"कितनी जल्दी वो समय चला गया , आखिर क्यों, क्यों " उस लड़के ने सिगार को एक तरफ बड़े ही गुस्से से फेंका और table पर रखे सब ग्लास नीचे गिरा दिये , तभी बाहर से एक 50 साल कि महिला दरवाज़े पर आकर खड़ी हुई और बोली " लगता है आज वाल भी किसी काम का नही निकला , और शुक्र है ,मैने कांच के ग्लास हटा दिये थे ,वरना उतना तो मेरा बजट नही होता, जितने के ग्लास तोड़ देते हो तुम "
"जिसका दिल ही टूट कर बिख चुका हो , उसके लिए कुछ भी सही नही होता , ज़ोरा " उस लड़के ने कहा , तभी वो औरत बोली " शमैथ्स ,तुम बहुत ही अजीब हो ,जंग से आये हो लेकिन एक भी किस्सा कभी तुम्हारे मुँह से नही सुना , ऐसा क्या हुआ है तुम्हारे साथ ,जो तुम इतनी नफ़रत से भर गये हो ।"
शमैथ्स ने बिना कुछ कहे सर पीछे की तरफ फेंका और ऑंखें बंद करके ,सोच मे डूब गया ।
कौन था शमैथ्स , क्यों इतनी नफ़रत पाले बैठा था वो , जानने के लिए बस अगले आने वाले चैप्टर्स का इंतज़ार करे ।