रात होने से पहले निंग क्षी लू रेसिडेंसी में लौट आयी थी|
बगीचे में बूढ़ा बटलर पौधो को पानी दे रहा था| उसे देखते ही निंग क्षी ने उसका अभिवादन किया और कहा, "दादाजी लिटिल ट्रेजर कहा हैं?"
बूढ़ा बटलर ने काले रंग का सूट और लाल रंग की टाई लगा रखी थी| उसने निंग क्षी से कहा, "क्षी दीदी आप आ गयी? लिटिल ट्रेजर उधर बगीचे में चित्रकारी कर रहा हैं|"
"चित्रकारी कर रहा हैं? ओह, तो फिर उसे बीच में जा कर परेशान करना ठीक नहीं होगा| मिस्टर लू कहा हैं?" निंग क्षी ने पूछा|
"बड़े साहब ऊपर अपने कमरे में हैं|"
"अच्छा बताने के लिए शुक्रिया|" कहकर निंग क्षी लू के कमरे की तरफ बढ़ गई|
बूढ़ा बुटलर निंग क्षी को इतना उत्साहित देख कर हैरान था| इतने दिनों में वह निंग क्षी को जानने समझने लगा था| वह चाहे कितना भी शक कर ले निंग क्षी पर, उसे इस लड़की को देख कर अच्छा लगता था|
अच्छे स्वभाव और तहज़ीब वाली खूबसूरत लड़की हर किसी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित ही करती हैं| ऊपर से निंग क्षी ने कभी भी लू टिंग पर डोरे डालने की कोशिश नहीं की थी| जो कुछ भी वह करती थी सोच समझ कर करती थी| उसे अपनी खुद की छवि की भी कोई चिंता नहीं रहती थी|
यदि किसी औरत के मन में किसी आदमी के लिए कुछ हैं तो वह ज्यादा दिनों तक नहीं छुप सकता, कभी न कभी दिख ही जाता है| यही बात आदमियों पर भी लागू होती हैं|
इस बारे में दूसरे लोग इतना नहीं बता सकते जितना वह जानता था, क्योंकि उसने शुरू से सब कुछ देखा था| इस लड़की के मन में लू के लिए कुछ नहीं था पर लू टिंग के मन में इस लड़की के लिए बहुत कुछ था| लू टिंग ने निंग क्षी के लिए कमरा खुद सजाया था, चादर उठाने से लेकर, उसके कपड़े और गहने अलमारी में रखने तक सब कुछ| पहले ही दिन लू टिंग ने खानसामे को निंग क्षी की पसंद-नापसंद से अवगत करा दिया था, जिस दिन निंग क्षी देर रात से आने वाली होती तो उस रात उसके लिए खाना बचाकर रखना, ऐसी ही कई अनगिनत बातें थीं|
माना की शायद यह सब कुछ इसलिए क्योंकि निंग क्षी ने लिटिल की जान बचाई थी पर लू टिंग का व्यवहार निंग क्षी के प्रति कुछ ज्यादा ही नर्म था|
इस खूबसूरत लड़की का चरित्र दाग रहित था, अच्छा ही होगा यदि लू टिंग और निंग क्षी एक हो जाए तो। जब से निंग क्षी घर में आई हैं, लू टिंग काफी बदल गया था, तो वही लिटिल ट्रेजर भी| बटलर ने दोनों लड़कों को छोटे से बड़ा होते देखा था, इसलिए वह दोनों के जीवन में आए इस बदलाव के लिए खुश था|
अब उसे चिंता इस बात की हो रही थी की निंग क्षी के मन में लू टिंग के लिए कोई भाव नहीं थे|
निंग क्षी अपनी ख़रीददारी लू टिंग को दिखाने के लिए बेताब थी, उससे रहा नहीं जा रहा था, तो ऊपर पहूँचते ही वह सीधे लू टिंग के रूम में घुस गयी|
"लू॰॰"
लू टिंग अभी अभी नहाकर बाहर निकाला था, उसके बालों से पानी उसके बदन पर टपक रहा था| उसने कमर के नीचे एक सफ़ेद टॉवल बांध रखा था| पानी की बूँदें उसकी सुडौल मांसपेशियों से होती हुई उसकी वी लाइन पर गिर रही थी|
यह एक ऐसा दृश्य था जिसे देख कर कोई आंखे बंद नहीं कर सकता था, बल्कि आंखे और ज्यादा खोल कर यह दृश्य देखना चाहेगा|
उसे सेक्स की इच्छा नहीं थी पर वह लू टिंग की सुंदरता को नकार भी नहीं सकती थी|
पाँच साल पहले हुए धोखे का असर इतना ज्यादा था कि उसे पता ही नही चला कि कब वह इतनी बदल गयी| पाँच साल पहले वह किसी आदमी को हाफ पेंट में भी देखती थी तो वह शर्म के मारे लाल हो जाती थी| सु यान के अलावा वह किसी भी अंजान पुरुष से बात नहीं करती थी,चाहे कोई कितना भी सुंदर क्यों नहीं देखता हो|
निंग क्षी इस दृश्य में खो सी गयी थी| कुछ सेकंड में वह संभली और तुरंत इधर-उधर देखने लगी फिर उसने आँखो पर हाथ रख लिया| कपड़ों की थैलिया अभी भी उसके हाथ में थी, "माफ़ करना मैं दरवाज़ा खटखटाना भूल गयी|"
लू टिंग हँसने लगा, " मेरी ही गलती थी मैं दरवाज़ा लगाना भूल गया था|"
असलियत में लू टिंग दरवाज़ा लगाना नहीं भूला था| जब से निंग क्षी घर में आयी थी उसने जान बूझकर दरवाज़ा नहीं लगाया था|
"कुछ चाहिए था क्या? एक मिनट रुको, मैं कपड़े पहन लूँ|" लू ने कहा|
निंग क्षी लगातार बस लू टिंग को देखे जा रही थी| लू टिंग की खूबसूरती निंग क्षी को अंदर तक जला रही थी| अगर कुछ समय तक निंग क्षी लू टिंग को ऐसे ही देखती रहती तो शायद अपने पर काबू नहीं रख पाती,पर उसने खुद को संभाल लिया था|
लू टिंग ने कपड़ों के लिए जैसे ही अपनी अलमारी खोली, पीछे से निंग क्षी चिल्लाई, "अरे कपड़े मत पहनो|"