เรื่องย่อ
“मुझे अपना लो, मैं वो सब करुँगी जो तुम मुझसे कहोगे!”
उसके पिछले जीवन में, लू मेन को उसकी सौतेली बहन और एक घटिया आदमी ने फंसाकर जेल भिजवा दिया| जेल से छूटने के बाद, उसका स्वागत केवल एक चीज ने किया, और वो था उसकी मां की कब्र| यह देखकर की वह कु*या और घटिया आदमी उसके जन्मदाता पिता और सौतेली मां के साथ ख़ुशी से एक बड़े परिवार की तरह रह रहे हैं, उसने अपनी सौतेली बहन और उस आदमी को अपने साथ जला कर मार देने की राह चुनी|
जिस पल उसने अपनी ऑंखें फिर से खोलीं, उसने अपने आपको वापस उसी दिन में पाया जब उसे पहली बार फंसाया गया था| दृढ़ निश्चय करके, वह खिड़की से कूद कर साथ वाले घर के दरवाज़े पर चढ़कर अंदर प्रवेश करती है और वहां बैठे आदमी से शरण मांगती है|
यह किसने सोचा होगा की यह तो वही सुन्दर व्यक्ति है जिसको वह पिछले जनम में पसंद करती थी ?
वह शपथ लेती है की वह अपनी ऑंखें खुली रखेगी और लोगों की असलियत को बारीकी से समझेगी| वह चाहती है की पिछले जनम का क़र्ज़ वह इस बार लोगों को सूद समेत लौटाए!
“छोटे मालिक हान ,क्या मैं आपका दूसरा हाथ भी पकड़ लूँ?”
“दरअसल, मेरे पास एक और है, क्या आपको यह भी चाहिए?
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I love this story very much and story lone is good.