सरवी नाम की एक लड़की जिसका जीवन आज की आधुनिक दुनिया से बहुत अलग था क्योंकि सरवी को आधुनिक दुनिया की सोच बिल्कुल पसंद नहीं थी, उसे आधुनिक जीवन जीना पसंद था लेकिन कुछ प्रतिबंधों के साथ। सरवी का बचपन से ही लड़कों से बहुत कम मिलना-जुलना था क्योंकि आज की आधुनिक दुनिया में उसका परिवार लड़कों से बात करना गलत मानता था। सरवी को बचपन से ही लड़कों से बात न करने का आदेश दिया गया था और सरवी ने अपने परिवार के आदेशों का पालन किया और इस तरह सरवी अपने जीवन में आगे बढ़ी, अब सरवी उच्च श्रेणी की शिक्षा के लिए दूसरे शहर चंडीगढ़ जाती है। सरवी चंडीगढ़ अकेली नहीं जाती, उसके साथ उसकी एक दोस्त वाणी जाती है, सरवी और वाणी एक दूसरे को बचपन से जानती हैं, अब दोनों साथ में रहती थीं और एक साथ स्कूल जाती थीं। एक दिन सरवी और वाणी एक साथ स्कूल जा रही थीं, तभी वाणी की नजर बस में एक लड़के पर पड़ी। वह लड़का बहुत हैंडसम था। और वाणी उस पर फिदा हो गई, अब वह उस लड़के को रोज स्कूल जाते समय और बस में स्कूल से वापस घर आते समय भी देखती थी। एक दिन जब वो स्कूल से घर आ रहे थे तो बस में बहुत भीड़ थी और उस दिन उन्हें बस में उस लड़के के पास सीट मिल जाती है लेकिन भीड़ के कारण वाणी और सरवी बस में अलग हो जाती है। तभी वाणी सरवी को आगे से बुलाती है और कहती है कि वो लड़का तुम्हारे पीछे है पूछो उसका नाम क्या है लेकिन सरवी मना कर देती है क्योंकि सरवी पूछने से डरती थी क्योंकि उसने आज तक लड़कों से बात नहीं की थी और वाणी एक को-एड स्कूल से आई थी तो उसके लिए ये सब सामान्य था। कुछ देर बाद वाणी सरवी को फिर से बुलाती है और कहती है कि उसका स्टॉप आने वाला है जल्दी से उसका नाम पूछो। अब सरवी आखिरकार उससे उसका नाम पूछती है। बस में भीड़ थी तो वो थोड़ी ऊंची आवाज में कहती है आपका नाम क्या है और बस में बैठे सभी लोग अचानक से शांत हो जाते हैं और सरवी की तरफ देखने लगते हैं और उसी समय लड़के का स्टॉप आ जाता है और सभी बस से उतरने लगते हैं तो लड़का सरवी की तरफ देखकर मुस्कुराता है और अपना नाम बताकर उतर जाता है। जैसे ही वो लड़का बस से उतरता है उसके बाद वाणी सर्वी के पास आती है और पहले तो बहुत विनम्र होकर कहती है कौन ऐसे किसी का नाम पूछता है और अगर कोई पूछता भी है तो बहुत धीरे से पूछता है जैसे ही तुने उसका नाम पूछा सरवी सब तेरी तरफ देखने लगे थे उसके बाद वाणी खूब हसने लगती है और फिर थोड़ा शांत हुई और सरवी से पूछा कि क्या उसने अपना नाम बताया तो सरवी ने उसे बताया कि उसका नाम आरव है वाणी कहती है आरव बहुत अच्छा नाम है और उससे भी ज्यादा दिखने में अच्छा है ऐसे ही बात करते करते स्टॉप आता है सरवी और वाणी अब वो दोनों घर पहुंचती है तब वाणी सबसे पहले सोशल मीडिया पर आरव को सर्च करती है वो सर्च करना शुरू करती है लेकिन काफी सर्च करने के बाद भी सोशल मीडिया पर आरव का कोई अकाउंट नहीं मिलता उसके बाद वाणी थक कर सो जाती है और सरवी से कहती है कि कल जब वो बस में मिलेगा तो वो उससे उसके सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में पूछेगी तो सर्वी कहती है पहले तो मुझे नहीं पता वो लड़का मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा, मैंने उसका नाम क्यों पूछा, अब उसे कौन बताएगा कि मुझसे उसका नाम पूछने को कहा गया था। मुझे उसमें कोई इंटरेस्ट नहीं है, तभी वाणी कहती है, तुम्हें कोई इंटरेस्ट नहीं है, मुझे इंटरेस्ट है। अगले दिन सरवी और वाणी हमेशा की तरह स्कूल के लिए निकलती हैं और आरव को देखने के लिए वो वही बस लेती हैं जिसमें वो हर रोज वाणी और सरवी को दिखता था। बस आती है, वो दोनों बस के अंदर जाती हैं और वाणी आरव को ढूंढने लगती है। सरवी उससे छुपने की कोशिश करती है। क्योंकि सरवी को डर था कि कहीं आरव उसके पास आकर ना पूछे कि तुमने मेरा नाम क्यों पूछा, तब वाणी सरवी से कहती है, 'यार आज आरव क्यों नहीं दिख रहा है? तो सरवी भी बस में चारों तरफ देखती है और तब भी आरव कहीं नजर नहीं आता। सरवी खुश होती है क्योंकि आज आरव नहीं आया लेकिन वाणी थोड़ी उदास हो जाती है और अगले दिन फिर वाणी को आरव नजर नहीं आता। इसी स्थिति में कई दिन बीत जाते हैं लेकिन आरव नजर नहीं आता तो वाणी सरवी से कहती है कि तुमने उससे उसका नाम पूछा इसीलिए उसने आना बंद तो नहीं कर दिया ।वो सोच रहा होगा कि कैसी लड़कियां मुझसे मेरा नाम पूछने लगी हैं, वाणी ये मजाक में कहती है लेकिन सरवी को ये बात बहुत बुरी लग रही थी फिर सरवी कहती है कि कल वो दूसरी बस से जाएगी अगले दिन सरवी दूसरी बस से स्कूल चली जाती है और वाणी अपनी सहेलियों के साथ पहली बस में जाती है और उसी दिन आरव अपने दोस्तों के साथ बस में नजर आता है और आरव वाणी को देख रहा होता है तभी वाणी उससे बात करने की सोचती है और तभी आरव को फोन आता है और बात करते-करते वो वाणी के पास आता है और कहता है