ดาวน์โหลดแอป
5.26% बावळा / Chapter 1: 1
बावळा बावळा original

बावळा

นักเขียน: sharmaarunakks

© WebNovel

บท 1: 1

25 मार्च का दिन था. सखी ने बावळे को कहा

"जयपुर घूमना है."

बावळा उसे शहर घुमाने के लिए तैयार हो गया. अपने मन की पवित्रता को वो स्वयं ही जान सकता था किंतु सखी, उसके पति व बच्चों को बाहर घुमाने ले जाते समय अपनी पत्नी का चेहरा देखकर डर सा गया. उसने, उसके सामने हाथ जोड़ते हुए कहा

"तू क्या चाहती है मुझसे, जो ऐसा चेहरा बना रखा है."

पत्नी ने अपने दर्द को छुपा लिया किंतु चेहरे पर आए वितृष्णा के भावों को ना छुपा सकी. वह आंखें तरेरती हुई रसोई में बर्तन साफ करने लगी. वह भी फर्राटे से घर से बाहर निकल ड्राइवर की सीट पर जा बैठा और सखी व अन्य के बैठने का इंतजार करने लगा. सखी उसके उखड़े मूड को देखकर सब समझ गई पर कुछ ना बोली. चुपचाप सब गाड़ी में सवार हो घूमने निकल गए. इधर सुमन कुढ़ती हुई घर के कामकाज में अपने आप को व्यस्त रखने की कोशिश करने लगी. कभी क्रोध करती, कभी फूट-फूटकर रो पड़ती .पति द्वारा किए गए अपमान को सहन नहीं कर पा रही थी. उसका मन किया कि वह घर छोड़कर चली जाए किंतु दोनों जवान लड़कों को छोड़कर जाना उसका दिल गवारा न समझ रहा था. सुमन अपनी सहेली के साथ फोन पर बात कर गम-गलत करने की चेष्टा करने लगी. सहेली द्वारा

"आज की ही बात है फिर तो वह चली जाएगी."


next chapter
Load failed, please RETRY

สถานะพลังงานรายสัปดาห์

Rank -- การจัดอันดับด้วยพลัง
Stone -- หินพลัง

ป้ายปลดล็อกตอน

สารบัญ

ตัวเลือกแสดง

พื้นหลัง

แบบอักษร

ขนาด

ความคิดเห็นต่อตอน

เขียนรีวิว สถานะการอ่าน: C1
ไม่สามารถโพสต์ได้ กรุณาลองใหม่อีกครั้ง
  • คุณภาพงานเขียน
  • ความเสถียรของการอัปเดต
  • การดำเนินเรื่อง
  • กาสร้างตัวละคร
  • พื้นหลังโลก

คะแนนรวม 0.0

รีวิวโพสต์สําเร็จ! อ่านรีวิวเพิ่มเติม
โหวตด้วย Power Stone
Rank NO.-- การจัดอันดับพลัง
Stone -- หินพลัง
รายงานเนื้อหาที่ไม่เหมาะสม
เคล็ดลับข้อผิดพลาด

รายงานการล่วงละเมิด

ความคิดเห็นย่อหน้า

เข้า สู่ ระบบ