यूटर से जुड़े अपराध बहुत संगीन होते हैं…"
जिंगे एक मुस्काम और आश्वासन के साथ बाहर चली गई, "ची, मैं इतना ही बता सकती हूं कि तुम्हारी चिंता असंगत है। लेनदेन को सम्मति देने का याद रखना।"
शिया ची को समझ नहीं आ रहा था कि इतने कम समय में वह 300000 आरएमबी कैसे कमाएगी। जिंगेक प्रोग्रामिंग कौशल लाजवाब थे, पर इतने कम समय में उसका इतना पैसा कमाना मुश्किल होता ।
और अगर वह व्यवसाय इतना अच्छा होता, तो हर कोई प्रोग्रामर होता।
किसी भी अन्य व्यवसाय की भांति, वह धीमे पैसे देनेवाला काम था।
पर, शिया ची के पास अपनी बहन पर विश्वास करने के अलावा कोई चारा न था।
जिंगे के चेहरे का शांत भाव उसे याद आता रहा, जब वह अस्पताल में एक पुराना फोन बार-बार उंगलियों के बीच से उछालकर अपना वक्त बिता रहा था।