इधर शिवी अभी तक गुस्से में बैठी अपनी मां की फोटो को देख रही थी और उस फोटो को देख बोली," मां! क्या आप वापस नही आ सकती!" ये कहते हुए उसकी आंखों में आसूं थे।..... इधर रुद्र तैयार हो रहा था और किसी सोच में डूबा हुआ था।.... उसकी नजर बेड के पीछे वाली फोटो पर गई जिसमे वो और उसकी पत्नी खुश लग रहे थे।... वो अपनी पत्नी को देख बोला," शिवांगी! आप सही कहती थी की शिवी हम पर गई है। जिद्दी बिलकुल हमारी तरह है लेकिन आपकी तरह उसमे बहुत समझ भी है! हम जानते है हम उस पर बहुत रोक टोक लगाते हैं लेकिन हम आपको खो चुके हैं। अब हम अपनी बच्ची को खोना नही चाहते हैं!" ये कहते हुए वो उसकी एक फोटो को साइड की टेबल पर से उठा कर उसे देखते हुए बोला," जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं! हमारी गिलहेरी!" ये कहते हुए उसकी आंखों में से एक आसूं उसकी फोटो पर जा गिरा जिसमे शिवांगी की हस्ते हुए फोटो थी।....
रूद्र शिवी के कमरे की तरफ गया और गेट खोल के अंदर आता तो देखा शिवी अभी भी गुस्से में थी और अपनी अलमारी के कपड़े निकाल के सफाई कर रही थी।..... रुद्र समझ गया था वो बहुत गुस्से में हैं।..... अकसर शिवी जब ज्यादा गुस्से में होती थी तो वो अपने कमरे की सफाई करनी चालू कर देती थी उसकी ये आदत शिवांगी के अंदर से आई थी।..... रुद्र शिवी को देख के एक गहरी सांस ली और बोला," शिवी!" उसकी बात पर शिवी ने उसे घूरा और मुंह फेर के गुस्से में बोली," जाए आप यहां से पापा ! हमे कोई बात नही करनी है!"
रुद्र ने शिवी को देखा और उसके पास जाके बैठ गया और बोला," सॉरी! हमे पता है आप हमसे नाराज है। लेकिन आप भी तो समझे बेटा की हम आपको अकेले नहीं जाने दे सकते हैं।" उसकी बात पर शिवी ने उसकी तरफ नम आंखों से देखते हुए बोला," लेकिन आज कुछ नही हुआ हमे पापा। हम ठीक हैं और आपने तो हमे बहुत कुछ सिखाया है तो आप डरते क्यों हैं?" रुद्र उसकी बात पर उसे अपने पास बिठाते हुए बोला," माना की हमने आपको हर चीज सिखाई है लेकिन जो आपकी मां के साथ हुआ कहीं वो आपके साथ न हो इसीलिए डरते हैं! आप जहां जाना चाहे हमे साथ लेकर चले बस और कुछ नही!" ये कहते हुए उसने शिवी की आंखों में से आसूं को पोछा तो शिवी उसे देखते हुए बोली," आपको आज याद है की आज क्या है?"
रुद्र उसे अपने सीने से लगाते हुए बोला," हमे सब याद है! आज हमारी गिलहरी का जन्मदिन है इसीलिए हम आज आपको बाहर लेके जायेंगे लेकिन उस से पहले आपको अपनी ऑनलाइन क्लासेज लेनी होंगी!" उसकी बात पर शिवी ने कहा," अच्छा ok! आप मां को हमेशा गिलहरी क्यों कहते हैं? और आपकी लव स्टोरी क्या थी?" उसकी बात पर रुद्र पुराने लम्हों को याद करते हुए बोला," आज आपको रात में बताते हैं सब! लेकिन उस से पहले आप अभी नाश्ता करने चले!" उसकी बात पर शिवी की आंखों में एक चमक सी आ गई। उसने जल्दी से कहा," पक्का न?" उसकी बात पर रुद्र हल्के से मुस्कुराके अपना सिर हिला दिया।...
इधर दूसरी तरफ, भोपाल
संध्या जी अपने कमरे में बैठी शिवांगी की बचपन से लेके जब तक वो बड़ी हुई थी जब तक की फोटो थी।..... वो उन्हे देख कर आंखों में आसूं लेकर बोली," हमे माफ करे! हमे माफ कर दे! आपके पिता एक खोकली दुश्मनी निभा रहें हैं जिसमे उन्होंने अपनी बेटी को खो दिया लेकिन अभी तक उनका गुस्सा शांत नहीं है। हम क्या करे? हमने तो अपनी नातनी को भी नही देख पाए!" ये कहते हुए वो बहुत ही ज्यादा रो रही थी।..... वहीं दूसरी तरफ ऑफिस में चंद्रजीत जी अपने ऑफिस में बैठे एक फाइल को देख रहे थे की तभी एक 28 साल का लड़का उनके ऑफिस में आया और बोला," चंद्रजीत काका! आज मुझे जल्दी जाना होगा तो क्या मैं जल्दी जा सकता हूं?" उसकी बात पर वो उसे देखते हुए बोले," आप को कहां जाना है मनीष? और आज आप नाश्ते की टेबल पर भी नही थे। तो आप कहां थे?" उनकी बात पर वो लड़का थोड़ा घबराते हुए बोला," वो काका जी! मैं देर तक काम रहा था कल तो आज सुबह लेट आंख खुली थी। वरना आप संध्या काकी से पूछ लेना वो कल रात उठी हुई थी जब में घर आया तो!" उसकी बात पर चंद्रजीत ने हां कहा तो वो जल्दी से बोला," तो मैं आज जल्दी जाऊं?" उसकी बात पर उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे हां कहा तो मनीष जल्दी से बाहर चला गया और खुश होते हुए किसी को फोन मिला कर कहा," इंतजाम कर आज रात का! बिल मेरी तरफ से! और अच्छी होनी चाइए!"
दुपहर का वक्त, महल
शिवी जब अपनी क्लासेज लेके नीचे आते हुए गायत्री जी से बोली," दादी! दादी! मुझे भूख लगी है!" उसकी बात पर गायत्री जी उसे डाइनिंग एरिया में बुलाते हुए बोली," हमे पता है की आपको भूख लगी है तो आप जल्दी से आए हमने खाने में आज आपकी फेवरेट गट्टे की सब्जी बनाई है!"
शिवी गट्टे की सब्जी का नाम सुन कर जल्दी से वहां आते हुए बोली," अरे वाह वाह दादी! आज तो मजे ही आ जाएगा!" उसकी बात पर गायत्री जी मुस्कुरा दी।..... उन्होंने उसे खाना परसा तो वो खाने लगी।... गायत्री जी भी बैठने को हुई तो उनके फोन पर किसी की वीडियो कॉल आई तो वो जल्दी से शिवी को देख बोली," शिवी आपकी नानी का कॉल है!! आप। पहले बात कर ले!" उसकी बात पर उसने जल्दी से अपना हाथ साफ किया और जल्दी से वीडियो कॉल उठाया और बोली," हेलो! नानी कैसी हो आप? आपने बहुत दिनो बाद कॉल किया! हम आपसे गुस्सा हैं!" उसकी ऐसी बातों को सुन कर संध्या जी मुस्करा दी और उसे देखते हुए बोली," सॉरी हमारी राजकुमारी! हमारे पास काम आ गया था इसीलिए!" उनकी बात पर शिवी ने कहा," ok अगर आप कह रही है तो हम आपको माफ करते हैं! आज आपको याद है न की आज मां का बर्थडे है!" उसकी बात पर संध्या जी को सुबह का सब याद आने लगा तो उनकी आंखों में आसूं भर आए लेकिन उन्होंने शिवी से छुपाते हुए कहा," हां लड़ो हमे पता है! इसीलिए तो हमने उनकी पसंद का हलवा बनाया था। और आप क्या कर रही हैं?" उनकी बात पर वो बोली," आज हम सब कहीं घूमने जाएंगे पापा ने प्रोमिस करा है!" ऐसे ही उन दोनो में थोड़ी देर बात की।... संध्या जी के अलावा किसी को नही पता था की शिवांगी की एक बेटी अभी भी जिंदा है।.... सब को वहां पर लगता था की शिवांगी के साथ उसकी लड़की भी मर गई है।... रुद्र ने भी इसी चीज का फायदा उठाया और शिवी को सबसे छुपा कर रखा।.... उसकी स्कॉलिंग शुरू से घर से हुई है जिस कारण किसी को नही पता की उसकी एक बेटी है।..... वहीं संध्या जी ने कॉल पर बात करके उस जगह से बाहर गई और घर के अंदर चली गई।.... जब वो वहां से गई तो रजनी पिलर के पीछे से निकली और बोली," वाह दीदी! क्या खेल खेला है! आपने किसी को पता नही चलने दिया की शिवांगी की बेटी जिंदा है! अब कुछ तो करना होगा!" ये कहते हुए वो टेडा मुस्कुरा दी।
क्या चल रहा है रजनी के दिमाग में? क्या है रुद्र और शिवी की लवस्टोरी? क्या होगा आगे?
आगे जानने के लिए पढ़ते रहे," Eternal Bond:- Love beyond time!"
- भूमिजा