शमेथस चला जा रहा था और अब रात हो चली थी , काफी दूर से पैदल चलता - चलता फिर से उसी नदी के किनारे आकर घास पर शमेथस ने खुद को गिरा दिया था ।
आसमान उन दिनों इनता मैला कुचेला नहीं हुआ करता था , साफ आसमान और तारों भरी कड़कड़ाती ठंड से भरी रात " कोई बेवकूफ ही इस वक़्त इस ठंडी जमने को तैयार नदी के किनारे आकर लेटेगा ,चलो हमे क्या " एक couple जो कि पास से गुज़र रहा था ,उस लड़की ने शमेथस को वहां ज़मीन पर लेटे हुए देख कर कहा , जवाब मे लड़का चुप रहा और शमेथस को देखते हुए आगे बड़ रहा था और किसी सोच मे खोया हुआ था ।
तभी उसकी girlfriend जो साथ मे चल रही थी ,उसने उसके हाथ को झटकाया और कहा " अरे कहाँ खो गये चलो भी वरना वो क्लब मे जाना नही मिलेगा ,चलो भी "
"हा ...हाँ हाँ चलो dear " लड़के ने बेमन से कहा और फिर शमेथस से ध्यान हटा कर अपनी प्रेमिका के साथ वहां से चला गया ।
वही शमेथस ,जो ज़मीन की ठंडक मे भी गर्मी को महसूस कर रहा था , आसमान को देख कर फिर से एक सोच और अतीत की याद मे खो गया ,अपना हाथ आसमान की तरफ उठाये हुए बोला " तुम आज भी वहीं हो ,पर मै नहीं ,ना जाने अब ये राते और ये चमकता आसमान अब खूबसूरत क्यो नही लगता , काश के इंसान का लालच उसे ह्यवान ना बनाता ,तो ये राते मुझ जैसे ना जाने कितने लोगो को खूबसूरत और अच्छी लगती ....अपनों के साथ "
शमैथ्स ने ऐसा कहकर हाथ नीचे किया , आँखों से आंसू और चेहरे पर हंसी ,दर्द और अतीत की कड़वी यादो मे खोये शमैथ्स की हालत बखूबी बयान कर रही थी ।
शमैथ्स ने आंखे बंद कि और एक गहरी सांस इस तरह से ली जैसे खुद को कही जाने और उस समय का सामना करने के लिए तैयार कर रहा हो ।
" वादर ,वादर ,वादर ये लोग आपको ले जाने आये है क्या ?" बाहर से school bag पटकता हुआ एक छोटा लकड़ा भागता हुआ अंदर आया और अपने पिता से बोला ,पिता जो की लगभग रोने ही वाला था ,और सामान समेंट रहा था ,रोते हुए बोला " बेटा अपना ख्याल रखना "
वो बच्चा डर से काँप गया और अपने पिता को लिपटते हुए बोला " वादर आप कहाँ जा रहे हो , मै किसके साथ रहूंगा , आप नही जा सकते , मै उन सिपाहियो से बात करता हूँ "
ऐसा कहते हुए ,अपने पिता के मना करने पर भी बाहर भागता हुआ चला गया बाहर 10 से 12 फ़ौजी खड़े थे और उनके साथ , उस बच्चे के और भी कई पड़ोसी आदमी मुँह लटकाये खड़े थे ।
वो बच्चा समझ गया ,लेकिन फिर भी वो एक सिगरेट पी रहे फ़ौजी से बोला " आप मेरे पिता को नही ले जा सकते ,मै छोटा हूँ और मेरा कोई और नही है ,इस नियम के तहत आप मेरे एक करता धरता को नही ले जा सकते "
इस बात ने सब फौजियों का ध्यान उस कि ओर कर दिया , जैसे ही उस सिगरेट पी रहे फ़ौजी ने ये बात सुनी , वो पीछे मुड़ा और गुस्से से उस बच्चे को देखते हुए बोला " अभूत जुबां चलती है रे तेरी ,किसने बताया ये नियम तुझे "