अब आगे
श्रद्धा और करणवीर हैरानी से सिद्धार्थ क़ो देख रहे थे जो घुटनो के बल बैठ कर अपने हाथ जोड़ करणवीर से श्रद्धा क़ो छोड़ देने की भीख मांग रहा था। श्रद्धा की आंखों में आंसू बहने लगते हैं उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि सिद्धार्थ उसे इतना प्यार करता है जो इंसान कभी किसी के सामने नजर झुका के बात करना तक पसंद नहीं करता था आज वह उसके लिए घुटनों के बल बैठकर हाथ जोड़कर उसकी जान की भीख मांग रहा है। सिद्धार्थ को ऐसे देखकर श्रद्धा की आंखों से आंसू बहे जा रहे थे उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि वह क्या समझे, सिद्धार्थ का प्यार समझे या अब तक जो सिद्धार्थ में उसके साथ किया उसे क्या समझे।
करणवीर जोर-जोर से हंसने लगता है और कहता है ऐसे ही मैंने तुझे भी भीख मांगी थी, लेकिन क्या तूने मेरी बीवी है बच्चे को बचाया नहीं, तूने इसे बचाए और मैं उन दोनों को खो दिया इसके लिए मैं तुझे कभी माफ नहीं करूंगा तुझे भी इसी तरह से तड़पना होगा, अपने प्यार के लिए तड़पना होगा जैसे मैं तड़प रहा हूँ जैसे मेरी जिंदगी में कोई मकसद नहीं रह गया। वैसे ही मैं तेरी जिंदगी को भी जीने का कोई मकसद नहीं रहने दूंगा। यह कहकर को अपने गन की टिगर पर हाथ रखता है तभी सिद्धार्थ जी कर कहता है तो मेघा जिंदा नहीं है लेकिन तुम्हारा बच्चा जिंदा है।
यह सुनकर कारण के हाथ कांप जाते हैं वह गुस्से से सिद्धार्थ की ओर देखा है और कहता है तू इसे बचाने की झूठ बोल रहा है ना, अरे कुछ तो शर्म कर भाई मानती थी तुझे मेघा लेकिन तूने क्या किया उसे बचाने की वजह इसे बचाए और उसके मरने के बाद आज तो इतना बड़ा झूठ बोल रहा है। सिद्धार्थ ने कहा मैं कोई झूठ नहीं बोल रहा हूं मैं श्रद्धा और उसकी मां को बचाने के बाद मेघा को भी बचाया था मेघा को बहुत ज्यादा चोट आई थी उसे बचाना मुश्किल था लेकिन उसके बच्चे को बचा लिया गया था।
तो उसे समय ऐसी कंडीशन में नहीं था कि मैं तुझे कुछ भी बता सकूं तेरा भी इलाज चल रहा था मैं तेरे होश में आने का इंतजार कर रहा था कि कब तुझे आए और मैं तुझे तेरे बच्चे से मिला हूं लेकिन डॉक्टर ने मुझे कुछ ऐसा बताया कि मैं तुझे चाह कर भी तेरे बच्चे के बारे में नहीं बता सकता था। क्या बकवास कर रहा है तो करणवीर में चिल्ला कर कहा। उसके बाद का सिद्धार्थ ने कहा मैं जो कह रहा हूं सच कह रहा हूं तुम्हें यह तो पता है ना कि मेघा का ब्लड ग्रुप बहुत ही ज्यादा रेयर था, जब तुम्हारा बच्चा पैदा हुआ तो उसे जेनेटिक प्रॉब्लम थी और वही जेनेटिक प्रॉब्लम मेघा को भी दिए तो तुम्हारे अच्छे से जानते हो ना।
करणवीर ध्यान से सिद्धार्थ की बातें सुन रहा था क्योंकि जो भी इस समय सिद्धार्थ कह रहा था वह सच था सच में मेघा को बचपन में एक ब्लड की बीमारी थी और उसे ब्लड की बीमारी इस से ब्लड ग्रुप के इंसान के ब्लड से की जा सकती थी। सिद्धार्थ में आगे कहां वही बीमारी तेरी बच्ची को भी थी मेघा नहीं बच पाई और ना ही उसकी फैमिली का कोई ऐसा मेंबर था जिसका ब्लड ग्रुप उसके ब्लड ग्रुप से मैच करता हो इसलिए मैं बच्चे क़ो जर्मनी लेकर चला गया वहां आज तक उसका इलाज चलता रहा कुछ समय पहले जब श्रद्धा की मां की डेथ हुई उसे समय में जर्मनी में तुम्हारी बच्ची का इलाज करवा रहा था अब जाकर वह ठीक हो चुकी है मैं उसे तुमसे मिलना चाहता था लेकिन उसके लिए मैं सही टाइम ढूंढ रहा था।
तुम्हारी बच्ची 7 साल की हो चुकी है, वह तुमसे मिलने के लिए बेताब है वह तुमसे मिलना चाहती है। करण सिद्धार्थ को देखकर कहता है तुम सच कह रहे हो सच में मेरी बच्ची जिंदा है कहां है वह, यह सब कहते हुए कारण की जुबान कांप रही थी। उसके इतना कहते ही सिद्धार्थ ने कहा कृति.......
कृति सूनकर कारण की आंखें बंद हो गयी, सिद्धार्थ ने उसकी बच्ची का वही नाम रखा था जो उसने और मेघा ने मिलकर सोचा था, तभी उसे किसी के कदमों की आहट होती है एक प्यारी सी आवाज उसके कान में गुजती है सिद्धार्थ अंकल....... सिद्धार्थ के पास कृति आकर खड़ी होती है और कहती है आप मुझे यहां क्यों ले होते आप मुझे आज अपने पापा से मिलवाने वाले हो क्या। सिद्धार्थ कृति के सिर पर हाथ फेर कर कहता है हां बेटा आज मैं आपको आपके पापा से मिलवाने वाला हूं वह देखो वह खड़े हैं आपके पापा।
करणवीर में अब तक अपनी आंखें बंद की हुई थी उसकी हिम्मत ही नहीं हो रही थी कि वह अपने बच्ची को देख सके उसके हाथों से वह बंदूक भी छूट कर नीचे गिर चुकी थी, सिद्धार्थ कृति का हाथ पकड़ कर कर्मवीर के सामने लेकर आता है और कहता है करण अपनी आंखों को देख अपनी बच्ची को, उसके इतना कहते हैं कारण अपनी आंखें खोलता है तो उसके सामने एक साथ साल की बच्ची खड़ी होती है, जिसमें एक पिंक कलर का फ्रॉक पहना होता है उसी की मैचिंग जूतियां और उसके बालों की दो छुट्टियां की हुई थी जिसमें बहुत ही प्यारी-प्यारी क्लिप लगे हुए थे उसे लड़की की आंखें ब्राउन कलर की थी, उसकी छोटी सी शॉर्ट नोट की और पतले से होंठ थे।
उसे लड़की को देखकर कारण की आंखों से बेतहाशा आंसू बहने लगे उसने घुटनों के बल बैठकर उसे बच्चों के चेहरे को अपने हाथों में भरा और कहां आप कृति हो मेरी बच्ची..... फिर उसने सिद्धार्थ की ओर देखकर कहा सिद्धार्थ क्या यह सच में मेरी बच्ची है फिर उसने खुद ही अपने सवालों का जवाब दिया हां यह मेरी बच्ची है यह बिल्कुल मेरी मेघा जैसी है वही आप वही ना कोई सच में मेरी ही बच्ची है या बोलते हो कृति के पूरे चेहरे पर किसेज करने लगता है और उसे अपने सीने से लगा लेता है।
अपनी बच्ची को सीने से लगाकर उसे अलग ही सुकून मिल रहा था, थोड़ी देर बाद करण को अपने कंधे पर किसी का हाथ फील होता है जब वह अपने बच्चों से अलग होकर देखता है तो सिद्धार्थ वहीं खड़ा था, सिद्धार्थ में करण के कंधे पर हाथ रखकर कहां।मुझे माफ कर दे मेरे यार मैं तुझे यह बात छुपाना नहीं चाहता था लेकिन मैं क्या करता जब तक कृति का ऑपरेशन नहीं हो जाता तब तक डॉक्टर यह सर नहीं हो सकते थे की कृति बचेगी कि नहीं मैं नहीं चाहता था कि तुझे यह न्यूज़ मिले और कृति को कुछ हो जाए और तो फिर से टूट जाए लेकिन मुझे माफ कर दे यह बात तुझे छुपाने के लिए।
उसे समय हालात ऐसे थे कि डॉक्टर चाह कर भी मेघा तो नहीं बचा पाए लेकिन कृति को बचा लिया और वह भी ऐसी कंडीशन में कि मैं तुझे बता भी नहीं सकता था इसलिए मुझे माफ कर दो आज मैं तुझे तेरी कृति, मेरी बहन की आखिरी निशानी तुझे देता हूं। आज मेघा से क्या हुआ मेरा वादा पूरा हुआ।
आगे क्या होगा इस कहानी में जानने के लिए
To be continued ❤️❤️❤️❤️❤️
राधे राधे