"एहह... बॉस लू..." तब भी उस आदमी ने निंग क्षी को परेशान करना बंद नहीं किया और गुस्से से देखा पर पीछे का नजारा देख कर चौक गया|
"बॉस लू को भी इस लड़की में दिलचस्पी है क्या? अगर ऐसा है तो आप पहले|" कहकर वह पीछे हो लिया|
कमरे के अंदर हर कोई इस नज़ारे का आनंद ले रहा था| सोच रहा था यह क्या हो रहा है|
लू टिंग जब भी किसी पार्टी में जाता था तो हमेशा शांत रहता था, आज तक उसने कभी भी किसी औरत में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी| फिर आज ऐसा क्या हुआ कि लू टिंग, शराब के नशे में धुत्त एक लड़की जो गलती से इस कमरे में घुस आई थी, में दिलचस्पी दिखा रहा था|
लोगों की परवाह किए बगैर लू टिंग की आंखो में इस वक़्त सिर्फ एक ही इंसान था|
अपने माथे पर आई शिकंजो के साथ उसने इस नशे में धुत्त लड़की से पूछा, "क्या हुआ?"
"लू...निंग क्षी उसका नाम लेने ही वाली थी कि वह रुक गयी और धीरे से फुसफुसाते हुए बोली में गलत कमरे में आ गयी|"
कमरे में मंद रोशनी थी इसी लिए लू टिंग भी यहाँ मौजूद था इस बात का उसे भान नहीं हुआ|
इन भूखे भेड़ियों के बीच में लू टिंग की मौजूदगी किसी ठंडी हवा के सुखद झोंके की तरह थी|
"किस कमरे में जाना था?" मैं छोड़ कर आता हूँ| वहाँ बैठे लोग जो लगातार उन दोनों को घूर रहे थे, उनकी परवाह किए बगैर लू टिंग निंग क्षी को ले कर वहाँ से निकल लिया|
वह कमरे के अंदर अपनी आंखे बंद कर बैठा था| उसने लोगों के हँसने की आवाज सुनी पर उसने ध्यान नहीं दिया पर जैसे ही उसे जानी पहचानी आवाज आई और उसने आँख खोल कर देखा, तो देखता है झौ क्षीयङ्ग्चेंग निंग क्षी को दबोच कर खड़ा ही था और उसके साथ कुछ करने की फिराक में था|
यह देख उसे काफी गुस्सा आया और वह उठ के आगे आया| उसका दिल कर रहा था उस आदमी का हाथ तोड़ दे|
पर वह निंग क्षी को डरना नहीं चाहता था इस लिए उसने अपने गुस्से पर काबू किया और ऐसा दिखाया जैसे वह उसे नहीं पहचानता|
उस कमरे से निंकल जाने के बाद निंग क्षी ने राहत की सांस ली| "धन्यवाद लू टिंग, अपने मुझे बचा लिया अगर आज आप नहीं होते तो न जाने क्या हो गया होता| अगर वह आदमी नहीं रुकता तो शायद मुझे को मारापीटी करनी पड़ सकती थी|
"तो क्या हुआ, तुम कितनी भी बड़ी समस्या में हो, मै हूँ उसे सुलझाने के लिए| आगे से कभी भी ऐसी किसी भी स्थिति में पड़ो अपने आप को कमजोर और अकेला नहीं समझना| किसी को कभी खुद का फायदा उठाने नहीं देना| लू टिंग निंग क्षी को समझने लगा|
निंग क्षी ज़ोर से हंस पड़ी, "चलो जान कर अच्छा लगा कि कोई है मेरे पीछे भी|"
पर कुछ सोच कर मन ही मन दुखी भी हो गयी|
लू टिंग ने निंग क्षी के सिर पर हाथ फेरा और कहा, "जब तक तुम चाहोगी तब तक मैं अपनी पूरी ज़िंदगी में हमेशा तुम्हारे साथ हूँ|"
निंग क्षी के दिमाग में कई विचार आने लगे पर सब कुछ एक किनारे कर उसने कहा, "मैं अब ठीक हूँ, मैं अब चली जाऊँगी|"
"पक्का, चली जाओगी? लू टिंग का चेहरा बता रहा था की वह निंग क्षी इस बात से सहमत नहीं था|
"हाँ हाँ आप जाइए|" निंग क्षी ने अपना हाथ हिलाकर कहा|
"लू टिंग को पता था कि प्रॉडक्शन टीम आज यहाँ खाना खा रही है इसी लिए उसने इस पार्टी का आमंत्रण स्वीकार कर लिया था|
उसे पता था कि निंग क्षी का कमरा कौन सा था|
इसी लिए जब उसने निंग क्षी को फिर किसी गलत जगह जाते देखा तो उसने उसे पकड़ लिया, "रहने दो, मैं छोड़ ही देता हूँ तुम्हें| कमरा नंबर क्या है तुम्हारा?"
"801"
"801 इस तरफ नहीं है, कहकर लू टिंग ने उसे सही रास्ता दिखाया|
लू टिंग उसे कमरे के दरवाजे तक ले कर गया,फिर उसने कहा, "यहाँ वहाँ मत भटको| रेस्ट रूम जाना हो तो किसी दोस्त के साथ जाओ और कोई नहीं हो साथ जाने के लिए तो जियांग मुए को बोलो|"
जियांग मुए के साथ रेस्ट रूम?"
"ठीक है धन्यवाद बिग बॉस लू मुझे यहाँ तक छोड़ने के लिए|" निंग क्षी ने अपनी उँगलियों की मदद से दिल बना कर मुस्कुरा दिया|
लू टिंग ने अपने होठ अंदर की तरफ भींचे, बुरे विचारों का आखिरी कतरा भी उसके दिमाग से निकल गया, "पार्टी खत्म हो जाए तो मुझे मैसेज करना, साथ में घर चलेंगे|"