जल्दी ही, हान सेन फटे कपड़े पहने एक युवक को तालाब की ओर आते देखा। उसके पूरे शरीर में कटे-छिले के निशान थे और वह बहुत ज़्यादा थका हुआ लग रहा था।
"दोस्त, तालाब में लोहे के दांत के मगरमच्छ हैं," हान सेन झाड़ियों से बाहर निकला और दूर से चिल्लाया। वह युवक को चेताना चाहता था, पर उसे यह भी डर था कि वह कहीं उन मगरमच्छों को सावधान न कर दे, जिनका वह शिकार करना चाहता था।
यह युवक बहुत थका हुआ और गंभीर रूप से घायल दिखता था। अगर वह बिना यह जाने तालाब से पानी पी लेता कि वहां मगरमच्छ थे, तो हो सकता था कि पानी के अंदर छुपे हुए लोहे के दांत के मगरमच्छ उसे मार डालते।
युवक ने हान सेन को देखा और वह पागल-सा हो गया "यह कौन-सी जगह है? मैं ग्लोरी पड़ाव कैसे जाऊं?" उसने हान को घूरते हुए पूछा।
" ग्लोरी पड़ाव?" हान सेन के मन में युवक को देखते हुए बड़ी हिचकिचाहट थी।"हम टीकेस पहाड़ पर हैं, स्टील आर्मर पड़ाव की उत्तर दिशा में, और मैं नहीं जानता कि ग्लोरी पड़ाव कहां पर है, जो तुम्हें चाहिए।"
"मैं इतना दूर आ गया हूं कि एक दूसरे पड़ाव के इलाके में हूं?" युवक खुद से बुदबुदाया और उसने हान सेन को देखा। फ़िर वह करीबन हुक्म देता हुआ बोला "मुझे पड़ाव में ले चलो। "
हान सेन भड़क गया, क्योंकि युवक की आवाज़ में कोई नम्रता नहीं थी। उसने धीरे से कहा, "यहां से दक्षिण की ओर जाओ। अगर धीमा न चले, तो दिन ढलने से पहले पड़ाव पहुंच जाओगे। मुझे शिकार करना है, मैं तुम्हारे साथ नहीं आ सकता। "
हान सेन घास में वापस जाने की तैयारी में था और उसे उम्मीद नहीं थी कि वह युवक उसे अचानक पीछे से मारेगा। पर ऐसा हुआ। हान सेन संतुलन खोकर जमीन पर गिरा, और उसका सर एक चट्टान से टकराया। उसके सर से खून बहने लगा।
"तुम क्या कर रहे हो?" हान सेन ने अपना घाव ढका और युवक की ओर आंखें तरेरता हुआ वह उठ खड़ा हुआ।
"सिर्फ़ मेरा हुक्म मानो, मुझे हुक्म न दो। मुझे पड़ाव ले चलो। " युवक ने हान को क्रूरता से देखा।
"तेरी *# की.." हान सेन ने अपने पीतल के छर्रे के भाले को याद किया और उसे चुभाया।
"ओह.. ये इंटेग्रेटेड कंपल्सरी शिक्षा में सीखे हुए फालतू शुरुवाती भाले के स्किल्स! भले मेरी सारी पशु आत्मायें रास्ते में समाप्त हो गई हों, पर तेरे जैसा पगला मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।" युवक ने हान को नफ़रत से देखते हुए, एक हाथ उठाया और हान सेन के भाले पर दे मारा।
युवक के हाथ किसी इन्सान के हाथ नहीं लगते थे, वे तो सफेद नीलम से तराशे हुए लगते थे और उनकी चमक शानदार थी।
कराक से आवाज़ आई। पशु आत्मा का भाला उसकी हथेली से दो टुकड़ों में बंट गया था, जैसे स्टील का चाकू लकड़ी के बीच से चीर गया हो।
"हाइपर जीनो आर्ट!" हाथ में भाले का आधा टुकड़ा लिए हान सेन पूरी तरह से डर गया था।
गॉड सैंचुरी में विज्ञान और तकनीक किसी काम की नहीं थीं, पर प्राचीन युद्ध कला बहुत ज़रूरी थीं।कमाए गए सभी जीनो पॉइंट के साथ भी, मनुष्य वास्तविक दुनिया में सिर्फ़ कुछ पुराने युद्ध कौशल दिखा सकते थे। और वह भी कला का ज्ञान नहीं था,बल्कि जीन की ताकत थी, जो प्राचीन युद्ध कला बनकर उभरती थी। इसलिए जितना ज़्यादा जीनो पॉइंट कमाए जाएं, प्राचीन युद्धकला उतनी ही असरदार होती।
खोज से यही पता चला था कि प्राचीन युद्धकला जीन की असली ताकत को जगा सकती थी और मनुष्य को बाकमाल ताकत दे सकती थी। एक नई तरह की युद्धकला का विकास हुआ था, जिसे "हाइपर जीनो आर्ट्स" कहते थे।
हाइपर जीनो आर्ट्स का आधार प्राचीन युद्धकला थी, जिसमें ऐसे रहस्य भरे थे, जिनका जवाब विज्ञान के पास नहीं था। उनके इस्तेमाल के तरीकों पर ऊपरी तबके का ही अधिकार हो गया था। सबसे प्रगतिशील हाइपर जीनो आर्ट्स पर किसी-किसी का ही इख्तियार था।
जो हान सेन की तरह इंटेग्रेटेड कंपल्सरी शिक्षा के पब्लिक स्कूल से ग्रैजुएट हुए थे, उन्हें हाइपर जीनो आर्ट्स सिखाया ही नहीं गया था। सिर्फ़ बड़े स्कूल शुरुवाती हाइपर जीनो आर्ट्स सिखाते थे।
अगर जीनो पॉइंट कमाने की प्रक्रिया मिट्टी को फौलाद बना सकती थी, तो हाइपर जीनो आर्ट्स तय करते थे कि फौलाद कोई हथियार बनेगा या कच्चा लोहा ही रह जाएगा। शरीर विकसित करने के लिए जीनो पॉइंट कमाना सिर्फ़ एक चीज़ हासिल करना था, पर हाइपर जीनो आर्ट्स सिखाते थे कि उस चीज़ का इस्तेमान असरदार तरीके से कैसे करना है।
"पगले के हिसाब से काफ़ी जानते हो।" युवक पर हान सेन से कुछ खास फर्क नहीं पड़ा था "ये आखिरी मौका है। करो या मरो।"
उसने वापस अपना तराशा हुआ हाथ उठाया, जैसे कोई जल्लाद तलवार का वार कर रहा हो। हान सेन न बचता, तो वह उसका सर काट डालता।
"मेरे जूते चाटना!" हान सेन ने ब्लैक बीटल कवच को याद करके खुद को ढका और तिरछे पांव का वार उस युवक पर किया।
"गलती तेरी थी।" युवक संजीदा हो गया और उसने अपने हाथ से मानों हान सेन की टांग को चीर डाला।
हान सेन गिर गया और उसके सुनहरे कवच पर एक सफ़ेद निशान आ गया।
युवक भी हान सेन की किक के कारण पीछे हट गया था। आश्चर्य और लालच से उसने हान सेन के कवच को देखा। "ये मेरी चमड़ी से टूटा नहीं। ज़रूर पवित्र खून की पशु आत्मा का कवच होगा। तेरे जैसे पगले के लिए तो वरदान है ऐसी अच्छी चीज़। अपना कवच दे दे, तेरी जान बक्श दूंगा।"
हान सेन ने दुगुने गुस्से से घूमकर एक और किक लगाई।
युवक ने हान की टांग को पकड़कर उसे मोड़ा, हान को गिराया और उसकी पीठ पर घुटने के बल बैठ गया।
"आह!" हान सेन की चीख का कारण था, उसकी रीढ़ का लगभग टूट जाना।
"पगला पगला ही होता है, भले उसके पास पवित्र खून की पशु आत्मा ही क्यों न हो।" युवक, जिसका नाम जू लोंगयान था, वह हान सेन को सर के पीछे लगातार मारकर उसका सर चट्टान पर पटक रहा था। वह क्रूरता से चिल्लाया, " पवित्र खून की पशु आत्मा दे दे। तेरे जैसे पगले के लिए नहीं है।"
"हरामी!" हान सेन का खून खौल गया। उसने अचानक अपना सर उठाया और अपने सर के कवच से जू लोंगयान के चेहरे पर टक्कर मारी। जू लोंगयान की नाक से खून का फवारा निकाला। वह अपनी नाक दबाकर पीछे हट गया।
जू लोंगयान की पकड़ से आज़ाद होते ही हान ने फ़ौरन खूनी दरिंदे को याद किया। राक्षस का रूप लेते ही, उसने खुद को जू लोंगयान पर फेंक दिया।
जू लोंगयान हान पर वार करता रहा, पर हान ने उसके वार को नजरअंदाज करते हुए उसे नीचे दबाए रखा, और गाय के आकार के सर से उसके सर को पीटता रहा।
"कौन पगला है… कौन है पगला साले…" हान सेन पागलपन में जू लोंगयान के सर को बार-बार पटक रहा था।