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13.97% द ब्यूटीफुल वाइफ ऑफ़ द व्हिरलविन्ड मैरिज / Chapter 19: क्यों तुम मुझे अब पतिदेव नहीं कह रही हो?

บท 19: क्यों तुम मुझे अब पतिदेव नहीं कह रही हो?

บรรณาธิการ: Providentia Translations

"लिन चे, क्या तुम थोड़ा शांत हो सकती हो?"गु जिंग्ज़ उसके पास गया और उसे ऊपर खींच लिया। उसकी निगाहें न चाहते हुए भी उसके 

सपाट पेट पर पड़ीं।

अपनी निगाहों को हटाते हुए,उसने दांत पीसते हुए कहा, "लिन चे, थोड़ा शांत।"

लिन चे ने गु जिंग्ज को देखने के लिए अपना सिर नीचे किया। "हब्बी - तुम मुझे डरा रहे हो।"

गु जिंग्ज ने अपने गुस्से पर काबू किया। "मैं और भी भयंकर हो सकता हूं।"

"हब्बी।।। क्या तुम सच में मुझसे नफरत करते हो?" उसने उसकी ओर देखा,और अपने मोती जैसे सफ़ेद दाँतों से अपने नीचे का होंठ काट दिया जिससे वह थोड़ा लाल हो गया था ।

आश्चर्यजनक रूप से, गु जिंग्ज का दिल अजीब तरह से धड़का। जैसे ही उसने उसकी ओर देखा, वह शुरू में उसे अनदेखा करना चाहता था, लेकिन उसने फिर भी उसे धैर्यपूर्वक बहलाया, "ठीक है, मैं तुमसे नफरत नहीं करता।"

"सच में?" उसने लिन चे को अपनी बाहों में उठा लिया।

अपने हाथों और पैरों का इस्तेमाल करते हुए लिन चे तुरंत उसके शरीर पर झुक गयी।

गु जिंगज़ ने महसूस किया कि न तो उसको लाल चकत्ते उठे और न ही वह आज असहज महसूस कर रहा था।

उसने उसके सिर को देखा जो उसके कंधे पर अच्छे से टिका हुआ था। उसे लग रहा था कि वह सो गई है और उसकी पलकें झपक रही हैं। 168 सेंटीमीटर की लम्बाई के साथ,उसे वास्तव में छोटा नहीं माना जा सकता था बल्कि वो ज्यादातर लड़कियों की तुलना में लंबी थी। लेकिन अभी, जैसे वह उसके ऊपर झुकी हुयी थी , वह बहुत छोटी दिखाई दी। गु जिंगज़ को अंदर से अचानक से उसे सँभालने की इच्छा जागी।

उसे नीचे बिठाने के बाद,उसने अपनी बांहें उसके गले में फिर से डाल लीं।

उसका छोटा सा चेहरा, जो शराब से पूरी तरह से लाल था, उसके बहुत करीब था। उसकी गंध से जिंग्ज़ ने अपना चेहरा दूर कर लिया।

उसके पूरे शरीर में हल्की सी सनसनी सी हुई।

"हब्बी, मैं अभी भी आपको गले लगाना चाहती हूं।"

"।।।" गु जिंगज़ ने कहा, "क्या तुम जानती हो कि तुम किससे बात कर रही हो?"

"मेरे पति से,"उसने अचानक से कहा।

एक पल के लिए, गु जिंग्ज़ वास्तव में अवाक था।

"अच्छे से रहो और ज्यादा नाटक मत करो।" वह उसे दूर धकेलना चाहता था, लेकिन अपनी बांह हटाने के बाद उसके हाथ में उसके नरम बाल आ गए।

"मुझे गले लगाओ ना," वह फुसफुसाती रही।

कोई अन्य विकल्प नहीं होने के कारण,वह नीचे झुका और उसे अपनी बाहों में खींच लिया, जिससे उसका छोटा सा सिर उसकी गर्दन के बीच में आराम करने लगा।

इससे जिंग्ज़ का शरीर तुरंत कठोर होने लगा।

उसकी आँखों के ठीक नीचे, उसने लिन चे को चैन की सांस लेते हुए और बड़बड़ाते हुए सुना।

"अच्छा लगा…"

"।।।" 

गु जिंग्ज़ का शरीर नरम हो गया।

आखिरकार, गु जिंग्ज़ ने उसे नीचे बिठा दिया,उसे अपने पीछे से फिर आवाज़ आयी,"मुझे अभी भी झप्पी चाहिए!"

गु जिंग्ज ने अपना माथा पकड़ लिया ।

"ये इतनी चिपकू क्यों है" ?

और अचानक बिस्तर पर पड़ी महिला के पास से धड़ की आवाज़ आयी।

गु जिंग्ज़ ने जल्दी से अपना सिर घुमाया और देखा कि लिन चे पहले ही फर्श पर गिर चुकी थी।

हालांकि फर्श पर मोटा कालीन बिछा हुआ था, लेकिन ये साफ़ था कि लिन चे काफी बुरी तरह से गिर गयी थी।

उसने अपने माथे पर हाथ रखा और उठ गयी ,उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था।

जब उसने गु जिंग्ज़ को देखा, तो वह हैरान हो गई और उलझन भरे लहजे में पूछा,"क्या हुआ गु जिंग्ज़? मैं यहाँ क्यों हूँ?"

और अंत में वो उसे पति नहीं बुला रही थी ??

"तुम नशे में हो। अगर तुम जाग रही हो, तो उठो। सोने से पहले नहा लो।"

लिन चे ने एक "ओह" के साथ जवाब दिया जैसे कि उसने भी कुछ सोचा था। वह बिस्तर पर वापस जाने के लिए जमीन पर घुटनों के बल चलने लगी।

हालाँकि, उसका शरीर कोमल और मुलायम था। दो बार कोशिश करने के बाद भी वह बिस्तर पर नहीं चढ़ पा रही थी।

जब गु जिंग्ज उसे बेढंगा बर्ताव करते देखा तो उसे लगा जैसे उसके एक साल का धैर्य समाप्त हो गया हो। बिना किसी हिचकिचाहट के, उसने लिन चे को अपनी बाहों में उठा लिया।

लिन चे का शरीर अकड़ गया और उसका चेहरा धीरे-धीरे लाल हो गया।

गु जिंग्ज ने उसकी ओर नहीं देखा, लेकिन उसने महसूस किया कि लिन चे के दोनों हाथ उसके जैकेट के कोनों को पकड़ हुए थे। उसकी घनी और लम्बी पलकें थोड़ी सी झपक गई।

वह उसे ले जाते समय बहुत हैंडसम लग रहा था।उसकी तरफ शांति से देखने में असमर्थ, लिन चे को लगा जैसे उसका दम घुटने ही वाला है। वह उसे कसकर पकड़ी हुई थी, जैसे कि वह इस बात से डरती थी कि वह गलती से आहें भर देगी।

उसके जैकेट को पकडे हुए, लिन चे ने अपनी ठोड़ी को उठाया और धीरे-धीरे अपना चेहरा उसके चेहरे के पास ले गयी।

गु जिंग्ज ने अपना सिर नीचे कर लिया। जैसे ही उसने उसकी साफ़ आँखों में देखा, उसके अंदर लपटें सी उठने लगीं।

जैसे ही वह उसके चमकीले लाल होठों को देखता था उसकी आँखें रुक जाती थीं। उसके होंठ मोटे और भरे हुए थे मानो वे विशेष रूप से चूमने के लिए डिज़ाइन किए गए हों।

जब उसके दिमाग में एक विचार आया तो उसके मुँह का कोना हिल गया।उसने महसूस किया कि उसका शरीर पत्थर जैसा कठोर हो गया है और वह हिल भी नहीं सकता। यह ऐसा था जैसे उसकी दृष्टि केवल लिन चे के होंठों तक ही सीमित हो गयी थी और वह धीरे-धीरे नीचे की ओर झुक रहा था।

लेकिन उसी क्षण में ।।।

"बलररर ।।।"

गु जिंग्ज को अपनी छाती पर गर्मी का अहसास हुआ जैसे कि कुछ ऊपर की ओर बह रहा हो ।।।

लिन चे ने उसके शरीर पर उल्टी कर दी थी ।।।

गु जिंग्ज़ अब ये सहन नहीं कर सकता थ। तुरंत, वह उसे खींचकर बाथरूम में ले गया।उसने उसे बाथटब में फेंक दिया, शावर स्प्रे उठाया, और सीधे उसके सिर के ऊपर पकड़ लिया।

"कितनी गंदगी है ।।। क्या तुम थोड़ा भी स्त्रीत्व नहीं रख सकती हो ?कौनसी महिला तुम्हारी तरह व्यवहार करती है? इतनी शराब पीने के बाद,तुम एक शराबी की तरह घर आती हो और मुझ पर उलटी करने की हिम्मत करती हो।।।"

उसने लिन चे की आँखों में पानी के छींटे मारे जिससे उसे असहज महसूस हुआ। वह लगभग रोने ही वाली थी और उसने बाहर निकलने के लिए संघर्ष किया। हालाँकि, गु जिंग्ज़ ने खुद पानी में छलांग लगाई, उसे नीचे धकेल दिया और जबरदस्ती उसे नेहला डाला।

पानी में भीगने के बाद लिन चे बेहद तरोताजा महसूस कर रही थी। वो एक आरामदायक स्तिथि में आयी और सीधे लेट गई।

वह चुपचाप सो गयी, लिन चे का सिर उसकी बांह पर आराम कर रहा था। उसकी आँखें बंद थीं और उसका मुँह ऊपर की ओर था। गर्म पानी की वजह से, उसका चेहरा लाल हो गया था जैसे कि उसने रूज लगा लिया हो। पानी की बूँदें उसकी लंबी पलकों के नीचे मोती की तरह धीरे-धीरे जम गई थी ।।।

गु जिंग्ज ने बड़ी मुश्किल से उसके चेहरे से अपनी नज़र हटाई।

वह अपने हाथों को उसके सर के नीचे से हटाना चाहता था और उसे उसके हाल पर छोड़ना चाहता था; "इस उपद्रवी ने वास्तव में उसे बहुत परेशान किया था" वो बड़बड़ाया ।

हालांकि, जब उसने उसे देखने के लिए अपना सर घुमाया तो वह पके लॉबस्टर की तरह दिख रही थी। आखिरकार, वह उसे गोद में उठाकर धीरे से बाहर ले आया।।।

*

लिन चे ने अगले दिन पूरे शरीर में तेज़ दर्द महसूस किया। अपने हाथ से सिर पकड़ते हुए, वह बिस्तर से उतरी और नीचे देखा ।।।

वह बिना कपड़ों के क्यों थी?

उसका सिर दर्द से फट रहा था, लेकिन वह तुरंत याद करने में विफल रही कि क्या हुआ था? कल रात को उसने कितनी शर्मनाक हरकतें की थीं ?

एक शराबी की तरह उसने गु जिंग्ज को कस के पकड़ लिया था और यहां तक कि उसके ऊपर उल्टी भी कर दी थी ।।।

उन ख्यालों ने उसे जगाया, जिससे लिन चे ने जल्दी से अपने कपड़े पकड़े और उन्हें जल्दबाजी में बाहर निकलने से पहले पहन लिया ।

"मैडम, आप जाग रही हैं। हैंगओवर का सूप तैयार है।"

"हाँ , कहाँ है सर?" लिन चे ने दोषी महसूस करते हुए धीरे से पूछा।

"तुम मुझे अब हब्बी क्यों नहीं बुला रही हो?"उसे अपने पीछे से एक आवाज स्पष्ट रूप से सुनाई दी और लिन चे ने तुरंत अपना सिर घुमाया।

गु जिंग्ज़ अचानक पीछे से उसकी ओर लम्बे क़दमों से बढ़े। उसकी नज़रें गहरी और आकर्षक थी, और वो खुद बर्फ की तरह ठंडा ; ऐसा लग रहा था की उसे देखकर कोई भी स्थिर हो सकता है।


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