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19.11% द ब्यूटीफुल वाइफ ऑफ़ द व्हिरलविन्ड मैरिज / Chapter 26: किसी के सोने का ढंग वास्तव में भद्दा है

บท 26: किसी के सोने का ढंग वास्तव में भद्दा है

บรรณาธิการ: Providentia Translations

"गु जिंग्ज़, अगर आप वास्तव में मो हुइलिंग को इतना ज्यादा चाहते हैं, तो उसके साथ चले क्यों नहीं जाते । बिना किसी कारण आप अपना गुस्सा मुझ पर उतार रहे हैं ।।। आप इंसान हो या नहीं ? आपके पास अपने परिवार के खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं है। इसके अलावा, आपको मो हुइलिंग को यह बताने की भी हिम्मत नहीं है कि आपने मुझसे केवल उसी की वजह से शादी की है। आप सिर्फ एक कायर आदमी हैं।" लिन चे ने दरवाजा बंद होने से पहले उसे गुस्से में बोला । दरवाज़ा पूरी तरह से बंद हो गया था ।

गु जिंग्ज ने पूरे समय एक भी आवाज़ नहीं की।

लिन चे ने वहां लंबे समय तक इंतजार किया, लेकिन गु जिंग्ज ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसने लेटते ही अपना एक हाथ दूसरे हाथ पर रखा,और सोचने लगी कि,क्या उसने गु जिंग्ज़ को कुछ ज्यादा ही बोल दिया ।

सच में देखें तो, उसका गुस्सा होना जायज़ था। एक गलती के कारण जो उसने की थी, उसने जिंग्ज़ के जीवन की योजनाओं को ही बदल दिया था। इसलिए, वह गुस्से में था।

अगर लिन चे न होती, तो उसका परिवार शायद उस पर दबाव नहीं डालता और हो सकता है कि वे मो हुइलिंग कि धमकी देकर उसे शादी के लिए इस्तेमाल न करते । लिन चे के साथ जो हुआ उससे उनके परिवार कि उम्मीदें जाग गयीं थी और इसी वजह से इस तरह की स्थिति बन गई थी ।

हालांकि, लिन चे भी बेहद बुरी स्थिति में थी। वह केवल एक घोटाला करना चाहती थी लेकिन इसके बजाय, वह खुद ही एक घोटाले में फंस गयी।

ये सोचते हुए वो बहुत उदास हो गयी ।

लिन चे के मन में तरह-तरह के ख्याल आते रहे,और आखिर दिन भर की दौड़-धूप से थके होने के कारण वह सो गयी।

 कमरे में अकेले, गु जिंग्ज़ को लगा की बाहर का शोरगुल शांत हो गया है। हालांकि, वह अपने हाथ अपने सर के नीचे रख कर लेटा रहा, पर सो नहीं सका।

 उसने बाथरूम जाने के लिए,बेडरूम का दरवाजा खोला।

लिन चे प्रवेश द्वार पर ठण्ड की वजह से एक गेंद की तरह गोल होकर लेटी हुई थी और वह बहुत असहज लग रही थी।

गु जिंगज़ उसके पास चुपचाप से गया। उसने अपना सिर नीचे किया और उसे अपनी बाँहों में उठा लिया।

लिन चे वास्तव में बहुत हल्की थी। जिंग्ज़ को अभी भी ऐसा लग रहा था जैसे उसका कोई वज़न नहीं है। उसका सोया हुआ चेहरा एकदम सिकुड़ा हुआ लग रहा था और उसपर उसकी तीखी ठुड्डी अलग ही दिख रही थी। अब जब उसने उसे देखा, तो ऐसा लगा, एक बच्चा आराम से सो रहा हो । थोड़ी-थोड़ी देर में, वह अपने चेरी-लाल होंठों को चाटने के लिए अपनी जीभ को थोड़ा बाहर निकालती थी।

वह उसे बिस्तर पर ले गया और बाथरूम में जाने से पहले उसे चुपचाप देखता रहा।

जब वह बाहर आया, तब भी वह गहरी नींद में थी।

उसने कम्बल उठाया और उसके अंदर घुस गया ,वह सोच रहा था कि क्यूंकि ये एक ही रात कि बात थी तो दोनों ऐसा समझौता पहले भी कर सकते थे।

कौन जानता था कि रात के समय, लिन चे सोते समय अपने अंगों को अपने पास नहीं रखती थी।

फिर, जैसे ही गु जिंग्ज की लम्बी अनिद्रा के बाद थोड़ी नींद लगी, तो एक हाथ अचानक उसके शरीर पर पड़ा।

उसके पतले हाथ पर नज़र पड़ते ही उसने दाँत पीस लिए। उसने उसके हाथ को एक तरफ धकेल दिया और बगैर उसे परेशान किये उसके शरीर को पलट दिया।

आखिर जब उसे फिर एक बार नींद आने लगी,तो उसने फिर से उसका पैर को अपनी जांघ के ऊपर महसूस किया।

उसने पूरी रात सोते और जागते हुए बितायी। ये तो सिर्फ भगवान को ही पता था कि वह उसके रात भर के हमलों के बाद , थक कर कब सो गया।जब वह सुबह उठी, तो लिन चे को आश्चर्य हुआ कि वह वास्तव में बिस्तर पर थी।

हालाँकि, उसे याद नहीं था कि वह वहाँ कैसे पहुँची थी।

क्या यह हो सकता है कि कल रात गु जिंग्ज़ के अंदर इंसानियत जागी और वह उसे बिस्तर पर ले गया?

लेकिन उस समय, गु जिंग्ज़ कमरे में कहीं नहीं था।

लिन चे जल्दी से बाहर की ओर भागी, उसने देखा कि पूरा परिवार डाइनिंग टेबल पर बैठा नाश्ता कर रहा था।

गु जिंग्ज अपना नाश्ता खाता रहा,उसने लिन चे की तरफ नज़र उठा कर भी नहीं देखा।

मु वानक्विंग ने मुस्कुराते हुए लिन चे को बोला,"आओ बैठो।"

लिन चे सबसे नज़रें चुराकर केवल गु जिंगज़ को चुपके से घूर रही थी। यह आदमी ना !! उसने मन में सोचा ," वह जानबूझकर मुझे नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है? खुद जागने के बाद भी उसने मुझे नहीं जगाया और इसीलिए वो डाइनिंग टेबल पर नाश्ते के लिए सबसे लास्ट में पहुंची ।

लिन चे बैठ गयी और संकोचपूर्वक बोली, "माफ़ कीजियेगा !! मझे थोड़ी देर हो गयी ।"

मुस्कुराते हुए, मु वानकिंग ने कहा, "कोई बात नहीं। तुम कल रात थक गयी होगी । जिंग्ज़ ने तुम्हे जगाया नहीं क्योंकि वह तुमसे प्यार करता है।"

यह एक आश्चर्य ही होगा , अगर वह वास्तव में उसे प्यार करता था।।

उसने गु जिंग्ज को देखा जिसने अपने चम्मच को बड़े अच्छे ढंग से पकड़ा हुआ था। वह एक पर्शियन बिल्ली की तरह दिख रहा था,जिसकी हर हरकत इतनी सावधानीपूर्वक थी, उससे वह और भी अच्छा दिख रहा था ।

हालाँकि, उसने लिन चे तरफ बिल्कुल नहीं देखा।

म्यू वानकिंग के शब्द अस्पष्ट थे और लिन चे ने और भी अधिक शर्मिंदा महसूस किया।

वह कल रात इसलिए थक गई थी क्योंकि उसने लगभग आधी रात तक गु जिंग्ज़ के साथ झगड़ा किया था। अंत में, वह न केवल जीतने में विफल रही,बल्कि वह मानसिक और शारीरिक रूप से भी थक गई थी।

जब लिन चे ने इस बात को याद किया,तो वह गु जिंग्ज़ को घूरने से अपने आप को रोक नहीं पायी।

गु जिंगज़ ने इस बार उसे घूरते हुए देख लिया, उसकी ओर देखा, और अपनी आँखें घुमा लीं।

म्यू वानकिंग ने उनकी नज़रें देखीं और मंद - मंद मुस्कुराने लगी।

ऐसा लग रहा था कि दोनों ने आँखों- आँखों में काफी बातचीत की।

जब उसने शुरू में उन दोनों की शादी करवाई, तो वह चिंतित थी कि उनके रिश्ते को गु जिंग्ज के बहुत अलग व्यक्तित्व के कारण भुगतना पड़ेगा। लेकिन अब, ऐसा लग रहा था कि वे वास्तव में बहुत अच्छी तरह से साथ में थे।

यह बच्चा, गु जिंग्ज़ अपने दोनों भाइयों से अलग था। उसे बात करना पसंद नहीं था और वो लोगों से घुलता मिलता भी नहीं था । वो घमंडी और अपना रौब चलने वाला था। जब मु वानक्विंग ने उसे एक लड़की के साथ बातचीत करने के लिए भेजा, तो उसने वहां कोई प्रतिक्रिया नहीं दी । यह वास्तव में आश्चर्यजनक था कि वह लिन चे के साथ वह इस तरह से बातचीत कर रहा था।

मु वानकिंग ने कहा,"लिन चे,तुम तो बहुत पतली हो। थोड़ा ज़्यादा खाया करो।"

यह कहते ही, उसने लिन चे की प्लेट में जल्दी से खाना डाल दिया।

लिन चे ने एकदम से घबराकर कहा," नहीं ,कोई जरूरत नहीं है। मैं खुद ले लूंगी, मां।"

" तुम सच में बहुत पतली हो।" मु वानकिंग ने कहा,"अब जब तुम गु परिवार का हिस्सा हो, तो मुझे तुम्हें थोड़ा मोटा करना होगा।"

लिन चे ने कहा, "क्या पतला होना अच्छा नहीं है?"

म्यू वानकिंग ने कहा,"थोड़ा मोटा होना भी अच्छा है। क्यों? कौन इसे नापसंद करता है? क्या जिंग्ज़ ने तुमको मन किया है मोटा होने के लिए ?"

गु जिंग्ज़ ने लिन चे को देखा।

वह वास्तव में बहुत पतली थी। जब उसने अपनी बाहों को मेज पर रखा, तो उसकी त्वचा बिलकुल सफ़ेद और साफ़ थी, और उसकी बाहें ऐसी दिख रही थीं जैसे कि अगर कोई उन्हें मोड़ने की कोशिश करेगा तो वे टूट जाएंगी।

"उसमें नापसंद करने जैसा कुछ भी नहीं है, "जिंग्ज़ ने कहा।

मु वानकिंग ने कहा, "देखो, मैंने तुम्हें बोला था न कि जिंग्ज़ नापसंद नहीं करेगा।"

लिन चे ने गु जिंग्ज को देखा। बेशक, उसे यह नापसंद नहीं था। होगा भी क्यों, वे वैसे भी नकली शादी में थे। सब तब तक ठीक है जब ताकि उसकी हुइलिंग मोती ना हो।

इसलिए लिन चे ने अपने होंठ ऊँचे किये और कहा, "माँ, आप उसकी बात मत सुनिये। सभी पुरुष एक जैसे होते हैं। भले ही वे कहते हैं कि चाहे आप मोटे हो या नहीं वे आपको पसंद करेंगे, फिर भी मन ही मन वे पतली महिलाओं को ही पसंद करते हैं। । "

यह सुनने के बाद, म्यु वानकिंग ज़ोर से हँसते हँसते रुक गयी।

डाइनिंग टेबल पर हँसी की लहरें थीं। जैसे ही मु वानकिंग ने लिन चे को देखा,वो उसे अब और पसंद करने लगी। उसकी बातें मज़ेदार और उसका व्यक्तित्व तरोताजा था। उसमें बिल्कुल भी दिखावा नहीं था।

खाने के बाद, मु वानक्विंग ने उन्हें घर से जाने से पहले, बहुत सारा खाना पैक भी करके दिया।

लिन चे गु जिंग्ज़ के साथ गु निवास से चली गयी। कार में, लिन चे ने गु जिंग्ज़ पर तंज कसा और कहा, "मुझे उम्मीद नहीं थी कि तुम्हारी माँ इतनी अच्छी इंसान होगी। इससे पहले तो तुम उनके बारे में ऐसे बात करते थे जैसे कि वह बहुत सख़्त हैं। तुमने तो मुझे मौत से भी ज्यादा डरा दिया था।"

जैसे ही गु जिंग्ज़ ने उसके चेहरे को खुशी से झूमते हुए देखा, उसने उसे बहुत गहराई से देखा।

उसे बहुत आश्चर्य भी हुआ। ऐसा लगता है कि जब वह गु निवास में आयी तो सब कुछ आसानी से हो गया। वह बता सकता था कि हर कोई, चाहे वह उसके दादा हों या उसकी माँ, सब ने लिन चे को बहुत पसंद किया।

हालांकि, वह यह बोलने से अपने आप को रोक नहीं पाया कि, " मो हुइलिंग को छोड़कर, मेरी माँ बाकी सभी को पसंद करती है।"

जैसा कि उम्मीद थी ,, लिन चे ने उसे देखने के लिए अपना सिर घुमाया। उसने मन में सोचा कि यह आदमी सच में पागल है।

लिन चे को अचानक याद आया कि उसके पास कई सारे लाल पैकेट हैं जिन्हें उसने खोला नहीं था। उसने उन्हें बाहर निकालने का फैसला किया और उन्हें खोलना शुरू कर दिया।

जब उसने उन्हें खोलकर देखा, तो उसने देखा कि मोटे लाल पैकेट में पैसे नहीं थे। उसमें कुछ कागज़ात थे।

हैरानी से, उसने उन पेपर्स को खोला और उसका मुँह खुला का खुला रह गया । उनके परिवार ने उसे जो लाल पैकेट दिया था, वह वास्तव में बी टाउन के एक पहाड़ के पीछे की जमीन का टुकड़ा था। दादाजी ने जो लाल पैकेट दिया था उसमें भी पैसे नहीं थे। उसमे सेंट्रल बिज़नेस डिस्ट्रिक्ट के एक अपार्टमेंट की ओनरशिप थी ।

लिन चे आश्चर्य में चिल्लायी।"हे भगवान, क्या यह लाल पैकेट है?"


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