Bewafai Story
मेरा नाम अनु है और ये बात है 4 साल पहले की, मेरी नयी-नयी शादी हुई थी. वैसे तो मेरी arranged marriage थी लेकिन शादी से पहले मेरा एक बॉयफ्रेंड भी था जिसे मैं बहुत प्यार करती थी, उसका नाम अर्जुन था. शादी के बाद अभी एक महीना ही हुआ था कि मेरे पुराने बॉयफ्रेंड को मेरे ही ऑफिस में नौकरी मिल गयी. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ा क्यूंकि मेरी शादी हो चुकी थी लेकिन फिर भी पता नहीं मुझे क्या सूझा कि मैंने अर्जुन से बात करनी शुरू कर दी, आखिर हम एक ही ऑफिस में तो थे.
एक दिन मैं ऑफिस के वाशरूम से निकल रही थी कि सामने अर्जुन खड़ा था, वो मेरे करीब आया, आँखों में आँखे डाले मुझे घूर रहा था, वो मेरे और करीब आया और हमने एक दुसरे को Kiss की. उस वक़्त पता नहीं मुझे क्या हो गया था, मैं शायद भूल गयी थी कि मैं शादीशुदा हूँ. कुछ देर इंटिमेट होने के बाद मुझे थोड़ा होश आया और मैंने अर्जुन को एकदम से अपने से दूर धक्का दिया और जा कर अपना काम करने लगी.अर्जुन ने मुझे बहुत समझाया लेकिन मुझे पता था कि शादी के बाद ये गलत है. मुझे इस बात का इतना अफ़सोस हुआ कि मैंने नौकरी छोड़ दी और फिर कभी ऑफिस नहीं गयी.
मुझे ये बात अंदर ही अंदर खाये जा रही थी कि मैंने अपने पति जिसका नाम रोहित है उसके साथ धोखा किया. मैंने शादी के बाद एक दुसरे मर्द के साथ सम्बन्ध बनाये और यही बात मुझे दिन रात परेशान कर रही थी. यूँही 2 महीने बीत गए, मुझे ऑफिस छोड़े अब 2 महीने होने को आये थे और मैंने सोचा क्यों ना मैंने अपने पति (रोहित) को सब सच सच बता दू.मैंने ठीक समय देख कर रोहित को सब बता दिया. उस दिन रोहित शाम को ऑफिस से घर आये थे, मैं डरी हुई थी लेकिन फिर भी हिम्मत करके उसे कहा "रोहित मुझे माफ़ कर दो"रोहित: अनु… किस बात की माफ़ी?
वो, मैंने शादी के बाद भी एक लड़के के करीब आ गयी थी लेकिन वो सब एक गलती थी और मैं तुमसे माफ़ी मांगती हूँ. मैं तुम्हे यकीन दिलाती हूँ कि कभी फिर ऐसा नहीं होगा.
रोहित: तुमने मेरे साथ धोखा किया है अनु, मैं घर छोड़ कर जा रहा हूँ।
"नहीं रोहित, प्लीज ऐसा मत करो, वो सिर्फ एक गलती थी, मैंने कभी ऐसा नहीं करुँगी. मुझे बताओ कि मैं ऐसा क्या करू कि तुम्हे मना सकू?" मैंने कहा
रोहित: तुम्हे मेरी माफ़ी कमानी पड़ेगी अनु और ये तो वक़्त बताएगा कि मैं तुम्हे माफ़ कर पाऊंगा या नहीं.
उस दिन के बाद रोहित का व्यवहार मेरे लिए बदल गया, वो प्यार वो मेरी चिंता करना सब ख़त्म.रोहित ने मुझे मेरे दोस्तों से मिलने तक के लिए मना कर दिया. वो मुझे हर बात पर टोकने लगा कि ये करो, ये ना करो और मैं भी रोहित की माफ़ी पाने के लिए, उसे खुश करने के लिए ये सब सेहती रही.
मैं रोहित के लिए हर रोज़ उसके पसंद का खाना बनाती थी ताकि वो एक बार मेरी तरफ मुस्कुरा कर देख ले. हर वक़्त उससे मुस्कुरा कर बात करने की कोशिश करती थी ताकि उसका मूड ख़राब ना हो लेकिन मेरी सभी कशिशे व्यर्थ जा रही थी.
इसी तरह 2 साल बीत गए और रोहित के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया.
एक दिन मुझे तेज़ बुखार हो गया, मैं बिस्तर पर पड़ी थी और मैंने रोहित को फोन किया और उसे कुछ दवाईयां लाने को कहा.रोहित: (गुस्से में) तुम्हे पता नहीं कि मैं ऑफिस में हूँ, दवाईयों की इतनी ज़रूरत है तो खुद बाजार जा कर ले आओ.
उस दिन मुझे एहसास हुआ कि माफ़ी तो दूर की बात है रोहित के दिल में मेरे लिए थोड़ी सी भी दया नहीं है. मैं उदास टूटे हुए दिल से अपनी ज़िन्दगी के बारे में सोचने लगी.
फिर कुछ दिनों बाद मैंने सोचा कि मैं सब कुछ भुला दूँगी और एक दिन मैं बड़े अच्छे मूड में बाज़ार घूमने के लिए गयी. बाजार के एक रेस्टोरेंट में मैंने देखा कि मेरे पति एक औरत के साथ बांहो में बाहें डाल बैठे है. मेरा दिल एक बार फिर टूट गया, जिस आदमी के लिए मैंने इतने साल अफ़सोस किया वो तो किसी और के साथ रंग रलियां मना रहा था.मैंने घर आकर रोहित का लैपटॉप देखा तो हैरान रह गयी. रोहित कई लड़कियों के साथ रिलेशन में था और यही नहीं वो मुझे शादी से पहले से ही धोखा दे रहा था. उस दिन मैंने सोचा कि अफ़सोस और प्रायश्चित करने की ज़िद ने मुझे अँधा कर दिया थामैंने इतने साल उस व्यक्ति पर गंवाएं जो मुझे प्यार ही नहीं करता. मैं तो उसके लिए सिर्फ घर का काम करने वाली एक बाई की तरह ही थी. उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मुझे सिर्फ अपने दिल की आवाज़ सुननी चाहिए थी.
मैंने अपनी ज़िन्दगी के इतने साल रोहित के साथ बर्बाद कर दिए. उस दिन के बाद मैंने कभी रोहित के बारे में नहीं सोचा. अब मैं अपनी ज़िन्दगी में खुश हूँ और इससे ज़्यादा मैं कुछ नहीं चाहती