ดาวน์โหลดแอป
19.35% RAMYA YUDDH (राम्या युद्ध-रामायण श्रोत) / Chapter 6: भक्त राम्या की हरण Abduction of devotee Ramya

บท 6: भक्त राम्या की हरण Abduction of devotee Ramya

राम्या को ब्रह्मा जी का बाण लगा गया था, और वो राक्षस राम्या को उठा कर अपने महाराजा के पास ले जा रहा था, बाबा कबीर भी अपने शक्ति से राम्या और उस राक्षस का युद्ध देख चुके थे, कबीर बाबा भी अपने रक्षक चिड़िया रानी को भेज दिए थे राम्या की प्राण बचाने के लिए।

वो राक्षस राम्या को लेकर उप्पर आसमान में उड़ कर जा रहा था, तभी वो चिड़िया रानी उस राक्षस के पास आकर रास्ता में वार कर दिया, चिड़िया रानी उस राक्षस के सर पे जाकर अपना ठोड़ से जोर से मारा, वो राक्षस घबरा गया और वही पे रुक गया, चिड़िया रानी वहा से उड़ कर एक पेड़ पे बैठ गई।

वो राक्षस उस चिड़िया से पूछा," तुम कौन हो जो हमारे बीच टांग अड़ा रही हो!." फिर चिड़िया रानी कही," मैं तो एक चिड़िया हूं, परंतु आप जिस बालक को उठा कर ले जा रहे हो उसे मुझे दे दो!." वो राक्षस आश्चर्य से पूछा," परंतु क्यू, इस बालक को मेरे महाराजा ने मांगा है, अर्थात इस बालक के पास बहुत सारे बड़े शक्तियां है, परंतु तुम इस बालक का क्या करेगी!." चिड़िया रानी उस राक्षस का बात सुन कर कहा," इस बालक की मां प्रतीक्षा कर रही, यदि आप इस बालक को नही जाने दिए तो अनर्थ हो सकता है!." वो राक्षस चिड़िया रानी की बात सुन कर आश्चर्य से पूछा," परंतु इस बालक में ऐसा क्या है जिसे अनर्थ हो सकता है!." उस राक्षस का बात सुन कर चिड़िया रानी कही," इस बालक का प्रभु श्री राम और हनुमान ने मेरे गुरु कबीर जी को रक्षा के लिए सौपा है, यदि हम इस बालक को इसकी माता के पास नहीं ले गया तो अनर्थ हो सकता है!." वो राक्षस चिड़िया रानी की बात सुन कर हस्ते हुए कहा," परंतु मैं और मेरे महाराजा तो यही चाहता हूं, और इस बालक को इसी वजह से हरण करके ले जा रहा हूं!." चिड़िया रानी उस राक्षस से पूछी," परंतु इस छोटी सी बालक को हरण करने से क्या प्राप्त होगा आपको!." वो राक्षस गुस्सा में चिड़िया रानी से कहा," हे मूर्ख चिड़िया यहां से चली जाओ, मुझे देर हो रही है मुझे किरण उगने से पहले अपने लोक पहुंचना होगा!." वो राक्षस इतना कह कर वहा से फिर से उड़ान लगा दिया।

चिड़िया रानी गुस्सा में कही," हे राक्षस तुम इस बालक को नही ले जा सकते हो!." इतना कह कर चिड़िया रानी जोर से सिटी मार दी, वहा पे बहुत सारे एक जैसे चिड़िया रानी पहुंच गई, वो राक्षस सारे चिड़िया को देख कर पहले डर गया, फिर थोड़ी देर बाद हसने लगा," हां... हां... हां... हां.. !." फिर वो राक्षस रुक कर चिड़िया से कहा," मूर्ख चिड़िया तुम मुझ से युद्ध करोगे, आओ !." फिर वो राक्षस अपने दाहिना हाथ को गोल गोल घुमा कर चिड़िया रानी के तरफ एक पत्थर का टुकड़ा छोड़ दिया, चिड़िया रानी उस पत्थर का टुकड़ा को देख कर वहा से उड़ कर दूसरा जगह चली गई और वो पत्थर वही पे पिघल गया, वो राक्षस देख कर दंग रह गया, फिर से वो राक्षस अपनी शक्ति से हाथ को लम्बा कर लिया और उस चिड़िया को पकड़ने के लिए उप्पर बढ़ा दिया, परंतु वहा पे बहुत सारे चिड़िया थी, राक्षस एक की तरफ अपना हाथ बढ़ाया था तभी सारे चिड़िया राक्षस के हाथ को ठोड़ से मारने लगा, वो राक्षस अपना हाथ छोटा कर लिया और गुस्सा में शंकर जी के आशीर्वाद से एक 🦠 की तरह अपने मुंह से धुंआ निकाला कर छोड़ दिया,

उस धुंआ से सिर्फ पक्षी को ही हानि होता था, वो सारे चिड़िया रानी वही पे बेहोश होकर गिरने लगा था, उप्पर अंतरिक्ष से राम्या की सारे प्रभु बैठ कर देख रहे थे, नारायण जी राम्या और राक्षस को देखते हुए विष्णु जी से कहे," नारायण नारायण नारायण नारायण.. प्रभु कुछ करना होगा, वर्ना राम्या की मां बहुत प्रशान हो जायेगी!." विष्णु जी बैठे हुए नारायण जी से कहे," हा वही तो सोच रहा हूं, परंतु किस्से भेजा जाय!." नारायण जी विष्णु जी के बात सुन कर कहे," परंतु हनुमान जी ही इस बालक का कुछ कर सकते है!." विष्णु जी नारायण जी का बात सुन कर कहे," हा परंतु वहा जायेगा कौन!." नारायण जी विष्णु जी से कहे," प्रभु ये नारायण किस लिए है!." विष्णु जी नारायण जी की बात सुन कर मुस्कुरा दिए, नारायण जी वहा से बजरंग बल्ली के पास चल दिए।

बजरंग बल्ली अपने कुटिया में बैठे थे और अपने भक्त राम्या और उस राक्षस को सब देख रहे थे, तभी नारायण जी वहा पे पहुंचे," नारायण नारायण नारायण नारायण.. प्रभु आपके भक्त आज संकट में है, परंतु आप तो देख मुस्कुरा रहे है! अर्थात राम्या की मां बहुत प्रशान है अर्थात बेहोश होकर पड़ी है, कुछ करिए प्रभु!." हनुमान जी नारायण जी की बात सुन कर हल्का सा मुस्कुरा दिए, फिर नारायण जी आगे कहे,"प्रभु आप ऐसा क्यों कर रहे है, वो एक छोटा सा बालक है क्या गुजर रही होगी उसपे!." हनुमान जी नारायण जी की बात सुन कर कहे," नारायण इस बालक का संकट देख कर मुझे भी खेद है परंतु हम इस बालक का कुछ नही कर सकते!." नारायण जी हनुमान जी की बात सुन कर कहे," परंतु क्यू, ये तो आपका भक्त था, मदद करने की बेजाय आप कह रहे है की मैं कुछ नहीं कर सकता!." हनुमान जी नारायण जी की बात सुन कर कहे," परंतु इस बालक की मदद मेरे प्रभु श्री राम चंद्र ही कर सकते है!." नारायण जी हनुमान जी की बात सुन कहे," परंतु आप भी तो श्री राम चंद्र का भक्त है, अर्थात आप की कहने पे शायद वो मान सकते है!." हनुमान जी नारायण जी की बात सुन कर कहे," परंतु श्री राम चंद्र प्रभु के पास जाना परेगा!." नारायण जी हनुमान जी से कहे,"तो चली!." हनुमान जी और नारायण जी दोनो जाने वहा से श्री राम चंद्र के पास जाने के लिए चल दिए,

श्री राम चंद्र, सिया और लक्ष्मण तीनो जाने बैठ कर राम्या और उस राक्षस को देख रहे थे, तभी सिया राम से कही," प्रभु माता अंजन कितनी प्रशान है, आप कुछ क्यू नही करते!." लक्ष्म भी सीता की बात सुन कर राम से कहे," है भईया आप कुछ क्यू नही करते!." तभी नारायण और हनुमान जी भी वहा पे पहुंच गय, नारायण जी राम जी से कहने लगे," नारायण नारायण नारायण नारायण.. प्रभु आप का भक्त आज संकट में है,!." राम मुकसुरा कर नारायण जी से कहे," हा परंतु मैं वहा तो जा नही सकता!." नारायण जी राम जी की बात सुन कहे," परंतु अपने शक्ति से कुछ कर सकते है!." राम जी नारायण जी की बात सुन कर कहे," नही मैं यहां से कुछ नही कर सकता,!." नारायण जी राम जी की बात सुन कर पूछे," परंतु क्यू!." राम जी नारायण जी की बात सुन कहे," क्यू की में पृथ्वी पे एक भक्त को जिसका नाम कबीर था, मैं उसको आशीर्वाद दिया हूं और वही उसका रक्षा करेगा!." हनुमान जी राम जी की बात सुन कर कहे," परंतु उनका भी तो शक्ति मुक्त ही चुका है, वो चिड़िया रानी बेहोश होकर जमीन पे पड़ी है!." राम जी हनुमान जी की बात सुन कर कहे," परंतु अभी कबीर तो जीवित है! आप देखिए!." फिर राम जी और साथ ही सब लोग देखने लगे।

वो राक्षस राम्या को लेकर वहा से जाने लगा था,

my WhatsApp group please you can joined with me https://chat.whatsapp.com/F77HiO0NAky37XWTqqUciv

to be continued...

प्लीज़ यह तक आ गय तो एक कमेंट और सपोर्ट कर दीजिए इस बुक को, ताकि मुझे लिखने में इंटरेस्ट आय


ความคิดของผู้สร้าง
Alokks Alokks

श्री राम राम्या को इस लिए नही बचाना चाह रहे थे क्युकी श्री राम राम्या को राक्षस लोक भेजना चाहते थे, राम्या बहुत शक्ति साली था, वो राक्षस राम्या को इस लिए ले जा रहा था, ताकि राम्या की सौतेली बहन से उस राक्षस के महाराज शादी करना चाहता था,

अब राम्या की बहन कौन है जानने के लिए आपको खुद पढ़ना परेगा "RAMYA YUDDH"

प्लीज़ यहां तक आ गय है तो सपोर्ट कर दीजिए

next chapter
Load failed, please RETRY

สถานะพลังงานรายสัปดาห์

Rank -- การจัดอันดับด้วยพลัง
Stone -- หินพลัง

ป้ายปลดล็อกตอน

สารบัญ

ตัวเลือกแสดง

พื้นหลัง

แบบอักษร

ขนาด

ความคิดเห็นต่อตอน

เขียนรีวิว สถานะการอ่าน: C6
ไม่สามารถโพสต์ได้ กรุณาลองใหม่อีกครั้ง
  • คุณภาพงานเขียน
  • ความเสถียรของการอัปเดต
  • การดำเนินเรื่อง
  • กาสร้างตัวละคร
  • พื้นหลังโลก

คะแนนรวม 0.0

รีวิวโพสต์สําเร็จ! อ่านรีวิวเพิ่มเติม
โหวตด้วย Power Stone
Rank NO.-- การจัดอันดับพลัง
Stone -- หินพลัง
รายงานเนื้อหาที่ไม่เหมาะสม
เคล็ดลับข้อผิดพลาด

รายงานการล่วงละเมิด

ความคิดเห็นย่อหน้า

เข้า สู่ ระบบ