Baixar aplicativo
40% "Holoom Almahdi".. (Jinno Ka ek Shahzada) / Chapter 4: "Qaidkhane mai Ankh Khulna"

Capítulo 4: "Qaidkhane mai Ankh Khulna"

कमरे में गहरा अंधेरा था।अमल ने आंखें खोलते ही आंखों को तकरीबन फाड़ ही लिया था।मगर कुछ नजर नहीं आया।उसका ज़हन जैसे अब तक बेहोश था।वह खुद को खींच कर एक तरफ दीवार से लग कर बैठ गई थी।सिर पर कंधे ऐसे भारी हो रहे थे मानो किसी ने पहाड़ों का वज़न उसके ऊपर रखा हुआ हो।कुछ देर वह यूंही बैठी रही।फिर किसी के क़दमों की चाप दूर से आती हुई महसूस हुई!भारी भरकम क़दमों की!उसका सोया ज़हन ज़रा ज़रा करके जागने लगा! फिर जैसे अचानक भूचाल सा आया और उसकी अक़्ल के सारे परदे झिंझोड़ गया!वह हड़बड़ा कर उठ बैठी और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी!क़दमों की चाप उसकी कोठरी के बाहर ही थी!एक झटके में रुक गई!"यह कौन चिल्ला रहा है?"कोई बहुत तैश में पूछ रहा था!आवाज़ इतनी गरजदार कि अमल का हलक़ सुख गया!उसे नहीं पता था को वह कहाँ थी लेकिन कुछ तो था जो अलग था!उसके कमरे में कौन लोग आये थे?फ़रिश्ते?जिन्न?उसे लगा ज़हन फट जायेगा!"निकालो मुझे यहाँ से?"वह सर हाथो में थाम कर चिल्ला उठी थी!"उस दरवाज़े को खोलो"बाहर मौजूद किसी ने हुक्म जारी किया था!"वज़ीर मोहतरम!शहज़ादा मोहतरम ने किसी के कहने पर भी यह कमरे ना खोलने का हुक्म दिया हुआ है"बाहर खड़े पहरेदार ने सर झुका कर कहा!"मुआमला क्या है?मुझे तो यह चीख़ किसी इंसान लड़की की लग रही है?"उन्होंने हैरानी के साथ कहा!"जी मैं इंसान हूँ..मुझे कुछ उठा कर ले आये हैं"अमल ने मौके का फायदा उठाते हुए जल्दी से कहा!वज़ीर असग़र हसन ने एक तेज़ नज़र बंद कोठरी पर डाली फिर उसी नज़र से पहरेदार को देखा!"बादशाह सलामत से बात करनी पड़ेगी"उनका अंदाज़ तंग आ जाने वाला था!"शाम को बादशाह सलामत के सामने इस लड़की की हाज़िरी है!"पहरेदार ने जैसे बताया!"अब यह किसने तय किया?"उन्होंने फिर तेज़ आवाज़ में पूछा!"शहज़ादा होलूम ने" पहरेदार ने कहा तो वह पैर पटखने वाले अंदाज़ में वहां से चले गए!अमल ने गौर करके उनके जाते क़दमों की आहटें सुनी!यह भी उसके लिये कुछ नहीं कर पाए!वह थक कर वहीँ बैठ गई!"कम से कम एक बल्ब का तो इंतिज़ाम होता"उसने अँधेरे से घबराते हुए कहा!कुछ देर बाद रौशनी की एक लकीर सी कोठरी में खिंचती चली गई थी!शायद सूरज निकल आया था! देखते देखते कोठरी उजाले में नहाने लगी थी!उसने सर उठा कर आस पास का जायज़ा लिया!यह एक बड़ा सा कमरा नुमा क़ैदख़ाना था!जिसमे उसके इलावा कोई और नहीं था लेकिन जैसे और 100 लोग वहां समां सकते थे!उसकी छत अनक़रीब पेंतालिस फिट ऊँची रही होगी शायद!या उससे भी ज़्यादा!वह तो 10 सीढ़ियां चढ़कर भी उसे न छू पाए!अल्लाह जाने कहाँ आ गई थी?

वह इसी उधेड़ बुन में थी जब दरवाज़ा खुला और एक बेहद लम्बा ऊँचा शख़्स अंदर आया!उसके हाथ में थाली थी!थाली क्या थी एक पूरा थाल था!उसने उसे अमल के सामने रख दी!"खाना खा लो"उसकी आवाज़ और सूरत ने ही उसका पेट भर दिया था और हलक़ सूखा दिया था!लगता था वह किसी पिछले ज़माने में पहुंच गई थी!नाजाने खाने की क्या क्या बेहूदा आइटम्स होंगी!वह शख़्स वहां से रवाना हुआ तो उसने मितली के साथ सोचा!खाने का नाम आने पर उसे अहसास हुआ कि वह तो जाने कबसे भूखी है?मगर यहाँ वह क्या खायेगी?अगर उसके आगे किसी इंसान की खोपड़ी ही पका कर रख दी हो?उसने झुरझुरी सी ली और थाल पर रखा बेहद उम्दा ट्रे पॉश एक चुटकी से पकड़ कर बहुत हल्का सा उठाया और उसके अंदर यूँ झाका ऐसे कोई उसे थाल से झांकते देख ना ले!


Load failed, please RETRY

Status de energia semanal

Rank -- Ranking de Poder
Stone -- Pedra de Poder

Capítulos de desbloqueio em lote

Índice

Opções de exibição

Fundo

Fonte

Tamanho

Comentários do capítulo

Escreva uma avaliação Status de leitura: C4
Falha ao postar. Tente novamente
  • Qualidade de Escrita
  • Estabilidade das atualizações
  • Desenvolvimento de Histórias
  • Design de Personagens
  • Antecedentes do mundo

O escore total 0.0

Resenha postada com sucesso! Leia mais resenhas
Vote com Power Stone
Rank NO.-- Ranking de Potência
Stone -- Pedra de Poder
Denunciar conteúdo impróprio
Dica de erro

Denunciar abuso

Comentários do parágrafo

Login