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42.85% CEO madly in love with his contracted wife / Chapter 3: cheat

Capítulo 3: cheat

जयपुर सिटी

फाइनली स्मिता की आज सगाई हो चुकी थी।

सगाई के बाद राठौड़ मेंशन के अंदर

रितेश राठौड़ ने स्मिता से कहा " आज से तुम पूरी तरह आजाद तुम जहां जाओ जा सकती हो जो चाहे कर सकती हो !"

इसी बीच कामिनी ने कामिनी की कोशिश की लेकिन रितेश ने उसकी तरफ चुप रहने का इशारा किया

स्मिता अपने अंकल की बात सुनकर हैरान थी और कहा " क्या सच में अंकल आप गुस्सा नहीं होंगे ? "

रितेश ने कहा " नहीं ! बिल्कुल नहीं ! कल से तुम्हें शादी की शॉपिंग करनी है लेकिन आज का बचा हुआ दिन तुम जैसे चाहो बिता सकती हो!"

उसके बाद स्मिता खुश हो जाती है और उसके अंकल उसे एक फोन भी देते हैं जिसे स्मिता की खुशी का ठिकाना नहीं था उसे यह तो समझ नहीं आया कि यह चमत्कार कैसे हुआ है लेकिन पहली बार उसे 16 साल बाद प्यार मिल रहा था 16 साल में कभी भी उसे यह एहसास नहीं हुआ राठौड़ परिवार का हिस्सा है , फिर वह खुश होकर चली गई और अपनी बेस्ट फ्रेंड नताशा को फोन किया।

जब स्मिता ने नताशा को यह सब बात बताइए तो एक बार के लिए नताशा को भी इस बात पर यकीन नहीं हुआ नताशा भी पूरी तरह से हैरान और उसे ये सब अजीब लगा रहा था लेकिन वह कुछ भी बोलकर स्वर की खुशी खराब नहीं करना चाहती थी इसलिए चुप रही

" क्या तुम सुन भी रही हो?" स्मिता फोन के दूसरी तरफ से जोर से चिल्लाई।

" हां ! हां ! बाबा सुन रही हूं ! " नताशा ने जवाब दिया ।

" अच्छा मैं पहले नक्ष से मिलने जाऊंगी फिर हम लोग शॉपिंग पर चलेंगे! " स्मिता ने कहा।

" ओह हो क्या बात है मेरी जान!" नताशा ने स्मिता को छेड़ते हुए कहा ।

"क्या ओह हो मुझे उसे कुछ मिठाई देते हुए जाना है सगाई की और अंकल आंटी से भी मिलना है! " स्मिता ने कहा।

" ओके! ओके! " नताशा ने भी फोन रख दिया ।

स्मिता नक्ष के घर की तरफ चली गई।

रितेश राठौड़ के रूम में एक तरफ जहां स्मिता खुश थी वहीं कामिनी हैरान थी की उसके पति को आखिर स्मिता पर इतना प्यार कैसे आया ?

"आपने उसे हर जगह जाने की परमिशन क्यों दी ? मुझे आपकी कोई भी बात समझ नहीं आती है की आप क्या करते रहते हैं? " कामिनी ने कहा।

" तुम आम खाओ ना गुठलियां क्यों गिन रही हो वैसे भी आज मेरी जरूरी मीटिंग है इसलिए अभी मुझे जाना है! " रितेश राठौड़ ने कहा और रूम से बाहर निकल गया ।

वहीं स्मिता अब नक्ष के घर पर पहुंच गई थी जब स्मिता बेल बजाने ही वाली थी की तभी उसे कुछ इंटिमेट आवाजें सुनाई दी, किवाड़ की साइड से देखने पर उसने डिम लाइट में एक आदमी को एक औरत को जोश से चूमते हुए देखा।

स्मिता वहीं जम गई उसने सदमे में उन दोनों को देखा और वे सोफे के पास kiss कर रहे थे।

"बेबी हिलना करना बंद करो!" आदमी ने औरत को उसकी कमर से पकड़ते हुए वार्निंग दी।

" तुम्हें अपनी मंगेतर से डर नहीं लगता है क्या ? तुम जल्द ही शादी करने वाले हो। आज ही तो सगाई हुई है? और तुम मेरे साथ हो!" लड़की ने कहा।

"बेबी, मैं तुम्हें उस लड़की की याद दिलाने के लिए आज रात तुम्हें सही से सजा देने वाला हूं, चलो कमरे में चलते हैं." आदमी ने अट्रेक्टिव स्माइल के साथ कहा ।

"नहीं! मैं इसे यहीं करना चाहती हूँ! मुझे यहीं सोफे पर चाहिए !" जैसे ही उनके होंठ एक बार फिर से बंद हो गए, लड़की ने तेजी से उस आदमी की शर्ट के बटन खोल दिए।

स्मिता ने अपने आंसुओं को रोकने की कोशिश की, लेकिन महसूस किया कि वे धीरे-धीरे उसके चेहरे पर बह रहे हैं, किसने सोचा था कि जिस आदमी से कुछ दिन में उसकी शादी होने वाली थी वह उसे धोखा दे देगा।

" बी गुड, चलो बाथरूम चलते हैं, बाथटब तुम्हारी फैवरियट जगह नहीं है?" नक्ष ने कहा।

"ठीक है, तो तुम अंदर जाओ और पहले बाथटब भर लो.." लड़की ने उस आदमी की छाती को बाथरूम की ओर धकेला , जैसे ही वह आदमी कमरे से बाहर निकला, उसने फुसफुसाया, "स्मिता , मैं तुम्हें और नक्ष को कभी शादी नहीं करने दूंगी, वह मेरा है!""

दुसरी स्मिता ने अपने हाथों को मुट्ठी में कस लिया और अपनी फीलिंग्स को रोक लिया और कोई आवाज नहीं की। जब तक उसने बाथरूम से आ रहे जोड़े की कराहने की आवाज़ नहीं सुनी, तब तक उसे ऐसा नहीं लगा कि उसकी दुनिया उजड़ गई है।

5 साल पहले, स्मिता की नक्ष से शादी तय की थी और वह उससे प्यार भी करने लगी थी, लेकिन अब वही आदमी उसे सरे आम धोखा दे रहा था स्मिता परेशान थी कि आखिरकार उसके साथ हो क्या रहा है, और कुछ दिन बाद शादी थी।

नक्ष के घर से वापस निकालने के बाद नताशा को कॉल किया " हेलो! नताशा !"

" हां क्या हुआ स्मिता ! तुम्हारी आवाज इतनी अजीब क्यों आ रही है क्या तुम रोई हो कुछ हुआ है क्या नक्श ने तुमसे कुछ कहा!" नताशा ने पूछा।

" मैं नहीं जानती लेकिन प्लीज तुम मुझे यहां से ले जाओ किसी ऐसी जगह ले जाओ जहां कोई ना हो मुझे यहां नहीं रहना!" स्मिता ने रोते हुए कहा।

" लेकिन स्मिता हुआ क्या है अभी तुम कहां हो मुझे लोकेशन सेंड करो मैं अभी आ जाती हूं!" नताशा ने चिंता के साथ कहा ।

स्मिता की ऐसी आवाज सुनने के बाद नताशा भी परेशान हो गई थी उसने स्वर की आज तक ऐसी हालत नहीं देखी थी उसे महसूस हो रहा था जैसे कि उसके साथ कुछ बहुत ही बुरा हुआ है इसके बाद नताशा जल्दी से स्वर की सेंड की हुई लोकेशन की तरफ चली जाती है।

दूसरी तरफ

राठौड़ कम्पनी में

राठौर ग्रुप स्कीम शेरहोल्डर्स की मीटिंग चल रही थी और रितेश राठौड़ ने स्मिता के साइन किए हुए डॉक्युमेंट्स दिए।

चीफ शेयरहोल्डर ने कहा " ये तो ठीक है मिस्टर राठौड़ लेकिन फिर भी जब तक स्मिता की शादी नहीं हो जाती तब तक हम आपको कैसे राठौड़ ग्रुप का सीईओ मान सकते हैं!"

" लेकिन मैं तो साइन किए हुए डॉक्यूमेंट दिए हैं फिर क्या दिक्कत है! " रितेश राठौड़ ने गुस्से से कहा।

" हमने कहा ना आपसे स्मिता के सिर्फ सिग्नेचर मायने नहीं रखते हैं मैरिज सर्टिफिकेट भी चाहिए! " बाकी शेरहोल्डर्स ने भी आवाज उठाई।

इसके बाद मीटिंग खत्म हो गई और सारे शेयर होल्डर चले गए और रितेश राठौड़ गुस्से और उदासी के साथ अपने ऑफिस में बैठा था।

आखिर क्या होगा आगे क्या रितेश राठौड़ कामयाब होगा ? क्या स्मिता नक्ष का धोखा बर्दास्त कर पाएगी ?


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