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68% The passion of love / Chapter 34: Mohan Wadhwa's truth out

บท 34: Mohan Wadhwa's truth out

अब आगे

 

 लगभग 1 घंटे बाद सिद्धार्थ की गाड़ी एक पुराने फैक्ट्री के बाहर रूकती है सिद्धार्थ उसमें से किसी राजा की तरह बाहर निकलता है और उसे फैक्ट्री में चला जाता है उसके पीछे लगभग 10 से 15 आदमी थे जो देखने में बॉडीगार्ड की तरह लग रहे थे। उन्हें आदमियों के साथ राजा भी था। सिद्धार्थ जब फैक्ट्री के अंदर जाता है तो वहां देखा है कि एक आदमी को कुर्सी से बंद कर रखा गया है सिद्धार्थ उसे आदमी के सामने रख सोफे पर किसी राजा की तरह बैठकर अपने एक पैर पर एक चढ़कर उसे घूर कर देखने लगता है।

 

 

थोड़ी देर बाद उसने अपने एक आदमी को इशारा किया उसे आदमी ने बांधे हुए आदमी के मुंह से पट्टी हटाई पट्टी हटाते हैं उसके मुंह से खूब ढ़ेर सारा खून निकल गया। जब उसे आदमी ने अपनी आंखें खोलकर सामने बैठे सिद्धार्थ को देखा तो उसकी जान हलक में अटक गई सिद्धार्थ के हाथ में इस समय एक लिमिटेड एडिशन की गन थी। उसे गन को अपनी उंगलियों में घुमाया जा रहा था उसने उसे आदमी को देखा और सिर्फ इतना कहा बस एक बार पूछूंगा। तुम्हें हॉस्पिटल में प्वाइजन देने के लिए किसने कहा था।

 

 

वह आदमी कुछ बोल नहीं रहा था बल्कि चुपचाप सिर्फ सिद्धार्थ को देखे जा रहा था उसकी आंखों में सिद्धार्थ का डर साफ-साफ देखा जा सकता था लेकिन अभी भी वह कुछ नहीं बोल रहा था तभी सिद्धार्थ ने अपनी आंखों से कुछ इशारा किया उसके इशारा पाते ही उसे आदमी की चिंख उस खाली फैक्ट्री में बजने लगी क्योंकि उसके एक आदमी ने उसके हाथ की पांचो उंगलियों को काट दिया था। वह आदमी उसकी दूसरे हाथ की उंगलियों को भी काटने जा रहा था लेकिन उसने गिरगिट आते हुए कहा मैं बताता हूं सबसे बताता हूं प्लीज मुझे छोड़ दीजिए।

 

 

अपनी आंख के इशारे से उसे आदमी को छोड़ने के लिए कहा फिर उसके बाद उसने जो बताया उसे सुनकर सिद्धार्थ की आपको गुस्से से लाल हो गई।

 

 

दूसरी ओर श्रद्धा पुलिस ऑफिसर्स और लॉयर को लेकर मोहन वाधवा के घर में पहुंची यह घर भी श्रद्धा का ही था लेकिन मोहन वाधवा ने उसे अपने कब्जे में कर रखा था। श्रद्धा पुलिस ऑफिसर्स और लॉयर के साथ जब उसके घर के अंदर गई तो वहां पर मोहन वाधवा अपनी पत्नी रूबी के साथ बैठे हुए थे रुबी ने एक बहुत ही रिवीलिंग ड्रेस पहन रखी थी हालांकि वह उम्र में 40 45 की थी लेकिन मेकअप के चलते उसने अपनी उम्र को छुपा रखा था।

 

 

श्रद्धा को वहां पुलिस के साथ देखकर रूबी गुस्से से बौखला गई उसने उसे घूरते हुए कहा लड़की तेरी हिम्मत कैसे हुई यहां आने की, गुस्से से श्रद्धा की ओर बढ़ने लगी लेकिन श्रद्धा ने उसे देखकर कहा अगर अपनी सलामती चाहती है तो वहीं रुक जाइए क्योंकि आपका एक कदम मेरी तरह बढ़ता हुआ आपको जेल में पहुंचने के लिए काफी होगा। श्रद्धा की बात सुनकर रूबी की नजर श्रद्धा के साथ खड़े लॉयर और ऑफिसर्स से पड़ी।

 

 

पुलिस ऑफिसर्स को वहां देखकर रूबी के चेहरे पर एक डर आ गया वह अपने कदम पीछे करने लगी उसे इस तरह से डरते देखकर श्रद्धा के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कान आ गई। श्रद्धा ने अपने लॉयर को कुछ इशारा किया उसका लॉयर मोहन वाधवा के सामने आया और कहा मिस्टर वाधवा आपके ऊपर कंपनी में फ्रॉड करने और करोड़ों के घोटाले करने का आरोप लगा है इसलिए पुलिस आपको गिरफ्तार करने आई है।

 

 

मोहन वाधवा अभी भी वैसे ही बैठे रहे उन्होंने पुलिस ऑफिसर्स को देखकर कहा, मानता हूं कि कंपनी में कुछ फ्रॉड हुए हैं और घोटाले भी हुए हैं लेकिन वह सब मैं नहीं किया यह कहते हुए उन्होंने ताली बजाई तो कुछ आदमी एक 45 साल के आदमी को पकड़े हुए लेकर आए या आदमी मोहन वाधवा का असिस्टेंट था। वह असिस्टेंट सामने आया हाथ जोड़कर श्रद्धा से माफी मांगने लगा उसने कहा कि आज तक जो भी फ्रॉड हुए हैं या जो भी घोटाले हुए हैं वह सब उसने किए हैं मोहन वाधवा ने नहीं वह सिर्फ उनका नाम लेकर उनके विश्वास का फायदा उठाकर यह सब कर रहा था।

 

 

 

उसकी बात सुनकर श्रद्धा मोहन बढ़ावा की ओर घूर कर देखने लगी, मोहन वाधवा एक तिरछी स्माइल के साथ रहते हैं अब किस इल्जाम में मुझे गिरफ्तार करवाओगी लड़की। उसे असिस्टेंट के चेहरे को जब श्रद्धा ने देखा तो उसके चेहरे पर कुछ डर की लकीरें दिखाई देने लगी श्रद्धा बहुत अच्छे से समझ सकती थी कि जरूर वह असिस्टेंट किसी मजबूरी के चलते यह सारे इल्जाम खुद पर ले रहा है वह कुछ कहना चाहती थी तभी पीछे से एक आवाज आई। मानता हूं कि वह सारे फ्रॉड और घोटाले आपने नहीं किए थे लेकिन इन इल्जामो के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे यह कहते हुए एक शख्स अंदर आया उसे शख्स को देखकर श्रद्धा की आंखें बड़ी हो गई।

 

 

वह शख्स कोई और नहीं बल्कि सिद्धार्थ था सिद्धार्थ वहां पर आया और उसके साथ वहां पर कई सारे बॉडीगार्ड्स भी थे इस समय सिद्धार्थ ने एक ब्लैक टेक्सिड़ो पहन रखा था उसकी आंखों पर शेड्स चढ़े हुए थे। उसके बाल प्रॉपर जल से सेट थे वह इस समय एकदम बवाल लग रहा था। उसे इस तरह से देखकर श्रद्धा उसे पर से नजरे नहीं हटा पा रही थी लेकिन तभी उसके नजरों के सामने माया की बातें और उसकी प्रेगनेंसी रिपोर्ट्स आने लगी और उसने सिद्धांर्थ से अपनी नज़रें फेर ली। सिद्धार्थ को वहां पर देखकर मोहन वाधवा के चेहरे का रंग उड़ गया वह गुस्से से खड़ा हुआ और कहां मुझे यकीन नहीं होता कि यह लड़की इतनी गिरी हुई है कि डिवोर्स के बाद भी अपने पति को अपने पीछे-पीछे घूमा रही है।

 

 

 

उन्होंने इतना ही कहा था कि तभी उन्हें सिद्धार्थ की गरजती हुई आवाज सुनाई दी अपने शब्दों पर काबू रखिए मिस्टर वाधवा वरना आपके लिए बहुत ही बुरा हो सकता है मेरा और श्रद्धा का क्या रिश्ता है यह मुझे आपको एक्सप्लेन करने की कोई भी जरूरत नहीं समझता हूं आप सिर्फ मेरे इस बात का एक्सप्लेनेशन दीजिए यह कहते हुए वह एक आदमी को इशारा करता है उसके इशारा करते ही उसके बॉडीगार्ड एक आदमी को पकड़ कर लाते हैं और मोहन वाधवा के सामने पटक देते हैं। उसे आदमी को देखकर मोहन वाधवा के चेहरे पर डर की लकीरें साफ दिखाई देने लगते हैं। मोहन वाधवा के चेहरे को देखकर सिद्धार्थ के चेहरे पर एक टेढ़ी स्माइल आ जाती है उसके बाद वह उस असिस्टेंट को देखता है और कहता है तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है तुम सच बोल सकते हो क्योंकि तुम्हारी बच्ची इस समय उनकी कैसे आजाद हो चुकी है यह सुनकर असिस्टेंट ने सिद्धार्थ के पैर पकड़ लिया और उसका शुक्रिया अदा करने लगा।

 

 

क्या होगा इस कहानी में आगे जानने के लिए

 

To be continued ♥️♥️♥️

 

राधे राधे


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