ดาวน์โหลดแอป
62.5% बात एक रात की... / द डॉल मैन-2

द डॉल मैन-2

अपनी तय की गई मंज़िल पर पहुंच कर डेनियल और मार्विन अपने लिए रुकने की उचित जगह को ढूंढते हैं , बहुत ढूंढने के बाद उन्हें नदी के किनारे एक घर दिखता है, वह किसी और का नहीं बल्कि कुबड़े ओलिवर का था जिससे पूरा गांव दूर रहने में ही अपनी भलाई समझता था,

"मार्विन मुझे ये घर अपने काम के लिए उचित लग रहा है, देखो ये बाकी घरों से काफ़ी दूर है," डेनियल ने मार्विन को घर की तरफ इशारा करके दिखाते हुए कहा।

"हाँ, बात तो तुम सही कह रहे हो... ये घर बाकी घरों से काफ़ी दूर है और जंगल भी बगल में है, हम अपना लूटा हुआ माल यहाँ छुपा भी सकते हैं और सही समय पर निकाल कर उसे बेच भी सकते हैं, किसी को कानो कान ख़बर नहीं लगेगी कि ये कांड किसने किया था, अब बस उस घर में चलकर देखते हैं कि कितने लोग रह रहे हैं, रास्ते में आते समय मारे हुए बटुओं से हम मालिक को रुकने के लिए कुछ पैसे दे देंगे एडवांस के तौर पर जिससे उसे हम पर शक़ भी नहीं होगा, हम उसे झाँसा दे देंगे कि हम पास के गांव में होने वाले समारोह को देखने आए हैं लेकिन हमें कहीं रुकने की जगह नहीं मिली इसलिए आपके यहाँ पूछने चले आए ", मार्विन ने डेनियल से सहमत होते हुए उसे सारी योजना समझाते हुए कहा।

" बात तो पते की कह रहे हो... बस घर में ज़्यादा लोग न हों और मालिक तैयार हो जाए हमें रोकने के लिए ", डेनियल ने मार्विन की योजना से सहमत होते हुए कहा।

" तो चलकर पूछ ही लेते हैं ", मार्विन ने डेनियल से कहा और दोनों छोटी पहाड़ी से नीचे नदी के किनारे उस घर के नज़दीक पहुँचे, दोनों रास्ते भर हर जगह को अच्छी तरह से देखते हुए ओलिवर के घर पर पहुँचे थे। घर के करीब पहुंचकर मार्विन ने उसके दरवाजे को खटखटाया। कुछ देर बाद दरवाज़ा खुला और ओलिवर को देखते ही दोनों पहले तो चौंक गए, फिर थोड़ा संभलते हुए उसे सारी बातें बताने का निर्णय किया।

"हम मुसाफिर हैं और पास के इलाके में होने वाले समारोह को देखने आए हैं, हम रुकने की जगह ढूँढ रहे थे मगर कहीं कोई कमरा खाली नहीं मिला, निराश होकर लौट ही रहे थे इतने में आप का मकान देखा तो बड़ी उम्मीदों के साथ आपसे पूछने चले आए... आप जितना किराया मांगेंगे हम देने को तैयार हैं और कुछ अडवांस भी देने को तैयार हैं ", मार्विन ने बड़ी होशियारी से अपनी बात ओलिवर को समझाई।

" कहाँ से आ रहे हैं आप लोग ", ओलिवर ने उन दोनों से सवाल किया और अपने मन ही मन सोचने लगा कि उसके पास अच्छा मौका है कुछ पैसे कमाने और लिया हुआ कर्ज़ चुकाने का।

" लंदन से... वहाँ हमारा छोटा सा व्यापार है, बहुत सुना है पास के इलाके में होने वाले समारोह के बारे में तो सोचा इस बार चलकर देख ही लेते हैं अगर पसंद आया और देखा कि व्यापार का अच्छा ज़रिया है तो अगले साल अपना भी माल वहाँ बेचेंगे", डेनियल ने मार्विन का साथ देते हुए कुबड़े ओलिवर को चकमा देते हुए कहा।

" ठीक है... मैं तैयार हूँ तुम दोनों को रहने के लिए जगह देने को, पास का समारोह तो दस दिन चलने वाला है और आज पहला दिन है, उस हिसाब से मैं पूरे दस दिनों का किराया लूँगा, मंज़ूर हो तो बोलो... निकालो पचास पाउंड एडवांस और खाना पास के गांव में ही खाना पड़ेगा, अगर बना सको तो रसोई में सारा सामान मौजूद है क्यूँकि मैं घर में बहुत कम खाता हूँ इसलिए बनाने का झंझट नहीं लेता ", कुबड़े ओलिवर ने उनसे कहा और दस दिनों का किराया भी तय कर लिया। मार्विन और डेनियल उसकी सारी शर्तो को मान गए।

" इस बार सालाना समारोह में ज़्यादा भीड़ है...क्यूँ एडवर्ड तुम्हारा क्या कहना है ", एडवर्ड के स्टाल पर उसके एक पहचान वाले ने कहा।

" ठीक कह रहे हो जैकब, इस बार पिछले साल से ज्यादा लोग आए हैं, हर साल भीड़ बढ़ती ही जा रही है, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों में इस समारोह की चर्चा होती आयी है और इसलिए लगातार भीड़ बढ़ती ही जा रही है, इस बार कई नए व्यापारियों ने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए यहां स्टॉल बुक किए हैं, इससे लोगों के बीच ज़्यादा उत्तेजना फैलती है", एडवर्ड ने जैकब की बातों से सहमत होते हुए कहा।

" इस साल तुम्हें भी खिलौने बेचने के लिए दो नौजवानो को किराए पर रखना पड़ा, देखो तुम्हारे स्टॉल पर भी कितने बच्चों की भीड़ जमा है ", जैकब ने एडवर्ड से कहा, दोनों मित्र स्टॉल के तम्बू में कुर्सियों पर बैठे हुए थे और किराए पर रखे दोनों लड़कों के काम को देख रहे थे, उन दोनों नौजवानो का इंतज़ाम भी जैकब ने करवाया था जो एडवर्ड का अच्छा मित्र भी था और एडवर्ड को दस दिनों के लिए उसी के यहाँ रुकना था, अपना सारा माल बेचने के लिए, उसके बाद ही वह अपने घर जा सकता था जो पास के शहर में था।

शाम होते ही रात के खाने का इंतजाम करने दोनों मित्र डेनियल और मार्विन निकले,

"सारे इलाके को अच्छे से देख लेना, हमें उस घर में लूट डालने में ज़्यादा आसानी होगी जिनके मालिक मौजूद नहीं हैं, इलाके के चौराहे से हम दोनों अलग अलग दिशा में निकलेंगे और फिर बाद में सब कुछ पता करने के बाद इसी रास्ते पर मिलेंगे, जितने लोगों से बात करना उनसे होशियारी से सारी बातें उगलवा लेना, पर ख़ुद पर शक़ मत होने देना और किसी को ये पता नहीं चलना चाहिए हम दोनों एक दूसरे को जानते हैं ", मार्विन ने आगे की योजना डेनियल को समझाते हुए कहा। दोनों ने होशियारी से उस पूरे इलाके की अच्छी तरह से पड़ताल की और अपने खाने पीने का इंतजाम करके सीधा नदी के किनारे ओलिवर के घर की ओर बढ़ने लगे। किसी को उनपर शक़ नहीं हुआ और होता भी कैसे वे दोनों थे ही इतने शातिर मुजरिम जिनके अंदर ज़रा भी दया नहीं थी।

"क्या हुआ डेनियल... कुछ काम की खबर हाथ लगी है क्या, तुम्हें इस इलाके में किसी ने पहचान तो नहीं लिया जो तुम इतनी गहरी सोच में डूबे हो", मार्विन ने कुबड़े ओलिवर के घर पर शराब पीते हुए अपने साथी डेनियल से पूछा।

"नहीं पहचाना तो किसी ने नहीं, आज खाने का इंतजाम करते समय मैंने एक फूलझड़ी को बाज़ार में सामान खरीदते हुए देखा... उसकी नज़रों ने दिल पर वार कर दिया, बहुत दिन हो गए किसी महिला के साथ मस्ती किए हुए, सोच रहा था कि क्यूँ न इस लूट में उसपर भी हाँथ साफ़ कर लूँ", डेनियल ने अपने बुरे इरादे अपने दोस्त मार्विन के समक्ष रखा।

" ओहो... चोरी ऊपर से सीना जोरी, मुझे तुम्हारी योजना पसंद आई और क्या पता चला उस हसीना के बारे में ", मार्विन ने डेनियल से सहमत होकर उस हसीना के बारे में पूछा।

" ज़्यादा कुछ नहीं, बस उस दुकानदार से उसका नाम पता चला, वह उसे एलिजाबेथ बुला रहा था, फिर मैंने उसका पीछा किया और उसका घर देख लिया, वह इस इलाके में रइसों की गिनती में आती है, पहनावे से भी अच्छे परिवार की दिखती है... उसके घर लूट डालने पर हम लोगों को काफ़ी माल मिलने की उम्मीद है ", डेनियल ने आज की घटना विस्तार से मार्विन को समझाई।

" बहुत अच्छे मेरे मिट्टी के शेर... कल ही से उसकी जानकारी निकालने के काम पर लग जाओ, मौका मिलते ही घर के सारे माल के साथ मालिक की बेटी पर भी हाथ साफ़ कर लिया जाएगा, उसके घर में कितने सदस्यों की संख्या है ये भी पता कर लेना ताकि बाद में कोई मुश्किल खड़ी न हो", मार्विन ने डेनियल की तारीफ़ करते हुए उसे आगे की योजना के बारे में समझाया।

" बिलकुल ऐसा मौका भला हाथ से कैसे जाने दे सकता हूँ, कल ही उसकी और उसके परिवार का इतिहास तुम्हारे सामने होगा ", डेनियल ने विश्वास दिलाते हुए मार्विन से कहा और शराब पीने लगा। वह दोनों मित्र बैठकर खा पी रहे थे कि तभी अचानक ओलिवर अपने घर में दाखिल होता है। ओलिवर उन्हें पीता हुआ देखता है तो उसके भी मुँह में पानी आने लगता है पर फिर भी वह खुद में थोड़ा संयम रखता है, अब कैसे न रखता आखिर था तो घर का मालिक, उसे अपने किराएदारों के सामने अपनी इज़्ज़त बना के रखनी थी। चतुर मार्विन उसे देख सब कुछ समझ जाता है और डेनियल की ओर इशारा करते हुए कहता है "अरे, हम लोग अकेले ही बैठे हैं, अपने मकान मालिक को तो हमने पूछा ही नहीं...अरे भाई साहब आप भी हमारा साथ दीजिए, आइए और बढ़िया टर्की खाइए, साथ ही इस बढ़िया वाइन का भी मज़ा लीजिए", डेनियल भी गर्दन हिला कर हाँ में इशारा करता है।

"अरे नहीं भाई, आप लोग खाइए पीजिए ", ओलिवर ने अपना मन मारते हुए उन दोनों से कहा।

" अरे आइए न, हम सभी रात का खाना साथ ही खाते हैं ", डेनियल ने भी मार्विन का साथ देते हुए ओलिवर की ओर इशारा करते हुए कहा।

" चलिए आप लोग जब इतना प्यार जता के कह रहे हैं तो, मैं भी साथ देने को तैयार हूँ ", ओलिवर ने उन दोनों से कहा और उनके सामने बैठ गया।

"ये हुई न बात मेरे भाई... खाने पीने में शर्माना नहीं चाहिए, अब तो हम सब एक ही छत के नीचे इस थैंक्स गिविंग टेबल पर बैठे हैं, एक भाई की तरह तो फिर कैसा शर्माना ", मार्विन ने ओलिवर की ओर देखते हुए कहा।

" क्यूँ नहीं हम सब भाई ही हुए और आप ने तो हमारी इतनी सहायता भी की है, रुकने के लिए जगह दी है... आपका तो हम पर एहसान है ", डेनियल ने भी मार्विन का साथ देते हुए ओलिवर से कहा।

" अरे भाई अब इंसान ही तो इन्सान के काम आता है और मैंने कोई एहसान नहीं किया, एक अच्छे इंसान होने का फर्ज़ निभाया है ", ओलिवर ने शर्माते हुए शराब का ग्लास उठा उन दोनों से कहा।

" ये बात आपने सही कही कि इंसान ही इंसान के काम आता है, इसमे भी कोई शक़ नहीं की आप एक भले इंसान हैं जिसका एक बड़ा दिल भी है ", मार्विन ने भी चापलूसी दिखाते हुए कहा।

" धन्यवाद, आप लोगों का की आप लोगों ने मुझे खाने के लिए आमंत्रित किया, इसमें कोई शक नहीं कि आप दोनों का भी दिल बड़ा है, वर्ना आज कल कोई मुफ़्त में दारू नहीं पिलाता है ", ओलिवर ने भी आभार प्रकट करते हुए उन दोनों की ओर देखकर कहा।

"अरे धन्यवाद कैसा... आप हमारे बड़े भाई की तरह हैं, आपके घर में हम लोग रह रहे हैं, बड़े भाई अगर इन छोटे भाईयों से कोई गलती हो जाए तो माफ़ करना ", मार्विन ने ओलिवर की ओर देखते हुए कहा।

" अरे नहीं भाई ऐसी कोई बात नहीं है, आप लोग आराम से यहाँ रहें और यूँ ही खाते पीते मस्त रहें... बस किराया कम नहीं होगा क्यूँकि मेरी अपनी भी कुछ मजबूरियाँ हैं ", ओलिवर ने उन दोनों की ओर देखते हुए कहा।

"अरे नहीं बड़े भाई ऐसा बिलकुल नहीं होगा, हम लोग अपनी ज़ुबान के पक्के हैं, जो कह दिया सो कह दिया, आपका किराया कम नहीं होगा... हमारे पास इतने पैसे हैं कि किराया देते हुए रोज़ खा पी सकते हैं, आखिर इज़्ज़तदार नागरिक हैं", मार्विन ने अपनी सफाई देते हुए ओलिवर से कहा।

" तब तो हमारा भाईचारे का रिश्ता बर्करार रह सकता है, लीजिए एक पेग और बनाइए, इस बात पर ", ओलिवर भी कम न था उसने भी चतुराई दिखाते हुए उन दोनों से कहा। सबके बीच बातचीत का दौर यूँही चलता रहता है, उन तीनों की महफिल काफ़ी देर तक चलती रहती है। खाना पीना ख़त्म होने के बाद सभी अपने कमरे में चले जाते हैं। रात थोड़ी और बीतती है, घर के पीछे की ओर जंगल से भेड़ियों की रोने की आवाज़ सुनाई पड़ने लगती है।

अचानक ही मार्विन का नशा चीटकते ही उसकी नींद टूटती है, वह उन जंगली भेड़ियों की आवाज़ को साफ़ सुन सकता था और लेटे हुए दुबारा नींद आने का इंतजार करता है कि तभी उसे किसी के कदमों की आहट सुनाई देती है। वह खुद को रोक नहीं पाता है और बिस्तर से उठकर दरवाज़े की ओर बढ़ता है।

To be continued...

©IVANMAXIMUSEDWIN


द डॉल मैन-3

मार्विन बहुत ही सावधानी पूर्वक अपने कमरे के दरवाजे को खोलता है ताकि दरवाजे के खुलने की आवाज़ किसी के कानो तक न पहुंच पाए, वह गश्त लगाने वाले उस बंदे को देखना चाहता था जो इतनी रात में बाहर टहलने निकला था। मार्विन देखता है कि कुबड़ा ओलिवर अपने ऊपर कम्बल डाल कर घर के मुख्य दरवाजे को खोलकर बाहर जाने का प्रयास कर रहा था, उसकी नज़र अब तक मार्विन पर नहीं पड़ी थी।

"ये इतनी रात में चोरों की तरह कहाँ जा रहा है, गुरु दाल में ज़रूर कुछ काला है... ये कुबड़ा इतना सीधा नहीं है जैसा प्रतीत होता है, इसके इस राज़ का तो पता लगाना ही पड़ेगा", मार्विन ने ओलिवर को रात में चोरों की तरह निकलते हुए देख कर ख़ुद से कहता है, उधर इस बात से अनजान ओलिवर धीरे से दरवाजे को खोलकर घर से बाहर निकल जाता है। मार्विन भी अपना ओवर कोट डालकर उसके पीछे-पीछे चल देता है।

रात अपने चरम पर थी, चारों ओर से भेड़ियों की भयानक आवाज़ें दिल दहला देने के लिए काफ़ी थीं पर फ़िर भी दो लोग ऐसे थे जिन्हें इस बात की परवाह बिलकुल नहीं थीं। ओलिवर को अपनी मंज़िल तक पहुंचने की जल्दी थी वहीं दूसरी ओर मार्विन को इस बात का पता लगाने की तीव्र इच्छा थी कि कुबड़ा ओलिवर कहाँ और क्या करने जा रहा है। कुछ ही देर में छोटी पहाड़ी का इलाका शुरु हो जाता है और जंगल से आ रही उन भेड़ियों की आवाज़ भी अब दबने लगी थी, ऐसे में ओलिवर को एहसास होता है कि कोई उसके पीछे चल रहा है, ओलिवर चलते- चलते अचानक रुक जाता है और तुरंत ही पीछे मुड़कर देखता है, वहाँ कोई नहीं था चतुर मार्विन पास ही एक पेड़ के पीछे छुप गया था और ऐसा ओलिवर के कुबड़ेपन के कारण था, वह आम लोगों के मुकाबले कुछ धीमा था, उसे चलने में भी काफ़ी परेशानी होती थी, झुका हुआ शरीर आखिर कितना तेज़ चल सकता था। ओलिवर देखता है कि पीछे कोई नहीं है वह फिर से मुड़कर अपनी मंज़िल की ओर बढ़ने लगता है, मार्विन भी पेड़ के पीछे से निकलकर दुबारा पीछा करने लगता है लेकिन इस बार वह और थोड़ा होशियारी से ऐसा करता है क्यूँकि उसे इस बात का पता चल गया था कि ओलिवर को शक़ हो गया था कि कोई उसका पीछा कर रहा है।

"ऐसा लग रहा है कि कोई मेरे पीछे चल रहा है, सूखे पत्तों की आवाज़ साफ़ मेरे कानों तक पहुंच रही है... कौन हो सकता है ", ओलिवर ख़ुद से कहता है और एक बार फिर चलते- चलते रुक जाता है पर एक बार फिर से उसके हाथ निराशा ही लगती है क्यूँकि फ़िर से उसकी धीमी गति और पेड़ का सहारा लेकर मार्विन ख़ुद को छुपाने में कामयाब हो जाता है।

" ये कुबड़ा तो बहुत ही बड़ा खिलाड़ी निकला... इसे दुबारा शक़ हो गया कि कोई इसका पीछा कर रहा है, इसके कान काफ़ी तेज़ मालूम पड़ते हैं", मार्विन पेड़ के पीछे छुपकर ओलिवर की ओर देखते हुए ख़ुद से कहता है।

"लगता है कोई नहीं है, शायद मेरे ही कानों को धोखा हुआ हो... ख़ैर कुछ देर रुक कर देखता हूँ फ़िर आगे अपनी मंज़िल की ओर निकलूंगा ", ओलिवर मौके की नज़ाकत को समझते हुए ख़ुद से कहता है और थोड़ी देर वहीं रुक कर फ़िर से आगे की ओर बढ़ता है। मार्विन पेड़ के पीछे से निकलकर फ़िर से उसका पीछा करने लगता है।

इस बार ओलिवर थोड़ा ज़्यादा ही सतर्कता से आगे बढ़ रहा था और मार्विन उससे भी ज्यादा सतर्कता से उसका पीछा कर रहा था।

ये ओलिवर का दुर्भाग्य था कि उसके कंधों के ऊपर पूरी दुनिया का भार परमात्मा ने रख दिया था जिसका भरपूर फायदा मार्विन उठा रहा था और ओलिवर का पीछा करने में उसे ज़्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा था क्यूँकि उसकी गति इतनी तेज़ नहीं थी।

काफ़ी दूर चलते हुए एक बार फिर से ओलिवर को ऐसा लगने लगता है कि कोई उसका सही में पीछा कर रहा है, वह फिर से रुक कर पीछे पलट कर देखता है, "कौन हो सकता है जो आज इस तरह से पीछा कर रहा है... ऐसा पहले तो कभी नहीं हुआ, घर में जो मेहमान आयें हैं वो तो शराब पीकर सोए पड़े होंगे, उनमें से तो कोई नहीं हो सकता है, फिर ये कौन है जो इतनी रात में पीछा कर रहा है सोने के बजाए... कोई दिख भी तो नहीं रहा है", ओलिवर ख़ुद से ही कहता है और इधर उधर अपना पीछा करने वाले को देखने लगता है।

" ओहो... ये कुबड़ा तो चलते हुए बीच बीच हर बार पीछे मुड़कर देखता है, पता नहीं आज पहुंचेगा कि नहीं, एक तो चलता ही धीरे - धीरे है ऊपर से बार - बार पीछे जासूसी करता फ़िर रहा है ", एक बार फिर से ओलिवर की धीमी गति का फायदा उठाकर पेड़ के पीछे छुप कर मार्विन ख़ुद से कहता है। वह कच्ची सड़क के किनारे उगे हुए पेड़ों का भरपूर फायदा उठा रहा था ख़ुद को छुपाने में। ओलिवर काफ़ी देर तक रुक कर अपना पीछा करने वाले को देखता है पर उसे कोई भी व्यक्ति दिखाई नहीं देता है यहाँ तक कि कोई जानवर भी मौजूद नहीं थे।

" लगता है कि कोई नहीं है इस बार फिर से धोखा हुआ है... अब आगे की ओर बढ़ता हूँ काफ़ी देर हो गई इसी चक्कर में, बार - बार पीछे ही देखता रहूँगा तो सुबह हो जाएगी और अपना काम नहीं निपटा पाऊँगा जिस कारण रात में निकला हूँ", ओलिवर ने उसी जगह खड़े - खड़े हर दिशा में देखते हुए ख़ुद से कहता है।

" अरे कुबड़े आगे क्यूँ नहीं बढ़ता है... गुरु लगता है कोई बड़ा हाँथ मारने के लिए रात में निकला है, अगर ऐसा न होता तो इसे पकड़े जाने का डर नहीं होता और ये बार - बार पीछे मुड़कर न देख रहा होता, ये ज़रूर कोई ऐसा काम करने जा रहा है जिसके बारे में ये किसी को पता नहीं चलने देना चाहता है ", पेड़ के पीछे से छुप कर ओलिवर को देखता हुआ मार्विन ख़ुद से कहता है और पेड़ के पीछे तब तक छुपा रहता है जब तक ओलिवर को पूरी तरह से तसल्ली नहीं हो गई कि उसके पीछे कोई भी नहीं है।

"आह... अरे ये मार्विन कहाँ लापता हो गया इतनी रात में, चारों तरफ जंगल से भेड़ियों के रोने की डरावनी आवाज़ें आ रही हैं, ऐसे में मार्विन को कौन सा काम आन पड़ा जो रात ही में निकल पड़ा वो भी बिना मुझे बताए, लगता है आज इस इलाके की छानबीन करते हुए कुछ बहुत ज़रूरी हाथ लगा है इसलिए बच्चू बिना बताए निकल पड़ा... इतने सालों का भरोसा पल भर में तोड़ दिया, ज़रा कमरे से बाहर देखता हूँ हो सकता है वहीं पर मौजूद हो और मैं बेवजह ही परेशान हो रहा हूँ ", नशा टूटते ही डेनियल भी नींद से जाग कर अंगड़ाई लेते हुए मार्विन के बिस्तर की ओर देखता है, उसे बिस्तर पर न पाकर मार्विन ख़ुद से कहता है और एक बार कमरे के दरवाजे से बाहर हॉल की ओर देखने का प्रयास करता है।

" अरे यहाँ तो कोई भी नहीं है, आखिर मार्विन कहाँ जा सकता है... ये जगह भी उसके लिए उतनी ही अनजान है जितनी मेरे लिए फ़िर ऐसे में उसे अकेले जाने की ज़रूरत क्यूँ पड़ गई, कहीं ऐसा तो नहीं है कि मार्विन का इरादा अब बदल गया हो और वह मुझे ही धोखा देना चाहता हो वर्ना आज तक उसने मुझे कभी कुछ बताए बिना नहीं किया... हम दोनों का संबंध सगे भाइयों से भी बढ़कर था, तो फिर आज मार्विन के हाथ ऐसा कौन सा राज़ लग गया जो इतने पुराने संबंध पर शक़ की दरार आ गई...मार्विन इस जगह पर आते ही बदल गया है ", डेनियल ने पूरे घर में मार्विन को तलाश किया पर उसे कहीं भी न पाकर निराश होते हुए ख़ुद से कहा। डेनियल को अब मार्विन के इरादों पर शक़ होने लगा था कि वह इस लूट में उसके साथ शायद हेरा फेरी करने की सोच रहा है।

इस बात की तसल्ली हो जाने पर कि कोई ओलिवर का पीछा नहीं कर रहा है, वह अपनी मंज़िल की ओर एक बार फिर से बढ़ना प्रारम्भ करता है, ओलिवर धीरे - धीरे अपनी मंज़िल की तरफ़ बढ़ रहा था और उसी के पीछे - पीछे चतुर मार्विन भी उसी ओर बढ़ रहा था जहाँ ओलिवर को जाना था। काफ़ी देर यूँही आँख मिचौली का खेल खेलकर ओलिवर को पहले ही काफ़ी देर हो गई थी फ़िर भी वह इस बात को नज़रअंदाज़ करते हुए चला जा रहा था।

"लगता है कि ये कुबड़ा कोई ख़ास खिचड़ी पकाने के इरादे से इतनी रात में निकला है... अब पता ये करना है कि यह इसका रोज़ का काम है या फिर आज इसके हाथ कोई ख़ज़ाना लगने वाला है, इसका पता तो तब तक नहीं चलेगा जब तक कि अपनी मंज़िल तक नहीं पहुँचता है, चलता भी तो बहुत धीरे - धीरे है ", मार्विन ने ओलिवर का पीछा करते हुए ख़ुद से कहा, वह इस बात का पूरी तरह से ध्यान रखे हुए था कि ओलिवर उसे देख न ले।

" लगता है कि फ़िर से कोई मेरे पीछे पीछे चल रहा है, पता नहीं कौन है जो इतनी बुरी तरह से हाँथ पैर धोकर पीछे पड़ा हुआ है... कहीं कोई पहचान वाला तो नहीं जिसे मुझ पर शक़ हो गया हो और वह छुप कर ये देखना चाहता हो कि मैं कहाँ आता जाता हूँ, यदि ऐसा है तो ये एक चिंता का विषय है क्यूँकि जो राज़ मैंने इतने सालों से छुपाकर रखा है वह सभी के सामने आ जाएगा... पर अब बार - बार रुक कर पता लगाने का समय नहीं, जो भी हो अगर कोई पीछा कर भी रहा है तो मेरी पकड़ में आने वाला नहीं है और मेरे पास इतना समय भी नहीं बचा है कुछ ही देर में सुबह हो जाएगी उससे पहले मुझे आज का काम निपटाना ही पड़ेगा", कुबड़े ओलिवर ने पीछा करने वाले की आहट मिलते ही ख़ुद से कहा पर इस बार वह रुक कर पीछा करने वाले को देखने के मूड में बिलकुल भी नहीं था, उसे तो अपनी मंज़िल पर पहुंच कर अपना काम निपटाने की जल्दी थी क्यूँकि थोड़ी ही देर में सुबह होने वाली थी और उस इलाके में सुबह - सुबह ओलिवर की मनहूस सूरत कोई भी देखना नहीं पसंद करता। इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए ही ओलिवर ने रात का ही वक़्त अपने काम के लिए मुनासिब समझा।

इसी तरह से चलते चलते कुछ ही देर में वह अपनी मंज़िल तक पहुंच गया, अपनी जेब से एक चाभी निकाल कर ओलिवर ने बंद ताले को खोला और उस इमारत के अंदर प्रवेश कर गया, अंदर उचित प्रकाश के लिए उसने अपनी जेब से एक मॉमबत्ती निकाल कर माचिस से जला ली, उस इमारत के बाहर खड़ा मार्विन एक शीशे की खिड़की से अंदर घटित घटनाओं को अच्छी तरह से देख रहा था... एक उचित खाली स्थान पाते ही ओलिवर ने अपनी जेब से कुछ और मॉमबत्तियां निकाल कर जला लीं, अब चारों ओर अच्छा खासा प्रकाश फैल चुका था, मार्विन को भी बाहर से अंदर देखने में ज़्यादा कष्टों का सामना नहीं करना पड़ रहा था, वह शांतिपूर्वक अन्दर घटित होने वाली घटनाओं को देख रहा था।

"काफ़ी देर हो गई और मार्विन अब तक नहीं लौटा... कहीं भेड़ियों का शिकार तो नहीं हो गया, वैसे भेड़िये रात में ज़्यादा आक्रामक हो जाते हैं और झुण्ड बनाकर अपने शिकार पर हमला करते हैं, ऐसे में बेचारा मार्विन अकेले क्या करेगा, वैसे मुझे इस बात पर बिलकुल यकीन नहीं है कि वह भेड़ियों का शिकार हो सकता है, वह ज़रूर कोई बड़ा हाथ मारने गया होगा... अरे ये छोटी पहाड़ी की ओर से कौन भागा चला आ रहा है, कहीं ये मार्विन तो नहीं है लेकिन ये इतनी बुरी तरह से क्यूँ भाग रहा है जैसे भूत देख लिया हो, वह अनजान शख्स इसी घर की ओर भागते हुए आ रहा है ", डेनियल नदी के किनारे कुबड़े ओलिवर के घर पर बैठा अपने साथी मार्विन के बारे में विचार करते हुए ख़ुद से कहता है कि तभी अचानक उसे एक अनजान साया छोटी पहाड़ी से घर की तरफ़ भाग के आते हुए दिखाई पड़ता है, डेनियल इधर-उधर देखता है और अपनी सुरक्षा के लिए पास ही रखी एक कुल्हाड़ी हाथ में उठा लेता है।

To be continued...

©IVANMAXIMUSEDWIN


Load failed, please RETRY

สถานะพลังงานรายสัปดาห์

>ต้องการคำอธิบาย 15,000 คำสำหรับการจัดอันดับ

ป้ายปลดล็อกตอน

สารบัญ

ตัวเลือกแสดง

พื้นหลัง

แบบอักษร

ขนาด

ความคิดเห็นต่อตอน

เขียนรีวิว สถานะการอ่าน: C0
ไม่สามารถโพสต์ได้ กรุณาลองใหม่อีกครั้ง
  • คุณภาพงานเขียน
  • ความเสถียรของการอัปเดต
  • การดำเนินเรื่อง
  • กาสร้างตัวละคร
  • พื้นหลังโลก

คะแนนรวม 0.0

รีวิวโพสต์สําเร็จ! อ่านรีวิวเพิ่มเติม
โหวตด้วย Power Stone
Rank N/A การจัดอันดับพลัง
Stone 0 หินพลัง
รายงานเนื้อหาที่ไม่เหมาะสม
เคล็ดลับข้อผิดพลาด

รายงานการล่วงละเมิด

ความคิดเห็นย่อหน้า

เข้า สู่ ระบบ

tip ความคิดเห็นย่อย

คุณลักษณะความคิดเห็นย่อหน้าอยู่ในขณะนี้บนเว็บ! เลื่อนเมาส์ไปที่ย่อหน้าใดก็ได้แล้วคลิกไอคอนเพื่อเพิ่มความคิดเห็นของคุณ

นอกจากนี้คุณสามารถปิด / เปิดได้ตลอดเวลาในการตั้งค่า

เข้าใจแล้ว