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14.28% लत है तू | Author - word's angel / Chapter 2: 2)लत लग गई |

บท 2: 2)लत लग गई |

रघुवंशी निवास,,,,

रिहांश के आने से वहा सब कुछ शांत हो गया था।अगर वह कोई शोर था तो वह बस रिहांश की किस की आवाज थी।वही रुहानी रोते हुए उसकी बाहों से आजाद होने के लिए तड़प रही थी।लेकिन उसकी आजादी अब शायद ही उसे नसीब होने वाला था।

रिहांश की धड़कने तेज हो गई थी।वह जैसे जैसे रूहानी को किस कर रहा था वैसे वैसे उसकी बेचैन दिल को सुकून मिल रहा था।उसकी सांसे भी अब नॉर्मल हो रही थी।

जब वह घर में आया था तब उसकी हालत बहुत ही खराब लग रहा था।लेकिन जैसे ही उसने रूहानी को अपने करीब कर उसके ऊपर अपना होंठ चलाने लगा तब जा कर उसकी जलती दिल को टंडक मिल गया था।

रिहांश का पकड़ रूहानी पर बहुत ही मजबूत था।और वह अभी भी उसके चेहरे पर किस कर रहा था।लेकिन हर बीतते पल के साथ वह थोड़ा शांत हो रहा था।और उसका वाइल्ड किस अब धीरे धीरे सॉफ्ट हो रहा था।

बहुत देर कोशिश करने के बाद भी रिहांश रूहानी को नही छोड़ता तो रुहानी कोशिश करना बंद कर उसके बाहों में खुद को ढीला छोड़ देती है।

वही रिहांश अपने आंखे बंद कर उसे किस कर रहा था।थोड़ी देर बाद वह अपने आंखे खोल कर उसे देखने लगता है।रूहानी रोते हुए उसे ही देख रही थी।

रिहांश फिर उसकी गाल पर होंठ रख कर उसकी आंसू पीते हुए उससे कहता है,

" मेरे करीब आ कर तुमने मुझे यह कैसा लत लगा दिया रूह देखो कैसे तुम पर भारी पड़ रहा है। "

रिहांश की बात सुन कर रुहानी रोते हुए फिर से छटपटाने लगती है।वही रिहांश उसका एक हाथ अपने सीने पर रख कर इधर उधर बेहद हार्शली घुमाते हुए कहता है,

" देखो तुम्हारे पास आते ही यह कैसा शांत हो गया,जब तुम ,,,,,,,,!!!! "

" छोड़ दो मेरी बेटी को यह क्या बदतमीजी है। " रिहांश की हरकत को देख कर ऋषभ चिल्लाते हुए कहता है तो रिहांश की बात अधूरा ही रह गया।

अचानक से रिहांश का पकड़ रूहानी पर कस गई। वह कसके अपने आंखे बंद कर बुरी तरह अपनी गर्दन मसलने लगता है।

वही रिहांश का इस तरह देख कर रुहानी की सांसे अटक गई।वह डरते हुए ऋषभ को देख रही थी।जो इस वक्त रिहांश को गुस्से से देखते हुए फिर से चिल्लाने वाला था।

रुहानी उन्हें कुछ कहती वह एक और बार गन शूट होने की आवाज आई तो रुहानी चिक पड़ती है। क्यों की इस बार रिहांश ऋषभ की पैर की तरफ शूट किया था।लेकिन उन्हें गोली लगी नही थी।लेकिन रिहांश की इस एक्शन पर वह सुन्न हो कर खड़े थे।

वही रिहांश अपने आंखे खोल कर रुहानी को देखने लगा था।

वही रुहानी का चेहरा पूरा पसीना पसीना हो गया था।वह हैरानी से ऋषभ को देख रही थी।रिहांश उसका चेहरा कसके पकड़ कर अपने तरफ कर बेहद कोल्ड आवाज में कहता है,

" मेरे बाहों में हो कर तुम किसी और को क्यों देख रही हो, रूह? "

रूहानी डरते हुए रिहांश को देखने लगती है।रिहांश का चेहरा हद से ज्यादा डार्क हो गया था।उसकी हरकते इस वक्त किसी संकी इंसान से कम नहीं लग रही थी।

रिहांश ,रूहानी की चेहरे के बेहद खरीब जा कर उसके चेहरे पर होंठ चलाते हुए बेहद सख्त मगर धीरे से कहता है,

" जब में बात कर रहा होता हूं ना तब मुझे सिर्फ मेरी ही आवाज सुनना चाहिए लेकिन तुम्हारे बाप,,,,,!!! "

रिहांश आगे कुछ कहता उससे पहले ही रूहानी रोते हुए उससे कहती है,

" प्लीज रिहांश,,,,प्लीज मेरे पापा को,,, !!!!"

रिहांश का औरा इस वक्त बेहद सख्त हो गया था।वह बेहद गुस्से से अपनी जलती हुई आंखों से रुहानी को देख रहा था।वही उसका इस तरह देखने से रूहानी की बात उसकी गले में ही अटक गई थी।

वही रिहांश कसके उसे अपने आप से सटा कर अपने दांत पीसते हुए गुस्से से कहता है,

" तुमने मेरी बात को बीच में कैसे रोका रूह? में बात कर रहा था न ? "

रिहांश इस वक्त रूहानी को इतना कसके पकड़ा था की जिससे रूहानी को लग रहा था की आज रिहांश उसकी बदन के सारे हड्डी तोड़ ही देगा।वह रोते हुए धीरे से कहती है,

" रिहांश,,मुझे दर्द हो रहा है !! "

रूहानी रोने लगी थी।वही उसे रोता देख रिहांश का पकड़ उस पर थोड़ा ढीला हो गया।वही रिहांश ऋषभ को देख बेहद गुस्से से कहता है,

" रिहांश आर्यन को किसी की भी बात सुनने की आदत नही है मिस्टर ऋषभ रघुवंशी ,इसीलिए कुछ भी कहने का हिम्मत मत करिएगा , क्यों की यह रिहांश बिलकुल बेरहम है जान लेने में देर नहीं करेगा। "

रिहांश की सर्द आवाज उस घर में बेहद खतरनाक तरीके से गूंज रही थी।जिसे सुन सारे लोगो की रोंगटे खड़े हो गए थे।

वही रिहांश के मु में ' आर्यन ' नाम सुन कर ऋषभ अपने जगह में ही जम गया था।

रिहांश, रुहानी को एक नजर देख कर उस मंडप में बैठे हुए पंडित को देखता है।जो इस वक्त कांप रहा था।वही विशाल और उसकी फैमिली आंखे फाड़ फाड़ कर रिहांश और रूहानी को देख रहे थे।

रिहांश फिर हल्के से रूहानी को उठा कर,मंडप के तरफ कदम बढ़ा देता है।रूहानी रोते हुए रिहांश को देख रही थी।

रिहांश का बेहद हैंडसम सा चेहरा इस वक्त उसके सामने बेहद परफेक्ट था।लेकिन वह एक संकी और बेरहम इंसान था।

रिहांश फिर रुहानी को देखता है जो रोते हुए उसे देख रही थी।उसे अपने तरफ देखता देख रिहांश की चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वह हल्के से उसकी होंठो पर किस करते हुए कहता है,

" तुम्हे इतना खरीब देख कर बहुत सुकून मिल रहा है रूह अब यह सुकून हमेशा मेरे साथ ही रहेगा लत बन कर, क्यों की मेरी लत है तू। "

रूहानी रोते हुए उसे ही देखने लगी।उसकी बात सुन कर वह हल्के से कांप रही थी।वह फिर प्रीति , ऋषभ, नित्या और विधि को देखती है।सब डरते हुए, रोते हुए, उसे ही लाचारी में देख रहे थे।

रिहांश मंडप में जा कर रूहानी को धीरे से नीचे उतार कर उसके गाल पर धीरे से किस करते हुए कहता है,

" बस दो मिनट,,!! "

रुहानी डरते हुए उसे ही देख रही थी।वह अभी भी सिसक कर रो रही थी।वही रिहांश,पंडित की तरफ देख कर बेहद सख्त आवाज में कुछ कहने को हुआ की तभी विशाल डरते हुए उससे कहता है,

" प्लीज मुझे कुछ मत करो ,में यह शादी नही कर रहा हु,रूहानी से तुम ही शादी करलो, मैं,,,,,!!! "

विशाल डरते हुए अपना सेहरा उतारा कर मंडप से नीचे उतरने लगा।उसे उसकी जान प्यारी थी। अगर उसकी जान बचती तो वह रूहानी जैसे हजारों मिलते उसमे से वह किसी एक से शादी कर लेता।

वही उसकी बात सुन कर रिहांश मुड़ कर रूहानी को देखता है।जो विशाल को देख रही थी।रिहांश रूहानी की गाल पर गन रख कर उसका चेहरा अपने तरफ कर उससे कहता है,

"रूह,,,!! तुम इस डरपोक से शादी कर रही थी ? "

रूहानी अपने पलके नीचे झुका लेती है।उसकी आंसू उसके गाल तक आ कर नीचे गिरने लगे थे।वही रिहांश पूरे मंडप को ध्यान से देखता है।डेकोरेशन बेहद यूनिक टाइप से किया गया था।

रिहांश फिर रूहानी के पास जा कर उसके गाल पर हाथ रख कर सहलाते हुए कहता है,

" इसी मंडप में , मैं तुमसे शादी करता रूह लेकिन,तुम तो मेरी लत हो तो मैं तुमसे शादी कर कैसे दूसरा नाम देता।"

रिहांश को रूहानी से शादी करने का।कोई इरादा नहीं था।वह उसे सिर्फ अपना लत मानता था।

रिहांश की बात सुन कर रुहानी रिहांश को ही देखने लगती है।वही रिहांश फिर बड़े ही बोरियत से रूहानी से कहता है,

" अब चले ? "

रूहानी रोते हुए अपना गर्दन ना में हिलाते हुए अपने कदम पीछे लेने लगती है।तो रिहांश का औरा सक्त हो गया।वह गुस्से से अपना माथा रब करते हुए उससे कहता है,

" अब तुम करीब आ रही हो या में किसी एक का यह लाश गिरा दू ? "

रिहांश बेहद पागलों की तरह अपने गन को घुमाने लगता है।वही उसकी बात सुन कर रूहानी की कदम वही रुक गई थी।रिहांश उसे अपने करीब ना आता देख , ऋषभ को देखने लगता है।फिर प्रीति,नित्या और विधि को,उसे इस तरह अपने परिवार को देखता देख रुहानी को डर लगने लगा।

वही रिहांश,वापस ऋषभ के तरफ गन प्वाइंट करते हुए रूहानी से कहता है,

" ठीक है तुम मत आओ,में यह तुम्हारा बाप का ही लाश गिरा देता हु। "

रिहांश बिना देरी किए ही ट्रिगर दबाने लगा तो रुहानी उसके पास आ कर रोते हुए कहती है,

" प्लीज रिहांश,ऐसा मत करो देखो में आपके करीब ही हु प्लीज मत करो ऐसा। "

रूहानी यह बोलते हुए डरते हुए उसके गले लग जाती है।वही उसका इस तरह गले लगने से रिहांश की आंखे कसके बंद हो गई।वह फिर रूहानी को थोड़ा अलग कर उसे देखते हुए कहता है,

" You are too late रूह!! "

रुहानी की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई।वह रिहांश के हाथ में पकड़े हुए गन को देखती है।अभी भी उसका निशान ऋषभ पर ही था।

वही ऋषभ,प्रीति विधि नित्या का हालत खड़े खड़े ही खराब हो रहा था। रुहानी कसके रिहांश के हाथ से गन छीन कर अपने सर पर प्वाइंट कर देती है।

" रुहानी,,,,,!! " रूहानी की इस एक्शन पर रिहांश को छोड़ कर सब हड़बड़ा गए थे। ऋषभ,प्रीति,विधि सब उसके नाम लेते हुए चिल्लाते है।

वही रिहांश बिना भाव के ही रूहानी को देख रहा था।वही रूहानी बोली,

" मुझे नहीं आना है तुम्हारे पास तुम्हारे जैसे संकी इंसान के साथ मेरा दम घुटता है मैने बस उस दिन तुम्हे,,,,,!!! "

रुहानी आगे कुछ कहती उससे पहले ही रिहांश टेढ़ी स्माइल करते हुए अपने बियर्ड पर हाथ फेरते हुए उसे देखने लगा तो रूहानी अपनी बात बीच में रोक कर उसे ही देखने लगती है।उसकी हाथ अभी भी गन पर कस गई थी।

" दीदू,,,,,,,!!!! " तभी विधि और नित्या की रोने की आवाज सुनाई दी तो रूहानी मुड़ कर उन दोनो के तरफ देखने लगती है।

विधि और नित्या,दोनो को रिहांश की एक एक बॉडीगार्ड पकड़ कर उनके सर पर गन थान दिया था। उन दोनो को देख रूहानी की सांसे ही अटक गई।वह फिर मुड़ती उससे पहले ही रिहांश पीछे से कसके उसे अपने बाहों में भर लेता है।तो रूहानी की हाथ से गन नीचे गिर जाता है।

वही रिहांश,अपना नाक उसके गर्दन में रब करते हुए धीरे से मगर बेहद सर्द आवाज में कहता है,

" रूह ,अब में इस ड्रामा से थक गया हु अब चले। "

रिहांश की बात सुन कर और उसकी हरकत सुन कर रूहानी सुन्न हो गई थी।वह रोते हुए ऋषभ को देखने लगती है। ऋषभ इस वक्त लाचार महसूस कर रहा था।

रूहानी उसके बाहों में से छटपटा कर उतरने की कोशिश करने लगी तो रिहांश गुस्से से उसे घूरते हुए कहता है,

" क्या में सब के लाशे गिरा कर ही तुम्हे ले जावू,यही चाहती हो तुम ? "

रूहानी रोते हुए अपना सर ना में हिलाती है।तो रिहांश की चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वह झुक कर उसके गाल पर किस कर कहता है,

" Good,,!! "

रिहांश रूहानी को ले कर घर के बाहर चला जाता है।वही उसके जाते ही रिहांश की बॉडीगार्ड भी बाहर चले जाते है।

सारे मेहमान कब से अपना जान हाथ में पकड़ कर खड़े थे।रिहांश की बॉडीगार्ड्स जाते ही सारे बाते बनाते हुए जाने लगे।

क्या होगा इस कहानी में आगे ? आर्यन नाम सुन कर ऋषभ सुन्न क्यों हो गए ?

रूहानी रिहांश की लत कैसे बन गई ?

रिहांश का पागलपन की वजह क्या है ?

जानने के लिए पढ़ते रहिए


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